लुधियाना निवासी राज सरीन ने वर्ष 2016 में पोर्श कार की रूफ कनवर्टेबल नाइट ब्लू रंग की कार बुक करवाई थी। इसके लिए उन्होंने गुरुग्राम स्थित पोर्श डीलर, जैनिका परफॉर्मेंस कार प्राइवेट लिमिटेड को 10 लाख रुपए एडवांस भुगतान किया था। लेकिन डीलर ने बुक किए गए मॉडल और रंग की बजाय दूसरा मॉडल डिलीवर कर दिया। ग्राहक ने डिलीवरी लेने से किया इनकार
राज सरीन ने गलत कार लेने से इनकार करते हुए बार-बार बुक किए गए मॉडल की मांग की। उन्होंने शेष भुगतान करने की पेशकश भी की, लेकिन डीलर और कंपनी ने सही मॉडल उपलब्ध नहीं करवाया। इस पर राज सरीन ने डीलर और पोर्श कंपनी के खिलाफ लुधियाना जिला उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज करवाई। जिला आयोग ने सुनाया ग्राहक के पक्ष में फैसला
27 जून 2022 को जिला उपभोक्ता आयोग ने राज सरीन के पक्ष में फैसला सुनाया। आयोग ने डीलर को 10 लाख रुपए की राशि 8 प्रतिशत ब्याज सहित लौटाने और ग्राहक को मुआवजा देने के आदेश दिए। स्टेट कंज्यूमर कमीशन ने भी अपील खारिज की
पोर्श कंपनी ने इस फैसले को स्टेट कंज्यूमर कमीशन में चुनौती दी, जिसमें तर्क दिया गया कि पोर्श केवल कार बनाती है, बेचती नहीं। इसलिए डिलीवरी की जिम्मेदारी डीलर की है और कंपनी को मामले से अलग रखा जाना चाहिए। लेकिन जस्टिस दया चौधरी की अध्यक्षता में गठित बेंच, जिसमें सिमरजीत कौर और विषयकांत गर्ग भी शामिल थे, ने यह अपील खारिज कर दी। लुधियाना निवासी राज सरीन ने वर्ष 2016 में पोर्श कार की रूफ कनवर्टेबल नाइट ब्लू रंग की कार बुक करवाई थी। इसके लिए उन्होंने गुरुग्राम स्थित पोर्श डीलर, जैनिका परफॉर्मेंस कार प्राइवेट लिमिटेड को 10 लाख रुपए एडवांस भुगतान किया था। लेकिन डीलर ने बुक किए गए मॉडल और रंग की बजाय दूसरा मॉडल डिलीवर कर दिया। ग्राहक ने डिलीवरी लेने से किया इनकार
राज सरीन ने गलत कार लेने से इनकार करते हुए बार-बार बुक किए गए मॉडल की मांग की। उन्होंने शेष भुगतान करने की पेशकश भी की, लेकिन डीलर और कंपनी ने सही मॉडल उपलब्ध नहीं करवाया। इस पर राज सरीन ने डीलर और पोर्श कंपनी के खिलाफ लुधियाना जिला उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज करवाई। जिला आयोग ने सुनाया ग्राहक के पक्ष में फैसला
27 जून 2022 को जिला उपभोक्ता आयोग ने राज सरीन के पक्ष में फैसला सुनाया। आयोग ने डीलर को 10 लाख रुपए की राशि 8 प्रतिशत ब्याज सहित लौटाने और ग्राहक को मुआवजा देने के आदेश दिए। स्टेट कंज्यूमर कमीशन ने भी अपील खारिज की
पोर्श कंपनी ने इस फैसले को स्टेट कंज्यूमर कमीशन में चुनौती दी, जिसमें तर्क दिया गया कि पोर्श केवल कार बनाती है, बेचती नहीं। इसलिए डिलीवरी की जिम्मेदारी डीलर की है और कंपनी को मामले से अलग रखा जाना चाहिए। लेकिन जस्टिस दया चौधरी की अध्यक्षता में गठित बेंच, जिसमें सिमरजीत कौर और विषयकांत गर्ग भी शामिल थे, ने यह अपील खारिज कर दी। पंजाब | दैनिक भास्कर