संभल हिंसा के दौरान अलग-अलग तरीके से 1 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति का नुकसान हुआ है। कई कारें जलाई गईं, ट्रांसफॉर्मर जलाए गए और CCTV कैमरे भी टूट गए। इसकी वसूली उपद्रवियों से की जानी है। इन्हें आइडेंटिफाई किया जा रहा है। यह जानकारी SP केके बिश्नोई ने दी। हिंसा के 12वें दिन गुरुवार को भी पुलिस ने हिंसा प्रभावित इलाकों में सर्चिंग की। इस दौरान फोरेंसिक टीम को 3 कारतूस, 1 खोखा और दो 12 बोर के मिस फायर कारतूस मिले हैं। ये अमेरिकी कारतूस बताए जा रहे हैं। इससे पहले, मंगलवार को भी सर्च टीम को पाकिस्तान मेड कारतूस मिले थे। SP केके बिश्नोई ने कहा कि मैं उन सभी से अपील करता हूं जो इस घटना में शामिल थे। हमारे पास उन सभी के फुटेज हैं, इसलिए आपको कबूल करने के लिए पुलिस स्टेशन आना चाहिए। साक्ष्यों के आधार पर पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी। इससे पहले, बुधवार रात सीएम योगी ने राज्य में कानून व्यवस्था की समीक्षा की। कहा- संभल या किसी अन्य जिले में किसी को भी अराजकता फैलाने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। संभल का एक भी दंगाई बख्शा नहीं जाना चाहिए। कानून का उल्लंघन करने की किसी को भी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। संभल हिंसा का मौजूदा और पिछले 24 घंटे का घटनाक्रम जानने के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए… संभल हिंसा के दौरान अलग-अलग तरीके से 1 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति का नुकसान हुआ है। कई कारें जलाई गईं, ट्रांसफॉर्मर जलाए गए और CCTV कैमरे भी टूट गए। इसकी वसूली उपद्रवियों से की जानी है। इन्हें आइडेंटिफाई किया जा रहा है। यह जानकारी SP केके बिश्नोई ने दी। हिंसा के 12वें दिन गुरुवार को भी पुलिस ने हिंसा प्रभावित इलाकों में सर्चिंग की। इस दौरान फोरेंसिक टीम को 3 कारतूस, 1 खोखा और दो 12 बोर के मिस फायर कारतूस मिले हैं। ये अमेरिकी कारतूस बताए जा रहे हैं। इससे पहले, मंगलवार को भी सर्च टीम को पाकिस्तान मेड कारतूस मिले थे। SP केके बिश्नोई ने कहा कि मैं उन सभी से अपील करता हूं जो इस घटना में शामिल थे। हमारे पास उन सभी के फुटेज हैं, इसलिए आपको कबूल करने के लिए पुलिस स्टेशन आना चाहिए। साक्ष्यों के आधार पर पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी। इससे पहले, बुधवार रात सीएम योगी ने राज्य में कानून व्यवस्था की समीक्षा की। कहा- संभल या किसी अन्य जिले में किसी को भी अराजकता फैलाने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। संभल का एक भी दंगाई बख्शा नहीं जाना चाहिए। कानून का उल्लंघन करने की किसी को भी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। संभल हिंसा का मौजूदा और पिछले 24 घंटे का घटनाक्रम जानने के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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बागपत गैंगवार में हिस्ट्रीशीटर प्रवीण उर्फ बब्बू की हत्या, 28 साल पहले शुरू हुई थी रंजिश
बागपत गैंगवार में हिस्ट्रीशीटर प्रवीण उर्फ बब्बू की हत्या, 28 साल पहले शुरू हुई थी रंजिश <p style=”text-align: justify;”><strong>Baghpat News:</strong> बागपत के चांदीनगर थाना क्षेत्र का ढिकौली गांव 10 साल बाद एक बार फिर गैंगवार से गोलियों से दहल उठा. गांव में कुख्यात बदमाश ज्ञानेंद्र ढाका ने अपने साथियों के साथ हिस्ट्रीशीटर प्रवीण उर्फ बब्बू को गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतार दिया. उस पर बलकटी से भी प्रहार किए गए. घटना उस दौरान हुई जब साथ बैठकर पूर्व प्रधान के घर कालेज की प्रबंध समिति के चुनाव को लेकर बातचीत कर रहे थे. एकाएक हुई फायरिंग से गांव में सन्नाटा पसर गया है. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर ज्ञानेंद्र ढाका समेत दो आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ढिकौली गांव के रहने वाले हिस्ट्रीशीटर प्रवीण उर्फ बब्बू व कुख्यात बदमाश ज्ञानेंद्र ढाका के बीच 28 साल से ग्राम पंचायत के चुनाव को लेकर रंजिश चल रही थी, लेकिन आठ साल पहले दोनों में समझौता हो गया था, जिसके कारण दोनों आपस में मिलते जुलते रहते थे. 28 अक्टूबर की देर रात प्रवीण और ज्ञानेंद्र गांव में ही पूर्व प्रधान जयकुमार के घर बैठकर कालेज के प्रबंध समिति के चुनाव को लेकर बातचीत कर रहे थे. इसी दौरान ज्ञानेंद्र के साथी ने प्रवीण पर पिस्टल से ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ज्ञानेंद्र ने बलकटी से प्रहार कर प्रवीण को अधमरा कर दिया. बीच बचाव के दौरान पूर्व प्रधान जयकुमार, धर्मपाल धनपाल उर्फ टीटी, राजकुमार घायल हो गया. दोनों बदमाश हथियार लहराते हुए फरार हो गए. लोगों ने प्रवीण को पिलाना सीएचसी में भर्ती कराया, जहां उसने दम तोड़ दिया. घटना को लेकर गांव में दहशत फैल गई. रात लगभग 12 बजे सूचना के बाद चांदीनगर एसओ संजय कुमार, सीओ खेकड़ा प्रीता व एसपी अर्पित विजयवर्गीय मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी लेने के बाद प्रवीण के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. घटना का मुकदमा प्रवीण के भाई नवीन उर्फ जग्गू ने ज्ञानेंद्र ढाका समेत दो बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>28 साल पहले शुरू हुई थी दोनों में रंजिश</strong><br />ढिकौली गांव में ज्ञानेंद्र ढाका और प्रवीण उर्फ बब्बू के बीच खूनी रंजिश का सिलसिला वर्ष 1996 से शुरू हुआ, जिसने दोनों ओर से 16 से ज्यादा लोगों का खून बहा दिया गया. इस रंजिश की नींव गांव की प्रधानी को लेकर रखी गई थी. रंजिश के इतिहास के पन्ने पलटे तो पहला कत्ल संतर का हुआ, जिसके बाद दोनों गुट एक दूसरे के खून के प्यासे हो गए. प्रधान प्रमोद ढाका, सुरेश, विकास, कृष्णपाल, जसवंत, अमरीश, योगेंद्र, ओमवीर व बबलू आदि भी इसी रंजिश में मारे गए थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>वर्ष 2006 में ज्ञानेंद्र ने गांव में ही एक साथ तीन लोगों की हत्याएं कर दहशत फैला दी थी. लगभग आठ साल पहले दोनों में समझौता हो गया था, जिसके बाद दोनों आपस में मिलते जुलते रहते थे लेकिन ज्ञानेंद्र के मन में बदला लेने की आग सुलग रही थी. इसे प्रवीण नहीं भांप सका था. बदले की आग में ही रात के समय ज्ञानेंद्र ने प्रवीण को मौत के घाट उतार दिया.</p>
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इटली में 33 भारतीय बंधक मुक्त:खेतों में जबरन कराया काम, अधिकतर पंजाब के रहने वाले, 2 आरोपी भी पंजाबी; 5.45 लाख यूरो जब्त
इटली में 33 भारतीय बंधक मुक्त:खेतों में जबरन कराया काम, अधिकतर पंजाब के रहने वाले, 2 आरोपी भी पंजाबी; 5.45 लाख यूरो जब्त इटली के उत्तरी वेरोना प्रांत में स्थानीय अधिकारियों ने 33 भारतीयों को बंधुआ मजदूरी से मुक्त कराया है। मुक्त कराए गए 33 भारतीयों में से अधिकतर पंजाबी मूल के हैं। इतना ही नहीं, जिन दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, वे भी पंजाबी मूल के हैं। अधिकारियों ने दोनों कथित आरोपियों से 5.45 लाख यूरो भी जब्त किए हैं। घटना की जांच जून महीने में शुरू हुई थी। इटली में बंधुआ मजदूरी जून में हुए एक हादसे के बाद चर्चा में आई थी। जिसमें फल तोड़ने वाले पंजाबी सतनाम सिंह की मशीन से हाथ कट जाने से मौत हो गई थी। रोम के पास लाजियो में स्ट्रॉबेरी रैपिंग मशीन की चपेट में आने से सतनाम का हाथ कट गया था। जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। नागरिकों को वर्क परमिट पर लाते थे इटली रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने कहा कि कथित गैंग-मास्टर्स जो भारत से ही थे, सीजनल वर्क परमिट पर साथी नागरिकों को इटली लाते थे। हर बंधुआ मजदूर को प्रति महीने 17,000 यूरो का भुगतान करने और उन्हें बेहतर भविष्य का वादा करके लाया जाता था। लेकिन यहां पहुंचते ही परिस्थितयां बदल जाती थी। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार भारतीयों को खेत में काम दिया जाता था। सप्ताह में सातों दिन और प्रति दिन 10-12 घंटे काम करवाया जाता था। उन्हें प्रति घंटे 4 यूरो का भुगतान होता था। उनसे तब तक बंधुआ मजदूरी करवाई जाती थी, जब तक वे अपने कर्जे का भुगतान नहीं कर देते थे। स्थायी वर्क परमिट के लिए अतिरिक्त 13 हजार यूरो पुलिस के बयान में कहा गया कि कुछ लोगों को स्थायी वर्क परमिट का वादा किया जाता था। इसके लिए उनसे अतिरिक्त 13,000 यूरो वसूले जाते थे। वे पूरी रकम का भुगतान होने तक मुफ्त में काम किया करते थे। पुलिस ने कहा कि इस आरोप के लिए आरोपियों के खिलाफ श्रम शोषण से जुड़ा मुकदमा चलाया जाएगा। जबकि पीड़ितों को काम के अवसर और लीगल रेजिडेंस पेपर्स की पेशकश की जाएगी।