ऊना जिले अंब में बाइक ने एक व्यक्ति को टक्कर मार दी। जिससे उसकी मौत हो गई। हादसा सड़क पार करते समय हुआ है। पुलिस ने बाइक को जब्त कर लिया और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। हादसा देर रात मोतीलाल नैहरियां रोड पर सीनियर सेकेंडरी स्कूल के पास हुआ है। मृतक की पहचान मोतीलाल उर्फ मनका के नाम से हुई है। एसएचओ गौरव भारद्वाज ने मुताबिक, मोतीलाल पिछले लगभग 40 साल से अंब में अकेला रह रहा था। मोतीलाल के पास ना तो उसका आधार कार्ड और ना ही कोई अन्य दस्तावेज उपलब्ध है। यहां तक की उसके द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा मोबाइल नंबर भी किसी अन्य व्यक्ति के नाम से बताया जा रहा है। इन्हीं के चलते यह कहां का मालूम नहीं है। इसकी जानकारी नहीं मिली है। दर्जी की दुकान पर करता था काम स्थानीय लोगों के अनुसार, मोतीलाल कुछ समय पहले वह एक चाय समोसे की दुकान पर कार्य करता था। जबकि हाल में वह एक दर्जी की दुकान पर काम कर रहा था। पुलिस ने बाइक ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। ऊना जिले अंब में बाइक ने एक व्यक्ति को टक्कर मार दी। जिससे उसकी मौत हो गई। हादसा सड़क पार करते समय हुआ है। पुलिस ने बाइक को जब्त कर लिया और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। हादसा देर रात मोतीलाल नैहरियां रोड पर सीनियर सेकेंडरी स्कूल के पास हुआ है। मृतक की पहचान मोतीलाल उर्फ मनका के नाम से हुई है। एसएचओ गौरव भारद्वाज ने मुताबिक, मोतीलाल पिछले लगभग 40 साल से अंब में अकेला रह रहा था। मोतीलाल के पास ना तो उसका आधार कार्ड और ना ही कोई अन्य दस्तावेज उपलब्ध है। यहां तक की उसके द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा मोबाइल नंबर भी किसी अन्य व्यक्ति के नाम से बताया जा रहा है। इन्हीं के चलते यह कहां का मालूम नहीं है। इसकी जानकारी नहीं मिली है। दर्जी की दुकान पर करता था काम स्थानीय लोगों के अनुसार, मोतीलाल कुछ समय पहले वह एक चाय समोसे की दुकान पर कार्य करता था। जबकि हाल में वह एक दर्जी की दुकान पर काम कर रहा था। पुलिस ने बाइक ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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ज्वालामुखी दरबार 100 क्वींटल फूलों से सजा:मनाया जा रहा है प्रकटोत्सव, अर्पित किए जांगे 56 भोग, देशभर से पहुंच रहे श्रद्धालु विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी मंदिर में आषाढ़ मास शुल्क पक्ष में परंपरानुसार गुप्त नवरात्र के दौरान मां ज्वाला का प्रकटोत्सव मनाया जा रहा है। श्रद्धालु बड़ी श्रद्धा से मां ज्वाला को भोग प्रसाद भेंट कर रहे हैं। मां ज्वाला के प्रकटोत्सव के पावन दिवस पर मंदिर को 100 क्वींटल फूलों से सजाया गया है। रंग बिरंगी लाईटें भी लगाई गई हैं, ताकि मां ज्वाला का दरबार कि भव्यता और ज्यादा दिव्य रुप में दिखाई दे। इसके अलावा मां ज्वाला के प्रकटोत्सव पर मंदिर में मैया को विभिन्न प्रकार के 56 भोग अर्पित किए जाएंगे। 51 शक्तिपीठों में सर्वोपरि है मां ज्वाला का स्थान हिमाचल के विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी मंदिर सैकड़ों वर्षो से साक्षात रुप में चमत्कारी ज्योतियों के रुप में मां ज्वाला दर्शन देती हैं। यह शक्तिपीठ अपने आप में इसलिए अनूठा है, क्योंकि यहां पर मूर्ति पूजा नहीं होती। मां ज्वाला के मंदिर में यह साक्षात ज्योति अपने ओज से वर्षोंत् से प्रकाशमान हो रही हैं। देश हो या विदेश मां ज्वाला देवी के दर्शनों के लिए वर्षों से करोड़ों श्रद्धालु इस स्थान पर आज के वैज्ञानिक युग में भी मां के चमत्कार को साक्षात देखकर नतमस्तक होते हैं। मां ज्वाला देवी के मुख्य मंदिर के गर्भ गृह में 7 अखंड ज्योतियों विराजमान है, जिन्हे अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है। ज्योतियों में सर्वप्रथम मां ज्वाला महाकाली के रुप में प्रकट हैं। चंडी, हिंगलाज, विध्यवासिनी,अन्नपूर्णा, महालक्ष्मी, महासरस्वती के रुप में मंदिर में यह ज्योतियां साक्षात भक्तों को दर्शन देती है। 51 शक्तिपीठों में मां ज्वाला को सर्वोपरि माना गया है। मां ज्वाला का इतिहास कांगड़ा घाटी में स्थित श्री ज्वालामुखी शक्तिपीठ की मान्यता 51 शक्तिपीठों में सर्वोपरि मानी गई है। इन पीठों में यही एक ऐसा शक्तिपीठ है, जहां मां के दर्शन साक्षात ज्योतियों के रुप में होतें हैं। शिव महापुराण में भी इस शक्तिपीठ का वर्णन आता है। जब भगवान शिव, माता सती के पार्थिव को पूरे ब्रहांड़ के घूमने लगे तब सती की जिव्हा इस स्थान पर गिरी थी, जिससे यहां ज्वाला ज्योति रुप में यहां दर्शन देती हैं। एक अन्य दंत कथा के अनुसार जब माता ज्वाला प्रकट हुई तब एक ग्वालो को सबसे पहले पहाडी पर ज्योति के दिव्य दर्शन हुए। राजा भूमिचंद्र ने मंदिर भवन को बनवाया था। यह भी धारणा है कि पांडव ज्वालामुखी में आए थे कांगड़ा का एक प्रचलित भजन भी इस का गवाह बनता है..पंजा पंजा पांडवां मैया तेरा भवन बनाया, अर्जुन चंवर झुलाया मेरी माता..। अकबर भी हुआ था मां ज्वाला का मुरीदबादशाह अकबर भी मां ज्वाला की परीक्षा लेने के लिए मां के दरबार में पहुंचा था। उसने ज्योतियों के बुझाने के लिए अकबर ने नहर का निर्माण करवाया, लेकिन मां के चमत्कार से ज्योतियां नहीं बुझ पाई। राजा अकबर को अंहकार के वशीभूत होकर सवा मन सोने का छत्र मंदिर में चढ़ाया था, लेकिन, मां ज्वाला ने इस छत्र को अस्वीकार कर खंडित कर दिया था। अकबर का यह छत्र आज भी मंदिर में मौजूद है। इस बाबत, नंगे नंगे पैरी माता अकबर आया, सोने दा छत्र चढ़ाया मेरी माता, भेंट प्रचलित है। ज्वालाजी मंदिर मंडप शैली निर्मित है मां ज्वालादेवी का मंदिर मंडप शैली का है। मुख्य मंदिर के बाहरी छत्र पर सोने का पालिश चढ़ाया गया है। इसे महाराजा रणजीत सिंह ने अपने शासनकाल में चढ़वाया था। उनके पौत्र कुंवर नौनिहाल सिंह ने मंदिर के मुख्य दरवाजों पर चांदी के पतरे चढवाऐ थे जो कि आज भी दर्शनीय हैं।साल में दो बार होतें है ‘गुप्त नवरात्रजनवरी- फरवरी माघ शुक्ल प्रतिपदा में मां ज्वाला देवी के मंदिर में गुप्त नवरात्र का आयोजन विश्व कल्याण के लिए परंपरानुसार किया जाता है। जून-जुलाई आषाढ़ शुक्ल में मां ज्वाला का प्रकटोत्सव मनाया जाता है। कहां जाता है मां ज्वाला इसी समय यहां प्रकट हुई थी। दर्शनीय स्थल टेढा मंदिर, अबिंकेश्वर महादेव, अर्जुननागा मंदिर, गोरख डिब्बी, लाल शिवालय, राधाकृष्ण मंदिर, तारा देवी, भैरव मंदिर, प्राचीन गणेश मंदिर, अष्टभुजी मंदिर ज्वालामुखी में दर्शनीय स्थल हैं। कैसे पहुंचें हिमाचल के मां ज्वाला देवी मंदिर में आने के लिए रेलवे से आने के लिए ज्वालामुखी रोड रेलवे स्टेशन से बस या टैक्सी से पहुंचा जा सकता है। ऊना रेलवे लाइन से सड़क मार्ग से आया जा सकता है। चंडीगढ़ से इस स्थल की दूरी 200 किलोमीटर हैं। हवाई मार्ग से कांगड़ा के गगल एयरपोर्ट तक आया जा सकता है। उसके बाद 40 किलोमीटर सड़क मार्ग से यहां पंहुचा जा सकता है।
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ऊना में बस से बाइक की टक्कर:2 सगे भाइयों की मौत, हाईवे के कट से टर्न करने दौरान हुआ हादसा ऊना के लालसिंगी में नेशनल हाईवे 503 में मंगलवार को बस और बाइक के बीच टक्कर हो गई, जिसमें दो सगे भाइयों की दर्दनाक मौत हो गई। मृतक की पहचान 60 वर्षीय धर्मपाल और 63 वर्षीय ज्ञान चंद के रूप में हुई है। दाेनों कोटलाखुर्द गांव के रहने वाले थे, जो सेवानिवृत्त कर्मचारी बताए जा रहे हैं। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए यहां क्षेत्रीय अस्पताल भेज दिया है। हादसा कैसे हुआ पुलिस उसके कारणों की जांच कर रही है। बताया जा रहा है कि कोटलाखुर्द के धर्मपाल और ज्ञानचंद पर बाइक पर आ रहे थे। जैसे ही लालसिंगी के पास नेशनल हाईवे के कट से टर्न करने लगे तो ऊना की तरफ से आ रही बस के साथ बाइक की टक्कर हो गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि दोनों भाई गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें गंभीर हालत में क्षेत्रीय अस्पताल ऊना ले जाया गया, जहां दोनों को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलने पर ऊना पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों शवों को अपने कब्जे में लिया। इसके अलावा पुलिस मौके पर सड़क हादसे के संबंध में जानकारी जुटा रही है। दोनों शवों को क्षेत्रीय अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।