हरियाणा के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राजेश नागर ने शनिवार को पलवल में राशन डिपो पर रेड की। कुशक गांव में मंत्री ने मौके पर अनाज की बोरियों की जांच की। मंत्री को डिपो पर कई प्रकार की अनियमितताएं देखने को मिली। बोरियों में अनाज के साथ रेत मिला हुआ मिला। मंत्री ने इसके लिए जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए। साथ ही फूड सप्लाई विभाग के इंस्पेक्टर को शोकॉज नोटिस जारी होगा। डिपो कैंसिल होने के बाद भी स्टॉक मिला मंत्री राजेश नागर ने बताया कि व्यक्ति का डिपो पहले ही कैंसिल हो चुका था। उस पर पहले ही मुकदमा चल रहा है, लेकिन उसके बावजूद भी उसके पास अनाज का स्टॉक मिला है। दूसरे डिपो धारक के पास मौजूद अनाज की बोरियों में रेत मिला हुआ पाया गया है। इसको लेकर उन्होंने विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। कहा- दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा मंत्री ने कहा कि जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी को बख्शा नहीं जाएगा। सरकार गरीबों की भलाई के लिए काम कर रही है। अगर ऐसे में कोई गरीबों के हक पर डाका डालेगा तो उसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने आदेश दिए कि फूड सप्लाई विभाग के संबंधित अधिकारी को भी नोटिस जारी करके जवाब मांगा जाए। ********************* मंत्री से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… अनिल विज ने बिल्डिंग इंस्पेक्टर, सुपरवाइजर और ड्राइवर सस्पेंड किया हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज ने 29 नवंबर को को सिरसा में बिल्डिंग इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया। इसके बाद वह कैथल बस स्टैंड पर पहुंचे। यहां शौचालयों में गंदगी मिलने पर स्टेशन सुपरवाइजर और सवारियों से बस को धक्का लगवाने पर ड्राइवर को सस्पेंड कर दिया पढ़ें पूरी खबर हरियाणा के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राजेश नागर ने शनिवार को पलवल में राशन डिपो पर रेड की। कुशक गांव में मंत्री ने मौके पर अनाज की बोरियों की जांच की। मंत्री को डिपो पर कई प्रकार की अनियमितताएं देखने को मिली। बोरियों में अनाज के साथ रेत मिला हुआ मिला। मंत्री ने इसके लिए जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए। साथ ही फूड सप्लाई विभाग के इंस्पेक्टर को शोकॉज नोटिस जारी होगा। डिपो कैंसिल होने के बाद भी स्टॉक मिला मंत्री राजेश नागर ने बताया कि व्यक्ति का डिपो पहले ही कैंसिल हो चुका था। उस पर पहले ही मुकदमा चल रहा है, लेकिन उसके बावजूद भी उसके पास अनाज का स्टॉक मिला है। दूसरे डिपो धारक के पास मौजूद अनाज की बोरियों में रेत मिला हुआ पाया गया है। इसको लेकर उन्होंने विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। कहा- दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा मंत्री ने कहा कि जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी को बख्शा नहीं जाएगा। सरकार गरीबों की भलाई के लिए काम कर रही है। अगर ऐसे में कोई गरीबों के हक पर डाका डालेगा तो उसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने आदेश दिए कि फूड सप्लाई विभाग के संबंधित अधिकारी को भी नोटिस जारी करके जवाब मांगा जाए। ********************* मंत्री से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… अनिल विज ने बिल्डिंग इंस्पेक्टर, सुपरवाइजर और ड्राइवर सस्पेंड किया हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज ने 29 नवंबर को को सिरसा में बिल्डिंग इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया। इसके बाद वह कैथल बस स्टैंड पर पहुंचे। यहां शौचालयों में गंदगी मिलने पर स्टेशन सुपरवाइजर और सवारियों से बस को धक्का लगवाने पर ड्राइवर को सस्पेंड कर दिया पढ़ें पूरी खबर हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा CM सैनी का सम्मान करने पहुंचा घोटाला आरोपी:विजिलेंस टीम 6 महीने से ढूंढ रही; खुद को खट्टर का करीबी बताता है
हरियाणा CM सैनी का सम्मान करने पहुंचा घोटाला आरोपी:विजिलेंस टीम 6 महीने से ढूंढ रही; खुद को खट्टर का करीबी बताता है हरियाणा में विजिलेंस का एक बड़ा फेलियर सामने आया है। टीम जिला परिषद में हुए 7 करोड़ रुपए के सफाई घोटाले के जिस आरोपी को 6 महीना से ढूंढने में लगी है, वह आरोपी आज बुधवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री आवास पर आशीर्वाद समारोह में शामिल हुआ। आरोपी न सिर्फ समारोह में शामिल हुआ, बल्कि प्रोग्राम में भरे मंच पर साधु-संतों के साथ मुख्यमंत्री नायब सैनी को सम्मानित भी किया। सफाई घोटाले में कैथल के भाजपा नेता प्रवीण सरदाना का नाम विजिलेंस की FIR में 8वें नंबर पर दर्ज है। उसके अनुसार प्रवीण भारत प्रोजेक्ट का प्रोपराइटर है। वह खुद को पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर के करीबियों में बताता है। उसके सोशल मीडिया पर पूर्व CM और भाजपा के कई बड़े नेताओं के साथ फोटो हैं। घोटाले में सबसे ज्यादा बिल इसी फर्म के
गौर करने वाली बात यह है कि घोटाले की राशि में सबसे ज्यादा बिल भी इसी फर्म के नाम के हैं। विजिलेंस टीम ने आरोपी प्रवीण सरदाना को पकड़ने के लिए कई बार उसके घर रेड की, लेकिन वह आज तक हत्थे नहीं चढ़ा। हालांकि, विजिलेंस द्वारा फरार चल रहे आरोपियों को भगोड़ा घोषित करने की कार्रवाई चल रही है। कुल 14 आरोपियों के खिलाफ केस
जांच कर रही एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने घोटाले में कुल 14 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इनमें से अब तक 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। इस FIR में शहर के भाजपा नेता प्रवीण सरदाना का नाम भी शामिल है, जो मामला दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी के डर से लगातार भूमिगत चल रहा है। भाजपा प्रदेश स्तरीय कार्यक्रमों में ले रहा भाग
हालांकि, कैथल निवासी आरोपी प्रवीण सरदाना सरेआम भाजपा के प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम में भाग ले रहा है। विजिलेंस टीम आरोपियों की धर-पकड़ के लिए दावे कर रही है, लेकिन काफी समय बीत जाने पर भी टीम मुख्य आरोपियों तक नहीं पहुंची। राजनीतिक दबाव में काम कर रही विजिलेंस
लोगों का कहना है कि विजिलेंस अब राजनीतिक दबाव में काम कर रही है। इसलिए, जानबूझकर घोटाले बाजों को गिरफ्तार नहीं कर रही। दावा किया जा रहा है कि घोटाले के आरोपियों ने राजनीतिक अप्रोच लगवाकर पूरे मामले को अब ठंडे बस्ते में डलवा दिया है। कोरोना काल में हुआ था सफाई घोटाला
कैथल जिला परिषद में कोरोना काल के दौरान करोड़ों रुपए का सफाई घोटाला सामने आया था, जिसमें 10 फर्मों के ठेकेदारों ने अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर ग्रामीण क्षेत्र में बिना विकास कार्य किए सरकारी राशि का गबन कर लिया था। यह राशि सीधे अधिकारियों व ठेकेदारों के बैंक खातों में डाली गई थी। 3 साल जांच के बाद मई 2024 में कुल 14 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। अधिकारियों समेत 4 ठेकेदार जेल में
घोटाले में अधिकारियों से लेकर ठेकेदारों के नाम शामिल हैं। विजिलेंस इनमें से अभी तक 7 आरोपियों को ही गिरफ्तार कर पाई है। घोटाले में संलिप्त SDO, JE और अकाउंटेंट सहित 4 ठेकेदार जेल में बंद हैं। टीम को भेजा चंडीगढ़
जब मामले की जांच कर रहे कैथल एंटी करप्शन ब्यूरो के इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह से इस बार में बात की गई, तो उन्होंने बताया कि वह अपनी एक टीम को चंडीगढ़ भेज रहे हैं। जल्द आरोपी को काबू कर लिया जाएगा।
हरियाणा में अफसरों की भर्ती में बनेगी वेटिंग लिस्ट:ग्रुप B की भर्ती में पड़ेगा असर; पहले ग्रुप C-D में ही बनती थी वेटिंग लिस्ट
हरियाणा में अफसरों की भर्ती में बनेगी वेटिंग लिस्ट:ग्रुप B की भर्ती में पड़ेगा असर; पहले ग्रुप C-D में ही बनती थी वेटिंग लिस्ट हरियाणा सरकार ने अफसरों की भर्ती से संबंधित एक बड़ा फैसला किया है। हालांकि यह फैसला लगभग 2 महीने पहले कर लिया गया था। दो महीने पहले हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) को इसकी पालना करने के लिए भेज दिया था। मगर इस फैसले का असर अब आने वाली भर्तियों में दिखाई देगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सरकार ने ग्रुप बी अफसरों की सीधी भर्ती में वेटिंग लिस्ट तैयार करने के लिए कहा है। हालांकि आयोग ने 2021 में वेटिंग लिस्ट तैयार करने का आग्रह पत्र हरियाणा सरकार को भेजा था, मगर तब सरकार HPSC के इस आग्रह को ठुकरा दिया था। 3 साल पुराने फैसले को सैनी ने दी मंजूरी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सरकार ने 3 साल पुराने फैसले पर पुनर्विचार किया और जून 2024 में फैसला किया कि ग्रुप बी पदों के लिए भी HPSC वेटिंग लिस्ट तैयार करेगा। वैसे तो हरियाणा सरकार में HPSC को यह सूचना गत जून में भेज दी थी और यह भी बता दिया था कि 2019 के निर्देशानुसार वेटिंग लिस्ट तैयार होगी। मगर सरकार स्पष्टता के साथ दोबारा ये निर्देश जारी करेगी। अभी इसका मसौदा तैयार हो रहा है। ग्रुप A की नौकरी में लागू नहीं होगा फैसला मुख्य सचिव कार्यालय ने HPSC सचिव को 7 जून को भेजे पत्र में लिखा है, ‘सरकार ने पुनर्विचार कर फैसला किया है कि ग्रुप बी पदों के लिए भी वेटिंग लिस्ट तैयार की जाए। जैसे 25 जून 2019 के निर्देशों में लिखा हुआ है। यह भी स्पष्ट किया जाता है कि ग्रुप ए पदों के लिए कोई भी वेटिंग लिस्ट तैयार नहीं की जाएगी, चाहे चयन एक ही परीक्षा से हो या न हो। यह निर्णय तुरंत लागू होगा।’ अब ग्रुप बी, सी और डी पदों की सीधी भर्ती में वेटिंग लिस्ट तैयार होगी। पहले ग्रुप सी और डी पदों की भर्ती में वेटिंग लिस्ट तैयार होती थी। HPSC ने सरकार से ये की थी रिक्वेस्ट हरियाणा लोक सेवा आयोग ने 2021 में प्रदेश सरकार को आग्रह पत्र भेजा था। इसमें लिखा था, ‘मुख्य सचिव के 28 अगस्त 1993 और 27 फरवरी1998 निर्देशानुसार, एचपीएससी द्वारा 25 रिक्तियों की संख्या के 25% के बराबर 25 से 50 तक की रिक्तियों के लिए 15 और 50 से अधिक की रिक्तियों के लिए 10 के बराबर, न्यूनतम दो अभ्यर्थियों की प्रतीक्षा सूची तैयार की जानी है। मूल सूची 6 माह तक वैध रहेगी, इस दौरान विभाग रिक्तियों को भरने की प्रक्रिया पूरी करेगा। इसके बाद मूल सूची वैध नहीं रहेगी। 6 महीने रहेगी मूल सूची की वैधता मूल सूची को वैधता समाप्त होने के बाद प्रतीक्षा सूची 6 माह तक वैध रहेगी प्रतीक्षा सूची तभी संचालित की जाएगी, जब मूल सूची में अनुशासित अभ्यार्थी कार्यभार ग्रहण नहीं करता है या अन्य कारणों से पद रिक्त रह जाता है। ये निर्देश उन मामलों में लागू नहीं होंगे। जहां विभिन्न सेवाओं के लिए एक सामान्य परीक्षा के आधार पर भर्ती की जाती है। ऐसे मामलों में कोई प्रतीक्षा सूची तैयार नहीं की जाएगी। ये निर्देश उन मामलों में भी लागू नहीं होंगे जहां नियमों में कोई विशिष्ट प्रावधान है।
पानीपत शराब फैक्ट्री पर 60 लाख का जुर्माना:ड्रेन में अवैध रूप से कचरा डाल प्रदूषित किया, किसानों के खेत भी प्रभावित हुए
पानीपत शराब फैक्ट्री पर 60 लाख का जुर्माना:ड्रेन में अवैध रूप से कचरा डाल प्रदूषित किया, किसानों के खेत भी प्रभावित हुए हरियाणा के पानीपत जिले के समालखा कस्बे के चुलकाना गांव में स्थित एक शराब फैक्ट्री के खिलाफ राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में कार्रवाई की है। फैक्ट्री के बगल में नाले में अनुपचारित अपशिष्ट डालकर प्रदूषण फैलाने और किसानों के खेतों को नुकसान पहुंचाने के आरोप में फैक्ट्री पर कुल 60 लाख रुपये का पर्यावरण मुआवजा लगाया गया है। यूनिट ने 6 अगस्त को हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) को अंतरिम पर्यावरण मुआवजे के तौर पर 27 लाख रुपये पहले ही जमा करा दिए थे। एनजीटी ने एचएसपीसीबी को शराब फैक्ट्री पर 33.6 लाख रुपये का अतिरिक्त पर्यावरण मुआवजा लगाने और उससे इसकी वसूली करने का निर्देश दिया है। साथ ही 27 लाख रुपये में से 5 लाख रुपये चुलकाना गांव के किसान शिकायतकर्ता को देने का भी निर्देश दिया है। पर्यावरण अदालत ने एचएसपीसीबी को क्षेत्र में पर्यावरण की सुरक्षा और सुधार के लिए 22 लाख रुपये की कार्ययोजना तैयार कर उसे लागू करने का निर्देश दिया है। किसान ने की थी शिकायत चुलकाना गांव के किसान रमेश कुमार ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में शिकायत दर्ज कराई थी कि अनुपचारित अपशिष्ट के कारण पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। रमेश ने हरियाणा ऑर्गेनिक्स लिमिटेड, समालखा में शराब बनाने वाली इकाई द्वारा उत्सर्जित अपशिष्ट, रसायन और गैसों के बारे में एचएसपीसीबी और एनजीटी से शिकायत की थी, जिससे उनकी फसलें नष्ट हो रही हैं और उन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। शिकायत के बाद एनजीटी ने फरवरी में एक संयुक्त समिति गठित की थी। इसे इकाई की तथ्यात्मक ग्राउंड रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ पर्यावरण अभियंता, पानीपत एसडीएम और एचएसपीसीबी क्षेत्रीय अधिकारी की संयुक्त समिति ने 14 मार्च को इकाई का निरीक्षण किया और 28 मई को एनजीटी को अपनी रिपोर्ट सौंपी। संयुक्त टीम की जांच में पाई खामियां एनजीटी ने शराब निर्माण इकाई से एकत्र नमूनों की रिपोर्ट के आधार पर दिए गए सुझावों का अनुपालन करने का निर्देश दिया। संयुक्त टीम ने जैविक ऑक्सीजन मांग (बीओडी), रासायनिक ऑक्सीजन मांग (सीओडी) और कुल घुलित ठोस (टीडीएस) को अनुमेय सीमाओं से अधिक पाया। इसके अलावा, आईआईटी, दिल्ली की एक टीम ने भी इकाई का दौरा किया और तीसरे पक्ष के रूप में 4 जुलाई को निरीक्षण किया। बाद में, इकाई द्वारा सुझावों के अनुपालन को सत्यापित करने के लिए अगस्त के अंत में एचएसपीसीबी द्वारा इकाई का निरीक्षण किया गया।