बिलासपुर के सदर विधायक त्रिलोक जमवाल ने बताया कि प्रदेश सरकार के खिलाफ भाजपा पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन करने जा रही है। इसी कड़ी में 9 दिसंबर को बिलासपुर की मेन मार्केट में जिला भाजपा द्वारा धरने का आयोजन किया जाएगा। जिसमें प्रदेश सरकार की कारगुज़ारी उजागर की जाएगी। इसमें प्रदेश के वरिष्ठ नेता भी शामिल होंगे। मंगलवार को भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में त्रिलोक जमवाल ने बताया कि प्रदेश सरकार अपने 2 साल के कार्यकाल में प्रदेश का विकास कार्य करने में नाकाम साबित हुई है। फिर बिलासपुर में 11 दिसंबर को कैसा जश्न मनाया जा रहा है। यह झूठ की सरकार है, जिसने सत्ता में आने के लिए प्रदेश की जनता को ठगा है। सरकार ने इन दो वर्षों में 3 हजार करोड़ का लोन लिया है और लोन के पैसे से सैलरी और पेंशन दी जा रही है। जबकि, विकास के लिए एक पैसा खर्च नहीं हो रहा है। फिर जश्न किस बात का मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिला में पानी को लेकर हाहाकार मची हुई है और सड़कों की हालत खस्ता है। सरकार को चाहिए कि जश्न पर पैसे बर्बाद करने के बजाय पानी की मीटरों को ठीक करवाया जाए और सड़कों की मरम्मत करवाई जाए। हालत यह है कि इनके मुखिया से लेकर नेता झूठ बोलते हैं। बिलासपुर के सदर विधायक त्रिलोक जमवाल ने बताया कि प्रदेश सरकार के खिलाफ भाजपा पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन करने जा रही है। इसी कड़ी में 9 दिसंबर को बिलासपुर की मेन मार्केट में जिला भाजपा द्वारा धरने का आयोजन किया जाएगा। जिसमें प्रदेश सरकार की कारगुज़ारी उजागर की जाएगी। इसमें प्रदेश के वरिष्ठ नेता भी शामिल होंगे। मंगलवार को भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में त्रिलोक जमवाल ने बताया कि प्रदेश सरकार अपने 2 साल के कार्यकाल में प्रदेश का विकास कार्य करने में नाकाम साबित हुई है। फिर बिलासपुर में 11 दिसंबर को कैसा जश्न मनाया जा रहा है। यह झूठ की सरकार है, जिसने सत्ता में आने के लिए प्रदेश की जनता को ठगा है। सरकार ने इन दो वर्षों में 3 हजार करोड़ का लोन लिया है और लोन के पैसे से सैलरी और पेंशन दी जा रही है। जबकि, विकास के लिए एक पैसा खर्च नहीं हो रहा है। फिर जश्न किस बात का मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिला में पानी को लेकर हाहाकार मची हुई है और सड़कों की हालत खस्ता है। सरकार को चाहिए कि जश्न पर पैसे बर्बाद करने के बजाय पानी की मीटरों को ठीक करवाया जाए और सड़कों की मरम्मत करवाई जाए। हालत यह है कि इनके मुखिया से लेकर नेता झूठ बोलते हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
दिल्ली स्थित हिमाचल भवन कुर्क होने से बचा:सुक्खू सरकार ने ब्याज सहित चुकाए 64 करोड़, हाईकोर्ट ने दिए थे आदेश
दिल्ली स्थित हिमाचल भवन कुर्क होने से बचा:सुक्खू सरकार ने ब्याज सहित चुकाए 64 करोड़, हाईकोर्ट ने दिए थे आदेश हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने नई दिल्ली स्थित हिमाचल की पहचान हिमाचल भवन को कुर्क होने से बचा लिया है। हिमाचल सरकार ने सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी लिमिटेड के पक्ष में ब्याज सहित 64 करोड़ रुपए की रकम जमा करवा दी है। इस संदर्भ में हिमाचल हाईकोर्ट की एकल पीठ ने सेली हाइड्रो पावर कंपनी को ब्याज सहित अपफ्रंट प्रीमियम की रकम वापस लौटाने के आदेश जारी किए थे, अब तय प्रक्रिया के अनुसार यह राशि हाईकोर्ट में सरकार की लंबित अपील में जमा करवाई गई है। 18 दिसंबर को निर्धारित हुई सुनवाई की तारीख
हिमाचल प्रदेश सरकार ने ये तथ्य हाईकोर्ट में अनुपालना याचिका की सुनवाई के दौरान अदालत के समक्ष रखा। इसके बाद राज्य सरकार ने इस राशि को समय पर अदालत में जमा न करवाने के दोषियों व अधिकारियों से जुड़ी जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए हाईकोर्ट से दो हफ्ते का अतिरिक्त समय मांगा। हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने राज्य सरकार की इस मांग को स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई 18 दिसंबर को निर्धारित की। क्या है पूरा मामला?
हिमाचल के लाहौल में 320 मेगावाट के एक हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के लिए टेंडर बुलाए गए थे. सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक कंपनी ने इस प्रोजेक्ट के लिए अपफ्रंट प्रीमियम जमा किया था, लेकिन समय पर ये प्रोजेक्ट आरंभ नहीं हो सका. बाद में कंपनी ने सरकार ने अपफ्रंट प्रीमियम वापस मांगा। मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो वहां से कंपनी के पक्ष में फैसला आया. इसी सिलसिले में अदालत में अनुपालना याचिका भी दाखिल हुई थी. इसी केस में अदालती आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए हाईकोर्ट ने नई दिल्ली में मंडी हाउस स्थित हिमाचल भवन को कुर्क करने के आदेश जारी किए थे। दोषियों का पता लगाना जरूरी
हाईकोर्ट ने सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी लिमिटेड द्वारा ऊर्जा विभाग के खिलाफ दायर अनुपालना याचिका पर सुनवाई के बाद उपरोक्त आदेश दिए थे। हाईकोर्ट ने ऊर्जा विभाग के सचिव को इस बात की तथ्यात्मक जांच करने के आदेश भी दिए थे कि किस विशेष अधिकारी अथवा अधिकारियों की चूक के कारण 64 करोड़ रुपए की रकम 7 फीसदी ब्याज सहित कोर्ट में जमा नहीं की गई है। कोर्ट ने कहा था कि दोषियों का पता लगाना इसलिए जरूरी है, क्योंकि ब्याज को दोषी अधिकारी अधिकारियों/कर्मचारियों से व्यक्तिगत रूप से वसूलने का आदेश दिया जाएगा। कोर्ट ने 15 दिनों की अवधि के भीतर जांच पूरी करने और जांच की रिपोर्ट अगली तारीख को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत के आदेश दिए थे। 7% की ब्याज से 64 करोड़ रुपए वापस करने के निर्देश
मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया था कि हाईकोर्ट की एकल पीठ ने 13 जनवरी 2023 को प्रतिवादियों यानी ऊर्जा विभाग को याचिकाकर्ता कंपनी द्वारा जमा किए गए 64 करोड़ रुपए के अग्रिम प्रीमियम को सात प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज सहित वापस करने का निर्देश दिया था। इस फैसले पर खंडपीठ ने इस शर्त पर रोक लगा दी थी कि यदि प्रतिवादी उपरोक्त राशि कोर्ट में जमा करवाने में असमर्थ रहते हैं, तो अंतरिम आदेश हटा लिए जाएंगे। राशि जमा न करने पर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 15 जुलाई 2024 को एकल पीठ के फैसले पर लगाई रोक को हटाने के आदेश जारी किए। 2 हफ्ते में पेश करनी है रिपोर्ट
इन तथ्यों को देखते हुए कोर्ट ने कहा कि चूंकि प्रतिवादी राज्य के पक्ष में कोई अंतरिम आदेश नहीं है, इसलिए कोर्ट के आदेशों को लागू किया जाना जरूरी है। इसलिए भी आदेश लागू करना जरूरी है कि सरकार द्वारा अवॉर्ड राशि जमा करने में देरी से दैनिक आधार पर ब्याज लग रहा है, जिसका भुगतान सरकारी खजाने से किया जाना है। अब राज्य सरकार को कोर्ट के समक्ष रकम को देरी से जमा करवाने वाले अधिकारियों के बारे में दो हफ्ते में रिपोर्ट अदालत में पेश करनी है।
कांगड़ा में पुलिस ने 3 आरोपियों को किया गिरफ्तार:एटीएम लूटने का किया था प्रयास, तीनों दोस्तों ने बनाया था घूमने का प्लान
कांगड़ा में पुलिस ने 3 आरोपियों को किया गिरफ्तार:एटीएम लूटने का किया था प्रयास, तीनों दोस्तों ने बनाया था घूमने का प्लान हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा शहर में 12 जुलाई को नेहरू चौक स्थित बैंक के एटीएम में लूट का असफल प्रयास करने के आरोप में पुलिस ने 3 बदमाशों को गिरफ्तार किया है। तीनों आरोपी युवक कांगड़ा शहर के साथ लगते कोहाला गांव से है। गिरफ्तार किए गए आरोपी घूमने का प्लान बना रहे और पैसे नहीं होने पर एटीएम लूट की घटना को अंजाम देने गए थे। डीएसपी ने दी मामले की जानकारी डीएसपी अंकित शर्मा ने बताया कि 12 जुलाई को कांगड़ा नगर के बीचों-बीच स्थित नेहरू चौक में एक निजी बैंक के एटीएम को लूटने का असफल प्रयास किया गया था। एटीएम का सायरन बजने पर यह तीनों आरोपी मौका से फरार हो गए थे। बाजार के विभिन्न व्यापारियों, एटीएम की सीसीटीवी फुटेज देखने पर इन तीनों युवकों को बुधवार रात को उनके घर से गिरफ्तार किया। शर्मा ने बताया कि तीनों युवक अक्षय, साहिल, निखिल दोस्त है, और एटीएम से पैसे लूटकर उनका घूमने जाने का प्लान था। अक्षय पेंटर का काम करता है। जब कि बाकी 2 बेरोजगार हैं। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज कर आरोपियों के विरुद्ध जांच शुरू कर दी है। तीनों को पुलिस कांगड़ा की अदालत में पेश करेगी।
पौंटा साहिब में शहीद का अंतिम संस्कार हुआ:अरुणाचल प्रदेश में शहीद हुए थे आशीष; भारत माता की जय के नारे लगे
पौंटा साहिब में शहीद का अंतिम संस्कार हुआ:अरुणाचल प्रदेश में शहीद हुए थे आशीष; भारत माता की जय के नारे लगे पांवटा साहिब के भरली गांव में शहीद आशीष कुमार चौहान उर्फ आशु को यमुना तट पर स्थित स्वर्गधाम में हजारों लोगों ने अश्रुपूर्ण विदाई दी। चिता को भाइयों ने मुखाग्नि दी। इस मौके पर शहीद की मां संतरों देवी, भूतपूर्व सैनिक संगठन पांवटा साहिब और शिलाई के पदाधिकारी, एसडीएम गुंजित सिंह चीमा, तहसीलदार ऋषभ शर्मा, डीएसपी अदिति और सैन्य अधिकारी मौजूद रहे। इससे पहले आज सुबह पांवटा से होकर शहीद की पार्थिव शरीर को पहले उनके गांव भरली ले जाया गया। रास्ते में शहीद का जगह जगह भारत माता की जय, शहीद आशीष अमर रहे के नारों से विदाई दी गई। शहीद की बहन ने कहा कि भाई की शहादत पर गर्व है। इसके बाद पार्थिव देह को पांवटा साहिब लाया गया। गौरतलब है कि अरुणाचल प्रदेश के सुबनसिरी जिले में एक ट्रक गहरी खाई में गिर गया, जिसमें तीन सैन्यकर्मियों की मौत हो गई थी। इनमें पांवटा साहिब का जवान आशीष भी था।