संभल हिंसा का 9वां दिन, आज जाएगा कांग्रेस का डेलिगेशन:कमीशन ने 2 घंटे खंगाले सबूत; SP ने बताया- उपद्रवियों से घिरे, तब कैसे बचाव किया

संभल हिंसा का 9वां दिन, आज जाएगा कांग्रेस का डेलिगेशन:कमीशन ने 2 घंटे खंगाले सबूत; SP ने बताया- उपद्रवियों से घिरे, तब कैसे बचाव किया

संभल हिंसा का आज, सोमवार को 9वां दिन है। कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल संभल जाएगा। इसमें प्रदेश अध्यक्ष अजय राय समेत 20 लोग शामिल रहेंगे। हालांकि 10 दिसंबर तक संभल में राजनीतिक व्यक्तियों के आने पर पाबंदी है। धारा 164 लगी है। इधर, जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा की न्यायिक आयोग (ज्यूडिशियल कमीशन) ने जांच शुरू कर दी है। तीन सदस्यीय आयोग के अध्यक्ष इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस देवेंद्र कुमार अरोड़ा और सदस्य पूर्व DGP अरविंद कुमार जैन रविवार को संभल पहुंचे। आयोग के दूसरे सदस्य रिटायर्ड IAS अधिकारी अमित मोहन नहीं आ सके। टीम ने सुरक्षा घेरे में जामा मस्जिद के अंदर और बाहर का दौरा किया। करीब 15 मिनट मस्जिद की इंतेजामिया कमेटी के सदर जफर अली और अन्य लोगों से बात की। एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने आयोग को ब्रीफ किया। वह जगह दिखाई, जहां कार और बाइकों को आग लगा दी गई थी। पथराव कहां-कहां से हुआ, यह भी बताया। आयोग ने सर्वे शुरू होने से लेकर हिंसा होने तक की जानकारी जुटाई। उन्होंने अधिकारियों संग बैठक कर विस्तार से जानकारी ली। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि जब सभी उपद्रवियों से घिर गए, तब कैसे बचाव किया? आयोग ने दो घंटे तक साक्ष्य खंगाले। कमिश्नर आंजनेय सिंह, डीआईजी मुनिराजजी और डीएम राजेंद्र पेंसिया भी साथ रहे। टीम कोई रिकॉर्ड साथ नहीं ले गई है। आयोग को 2 महीने के भीतर जांच करनी है
राज्य सरकार ने संभल हिंसा की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। कमीशन के गठन का आदेश गृह विभाग द्वारा जारी किया गया था। 28 नवंबर को नोटिफिकेशन के जरिए गठित कमीशन को दो महीने के भीतर अपनी जांच पूरी करनी है। संभल में धारा-163 लागू, 5 लोगों के इकट्‌ठा होने पर प्रतिबंध
डीएम संभल डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने 10 दिसंबर 2024 तक भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163 लागू करते हुए निषेधाज्ञा जारी की है। इसके तहत बिना पूर्व अनुमति के 5 या अधिक लोगों का एकत्र होना प्रतिबंधित है। डीएम ने 25 पॉइंट का आदेश जारी किया है।इसमें खास पॉइंट… 1- कोई भी व्यक्ति पूर्व अनुमति लिए बिना 5 या इससे अधिक व्यक्तियों का किसी प्रकार का कोई जुलूस नहीं निकालेगा। न ही सार्वजनिक स्थान पर 5 या इससे अधिक व्यक्तियों का समूह बनाएगा। 2- कोई भी व्यक्ति जनपद संभल की सीमा के अंदर लाठी, डंडा, तेज धार वाले चाकू तथा नुकीले शस्त्र लेकर नहीं चलेगा और न ही किसी सार्वजनिक स्थान पर प्रदर्शित करेगा। 3. कोई व्यक्ति किसी खुले स्थान पर अथवा मकानों की छतों पर ईंट, पत्थर, बोतल, ज्वलनशील पदार्थ अथवा कोई विस्फोटक सामग्री जमा नहीं करेगा। ASI का दावा- संभल जामा मस्जिद में अवैध निर्माण हुआ शाही जामा मस्जिद मामले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने चंदौसी कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। ASI के वकील विष्णु शर्मा ने कहा- यहां प्राचीन इमारत और पुरातत्व अवशेषों के संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन किया गया। मस्जिद के बाहर सीढ़ियों पर जो निर्माण करवाया गया है, उसके खिलाफ पहले से FIR दर्ज है। पढ़ें पूरी खबर… संभल की मस्जिद का विवाद क्या है? हिंदू पक्ष काफी वक्त से संभल की जामा मस्जिद की जगह पर पहले मंदिर होने का दावा कर रहा है। 19 नवंबर को 8 लोग मामले को लेकर कोर्ट पहुंचे और एक याचिका दायर की। इनमें सुप्रीम कोर्ट के वकील हरिशंकर जैन और उनके बेटे विष्णुशंकर जैन प्रमुख हैं। ये दोनों ताजमहल, कुतुब मीनार, मथुरा, काशी और भोजशाला के मामला भी देख रहे हैं। इनके अलावा याचिकाकर्ताओं में वकील पार्थ यादव, केला मंदिर के महंत ऋषिराज गिरी, महंत दीनानाथ, सामाजिक कार्यकर्ता वेदपाल सिंह, मदनपाल, राकेश कुमार और जीतपाल यादव का नाम शामिल है। हिंदू पक्ष का दावा है कि ये जगह पहले श्रीहरिहर मंदिर हुआ करती थी, जिसे बाबर ने 1529 में तुड़वाकर मस्जिद बनवा दिया। संभल कोर्ट में हिंदू पक्ष ने याचिका लगाई। 95 पेज की याचिका में हिंदू पक्ष ने दो किताब और एक रिपोर्ट को आधार बनाया है। इनमें बाबरनामा, आइन-ए-अकबरी किताब और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की 150 साल पुरानी एक रिपोर्ट शामिल है। संभल हिंसा का आज, सोमवार को 9वां दिन है। कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल संभल जाएगा। इसमें प्रदेश अध्यक्ष अजय राय समेत 20 लोग शामिल रहेंगे। हालांकि 10 दिसंबर तक संभल में राजनीतिक व्यक्तियों के आने पर पाबंदी है। धारा 164 लगी है। इधर, जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा की न्यायिक आयोग (ज्यूडिशियल कमीशन) ने जांच शुरू कर दी है। तीन सदस्यीय आयोग के अध्यक्ष इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस देवेंद्र कुमार अरोड़ा और सदस्य पूर्व DGP अरविंद कुमार जैन रविवार को संभल पहुंचे। आयोग के दूसरे सदस्य रिटायर्ड IAS अधिकारी अमित मोहन नहीं आ सके। टीम ने सुरक्षा घेरे में जामा मस्जिद के अंदर और बाहर का दौरा किया। करीब 15 मिनट मस्जिद की इंतेजामिया कमेटी के सदर जफर अली और अन्य लोगों से बात की। एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने आयोग को ब्रीफ किया। वह जगह दिखाई, जहां कार और बाइकों को आग लगा दी गई थी। पथराव कहां-कहां से हुआ, यह भी बताया। आयोग ने सर्वे शुरू होने से लेकर हिंसा होने तक की जानकारी जुटाई। उन्होंने अधिकारियों संग बैठक कर विस्तार से जानकारी ली। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि जब सभी उपद्रवियों से घिर गए, तब कैसे बचाव किया? आयोग ने दो घंटे तक साक्ष्य खंगाले। कमिश्नर आंजनेय सिंह, डीआईजी मुनिराजजी और डीएम राजेंद्र पेंसिया भी साथ रहे। टीम कोई रिकॉर्ड साथ नहीं ले गई है। आयोग को 2 महीने के भीतर जांच करनी है
राज्य सरकार ने संभल हिंसा की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। कमीशन के गठन का आदेश गृह विभाग द्वारा जारी किया गया था। 28 नवंबर को नोटिफिकेशन के जरिए गठित कमीशन को दो महीने के भीतर अपनी जांच पूरी करनी है। संभल में धारा-163 लागू, 5 लोगों के इकट्‌ठा होने पर प्रतिबंध
डीएम संभल डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने 10 दिसंबर 2024 तक भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163 लागू करते हुए निषेधाज्ञा जारी की है। इसके तहत बिना पूर्व अनुमति के 5 या अधिक लोगों का एकत्र होना प्रतिबंधित है। डीएम ने 25 पॉइंट का आदेश जारी किया है।इसमें खास पॉइंट… 1- कोई भी व्यक्ति पूर्व अनुमति लिए बिना 5 या इससे अधिक व्यक्तियों का किसी प्रकार का कोई जुलूस नहीं निकालेगा। न ही सार्वजनिक स्थान पर 5 या इससे अधिक व्यक्तियों का समूह बनाएगा। 2- कोई भी व्यक्ति जनपद संभल की सीमा के अंदर लाठी, डंडा, तेज धार वाले चाकू तथा नुकीले शस्त्र लेकर नहीं चलेगा और न ही किसी सार्वजनिक स्थान पर प्रदर्शित करेगा। 3. कोई व्यक्ति किसी खुले स्थान पर अथवा मकानों की छतों पर ईंट, पत्थर, बोतल, ज्वलनशील पदार्थ अथवा कोई विस्फोटक सामग्री जमा नहीं करेगा। ASI का दावा- संभल जामा मस्जिद में अवैध निर्माण हुआ शाही जामा मस्जिद मामले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने चंदौसी कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। ASI के वकील विष्णु शर्मा ने कहा- यहां प्राचीन इमारत और पुरातत्व अवशेषों के संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन किया गया। मस्जिद के बाहर सीढ़ियों पर जो निर्माण करवाया गया है, उसके खिलाफ पहले से FIR दर्ज है। पढ़ें पूरी खबर… संभल की मस्जिद का विवाद क्या है? हिंदू पक्ष काफी वक्त से संभल की जामा मस्जिद की जगह पर पहले मंदिर होने का दावा कर रहा है। 19 नवंबर को 8 लोग मामले को लेकर कोर्ट पहुंचे और एक याचिका दायर की। इनमें सुप्रीम कोर्ट के वकील हरिशंकर जैन और उनके बेटे विष्णुशंकर जैन प्रमुख हैं। ये दोनों ताजमहल, कुतुब मीनार, मथुरा, काशी और भोजशाला के मामला भी देख रहे हैं। इनके अलावा याचिकाकर्ताओं में वकील पार्थ यादव, केला मंदिर के महंत ऋषिराज गिरी, महंत दीनानाथ, सामाजिक कार्यकर्ता वेदपाल सिंह, मदनपाल, राकेश कुमार और जीतपाल यादव का नाम शामिल है। हिंदू पक्ष का दावा है कि ये जगह पहले श्रीहरिहर मंदिर हुआ करती थी, जिसे बाबर ने 1529 में तुड़वाकर मस्जिद बनवा दिया। संभल कोर्ट में हिंदू पक्ष ने याचिका लगाई। 95 पेज की याचिका में हिंदू पक्ष ने दो किताब और एक रिपोर्ट को आधार बनाया है। इनमें बाबरनामा, आइन-ए-अकबरी किताब और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की 150 साल पुरानी एक रिपोर्ट शामिल है।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर