हरियाणा के रेवाड़ी जिले के विधायक लक्ष्मण सिंह यादव के प्रयासों से रेवाड़ी व धारुहेड़ा के नए बस स्टैंड जल्द ही साकार रूप लेते दिखाई देंगे। प्रदेश सरकार ने रेवाड़ी व धारुहेड़ा के बस स्टैंड के लिए करीब 78.17 करोड़ रुपए की राशि को मंजूरी प्रदान कर दी है। विधानसभा सत्र में भी रेवाड़ी विधायक ने दोनों बस स्टैंड के निर्माण का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था। सीएम नायब सैनी के समक्ष उठाया मुद्दा रेवाड़ी शहर को जल्द ही जाम से मुक्ति मिलने वाली है। शहर के बाइपास स्थित बनने वाले नए बस स्टैंड के लिए प्रदेश सरकार ने राशि मंजूर कर दी है। रेवाड़ी विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने बताया कि उनके विधायक बनने के बाद से ही रेवाड़ी व धारुहेड़ा के नए बस स्टैंड के निर्माण को लेकर पूरी गंभीरता से जुटे हुए थे। दोनों बस स्टैंड के निर्माण कार्य शुरू कराने का मुद्दा उन्होंने विधानसभा में भी जोरदार ढंग से उठाया था। इससे पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी दोनों बस स्टैंड के निर्माण के लिए बजट आवंटित किए जाने का अनुरोध किया था। कभी भी लग सकता है टैंडर विधायक लक्ष्मण यादव ने बताया कि उनकी मांग पर मुख्यमंत्री नायब सिंह के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने रेवाड़ी बस स्टैंड के लिए करीब 65.32 करोड़ तथा धारुहेड़ा बस स्टैंड के निर्माण के लिए 12.85 करोड़ का बजट आवंटित कर दिया है। इसके लिए रेवाड़ी विधायक ने मुख्यमंत्री नायाब सिंह सैनी का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि रेवाड़ी का नया बस स्टैंड बनने के बाद शहर को जाम की समस्या से भी काफी हद तक निजात मिल जाएगी। धारुहेड़ा के नए बस स्टैंड के निर्माण के लिए टैंडर कभी भी लग सकता है। शहर की दशा बदलने की मुहिम शुरू इसके अलावा रेवाड़ी बस स्टैंड की प्रक्रिया भी जल्द ही शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि रेवाड़ी को विकास के मामले में अग्रिम पंक्ति में लेकर आना तथा यहां की समस्याओं के समाधान की दिशा में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में सरकार प्रदेश का चौतरफा विकास करा रही है। रेवाड़ी की दिशा व दशा बदलने की मुहिम भी अब शुरू हो गई है। हरियाणा के रेवाड़ी जिले के विधायक लक्ष्मण सिंह यादव के प्रयासों से रेवाड़ी व धारुहेड़ा के नए बस स्टैंड जल्द ही साकार रूप लेते दिखाई देंगे। प्रदेश सरकार ने रेवाड़ी व धारुहेड़ा के बस स्टैंड के लिए करीब 78.17 करोड़ रुपए की राशि को मंजूरी प्रदान कर दी है। विधानसभा सत्र में भी रेवाड़ी विधायक ने दोनों बस स्टैंड के निर्माण का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था। सीएम नायब सैनी के समक्ष उठाया मुद्दा रेवाड़ी शहर को जल्द ही जाम से मुक्ति मिलने वाली है। शहर के बाइपास स्थित बनने वाले नए बस स्टैंड के लिए प्रदेश सरकार ने राशि मंजूर कर दी है। रेवाड़ी विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने बताया कि उनके विधायक बनने के बाद से ही रेवाड़ी व धारुहेड़ा के नए बस स्टैंड के निर्माण को लेकर पूरी गंभीरता से जुटे हुए थे। दोनों बस स्टैंड के निर्माण कार्य शुरू कराने का मुद्दा उन्होंने विधानसभा में भी जोरदार ढंग से उठाया था। इससे पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी दोनों बस स्टैंड के निर्माण के लिए बजट आवंटित किए जाने का अनुरोध किया था। कभी भी लग सकता है टैंडर विधायक लक्ष्मण यादव ने बताया कि उनकी मांग पर मुख्यमंत्री नायब सिंह के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने रेवाड़ी बस स्टैंड के लिए करीब 65.32 करोड़ तथा धारुहेड़ा बस स्टैंड के निर्माण के लिए 12.85 करोड़ का बजट आवंटित कर दिया है। इसके लिए रेवाड़ी विधायक ने मुख्यमंत्री नायाब सिंह सैनी का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि रेवाड़ी का नया बस स्टैंड बनने के बाद शहर को जाम की समस्या से भी काफी हद तक निजात मिल जाएगी। धारुहेड़ा के नए बस स्टैंड के निर्माण के लिए टैंडर कभी भी लग सकता है। शहर की दशा बदलने की मुहिम शुरू इसके अलावा रेवाड़ी बस स्टैंड की प्रक्रिया भी जल्द ही शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि रेवाड़ी को विकास के मामले में अग्रिम पंक्ति में लेकर आना तथा यहां की समस्याओं के समाधान की दिशा में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में सरकार प्रदेश का चौतरफा विकास करा रही है। रेवाड़ी की दिशा व दशा बदलने की मुहिम भी अब शुरू हो गई है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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अंबाला में ताबड़तोड़ फायरिंग:एक युवक की हत्या, दूसरे की हालत गंभीर, तीसरा बाइक पर जान बचाकर भागा हरियाणा के अंबाला जिले में बाइक सवार बदमाशों ने 3 युवकों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई। गोली लगने से एक युवक की मौत हो गई है, जबकि उसके एक साथी को भी गोली लगी है। गनीमत रही कि तीसरा युवक बाल-बाल बच गया। वारदात नग्गल थाना एरिया में गांव खैरा से अमीपुर वाले मोड़ पर हुई। मृतक की शिनाख्त गांव दानीपुर निवासी गुरप्रीत उर्फ गोलू के रूप में हुई है। गोलू बाइक पर सबसे पीछे बैठा हुआ था। सूचना मिलने के बाद नग्गल थाना प्रभारी व एएसपी मौके पर पहुंची। इसके साथ ही सीन ऑफ क्राइम की टीम ने भी मौके पर पहुंच साक्ष्य जुटाए। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर आगामी जांच शुरू कर दी है। पीठ से होकर छाती में घुसी गोलियां
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राज्यपाल से मिले पंजाब के वित्तमंत्री:बोले-चंडीगढ़ पंजाब का है, एक इंच भी नहीं देंगे, राज्यपाल ने विश्वास दिलाया, कहा-सारी चीजों पर करेंगे विचार चंडीगढ़ में हरियाणा की विधानसभा को जगह देने का मामला गर्माया हुआ है। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह की अगुआई में एक दल ने पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात की है। चीमा ने मुलाकात के बाद मीडिया से कहा कि, हमने चंडीगढ़ के मुद्दे को लेकर गवर्नर से मुलाकात की है। चंडीगढ़ पंजाब का है। चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी है। ऐसे में हरियाणा को न तो चंडीगढ़ में विधानसभा बनाने का हक है और नहीं अन्य इमारत का। जिस तरह इको सेंसटिव जोन काे हटा दिया गया है, वह उचित नहीं है। हरियाणा सरकार ने गवर्नर साहब के पास प्रपोजल भेजी है कि आप हमें 10 एकड़ जगह दो, हम आपको 12 एकड़ पंचकूला में देंगे। उन्होंने प्रपोजल में मकसद नहीं लिखा है। हालांकि उसका मकसद यही है कि यहां पर हरियाणा की विधानसभा बनाई जाए। हमने इस चीज के खिलाफ अपना प्रोटेस्ट दर्ज करवाया है। चंडीगढ़ पंजाब का है। हम एक भी इंच जमीन हरियाणा को देने को तैयार नहीं है। समझौते में साफ है कि चंडीगढ़ पंजाब का है वित्त मंत्री ने कहा कि हम अपना एक मेमोरेंड राज्यपाल को देकर आए हैं। उन्होंने उस एक्ट का भी हवाला दिया है, जब पंजाब और हरियाणा अलग हुए थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ जो संत लोंगेवाला का समझौता हुआ था, उसमें भी साफ कहा गया था कि चंडीगढ़ पंजाब का है और पंजाब को ही मिलेगा। जबकि पंजाब में पहले चाहे वह कांग्रेस हो या अकाली दल और बीजेपी की सरकार रही हो। यह दल लोगों के बीच तो चंडीगढ़ के बारे में बोलते रहते हैं। लेकिन इस मामले को कभी केंद्र के समक्ष नहीं उठाया। इस मामले में पर राजनीति की जाती रही है। उन्होंने कहा राज्यपाल ने विश्वास दिलाया है कि कोई भी फैसला लेने से पहले सारी चीजों पर विचार करूंगा। हमने कई डॉक्यूमेंट उन्हें सौंपे हैं। पंचकूला में हरियाणा बनाए विधानसभा हरपाल सिंह चीमा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि पंजाब भाईचारे के लिए जाना जाता है। पंजाब गुरुओं पीरों की धरती है। देश के लिए सबसे ज्यादा कुर्बानियां पंजाब ने दी हैं। देश को बचाने के लिए हम एक दीवार की तरह खड़े हैं। जब हम हरियाणा से अलग हुए थे। तो तय हुआ था कि हरियाणा अपनी विधानसभा बनाएगा। 60 साल बाद के पंजाब की राजधानी पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। हरियाणा जो जमीन देने की बात कर रहा हैं। पंचकूला में उसी जमीन पर उसे अपनी विधानसभा बनानी चाहिए। पंजाब के तीन करोड़ लोग चंडीगढ़ में हरियाणा को जमीन देने का विरोध करते हैं। विरोधी झूठ बोल रहे हैं, हमने मुद्दा उठाया नॉर्थ जोन मीटिंग में इस चीज का विरोध न करने के आरोप में वित्त मंत्री ने कहा कि विरोधी दल झूठे आरोप लगा रहे हैं। हम अपना पक्ष रखकर आए थे। फेल तो शिरोमणि अकाली दल, भाजपा और कांग्रेस रही हैं। फेल तो वह भी हुए हैं। चंडीगढ़ पंजाब का है। जो भी लड़ाई लड़नी पड़ेगी वह हम लड़ेंगे। साथ ही कोर्ट जाना पड़ा तो भी पीछे नहीं हटेंगे। पंजाब के हक का हनन नहीं होने दिया जाएगा। बाजवा ने कहा कि पीएम इस मुद्दे पर आगे आएं चंडीगढ़ के मुद्दे पर पंजाब कांग्रेस के सीनियर नेता प्रताप सिंह बाजवा ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने चंडीगढ़ पर पंजाब के उचित दावे को स्वीकार करने और राज्य से किए गए लंबे समय से चले आ रहे वादों को पूरा करने का आह्वान किया है। बाजवा ने चिंता व्यक्त की है, कि इस तरह हरियाणा को जगह देने जैसा प्रत्येक कदम पंजाब से किए गए वादों की पवित्रता को खत्म कर रहा है और आपसी सम्मान की संघीय भावना को कमजोर कर रहा है। बाजवा ने लिखा है कि चंडीगढ़ को पंजाब की विशेष राजधानी के रूप में बहाल करना न केवल सद्भावना का संकेत होगा, बल्कि सम्मानित वादों और आपसी सम्मान के बंधन में विश्वास को भी नवीनीकृत करेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री मोदी इस मुद्दे पर आगे आएंगे और चंडीगढ़ पर पंजाब के विशेष अधिकारों को बहाल करके पंजाब की विरासत का सम्मान करेंगे। चंडीगढ़ से जुड़ी है पंजाब की गहरी भावनाएं भाजपा प्रधान सुनील जाखड़ ने कहा कि पंजाब की राजधानी के रूप में चंडीगढ़ न केवल एक भूमि क्षेत्र है, बल्कि इसके साथ पंजाब के लोगों की गहरी भावनाएं जुड़ी हुई हैं। पंजाब को अतीत में मिले घावों पर मरहम लगाने की कोशिश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाबियों के सामाजिक और धार्मिक उत्थान के लिए जो कदम उठाए हैं। उनके इन्हीं प्रयासों के तहत हरियाणा को चंडीगढ़ में अलग विधानसभा भवन के लिए 10 एकड़ जमीन दी गई है। पंजाब की आत्मीयता को ठेस पहुंचेगी। मेरा मानना है कि पंजाब और केंद्र के बीच मजबूत संबंध बनाए रखने के इस फैसले पर 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उन्हें पंजाब की बात करनी पड़ेगी। यह है सारा प्रस्ताव जुलाई 2022 में जयपुर में एनजेडसी की बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हरियाणा विधानसभा की नई बिल्डिंग के लिए चंडीगढ़ में जमीन देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। नई विधानसभा के लिए चंडीगढ़ की ओर से रेलवे स्टेशन से IT पार्क को जाने वाली सड़क के पास 10 एकड़ जमीन दी जा रही है। बदले में हरियाणा से 12 एकड़ जमीन ली जाएगी। मनसा देवी कॉम्प्लेक्स के पास जो 12 एकड़ जमीन है, वह ईको सेंसिटिव जोन में आती है। इस पर केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर बदलाव कर दिए हैं।
हरियाणा के बिजली मंत्री कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं:भाजपा ने टिकट देने से इनकार किया, रणजीत चौटाला ने दिल्ली में डेरा डाला
हरियाणा के बिजली मंत्री कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं:भाजपा ने टिकट देने से इनकार किया, रणजीत चौटाला ने दिल्ली में डेरा डाला हरियाणा में भाजपा ने बिजली मंत्री रणजीत चौटाला को टिकट देने से इनकार कर दिया है। जिसके बाद उन्होंने दिल्ली में डेरा डाल लिया है। यहां उनकी कुछ कांग्रेस के नेताओं से मुलाकात होने की चर्चा है। वह कभी भी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। रणचीत चौटाला रानियां सीट से 2019 में निर्दलीय विधायक बने थे। 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले वह भाजपा में शामिल हो गए। जिसके बाद पार्टी ने उन्हें हिसार से लोकसभा उम्मीदवार बनाया। चुनाव में वह कांग्रेस के उम्मीदवार जयप्रकाश से हार गए। अब उन्होंने दोबारा विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। उनकी रानियां सीट पर हरियाणा लोकहित पार्टी (HLP) के प्रमुख गोपाल कांडा ने भतीजे धवल कांडा को उम्मीदवार घोषित कर दिया। वहीं मुख्यमंत्री नायब सैनी ने भी कहा कि भाजपा हलोपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। इस बात से रणजीत चौटाला नाराज चल रहे हैं। कांडा की शिकायत कर चुके चौटाला गोपाल कांडा सिरसा से विधायक हैं। उनके भाई गोबिंद कांडा भाजपा में हैं, लेकिन उनके बेटे धवल भाई की पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं। रणजीत चौटाला ने इसकी शिकायत पार्टी नेतृत्व को की हुई है। हालांकि पार्टी की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी और RSS सर्वे के अनुसार रणजीत चौटाला से रानियां विधानसभा हलके के लोग नाराज हैं। उनकी रिपोर्ट ठीक नहीं आई है। इसकी मुख्य वजह रानियां हलका छोड़कर हिसार लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना है। ऐसे में पार्टी रानियां में रिस्क नहीं लेना चाहेगी। हम इस खबर को लगातार अपडेट कर रहे हैं…