चंडीगढ़ में हरियाणा की विधानसभा को जगह देने का मामला गर्माया हुआ है। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह की अगुआई में एक दल ने पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात की है। चीमा ने मुलाकात के बाद मीडिया से कहा कि, हमने चंडीगढ़ के मुद्दे को लेकर गवर्नर से मुलाकात की है। चंडीगढ़ पंजाब का है। चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी है। ऐसे में हरियाणा को न तो चंडीगढ़ में विधानसभा बनाने का हक है और नहीं अन्य इमारत का। जिस तरह इको सेंसटिव जोन काे हटा दिया गया है, वह उचित नहीं है। हरियाणा सरकार ने गवर्नर साहब के पास प्रपोजल भेजी है कि आप हमें 10 एकड़ जगह दो, हम आपको 12 एकड़ पंचकूला में देंगे। उन्होंने प्रपोजल में मकसद नहीं लिखा है। हालांकि उसका मकसद यही है कि यहां पर हरियाणा की विधानसभा बनाई जाए। हमने इस चीज के खिलाफ अपना प्रोटेस्ट दर्ज करवाया है। चंडीगढ़ पंजाब का है। हम एक भी इंच जमीन हरियाणा को देने को तैयार नहीं है। समझौते में साफ है कि चंडीगढ़ पंजाब का है वित्त मंत्री ने कहा कि हम अपना एक मेमोरेंड राज्यपाल को देकर आए हैं। उन्होंने उस एक्ट का भी हवाला दिया है, जब पंजाब और हरियाणा अलग हुए थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ जो संत लोंगेवाला का समझौता हुआ था, उसमें भी साफ कहा गया था कि चंडीगढ़ पंजाब का है और पंजाब को ही मिलेगा। जबकि पंजाब में पहले चाहे वह कांग्रेस हो या अकाली दल और बीजेपी की सरकार रही हो। यह दल लोगों के बीच तो चंडीगढ़ के बारे में बोलते रहते हैं। लेकिन इस मामले को कभी केंद्र के समक्ष नहीं उठाया। इस मामले में पर राजनीति की जाती रही है। उन्होंने कहा राज्यपाल ने विश्वास दिलाया है कि कोई भी फैसला लेने से पहले सारी चीजों पर विचार करूंगा। हमने कई डॉक्यूमेंट उन्हें सौंपे हैं। पंचकूला में हरियाणा बनाए विधानसभा हरपाल सिंह चीमा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि पंजाब भाईचारे के लिए जाना जाता है। पंजाब गुरुओं पीरों की धरती है। देश के लिए सबसे ज्यादा कुर्बानियां पंजाब ने दी हैं। देश को बचाने के लिए हम एक दीवार की तरह खड़े हैं। जब हम हरियाणा से अलग हुए थे। तो तय हुआ था कि हरियाणा अपनी विधानसभा बनाएगा। 60 साल बाद के पंजाब की राजधानी पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। हरियाणा जो जमीन देने की बात कर रहा हैं। पंचकूला में उसी जमीन पर उसे अपनी विधानसभा बनानी चाहिए। पंजाब के तीन करोड़ लोग चंडीगढ़ में हरियाणा को जमीन देने का विरोध करते हैं। विरोधी झूठ बोल रहे हैं, हमने मुद्दा उठाया नॉर्थ जोन मीटिंग में इस चीज का विरोध न करने के आरोप में वित्त मंत्री ने कहा कि विरोधी दल झूठे आरोप लगा रहे हैं। हम अपना पक्ष रखकर आए थे। फेल तो शिरोमणि अकाली दल, भाजपा और कांग्रेस रही हैं। फेल तो वह भी हुए हैं। चंडीगढ़ पंजाब का है। जो भी लड़ाई लड़नी पड़ेगी वह हम लड़ेंगे। साथ ही कोर्ट जाना पड़ा तो भी पीछे नहीं हटेंगे। पंजाब के हक का हनन नहीं होने दिया जाएगा। बाजवा ने कहा कि पीएम इस मुद्दे पर आगे आएं चंडीगढ़ के मुद्दे पर पंजाब कांग्रेस के सीनियर नेता प्रताप सिंह बाजवा ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने चंडीगढ़ पर पंजाब के उचित दावे को स्वीकार करने और राज्य से किए गए लंबे समय से चले आ रहे वादों को पूरा करने का आह्वान किया है। बाजवा ने चिंता व्यक्त की है, कि इस तरह हरियाणा को जगह देने जैसा प्रत्येक कदम पंजाब से किए गए वादों की पवित्रता को खत्म कर रहा है और आपसी सम्मान की संघीय भावना को कमजोर कर रहा है। बाजवा ने लिखा है कि चंडीगढ़ को पंजाब की विशेष राजधानी के रूप में बहाल करना न केवल सद्भावना का संकेत होगा, बल्कि सम्मानित वादों और आपसी सम्मान के बंधन में विश्वास को भी नवीनीकृत करेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री मोदी इस मुद्दे पर आगे आएंगे और चंडीगढ़ पर पंजाब के विशेष अधिकारों को बहाल करके पंजाब की विरासत का सम्मान करेंगे। चंडीगढ़ से जुड़ी है पंजाब की गहरी भावनाएं भाजपा प्रधान सुनील जाखड़ ने कहा कि पंजाब की राजधानी के रूप में चंडीगढ़ न केवल एक भूमि क्षेत्र है, बल्कि इसके साथ पंजाब के लोगों की गहरी भावनाएं जुड़ी हुई हैं। पंजाब को अतीत में मिले घावों पर मरहम लगाने की कोशिश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाबियों के सामाजिक और धार्मिक उत्थान के लिए जो कदम उठाए हैं। उनके इन्हीं प्रयासों के तहत हरियाणा को चंडीगढ़ में अलग विधानसभा भवन के लिए 10 एकड़ जमीन दी गई है। पंजाब की आत्मीयता को ठेस पहुंचेगी। मेरा मानना है कि पंजाब और केंद्र के बीच मजबूत संबंध बनाए रखने के इस फैसले पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। चंडीगढ़ के मुद्दे पर पंजाब औ हरियाणा आमने सामने इस मुद्दे पर हरियाणा के मंत्री अनिल विज बोले- ‘‘पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान साहब कहते हैं कि चंडीगढ़ हमारा है, लेकिन चंडीगढ़ तुम्हारा तब है, जब तुम हिंदी भाषी क्षेत्र हरियाणा को स्थानांतरित कर दोगे, जब हमें सतलुज यमुना लिंक (SYL) का पानी दे दोगे, जब तक ये नहीं देते हो तब तक इसके ऊपर हमारा अधिकार है। हम चंडीगढ़ में तभी तक बैठे हुए हैं। क्योंकि जो दोनों राज्यों के बीच समझौता हुआ है, पंजाब उसे लागू ही नहीं कर रहा है, तो चंडीगढ़ किस प्रकार से तुम्हारा हुआ’। जबकि किरण चौधरी ने कहा- चंडीगढ़ यूनियन टेरिटरी है। यहां शुरू से हमारा 60:40 का रेश्यो था। हमें तो वह भी नहीं मिला। हमने चंडीगढ़ को 12 एकड़ जमीन दी है और उसकी एवज में 10 एकड़ में हमारी विधानसभा बन रही है। इसमें पंजाब और हरियाणा, दोनों की सीटें बढ़ेंगी। इस बिल्डिंग के अंदर काम नहीं हो सकता। उसके लिए फ्यूचर प्लानिंग की जा रही है। सुनील जाखड़ के बयान पर उन्होंने कहा कि उनकी राजनीतिक मजबूरी होगी। उन्हें पंजाब की बात करनी पड़ेगी। यह है सारा प्रस्ताव जुलाई 2022 में जयपुर में एनजेडसी की बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हरियाणा विधानसभा की नई बिल्डिंग के लिए चंडीगढ़ में जमीन देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। नई विधानसभा के लिए चंडीगढ़ की ओर से रेलवे स्टेशन से IT पार्क को जाने वाली सड़क के पास 10 एकड़ जमीन दी जा रही है। बदले में हरियाणा से 12 एकड़ जमीन ली जाएगी। मनसा देवी कॉम्प्लेक्स के पास जो 12 एकड़ जमीन है, वह ईको सेंसिटिव जोन में आती है। इस पर केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर बदलाव कर दिए हैं। चंडीगढ़ में हरियाणा की विधानसभा को जगह देने का मामला गर्माया हुआ है। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह की अगुआई में एक दल ने पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात की है। चीमा ने मुलाकात के बाद मीडिया से कहा कि, हमने चंडीगढ़ के मुद्दे को लेकर गवर्नर से मुलाकात की है। चंडीगढ़ पंजाब का है। चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी है। ऐसे में हरियाणा को न तो चंडीगढ़ में विधानसभा बनाने का हक है और नहीं अन्य इमारत का। जिस तरह इको सेंसटिव जोन काे हटा दिया गया है, वह उचित नहीं है। हरियाणा सरकार ने गवर्नर साहब के पास प्रपोजल भेजी है कि आप हमें 10 एकड़ जगह दो, हम आपको 12 एकड़ पंचकूला में देंगे। उन्होंने प्रपोजल में मकसद नहीं लिखा है। हालांकि उसका मकसद यही है कि यहां पर हरियाणा की विधानसभा बनाई जाए। हमने इस चीज के खिलाफ अपना प्रोटेस्ट दर्ज करवाया है। चंडीगढ़ पंजाब का है। हम एक भी इंच जमीन हरियाणा को देने को तैयार नहीं है। समझौते में साफ है कि चंडीगढ़ पंजाब का है वित्त मंत्री ने कहा कि हम अपना एक मेमोरेंड राज्यपाल को देकर आए हैं। उन्होंने उस एक्ट का भी हवाला दिया है, जब पंजाब और हरियाणा अलग हुए थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ जो संत लोंगेवाला का समझौता हुआ था, उसमें भी साफ कहा गया था कि चंडीगढ़ पंजाब का है और पंजाब को ही मिलेगा। जबकि पंजाब में पहले चाहे वह कांग्रेस हो या अकाली दल और बीजेपी की सरकार रही हो। यह दल लोगों के बीच तो चंडीगढ़ के बारे में बोलते रहते हैं। लेकिन इस मामले को कभी केंद्र के समक्ष नहीं उठाया। इस मामले में पर राजनीति की जाती रही है। उन्होंने कहा राज्यपाल ने विश्वास दिलाया है कि कोई भी फैसला लेने से पहले सारी चीजों पर विचार करूंगा। हमने कई डॉक्यूमेंट उन्हें सौंपे हैं। पंचकूला में हरियाणा बनाए विधानसभा हरपाल सिंह चीमा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि पंजाब भाईचारे के लिए जाना जाता है। पंजाब गुरुओं पीरों की धरती है। देश के लिए सबसे ज्यादा कुर्बानियां पंजाब ने दी हैं। देश को बचाने के लिए हम एक दीवार की तरह खड़े हैं। जब हम हरियाणा से अलग हुए थे। तो तय हुआ था कि हरियाणा अपनी विधानसभा बनाएगा। 60 साल बाद के पंजाब की राजधानी पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। हरियाणा जो जमीन देने की बात कर रहा हैं। पंचकूला में उसी जमीन पर उसे अपनी विधानसभा बनानी चाहिए। पंजाब के तीन करोड़ लोग चंडीगढ़ में हरियाणा को जमीन देने का विरोध करते हैं। विरोधी झूठ बोल रहे हैं, हमने मुद्दा उठाया नॉर्थ जोन मीटिंग में इस चीज का विरोध न करने के आरोप में वित्त मंत्री ने कहा कि विरोधी दल झूठे आरोप लगा रहे हैं। हम अपना पक्ष रखकर आए थे। फेल तो शिरोमणि अकाली दल, भाजपा और कांग्रेस रही हैं। फेल तो वह भी हुए हैं। चंडीगढ़ पंजाब का है। जो भी लड़ाई लड़नी पड़ेगी वह हम लड़ेंगे। साथ ही कोर्ट जाना पड़ा तो भी पीछे नहीं हटेंगे। पंजाब के हक का हनन नहीं होने दिया जाएगा। बाजवा ने कहा कि पीएम इस मुद्दे पर आगे आएं चंडीगढ़ के मुद्दे पर पंजाब कांग्रेस के सीनियर नेता प्रताप सिंह बाजवा ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने चंडीगढ़ पर पंजाब के उचित दावे को स्वीकार करने और राज्य से किए गए लंबे समय से चले आ रहे वादों को पूरा करने का आह्वान किया है। बाजवा ने चिंता व्यक्त की है, कि इस तरह हरियाणा को जगह देने जैसा प्रत्येक कदम पंजाब से किए गए वादों की पवित्रता को खत्म कर रहा है और आपसी सम्मान की संघीय भावना को कमजोर कर रहा है। बाजवा ने लिखा है कि चंडीगढ़ को पंजाब की विशेष राजधानी के रूप में बहाल करना न केवल सद्भावना का संकेत होगा, बल्कि सम्मानित वादों और आपसी सम्मान के बंधन में विश्वास को भी नवीनीकृत करेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री मोदी इस मुद्दे पर आगे आएंगे और चंडीगढ़ पर पंजाब के विशेष अधिकारों को बहाल करके पंजाब की विरासत का सम्मान करेंगे। चंडीगढ़ से जुड़ी है पंजाब की गहरी भावनाएं भाजपा प्रधान सुनील जाखड़ ने कहा कि पंजाब की राजधानी के रूप में चंडीगढ़ न केवल एक भूमि क्षेत्र है, बल्कि इसके साथ पंजाब के लोगों की गहरी भावनाएं जुड़ी हुई हैं। पंजाब को अतीत में मिले घावों पर मरहम लगाने की कोशिश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाबियों के सामाजिक और धार्मिक उत्थान के लिए जो कदम उठाए हैं। उनके इन्हीं प्रयासों के तहत हरियाणा को चंडीगढ़ में अलग विधानसभा भवन के लिए 10 एकड़ जमीन दी गई है। पंजाब की आत्मीयता को ठेस पहुंचेगी। मेरा मानना है कि पंजाब और केंद्र के बीच मजबूत संबंध बनाए रखने के इस फैसले पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। चंडीगढ़ के मुद्दे पर पंजाब औ हरियाणा आमने सामने इस मुद्दे पर हरियाणा के मंत्री अनिल विज बोले- ‘‘पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान साहब कहते हैं कि चंडीगढ़ हमारा है, लेकिन चंडीगढ़ तुम्हारा तब है, जब तुम हिंदी भाषी क्षेत्र हरियाणा को स्थानांतरित कर दोगे, जब हमें सतलुज यमुना लिंक (SYL) का पानी दे दोगे, जब तक ये नहीं देते हो तब तक इसके ऊपर हमारा अधिकार है। हम चंडीगढ़ में तभी तक बैठे हुए हैं। क्योंकि जो दोनों राज्यों के बीच समझौता हुआ है, पंजाब उसे लागू ही नहीं कर रहा है, तो चंडीगढ़ किस प्रकार से तुम्हारा हुआ’। जबकि किरण चौधरी ने कहा- चंडीगढ़ यूनियन टेरिटरी है। यहां शुरू से हमारा 60:40 का रेश्यो था। हमें तो वह भी नहीं मिला। हमने चंडीगढ़ को 12 एकड़ जमीन दी है और उसकी एवज में 10 एकड़ में हमारी विधानसभा बन रही है। इसमें पंजाब और हरियाणा, दोनों की सीटें बढ़ेंगी। इस बिल्डिंग के अंदर काम नहीं हो सकता। उसके लिए फ्यूचर प्लानिंग की जा रही है। सुनील जाखड़ के बयान पर उन्होंने कहा कि उनकी राजनीतिक मजबूरी होगी। उन्हें पंजाब की बात करनी पड़ेगी। यह है सारा प्रस्ताव जुलाई 2022 में जयपुर में एनजेडसी की बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हरियाणा विधानसभा की नई बिल्डिंग के लिए चंडीगढ़ में जमीन देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। नई विधानसभा के लिए चंडीगढ़ की ओर से रेलवे स्टेशन से IT पार्क को जाने वाली सड़क के पास 10 एकड़ जमीन दी जा रही है। बदले में हरियाणा से 12 एकड़ जमीन ली जाएगी। मनसा देवी कॉम्प्लेक्स के पास जो 12 एकड़ जमीन है, वह ईको सेंसिटिव जोन में आती है। इस पर केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर बदलाव कर दिए हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में घुसा जंगली कुत्ता:घरों की छत पर टहल रहा, दहशत में लोग घरों में दुबके; प्रशासन-वन विभाग की टीम नहीं पहुंची
हरियाणा में घुसा जंगली कुत्ता:घरों की छत पर टहल रहा, दहशत में लोग घरों में दुबके; प्रशासन-वन विभाग की टीम नहीं पहुंची हरियाणा में पानीपत के एक गांव में जंगली कुत्ता घुस गया है। इससे गांव में दहशत बनी हुई है। लोगों ने बच्चों को घर में कैद कर लिया। वहीं रात के वक्त लोग घरों से बाहर जाने से डर रहे हैं। यहां तक कि रात को किसान खेतों में जाने से भी परहेज कर रहे हैं। गांव में यह कुत्ता रात के समय लोगों के घर की छतों पर टहल रहा है। इस दौरान इसका वीडियो भी बनाया गया। वन्य जीव माहिरों के मुताबिक लक्कड़बग्घे के बाद यह दूसरा खतरनाक जानवर है। जो पशुओं और इंसानों पर भी हमला कर देता है। इस बारे में ग्रामीणों ने पुलिस की डायल 112 और थाने में भी सूचना दी। जिसके बाद प्रदेश का गुप्तचर विभाग यानी CID ने भी गांव पहुंचकर इसकी जानकारी जुटाई। हालांकि वन्य जीव विभाग और जिला प्रशासन की तरफ से कोई गांव में नहीं आया। 4 रात से लगातार दिख रहा कुत्ता
गांव वैसर के सरपंच जितेंद्र कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि ये जंगली कुत्ता पिछले करीब 4 दिन से दिख रहा है। बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी ने इसे देखा, जिससे सब दहशत में हैं। हालांकि गनीमत रही कि इसने किसी पर भी हमला नहीं किया। हालांकि सावधानी बरतते हुए लोगों और खासकर बच्चों को रात के वक्त घर के अंदर रहने को कहा गया है। 2 लोगों की छत पर घूमता हुआ दिखा
सरपंच ने बताया कि यह जंगली कुत्ता हमेशा रात के समय में ही दिखता है। यह हमेशा ही घरों की छतों पर दिखा। यह कुत्ता सबसे पहले गांव निवासी कुलदीप की छत पर रात करीब साढ़े 10 बजे दिखाई दिया था। अगली रात यह ईश्वर के घर की छत पर करीब साढ़े 12 बजे दिखाई दिया। फिर तीसरी रात यह किसी दूसरे ग्रामीण की छत पर बच्चों ने देखा था। बीती रात यह फिर से ईश्वर के घर की छत पर दिखाई दिया। जिस दौरान इसकी वीडियो बना ली। प्रशासन पकड़े ताकि किसी को शिकार न बनाए
सरपंच ने कहा कि जंगली कुत्ते के घूमने को लेकर गांव में दहशत का माहौल है। खासकर अब वीडियो सामने आने के बाद सभी लोग चिंता में है कि कहीं उन पर हमला न कर दे। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि इस जंगली कुत्ते काे जल्द से जल्द पकड़कर यहां से हटाए जाए, ताकि वह किसी को अपना शिकार न बना सके। झुंड में रहते जंगली कुत्ते, अलग होने पर डरे हुए दिखते है
वन्य जीव एक्सपर्ट्स के मुताबिक जंगली कुत्ते कुशल शिकारी होते हैं जो अपने शिकार को पकड़ने के लिए मिलकर काम करते हैं। वे विभिन्न प्रकार की आवाज़ों के जरिए एक-दूसरे से तालमेल करते हैं, जैसे कि चिल्लाना, गुर्राना और कराहना। वे एक घेरे में इकट्ठा होते हैं और शिकार पर निकलने से पहले आवाज निकालते हैं। झुंड से कोई भी कुत्ता अलग हो जाता है तो वह बचने के लिए डरा-सहमा दिखाई देता है। मगर, इसको हल्के में नहीं लेना चाहिए। जंगली कुत्ते के दांत कुत्तों की तुलना में अनोखे होते हैं। इनके दांत लंबे और नुकीले होते हैं, जिससे वे अपने शिकार को पकड़कर फाड़ सकते हैं। उनका पाचन तंत्र भी मांस खाने के लिए विशेष होता है, जिसमें छोटी आंत और शक्तिशाली पेट होता है जो हड्डियों और मांस को आसानी से पचा सकता है। जंगली कुत्ते अपनी सहनशक्ति के लिए जाने जाते हैं और अपने शिकार को थका देने के लिए लंबी दूरी तक दौड़ सकते हैं।
हरियाणा में राज्यसभा सीट के लिए आज से नामांकन:BJP-कांग्रेस ने नहीं की उम्मीदवारों की घोषणा; सत्ता पक्ष-विपक्ष के पास बराबर विधायक
हरियाणा में राज्यसभा सीट के लिए आज से नामांकन:BJP-कांग्रेस ने नहीं की उम्मीदवारों की घोषणा; सत्ता पक्ष-विपक्ष के पास बराबर विधायक हरियाणा के रोहतक लोकसभा सीट से दीपेंद्र हुड्डा के सांसद बनने के बाद खाली हुई राज्यसभा सीट के लिए आज से नामांकन शुरू हो चुके हैं। हालांकि इस सीट के लिए अभी तक भाजपा और कांग्रेस ने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। इस सीट पर वोटिंग के लिए सत्ता पक्ष यानी भाजपा और विपक्ष के पास अभी विधायकों की संख्या बराबर है, लेकिन विपक्ष को इस चुनाव में क्रॉस वोटिंग का डर है। इसकी वजह यह है कि तोशाम से विधायक किरण चौधरी भाजपा में शामिल हो चुकी हैं, लेकिन विधानसभा रिकॉर्ड के अनुसार वह अभी कांग्रेस की विधायक हैं। हालांकि कांग्रेस की ओर से उनकी सदस्यता रद्द करने के लिए दल बदल कानून के तहत स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के यहां एक याचिका लगाई गई है, लेकिन अभी तक इस याचिका का निस्तारण नहीं किया जा सका है। हरियाणा में राज्यसभा के लिए 5 सीट हैं। कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा सांसद बनने के बाद राज्यसभा सीट खाली हुई थी। दीपेंद्र हुड्डा का राज्यसभा का कार्यकाल अप्रैल 2026 तक था। चूंकि उनका शेष कार्यकाल एक वर्ष से अधिक है, इसलिए भारतीय निर्वाचन आयोग इस सीट पर उपचुनाव करा रहा है। ECI ने ये जारी किया है उप चुनाव के लिए शेड्यूल ECI की ओर से उप चुनाव के लिए तैयारी पूरी कर ली गई हैं। उप चुनाव कराने के लिए आईएएस साकेत कुमार को रिटर्निंग (RO) नियुक्त किया गया है। 21 अगस्त नामांकन की लास्ट डेट रखी गई है, 27 अगस्त को प्रत्याशी नाम वापस ले सकेंगे। 3 सितंबर को वोटिंग होगी। 3 सितंबर को राज्यसभा सीट के लिए वोट डाले जाएंगे। वोटिंग सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक चलेगी। 8 घंटे वोटिंग के बाद उसी दिन रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा। 4 जून को खाली हो गई थी सीट हरियाणा के कानूनी विश्लेषकों का कहना है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम (RP Act), 1951 की धारा 69 (2) के तहत यदि कोई व्यक्ति जो पहले से राज्यसभा का सदस्य है और वह लोकसभा का सदस्य निर्वाचित हो जाता है तो राज्यसभा में उस व्यक्ति की सीट सांसद चुने जाने की तारीख से ही खाली हो जाती है। इसलिए 4 जून से ही दीपेंद्र हुड्डा राज्यसभा के सदस्य नहीं माने जाएंगे। विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक बराबर राज्यसभा के चुनाव में अगर विपक्षी एकजुट हुए तो भाजपा को मुश्किल हो सकती है। भाजपा के पास इस वक्त 41 विधायक हैं। इसकी सहयोगी हलोपा 1 और एक निर्दलीय मिलाकर 43 विधायकों का सीधा समर्थन है। हालांकि कांग्रेस को छोड़कर आई तोशाम से विधायक किरण चौधरी भी भाजपा में हैं। वह भी भाजपा के पक्ष में ही वोटिंग करेंगी।यह वह तब कर पाएंगी जब विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता कांग्रेस की याचिका पर उनके खिलाफ दलबदल कानूनी की कार्यवाही नहीं करते।वहीं विपक्ष में कांग्रेस के पास अभी 28 (किरण चौधरी को छोड़कर), जजपा के 10, INLD 1 और 4 निर्दलीय यानी कुल 43 विधायक हैं। विधानसभा में अभी सत्ता पक्ष और विपक्ष की स्थिति एक जैसी ही है। क्रॉस वोटिंग से जीत सकती है भाजपा अगर चुनाव में क्रॉस वोटिंग हुई तो भाजपा जीत सकती है। जजपा के 2 विधायक जोगीराम सिहाग और रामनिवास सुरजाखेड़ा ने खुलकर लोकसभा चुनाव में भाजपा की मदद की। चुनाव के बाद वे सीएम नायब सैनी से भी मिले। राज्यसभा चुनाव में भाजपा को उनसे समर्थन की उम्मीद रहेगी। इसके अलावा पूर्व सीएम और अब केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर भी कई बार कह चुके हैं कि कांग्रेस के विधायक ही एकजुट नहीं हैं। वहीं कांग्रेस विधायकों में भी गुटबाजी है। ऐसे में भाजपा को कांग्रेस से भी क्रॉस वोटिंग का भरोसा रहेगा।
हरियाणा के मंत्री का विवादित बयान:जेपी दलाल बोले-अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो 6 महीनें नहीं पकड़ने देंगे; किसानों पर भी विवादित टिप्पणी कर चुके
हरियाणा के मंत्री का विवादित बयान:जेपी दलाल बोले-अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो 6 महीनें नहीं पकड़ने देंगे; किसानों पर भी विवादित टिप्पणी कर चुके हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री नायब सैनी की सरकार में वित्त मंत्री जेपी दलाल ने विवादित बयान देते हुए खुद के शीर्ष नेतृत्व को ही कटघरे में खड़ा कर कहा कि अगर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो उसे 6 महीनें भी नहीं पकड़ने देंगे। वे मंगलवार को भिवानी जिले में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। जेपी दलाल ने कहा-प्रदेश में एक शोर मच रहा है भाई प्रदेश में कांग्रेस आएगी। अरे खस्मों (भाईयों) ये इतना (लोकसभा चुनाव में) रोला कर रखा था जब भी आधी-आधी हो गई 44-42 है। मैं तो बुरी से बुरी कहता हूं। अगर भगवान रुस गया, या फिर उक-चूक रह गई तो हमारे दिल्ली वाले छठां महीना नहीं पकड़ने देते। जेपी दलाल का कहना है कि अगर सरकार बन भी गई तो हमारा शीर्ष नेतृत्व छह महीनें भी उन्हें नहीं चलने देंगे। किसानों पर विवादित टिप्पणी कर चुके बता दें कि 2019 में लोहारू विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक चुने गए जेपी दलाल पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल के करीबी है। मनोहर लाल की सरकार में वह कृषि मंत्री बनाए गए थे, लेकिन मार्च 2024 में मनोहर लाल को हटाकर नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद भी उनका कद कमजोर नहीं हुआ। मनोहर लाल से नजदीकियों के कारण ही जेपी दलाल को नायब सैनी की कैबिनेट में प्रमोशन देते हुए वित्त मंत्री बनाया गया। पिछले साल जेपी दलाल ने किसानों को लेकर भी विवादित टिप्पणी की थी। नवंबर 2023 में जेपी दलाल ने कहा था-जिनकी घरवाली तक उनकी बात नहीं सुनती, उन्होंने किसानों का ठेका ले रहा है। वो सबकों जानते है किसी पर पांच तो किसी पर तीन मुकदमें दर्ज है वो उल्टे-उल्टे काम कर रहे है। अब मैं बोलूंगा तो कहेंगे कि उल्टा बोलता है। कुछ लोग मेरे पास गए थे। उन्होंने कहा कि हमें अपने साथ मिला लो मैंने साफ तौर पर कह दिया कि मैं तुम्हें अपने साथ नहीं लेने वाला क्योंकि मैं बोले बिना नहीं रहता। क्योंकि मैं अगर किसानों को गुमराह करने वाले, उनका शोषण करने वाले, किसानों को थाना तहसील करने वालों के सामने झुक गया तो मेरी राजनीति का मकसद ही खत्म हो जाएगा। प्रदेश में चुनावी माहौल गर्म दरअसल, इस बार प्रदेश में एक महीनें पहले विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। एक अक्टूबर को वोटिंग होनी है। प्रदेश में लगातार दो बार से बीजेपी की सरकार है। बीजेपी लगातार जीत की हैट्रिक लगाने के लिए तमाम कोशिशें कर रही है। तीन महीनें पहले आए लोकसभा चुनाव परिणाम बीजेपी की उम्मीद के अनुरूप नहीं आए। प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों में से 5 सीटों पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा। यही कारण है कि बीजेपी को विधानसभा चुनाव में खतरा नजर आ रहा है।