कश्मीर से कन्या कुमारी तक कई प्रदेशों में ताऊ बलजीत की देशी घी की जलेबी मशहूर हो चुकी है। इस जलेबी का बेलगांव, कर्नाटक, पांडुचेरी, हैदराबाद, गोवा, शिमला, देहरादून, मेरठ, पंतनगर, लुधियाना सहित अन्य प्रदेशों के लोग बेसब्री के साथ इंतजार करते हैं। खास बात यह है कि ताऊ बलजीत हरियाणा, पंजाब और कर्नाटक के पर्यटकों के लिए प्रति किलो दाम में छूट भी देते है। हरियाणा के कुरुक्षेत्र में आयोजित अतंराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2024 में पर्यटकों के स्वाद को पूरा करने के लिए ताऊ बलजीत ने अपने स्टॉल लगाए हैं। गांव गोसाना से ताऊ बलजीत की देशी घी वाली जलेबी महोत्सव में अपनेपन की मिठास को घोलने का काम कर रही है। इस महोत्सव में आने वाले पर्यटक अपने-अपने आप ही ताऊ बलजीत के जलेबी के स्टॉल की तरफ खींचे चले आते है। देशी घी में तैयार की जाने वाली इस जलेबी की खुशबू से बच्चे, युवा और बुजुर्ग भी अपने आपको जलेबी को खाने से रोक नहीं पाते है। खास बात यह है कि पर्यटकों की मांग को पूरा करने के लिए ताऊ बलजीत ने ब्रह्मसरोवर के दोनों तरफ स्टॉल को स्थापित किया है। एक किलो जलेबी के रेट 400 रुपए सोनीपत के गांव गोसाना निवासी ताऊ बलजीत ने बातचीत करते हुए बताया कि पिछले 11 सालों से कुरुक्षेत्र में आयोजित गीता महोत्सव में पर्यटकों के स्वाद को बढ़ाने के लिए गोहाना की प्रसिद्ध जलेबियों को लेकर आ रहे हैं। इस बार वे अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव में स्टॉलों पर शहर वासियों के लिए देशी घी वाली जलेबियां लेकर आएं है। इस वर्ष एक किलो जलेबी का दाम लगभग 400 रुपए रखा गया है। एक जलेबी का वजन 250 ग्राम हैं। शुद्धता और स्वच्छता के साथ देशी घी से जलेबी बनाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें व उनके परिजन विजय कुमार और सुनील कुमार को महोत्सव का तो बेसब्री से इंतजार रहता है। इसलिए वे महोत्सव में पर्यटकों के लिए देशी घी से बनी जलेबियां लेकर आएं है। यहां आकर उन्हें सकून मिलता है और पर्यटकों को स्वादिष्ठ जलेबी खिलाकर मन को भी संतुष्टि मिलती हैं। इसलिए पर्यटकों के स्वाद का विशेष ध्यान रखा जाता है। चार दशकों से बना रहे जलेबी उन्होंने कहा कि देशी घी की जलेबी का अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव में पर्यटक और शहरवासी बेसब्री से उनका इंतजार करते हैं। वे करीब 4 दशकों से जलेबी बनाने का काम कर रहे हैं। इन सालों में उनकी जलेबी के चाहने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। महोत्सव में आने वाले विदेशी पर्यटक भी उनकी जलेबी के कद्रदान है और बड़े चाव के साथ जलेबी के स्वाद को चखने के लिए उनके स्टॉलों पर पहुंचते है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन और केडीबी द्वारा उन्हें हर बार पूरा सहयोग मिलता है। प्रशासन द्वारा महोत्सव के दौरान सुरक्षा के साथ-साथ अन्य सभी पुख्ता प्रबंध किए गए है। कश्मीर से कन्या कुमारी तक कई प्रदेशों में ताऊ बलजीत की देशी घी की जलेबी मशहूर हो चुकी है। इस जलेबी का बेलगांव, कर्नाटक, पांडुचेरी, हैदराबाद, गोवा, शिमला, देहरादून, मेरठ, पंतनगर, लुधियाना सहित अन्य प्रदेशों के लोग बेसब्री के साथ इंतजार करते हैं। खास बात यह है कि ताऊ बलजीत हरियाणा, पंजाब और कर्नाटक के पर्यटकों के लिए प्रति किलो दाम में छूट भी देते है। हरियाणा के कुरुक्षेत्र में आयोजित अतंराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2024 में पर्यटकों के स्वाद को पूरा करने के लिए ताऊ बलजीत ने अपने स्टॉल लगाए हैं। गांव गोसाना से ताऊ बलजीत की देशी घी वाली जलेबी महोत्सव में अपनेपन की मिठास को घोलने का काम कर रही है। इस महोत्सव में आने वाले पर्यटक अपने-अपने आप ही ताऊ बलजीत के जलेबी के स्टॉल की तरफ खींचे चले आते है। देशी घी में तैयार की जाने वाली इस जलेबी की खुशबू से बच्चे, युवा और बुजुर्ग भी अपने आपको जलेबी को खाने से रोक नहीं पाते है। खास बात यह है कि पर्यटकों की मांग को पूरा करने के लिए ताऊ बलजीत ने ब्रह्मसरोवर के दोनों तरफ स्टॉल को स्थापित किया है। एक किलो जलेबी के रेट 400 रुपए सोनीपत के गांव गोसाना निवासी ताऊ बलजीत ने बातचीत करते हुए बताया कि पिछले 11 सालों से कुरुक्षेत्र में आयोजित गीता महोत्सव में पर्यटकों के स्वाद को बढ़ाने के लिए गोहाना की प्रसिद्ध जलेबियों को लेकर आ रहे हैं। इस बार वे अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव में स्टॉलों पर शहर वासियों के लिए देशी घी वाली जलेबियां लेकर आएं है। इस वर्ष एक किलो जलेबी का दाम लगभग 400 रुपए रखा गया है। एक जलेबी का वजन 250 ग्राम हैं। शुद्धता और स्वच्छता के साथ देशी घी से जलेबी बनाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें व उनके परिजन विजय कुमार और सुनील कुमार को महोत्सव का तो बेसब्री से इंतजार रहता है। इसलिए वे महोत्सव में पर्यटकों के लिए देशी घी से बनी जलेबियां लेकर आएं है। यहां आकर उन्हें सकून मिलता है और पर्यटकों को स्वादिष्ठ जलेबी खिलाकर मन को भी संतुष्टि मिलती हैं। इसलिए पर्यटकों के स्वाद का विशेष ध्यान रखा जाता है। चार दशकों से बना रहे जलेबी उन्होंने कहा कि देशी घी की जलेबी का अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव में पर्यटक और शहरवासी बेसब्री से उनका इंतजार करते हैं। वे करीब 4 दशकों से जलेबी बनाने का काम कर रहे हैं। इन सालों में उनकी जलेबी के चाहने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। महोत्सव में आने वाले विदेशी पर्यटक भी उनकी जलेबी के कद्रदान है और बड़े चाव के साथ जलेबी के स्वाद को चखने के लिए उनके स्टॉलों पर पहुंचते है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन और केडीबी द्वारा उन्हें हर बार पूरा सहयोग मिलता है। प्रशासन द्वारा महोत्सव के दौरान सुरक्षा के साथ-साथ अन्य सभी पुख्ता प्रबंध किए गए है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में भाजपा-हलोपा मिलकर लड़ सकते हैं चुनाव:गोपाल कांडा ने धर्मेंद्र प्रधान से की मुलाकात, 3 दिन में सीट बंटवारे पर फैसला संभव
हरियाणा में भाजपा-हलोपा मिलकर लड़ सकते हैं चुनाव:गोपाल कांडा ने धर्मेंद्र प्रधान से की मुलाकात, 3 दिन में सीट बंटवारे पर फैसला संभव हरियाणा की सिरसा विधानसभा सीट से हरियाणा लोकहित पार्टी (हलोपा) के विधायक गोपाल कांडा ने एक बार फिर BJP नेताओं की टेंशन बढ़ा दी है। एक महीने के अंदर दूसरी बार हलोपा सुप्रीमो गोपाल कांडा ने हरियाणा BJP प्रभारी गोपाल कांडा से मुलाकात की है। गोपाल कांडा ने धमेंद्र प्रधान के घर 40 मिनट तक बैठक की है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर मंथन चला। बैठक में हरियाणा विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा हुई। आगामी 2 से 3 दिनों में सीट शेयरिंग पर दोनों दलों के बीच सहमति बन सकती है। गोपाल कांडा हरियाणा में 5 विधानसभा सीट पर अपनी पसंद के उम्मीदवार उतारना चाहता है। भाजपा और हलोपा दोनों की पसंद से यह उम्मीदवार उतारे जाएंगे। 3 दिनों में यह साफ हो जाएगा कि हलोपा कितनी सीटों पर और भाजपा के सिंबल पर हलोपा की पसंद से कौन लड़ेगा। हलोपा-BJP की मुलाकात से सिरसा और फतेहाबाद के भाजपा नेताओं की चिंता बढ़ी हुई है। रानियां से रणजीत चौटाला की सीट खतरे में बता दें कि हलोपा-भाजपा के बीच सीट बंटवारे का फार्मूला फिट बैठता है तो सबसे ज्यादा खतरा रणजीत चौटाला को है। रणजीत चौटाला रानियां विधानसभा से दावेदार हैं और विधायक का चुनाव जीत चुके हैं। वहीं गोपाल कांडा ने अपने भतीजे गोबिंद कांडा के बेटे धवल कांडा को रानियां से हलोपा प्रत्याशी घोषित किया है। इससे रणजीत चौटाला की टेंशन बढ़ गई है। वहीं गोबिंद कांडा पहले से ही भाजपा का हिस्सा हैं। वे दो सीटों ऐलनाबाद और फतेहाबाद से दावेदारी कर रहे हैं। ऐलनाबाद में मीनू बेनीवाल और फतेहाबाद में विधायक दुड़ाराम की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। वैश्य और पंजाबी वोट बैंक पर पकड़ गोपाल कांडा का राज्य में वैश्य और पंजाबियों के बीच अच्छा जनाधार है। हलोपा को लगता है कि हलोपा उन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी, जिन पर भाजपा को चुनाव जीतना मुश्किल लगता है। हालांकि, हाल ही में पंचकूला में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साफ कर दिया था कि हरियाणा में भाजपा अकेले ही विधानसभा चुनाव लड़ेगी। लेकिन मुख्यमंत्री नायब सैनी के सिरसा दौरे के दौरान नायब सैनी ने बयान दिया था कि हलोपा और भाजपा मिलकर चुनाव लड़ेंगे, जिसके बाद से ही दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की चर्चाएं सामने आ रही हैं। गोपाल कांडा ने पिछली मुलाकात पर दी थी जानकारी
गोपाल कांडा ने धर्मेंद्र प्रधान से पिछली मुलाकात के बाद सोशल मीडिया पर लिखा था, ‘ केंद्रीय शिक्षा मंत्री एवं हरियाणा में भाजपा के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान जी से आज नई दिल्ली में मुलाकात हुई। हरियाणा विधानसभा चुनाव सहित अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। हरियाणा लोकहित पार्टी (HLP), राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का घटक दल है। लोकसभा चुनाव में भी HLP ने सहयोगी दल के रूप में समर्पित सहयोग किया है। आज की मुलाकात में विभिन्न विषयों और भविष्य की राजनीतिक संभावनाओं पर सकारात्मक बातचीत हुई है।’ बिना शर्त सरकार को दिया है समर्थन
हलोपा विधायक गोपाल कांडा ने पहले दिन से हरियाणा की भाजपा सरकार को बिना शर्त समर्थन दिया था। ऐलनाबाद उपचुनाव के दौरान गोपाल कांडा के भाई गोबिंद कांडा भाजपा में शामिल हो गए थे। तब गोबिंद कांडा को भाजपा, जजपा और हलोपा का संयुक्त उम्मीदवार बनाया गया, लेकिन किसान आंदोलन के समर्थन में विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला से चुनाव हार गए। हालांकि गोबिंद कांडा ने ऐलनाबाद चुनाव मजबूती से लड़ा और कुछ ही मतों से अंतर से हार गए थे। 2009 में निर्दलीय चुनाव लड़कर जीते, फिर गृह राज्यमंत्री बने
वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में गोपाल कांडा ने सिरसा सीट से बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ा और हुड्डा सरकार में उद्योग मंत्री रहे लक्ष्मण दास अरोड़ा को हराकर विधानसभा पहुंचे। विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुआई में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाया। तब कांग्रेस ने 40 सीटें जीती और इनेलो 32 विधायकों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। गोपाल कांडा ने उस समय के सियासी हालात का फायदा उठाते हुए निर्दलीय जीतने वाले पांच-छह विधायकों को रातों-रात साधते हुए उनका समर्थन हुड्डा को दिलवा दिया। लगातार दूसरी बार हरियाणा का मुख्यमंत्री बनने वाले भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कांडा को बतौर इनाम अपनी कैबिनेट में शामिल करते हुए गृह राज्यमंत्री की कुर्सी दी।
हरियाणा में चुनाव की तैयारियां शुरू:चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के SSR को पूरा करने के लिए लिखा पत्र; कट-ऑफ तारीख 1 जुलाई
हरियाणा में चुनाव की तैयारियां शुरू:चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के SSR को पूरा करने के लिए लिखा पत्र; कट-ऑफ तारीख 1 जुलाई हरियाणा में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई है। ऐसे में चुनाव आयोग ने हरियाणा सहित उन तीन राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को 20 अगस्त तक मतदाता सूची के विशेष सारांश पुनरीक्षण (SSR) को पूरा करने के लिए पत्र लिखा है। चुनाव आयोग ने मतदाता सूची को अपडेट करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए हरियाणा के अलावा झारखंड, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर के सीईओ को पत्र लिखा है। दरअसल, हरियाणा में विधानसभा चुनाव अक्टूबर में संभावित हैं। राजनीतिक पार्टियों के अलावा अब चुनाव आयोग भी तैयारियों में जुट गया है। अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 20 अगस्त तक चुनाव आयोग के अनुसार, तय कार्यक्रम के मुताबिक अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 20 अगस्त तक किया जाएगा। हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में मतदाता के रूप में नामांकन की कट-ऑफ तारीख 1 जुलाई होगी। अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण SSR के अलावा चुनाव आयोग इसी सप्ताह दिल्ली में चुनावी राज्यों के अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण भी आयोजित करेगा। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि चुनाव आयोग चुनाव कराने की प्रक्रिया बहुत जल्द ही शुरू करेगा। इन राज्यों में प्रस्तावित हैं चुनाव दरअसल, इस साल दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है। इसको लेकर चुनाव आयोग लंबे समय से काम कर रहा है। आयोग ने कहा कि जो लोग अपना नाम वोटर लिस्ट में जोड़वाना चाहते हैं या फिर गलती का सुधार करवाना चाहते हैं वे अपना आवेदन दे सकते हैं। वहीं, चुनाव आयोग ने देश भर में होने वाले 47 उपचुनाव कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा में बवाल:कुलदीप बिश्नोई ने मौजूदा प्रधान को हटाया, देवेंद्र बुढ़िया बोले-मैं अब भी प्रधान, आज मुकाम में बैठक बुलाई
अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा में बवाल:कुलदीप बिश्नोई ने मौजूदा प्रधान को हटाया, देवेंद्र बुढ़िया बोले-मैं अब भी प्रधान, आज मुकाम में बैठक बुलाई अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के प्रधान देवेंद्र बुढ़िया के आरोपों के बाद बिश्नोई समाज भड़क गया है। समाज के लोगों द्वारा बीकानेर स्थित मुकाम धाम में आज आपातकालीन मीटिंग बुलाई है। बकायदा समाज के लोगों को इसके लिए मैसेज दिए जा रहे हैं। वहीं अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक कुलदीप बिश्नोई ने भी अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए मौजूदा प्रधान देवेंद्र बुढ़िया को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया है और उनके स्थान पर परसराम बिश्नोई को नया प्रधान घोषित कर दिया है। वहीं देवेंद्र बुढ़िया ने कुलदीप के द्वारा लेटर जारी करने के बाद फेसबुक पर लाइव आकर कहा कि संरक्षक को प्रधान को हटाने की पावर अब खत्म हो गई है। नियमानुसार अब कुलदीप बिश्नोई के इस लेटर का कोई मतलब नहीं है। आज मुकाम धाम में विधायक रणधीर पनिहार और कुलदीप बिश्नोई दोनों पर निर्णय लिया जाएगा। बता दें इससे पहले देवेंद्र बुढ़िया ने कुलदीप बिश्नोई पर विधानसभा चुनाव में बेटे के चुनाव पर 10 करोड़ रुपए का चंदा एकत्रित करने और अपने दोस्त एमएलए रणधीर पनिहार से किडनैप करवाने, अपना यशोगान करवाने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। देवेंद्र बुढ़िया ने जोधपुर में बिश्नोई समाज के लोगों के बीच यह बातें रखी थी। कुलदीप बिश्नोई की ओर से लिखा गया पत्र… कुलदीप बिश्नोई के लिखे पत्र की 3 खास बातें…
1. महासभा में प्रधान पद पर नई नियुक्ति की
कुलदीप बिश्नोई ने अपने X हैंडल पर पोस्ट कर देवेंद्र बुढ़िया को हटाने की जानकारी दी। कुलदीप बिश्नोई ने पत्र में लिखा है कि ” अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा सदैव गुरू जंभेश्वर भगवान के दिखाए आदर्शों को आगे बढ़ाते हुए समाजसेवा की दिशा में अपने कर्तव्यों को पूरा करने का प्रयास करती आई है और हमेशा करती रहेगी। व्यक्ति, पद और निजी स्वार्थों से ऊपर उठकर हम सबको मिलकर समाज की एकजुटता की दिशा में कार्य करते रहना है। नई परिस्थितियों को देखते हुए समाज के सभी प्रबुद्ध जनों से विचार विमर्श करने के बाद महासभा में प्रधान पद पर नई नियुक्ति की गई है। मुझे पूर्ण विश्वास है की परसराम बिश्नोई स्वर्गीय रामसिंह जी के गौरवशाली इतिहास को आगे बढ़ाते हुए महासभा को नई ऊंचाईयां प्रदान करेंगे”। 2. मौजूदा प्रधान देवेंद्र बुढ़िया को बताया समाज को तोड़ने वाला व्यक्ति
कुलदीप बिश्नोई ने मौजूदा प्रधान देवेंद्र बुढ़िया को समाज को तोड़ने वाला व्यक्ति बताया। कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि देवेंद्र बुढ़िया द्वारा पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया में काफी तथ्यहीन, झूठी एवं समाज को बांटने वाली बातें कही जा रही हैं, जिससे समाज में बिखराव व टकराव की संभावनाएं नजर आ रही हैं। मेरे पास निजी तौर पर भी समाज के अनेक गणमान्य व्यक्तियों, साधु संतों एवं महासभा के पदाधिकारी व समाज के राजनीतिक व्यक्तियों द्वारा काफी शिकायतें आ रही हैं। साथ ही साथ विभिन्न निर्माण कार्यों में टेंडर प्रक्रियाओं का पाल उनके द्वारा नहीं किया गया। समाज में एकता बनाए रखने, महासभा के पदाधिकारियों के प्रति विश्नास बना रहे और समाज में बंटवारा न हो और आपसी भाईचारा समाज में बना रहे इसलिए देवेंद्र बुढ़िया को पद मुक्त कर रहा हूं। 3. बुढ़िया के खिलाफ जांच को 5 सदस्यीय कमेटी बनाई
कुलदीप बिश्नोई ने 5 सदस्यीय कमेटी का गठन सुभाष देहड़ू की अध्यक्षता में किया। कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि कमेटी का गठन कर रहा हूं जो पूरे मामले की जांच करके सारे तथ्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी तब तक इनके स्थान पर परसराम विश्नोई को अगले चुनाव तक अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा का प्रधान नियुक्त करता हूं। अखिल भारती बिश्नोई महासभा के संविधान के अनुसार प्रधान एवं समस्त कार्यकारिणी के चुनाव के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया है। जल्द ही अगले दिनों में पदाधिकारियों व प्रधान पद के लिए चुनावों की रूपरेखा के लिए विधिवत घोषणा करूंगा। कैसे शुरू हुआ विवाद, किसने क्या कहा..
देवेंद्र बुढ़िया ने कहा- मेरे साथ बुरा बर्ताव किया
सोमवार रात को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर लाइव आकर देवेंद्र बुढ़िया ने कहा, “मुझे 2 दिन से रणधीर पनिहार दिल्ली बुला रहे हैं। मैं आज आया तो मेरे साथ ट्रैजेडी की और मेरे साथ बहुत ही बुरा बर्ताव किया।
ये सारी चीजें मैं समाज को बताउंगा। यह बहुत बड़ी घटना है और बहुत बड़ी मेरे साथ ट्रैजेडी हुई है। यह सब चीजें कैमरे में हैं। अब मैं आप लोगों को इतना ही बता पाऊंगा। मैं माफी चाहता हूं। कल मैं आपको सारी चीजें बता दूंगा। यह रणधीर पनिहार पता नहीं मुझसे क्या मांगता है।” पनिहार ने कहा- बुढ़िया मेरे दोस्त, ऐसा क्यों बोला, मुझे पता नहीं
वहीं अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुढ़िया के आरोपों पर विधायक रणधीर पनिहार ने कहा कि जिस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं, ऐसी कोई बात नहीं है। मनगढंत आरोपों का मैं क्या जवाब दूं। हां, मेरी किसी से कोई बात नहीं हुई। बुढ़िया साहब आज भी मेरे अच्छे दोस्त हैं और उनसे मेरी अकसर मुलाकात होती रहती है। सोशल मीडिया पर उन्होंने ऐसा क्यों बोला मुझे इसकी जानकारी नहीं है। मैं आज चंडीगढ़ जा रहा हूं। बिश्नोई संत बोले-रणधीर पनिहार को छोड़ेंगे नहीं
अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुढ़िया के आरोपों पर बिश्नोई समाज के संत लालदास योग गुरु ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। संत लालदास ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ बुरा व्यवहार करने वाले को छोड़ेंगे नहीं। संत ने कहा कि कुलदीप बिश्नोई के इशारे पर ही सब कुछ हुआ है। कुलदीप बिश्नोई करोड़ों रुपए की डिमांड अध्यक्ष से कर रहा था वो इतने पैसे नहीं दे पा रहा तो उसे पद से हटाया जा रहा था, जिसका उसने विरोध किया था। संत लालदास ने कहा कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ बहुत ही बड़ी घटना हुई है। रणधीर पनिहार के नाम किसी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के साथ निंदनीय घटना की है। वो रणधीर पनिहार नहीं थे बल्कि कुलदीप बिश्नोई ने करवाई है। संत लालदास ने कहा- कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ कठोर फैसला लें
बिश्नोई संत लालदास योग गुरु ने कुलदीप बिश्नोई पर आरोप लगाते हुए कहा कि कुलदीप बिश्नोई राष्ट्रीय अध्यक्ष बुढ़िया से करोड़ों रुपए मांगते हैं। कुलदीप कहते हैं कि करोड़ों रुपए दोगे तो अध्यक्ष रहोगे नहीं तो हटा देंगे। उनके पास करोड़ों रुपए नहीं थे, इसलिए उन्होंने लौटा दिया। कुलदीप बिश्नोई कहते हैं कि मुझे और पैसे दोगे तो ही मैं आपको प्रधान रखूंगा, इसलिए आप इस्तीफा दो। इन्होंने इस्तीफा नहीं दिया तो प्रधान से बहुत बड़ी डिमांड की गई। मैं बिश्नोई समाज से निवेदन करना चाहता हूं कि आज देवेंद्र बुढ़िया अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के अध्यक्ष हैं, कल को कोई और अध्यक्ष बन सकता है। क्या कोई इस तरह की डिमांड करेगा। यह तो कुलदीप बिश्नोई का निजी व्यवसाय बन गया है। इसलिए अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा की कार्यकारिणी और बिश्नोई समाज को मिलकर कठोर फैसला लेना चाहिए, ताकि समाज की इज्जत रह सके। बुढ़िया ने कहा- मैं जोधपुर जा रहा हूं, 2 बजे लाइव आउंगा
वहीं इसी विवाद में राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुढ़िया ने सोशल मीडिया पर संदेश दिया है कि ” मैं अभी 12.50 बजे दिल्ली से जोधपुर की फ्लाइट होने के कारण अभी 11 बजे लाइव नहीं आ पाऊंगा। एयरपोर्ट पर शोर (आवाज) अधिक होने के कारण लाइव नहीं हो पाउंगा। मैं 2 बजे जोधपुर पहुंचकर आप सबके बीच में आकर लाइव आऊंगा एवं पूरे घटनाक्रम के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दूंगा। मैं अपनी बात पर अडिग था और रहूंगा। आप सबके सहयोग की अपेक्षा रहेगी। देवेंद्र बुढ़िया ने पंचायत में कहीं 3 बड़ी बातें…
1. विधानसभा चुनाव के बीच 10 करोड़ रुपए मांगे
देवेंद्र बुढ़िया ने बताया कि विधानसभा चुनाव के समय से ही संरक्षक महोदय (कुलदीप बिश्नोई) और मेरे बीच खटपट चल रही थी। मुझे कहा गया कि आपको 10 करोड़ का टारगेट दिया जाता है कि आप समाज से चंदा एकत्रित करके लाकर दो। उसमें मैं असफल रहा। लोगों ने मुझे दिए नहीं। मुझसे कहा लिस्ट दे दो, मैंने लिस्ट शुरुआत में दी। मेरे से जो हो सका मैंने किया। 2. कुलदीप ने कहा- सीएम के आगे मेरे नाम नहीं लिया
बिश्नोई समाज का धरना समाप्त होते ही मेरे पास फोन आया कि आपने सीएम के सामने मेरा नाम नहीं लिया। मैंने बताया कि मेरा ज्यादा नंबर बोलने का आया नहीं और धरना समाप्त करने में क्या नाम लेना था, मगर मैंने फिर भी सॉरी बोला। इसके बाद मुझसे इस्तीफा मांगा गया। मैंने कहा मैं रास्ते में इस्तीफा नहीं दूंगा, मैं मिलकर दूंगा। चुनाव से पहले भी मेरे सामने कहा था। मैं दूसरा अध्यक्ष बनाऊंगा। मैंने कहा आपकी मर्जी है जी जो बनाओ। 3. कुलदीप ने भजनलाल की कसम खाई और कहा इस्तीफा लूंगा
कुलदीप ने चौधरी भजनलाल की तस्वीर के सामने हाथ रखकर कहा कि मैं पिता जी कि कसम खाता हूं आपको प्रधान नहीं रहने दूंगा। मैंने कहा ऐसा क्या हो गया जी। बस मुझे आपको नहीं बनाना है, आप इस्तीफा दो। मैंने कहा कि मैं इस्तीफा मिलकर दूंगा। फिर उन्होंने कहा ठीक है आप टिकट बुक करवाओ। मैं टिकट बुक करवाकर दिल्ली पहुंच गया। देवेंद्र ने पनिहार और उनके बीच हुई घटना के बार में बताया…
1. रणधीर पनिहार ने हरियाणा भवन बुलाया
देवेंद्र बुढ़िया ने कहा कि मेरे पास फोन आया रणधीर पनिहार का कि आप कब आओगे। मैंने कहा मुझे तकलीफ है। मैं पहले मेदांता में दिखाऊंगा, फिर आऊंगा। पनिहार ने कहा नहीं आप पहले यहां आओ। हरियाणा भवन में 30 व 31 नंबर में आ जाना। मैं वहां गया। अंदर बैठे रणधीर पनिहार ने कहा आओ अंदर। मुझसे चाय पूछी और कहा आगे क्या करना है। मैंने कहा कि इस्तीफा देना है। पनिहार ने कहा कि आपने कमिटमेंट पूरी नहीं की। मैंने कहा कि मुझसे हो नहीं पाया। 2. पनिहार ने इस्तीफा लिखवाना चाहा, मैंने नहीं लिखा
पनिहार ने मुझे दो कागज दिए और कहा कि इस पर साइन कर दो। मैंने कहा मैं साइन तो बॉस (कुलदीप बिश्नोई) के आगे करूंगा। पनिहार ने कहा कि वो तो आपका मुंह नहीं देखना चाहते। मैंने कहा मैं साइन नहीं करूंगा ऐसे। मैं साइन बॉस के सामने करूंगा। इसके बाद तू तड़ाक हुई। मुझसे पनिहार ने कहा कि आपको साइन करने पड़ेंगे। मैंने कहा मर जाऊंगा, मगर साइन नहीं करूंगा। वो 5 लोग थे, मैं अकेला था। मैंने कहा आप ऐसा करो आप गाड़ी में चलो। उसने कहा चलो। इसके बाद एक ने मेरा हाथ पकड़ लिया और दूसरा मेरा वीडियो बनाने लगा। वहां से चलने के बाद मैं फुटपाथ पर आकर बैठ गया। 3. कुलदीप बिश्नोई को फोन मिलाया, मगर फोन नहीं उठाया
कुलदीप जी को फोन मिलाया, उन्होंने फोन नहीं उठाया। मैंने भव्य जी को फोन मिलाया। नहीं उठाया, मगर उनका बाद में बैक कॉल आया। उन्होंने कुछ नहीं कहा और फोन काट दिया। इसके बाद मैंने कुलदीप बिश्नोई को वॉइस मैसेज वॉट्सऐप पर भेजे और कहा कि मेरे साथ इस तरह की घटना हो रही है और यह लोग मेरे साथ गलत कर रहे हैं। इसके बाद रणधीर पनिहार ने कहा कि इसको गाड़ी में डालो। इसके बाद मैंने देखा वहां मंत्रियों की गाड़ियां थी और पुलिस वाले भी थे। मैंने शोर मचाया तो वह गाड़ी दौड़ाकर भाग गए। मेरे पास टैक्सी थी। मैं वहां से निकल आया। मैंने इसके बाद कुलदीप जी को फोन किया तो उनका नंबर स्विच ऑफ आया। 4. जिस इंसान को इतना माना, उसने 15 घंटे बाद भी फोन नहीं किया
देवेंद्र बुढ़िया ने कहा कि इस घटना के बाद मुझे लगा कहीं रात को मुझे कोई मार ना दे, इसलिए लाइव के माध्यम से मैंने आप लोगों को सब कुछ बताया। 3 साल में हम कोई पत्र भी लिखते हैं तो उनका नाम लिखना जरूरी है। भाषण देते हैं तो हम दुविधा में पड़ जाते हैं। कुलदीप कहते हैं मेरा नाम लेना जरूरी है और आप कहते हो आप उसके चमचे हो। मगर मेरा उद्देश्य समाज सेवा था, मैं समाज सेवा करना चाहता था ताकि दूसरे समाज के आगे बिश्नोई समाज एक उदाहरण बने। मैंने उस इंसान (कुलदीप बिश्नोई) को काफी माना, मगर 15 घंटे बीतने के बाद भी उसका फोन नहीं आया कि क्या हुआ। कुलदीप बिश्नोई ने दिलवाया रणधीर पनिहार को टिकट
रणधीर पनिहार पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई के दोस्त हैं। कुलदीप बिश्नोई ने ही लॉबिंग कर रणधीर पनिहार को भाजपा का टिकट दिलवाया था। इतना ही नहीं, रणधीर के लिए प्रचार भी किया। इस विधानसभा चुनाव में रणधीर पनिहार की जीत हुई, लेकिन आदमपुर से कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई अपनी पैतृक सीट हार गए।
इसके अलावा, कुलदीप बिश्नोई के भाई दुड़ाराम बिश्नोई भी फतेहाबाद से चुनाव हार गए। हालांकि, रणधीर पनिहार कह चुके हैं वह कुलदीप बिश्नोई के लिए विधायक पद भी छोड़ने के लिए तैयार हैं। वह चाहें तो उनके बेटे को मेरी जगह पर चुनाव लड़वा सकते हैं।