टोक्यो की रीसा…इंडिया के वैभव की लव स्टोरी:पहली बार बेंगलुरु में मिले, हिंदू रीति रिवाज से शादी की, दुल्हन बोली- अब मलेशिया में बसेंगे

टोक्यो की रीसा…इंडिया के वैभव की लव स्टोरी:पहली बार बेंगलुरु में मिले, हिंदू रीति रिवाज से शादी की, दुल्हन बोली- अब मलेशिया में बसेंगे

2 साल से हम एक–दूसरे को डेट कर रहे थे। हमने तय किया था कि परिवार के पूरी तरह से रजामंद होने के बाद ही शादी करेंगे। आखिरकार रीसा हिंदुस्तानी बहू बन गई। यह कहना है – टोक्यो की रीसा से दो दिन पहले 7 फेरे लेने वाले मेरठ के वैभव का। इस नए जोड़े की लव अफेयर की कहानी समझने के लिए भास्कर मेरठ के कंकरखेड़ा इलाके में पहुंचा। 6 हजार किमी दूर दो देशों के वैभव और रीसा कैसे एक दूसरे के नजदीक आए। पढ़िए रिपोर्ट… वैभव 4 साल पहले टोक्यो में पढ़ने गए
वैभव ने कहा-4 साल पहले मैं टोक्यो में MBA की पढ़ाई करने गया था। मैं फॉरेन एजुकेशन लेकर इंडिया की कंपनी में जॉब करना चाहता था। वहां पढ़ाई के दौरान कई दोस्त बने। ज्यादातर जापान के ही रहने वाले थे। पढ़ाई खत्म हुई और मैं वापस मेरठ अपने घर लौट आया। एक मार्केटिंग कंपनी में जॉब लगी, वर्क फ्रॉम होम में मेरठ रहकर ही काम कर रहे थे। रीसा टोक्यो से बेंगलुरु आई, यही पर दोनों की मुलाकात हुई
2 साल पहले रीसा टोक्यो से बेंगलुरु आई। उनकी कंपनी का एक प्रोजेक्ट इंडिया में था। इधर, वैभव के टोक्यो के 1 दोस्त ने कॉल करके कहा कि हमारे देश की एक लड़की आपके देश में गई है। हो सके तो उसकी मदद कर दीजिएगा। वैभव के पास रीसा का नंबर आया। पहली बार उनकी मोबाइल पर बात हुई। इसके बाद वैभव मिलने के लिए बेंगलुरु गए। यहां पहली बार कॉमन फ्रेंड के जरिए दोनों मिले। इसके बाद दोनों में बातचीत शुरू हुई। पहले ये बातचीत प्रोफेशनल थी। काम तक सीमित, मगर बाद में दोनों को एक–दूसरे का साथ अच्छा लगने लगा। वैभव कहते हैं– रीसा मुझे एक नजर में पसंद आने लगी थी। मगर दोनों देशों के अलग–अलग कल्चर को देखते हुए फैसला लेने में लेट किया। फिर एक दिन मैंने प्रपोज कर दिया। रीसा भी मान गईं। वैभव ने कहा- परिवारों को मनाने में लगा वक्त
दोनों के बीच इंग्लिश ही बोलचाल की भाषा है। रीसा हिंदी नहीं समझ पाती तो वैभव को ज्यादा अच्छी जापानी नहीं आती थी। दोनों अंग्रेजी में कम्युनिकेशन करते हैं। इसलिए प्यार का इजहार भी अंग्रेजी में हुआ। वैभव बताते हैं हम दोनों ने शादी करने का डिसाइड किया। इसके बाद दोनों ने अपने-अपने घरवालों को बताया। रीसा के पिता अहमदाबाद, गुजरात में पोस्टेड हैं। लेकिन परिवार टोक्यो में रहता है। वो वैभव से मिलने के बाद शादी के लिए मान गए। वैभव कहते हैं- मेरा परिवार भारतीय संस्कारों वाला है, तो अपने परिवार को राजी करने में मुझे थोड़ा वक्त लगा। लेकिन अब पूरे परिवार की सहमति और खुशी से हमने शादी की है। सबका आशीर्वाद लिया है। रीसा को पसंद आई हल्दी की रस्म रीसा बताती हैं– उन्हें भारतीय संस्कृति, रीतिरिवाज, पहनावा सब बहुत पसंद आया। अपनी शादी में हल्दी की रस्म सबसे ज्यादा पसंद आई। उसकी मस्ती, इंडियन डांस, इंडियन फूड सब अच्छा लगा। रीसा ने अपने हाथों में हिंदुस्तानी दुल्हनों की तरह मेहंदी लगवाई, जिसमें पति वैभव का नाम लिखवाया है। वैभव ने भी मेंहदी में रीसा का नाम लिखवाया है। रीसा कहती हैं– हम जल्द मलेशिया में शिफ्ट होंगे। वहीं पर अपनी शादीशुदा जिंदगी को आगे बढ़ाएगे। बहू का धूमधाम से किया स्वागत
वैभव के पिता दिवाकर नंद ध्यानी ने बताया कि वो इस शादी से बेहद खुश हैं। परिवार में किसी को कोई आपत्ति नहीं है। बहू रीसा के लिए परिवार ने अपनी पहाड़ी संस्कृति के अनुसार गढ़वाली नथ और सारे गहने सोने में बनवाए हैं। वह कहते हैं कि ये सारा श्रृंगार पहनकर रीसा एकदम हमारी अपनी गढ़वाली बहू लगती है। हम बहुत खुश हैं। रीसा के पिता अहमदाबाद, मम्मी टोक्यो, छोटी बहन नीदरलैंड से शादी में आए। विदेशी दोस्त भी दूसरे देशों से पहुंचे। उनके बारात में डांस करने के वीडियो सामने आए हैं। अब शादी की तस्वीर देखिए… …… यह भी पढ़ें :
हसीना बोलीं- मोहम्मद यूनुस अल्पसंख्यकों पर हमलों के जिम्मेदार:जनसंहार नहीं चाहती थी इसलिए देश छोड़ा; ढाका में भारतीय उच्चायुक्त तलब बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले और उनकी हत्याओं का जिम्मेदार अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस को बताया है। न्यूयॉर्क के एक सेमिनार को वर्चुअली संबोधित करते हुए हसीना ने कहा- “बांग्लादेश में सामूहिक हत्याओं का जिम्मेदार मुझे बताया जा रहा है, लेकिन हकीकत में मोहम्मद यूनुस हैं जो छात्र नेताओं के साथ मिले हुए हैं और सामूहिक हत्याओं में शामिल हैं। पढ़िए पूरी खबर… 2 साल से हम एक–दूसरे को डेट कर रहे थे। हमने तय किया था कि परिवार के पूरी तरह से रजामंद होने के बाद ही शादी करेंगे। आखिरकार रीसा हिंदुस्तानी बहू बन गई। यह कहना है – टोक्यो की रीसा से दो दिन पहले 7 फेरे लेने वाले मेरठ के वैभव का। इस नए जोड़े की लव अफेयर की कहानी समझने के लिए भास्कर मेरठ के कंकरखेड़ा इलाके में पहुंचा। 6 हजार किमी दूर दो देशों के वैभव और रीसा कैसे एक दूसरे के नजदीक आए। पढ़िए रिपोर्ट… वैभव 4 साल पहले टोक्यो में पढ़ने गए
वैभव ने कहा-4 साल पहले मैं टोक्यो में MBA की पढ़ाई करने गया था। मैं फॉरेन एजुकेशन लेकर इंडिया की कंपनी में जॉब करना चाहता था। वहां पढ़ाई के दौरान कई दोस्त बने। ज्यादातर जापान के ही रहने वाले थे। पढ़ाई खत्म हुई और मैं वापस मेरठ अपने घर लौट आया। एक मार्केटिंग कंपनी में जॉब लगी, वर्क फ्रॉम होम में मेरठ रहकर ही काम कर रहे थे। रीसा टोक्यो से बेंगलुरु आई, यही पर दोनों की मुलाकात हुई
2 साल पहले रीसा टोक्यो से बेंगलुरु आई। उनकी कंपनी का एक प्रोजेक्ट इंडिया में था। इधर, वैभव के टोक्यो के 1 दोस्त ने कॉल करके कहा कि हमारे देश की एक लड़की आपके देश में गई है। हो सके तो उसकी मदद कर दीजिएगा। वैभव के पास रीसा का नंबर आया। पहली बार उनकी मोबाइल पर बात हुई। इसके बाद वैभव मिलने के लिए बेंगलुरु गए। यहां पहली बार कॉमन फ्रेंड के जरिए दोनों मिले। इसके बाद दोनों में बातचीत शुरू हुई। पहले ये बातचीत प्रोफेशनल थी। काम तक सीमित, मगर बाद में दोनों को एक–दूसरे का साथ अच्छा लगने लगा। वैभव कहते हैं– रीसा मुझे एक नजर में पसंद आने लगी थी। मगर दोनों देशों के अलग–अलग कल्चर को देखते हुए फैसला लेने में लेट किया। फिर एक दिन मैंने प्रपोज कर दिया। रीसा भी मान गईं। वैभव ने कहा- परिवारों को मनाने में लगा वक्त
दोनों के बीच इंग्लिश ही बोलचाल की भाषा है। रीसा हिंदी नहीं समझ पाती तो वैभव को ज्यादा अच्छी जापानी नहीं आती थी। दोनों अंग्रेजी में कम्युनिकेशन करते हैं। इसलिए प्यार का इजहार भी अंग्रेजी में हुआ। वैभव बताते हैं हम दोनों ने शादी करने का डिसाइड किया। इसके बाद दोनों ने अपने-अपने घरवालों को बताया। रीसा के पिता अहमदाबाद, गुजरात में पोस्टेड हैं। लेकिन परिवार टोक्यो में रहता है। वो वैभव से मिलने के बाद शादी के लिए मान गए। वैभव कहते हैं- मेरा परिवार भारतीय संस्कारों वाला है, तो अपने परिवार को राजी करने में मुझे थोड़ा वक्त लगा। लेकिन अब पूरे परिवार की सहमति और खुशी से हमने शादी की है। सबका आशीर्वाद लिया है। रीसा को पसंद आई हल्दी की रस्म रीसा बताती हैं– उन्हें भारतीय संस्कृति, रीतिरिवाज, पहनावा सब बहुत पसंद आया। अपनी शादी में हल्दी की रस्म सबसे ज्यादा पसंद आई। उसकी मस्ती, इंडियन डांस, इंडियन फूड सब अच्छा लगा। रीसा ने अपने हाथों में हिंदुस्तानी दुल्हनों की तरह मेहंदी लगवाई, जिसमें पति वैभव का नाम लिखवाया है। वैभव ने भी मेंहदी में रीसा का नाम लिखवाया है। रीसा कहती हैं– हम जल्द मलेशिया में शिफ्ट होंगे। वहीं पर अपनी शादीशुदा जिंदगी को आगे बढ़ाएगे। बहू का धूमधाम से किया स्वागत
वैभव के पिता दिवाकर नंद ध्यानी ने बताया कि वो इस शादी से बेहद खुश हैं। परिवार में किसी को कोई आपत्ति नहीं है। बहू रीसा के लिए परिवार ने अपनी पहाड़ी संस्कृति के अनुसार गढ़वाली नथ और सारे गहने सोने में बनवाए हैं। वह कहते हैं कि ये सारा श्रृंगार पहनकर रीसा एकदम हमारी अपनी गढ़वाली बहू लगती है। हम बहुत खुश हैं। रीसा के पिता अहमदाबाद, मम्मी टोक्यो, छोटी बहन नीदरलैंड से शादी में आए। विदेशी दोस्त भी दूसरे देशों से पहुंचे। उनके बारात में डांस करने के वीडियो सामने आए हैं। अब शादी की तस्वीर देखिए… …… यह भी पढ़ें :
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