हिमाचल प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) देहरा ने 10 दिसंबर 2024 को एक विशाल प्रदर्शन की घोषणा की है। इस प्रदर्शन की तैयारियों का जायजा लेने के लिए जसवां प्रागपुर के विधायक और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने भाजपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि राज्य में भय, भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद का माहौल है। बिक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपनी झूठी गारंटियों से प्रदेश की जनता को भ्रमित किया है। आज हर वर्ग अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। सरकार केवल अपने कुछ मित्रों तक सीमित है और जनता की समस्याओं की अनदेखी कर रही है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए जुट जाने का आह्वान किया। भाजपा जिला अध्यक्ष ने दी प्रदर्शन की जानकारी इस अवसर पर भाजपा संगठनात्मक देहरा के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने प्रदर्शन की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह धरना-प्रदर्शन 10 दिसंबर को सुबह 10:30 बजे शुरू होगा। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा, पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर और रविंद्र सिंह रवि भी कार्यक्रम में शामिल होकर मार्गदर्शन देंगे। संजीव शर्मा ने बताया कि संगठनात्मक जिला देहरा के तीनों मंडल, जसवां प्रागपुर, ज्वालाजी, और देहरा मंडल के सैकड़ों कार्यकर्ता प्रदर्शन में भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शन कांग्रेस सरकार के कुशासन के खिलाफ जनता की आवाज को बुलंद करेगा। सरकार पर लगाए गंभीर आरोप बैठक में भाजपा नेताओं ने कांग्रेस सरकार पर जनता की अनदेखी करने और केवल सत्ता के लालच में निर्णय लेने के आरोप लगाए। विक्रम ठाकुर ने कहा कि जनता ने सरकार से जिन वादों को पूरा करने की उम्मीद की थी, वे अब झूठ साबित हो रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार का शासन केवल अपने करीबी लोगों के हितों तक सिमटा हुआ है। भाजपा ने किया प्रदर्शन में भाग लेने का आह्वान बैठक में भाजपा नेताओं ने प्रदेश के हर वर्ग से प्रदर्शन में भाग लेने और सरकार के खिलाफ अपनी आवाज उठाने की अपील की। पार्टी ने कहा कि यह प्रदर्शन न केवल कांग्रेस सरकार की विफलताओं को उजागर करेगा, बल्कि जनता की समस्याओं और हक की लड़ाई को भी बल देगा। प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास भाजपा कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि 10 दिसंबर का यह प्रदर्शन एक ऐतिहासिक आयोजन होगा। जो प्रदेश की राजनीति को नई दिशा देगा। कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। भाजपा का यह प्रदर्शन प्रदेश में सरकार के खिलाफ बढ़ते असंतोष को मुखर रूप देने की कोशिश है। अब देखना होगा कि 10 दिसंबर को यह आयोजन कितनी सफलतापूर्वक जनता की भावनाओं को आवाज दे पाता है। स्थानीय नेताओं की उपस्थिति इस बैठक में नगर परिषद देहरा की अध्यक्ष सुनीता कुमारी, उपाध्यक्ष मलकीत परमार, मंडल देहरा के अध्यक्ष निर्मल ठाकुर, मंडल महामंत्री रंजीत गुलेरिया, जिला भाजपा प्रवक्ता नितिन ठाकुर, प्रदेश किसान मोर्चा के सदस्य सुक्रित सागर, युवा मोर्चा अध्यक्ष रजनीकांत, और वरिष्ठ भाजपा नेता सुरेंद्र ठाकुर एवं वीरेंद्र मनकोटिया समेत कई प्रमुख कार्यकर्ता मौजूद रहे। हिमाचल प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) देहरा ने 10 दिसंबर 2024 को एक विशाल प्रदर्शन की घोषणा की है। इस प्रदर्शन की तैयारियों का जायजा लेने के लिए जसवां प्रागपुर के विधायक और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने भाजपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि राज्य में भय, भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद का माहौल है। बिक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपनी झूठी गारंटियों से प्रदेश की जनता को भ्रमित किया है। आज हर वर्ग अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। सरकार केवल अपने कुछ मित्रों तक सीमित है और जनता की समस्याओं की अनदेखी कर रही है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए जुट जाने का आह्वान किया। भाजपा जिला अध्यक्ष ने दी प्रदर्शन की जानकारी इस अवसर पर भाजपा संगठनात्मक देहरा के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने प्रदर्शन की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह धरना-प्रदर्शन 10 दिसंबर को सुबह 10:30 बजे शुरू होगा। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा, पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर और रविंद्र सिंह रवि भी कार्यक्रम में शामिल होकर मार्गदर्शन देंगे। संजीव शर्मा ने बताया कि संगठनात्मक जिला देहरा के तीनों मंडल, जसवां प्रागपुर, ज्वालाजी, और देहरा मंडल के सैकड़ों कार्यकर्ता प्रदर्शन में भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शन कांग्रेस सरकार के कुशासन के खिलाफ जनता की आवाज को बुलंद करेगा। सरकार पर लगाए गंभीर आरोप बैठक में भाजपा नेताओं ने कांग्रेस सरकार पर जनता की अनदेखी करने और केवल सत्ता के लालच में निर्णय लेने के आरोप लगाए। विक्रम ठाकुर ने कहा कि जनता ने सरकार से जिन वादों को पूरा करने की उम्मीद की थी, वे अब झूठ साबित हो रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार का शासन केवल अपने करीबी लोगों के हितों तक सिमटा हुआ है। भाजपा ने किया प्रदर्शन में भाग लेने का आह्वान बैठक में भाजपा नेताओं ने प्रदेश के हर वर्ग से प्रदर्शन में भाग लेने और सरकार के खिलाफ अपनी आवाज उठाने की अपील की। पार्टी ने कहा कि यह प्रदर्शन न केवल कांग्रेस सरकार की विफलताओं को उजागर करेगा, बल्कि जनता की समस्याओं और हक की लड़ाई को भी बल देगा। प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास भाजपा कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि 10 दिसंबर का यह प्रदर्शन एक ऐतिहासिक आयोजन होगा। जो प्रदेश की राजनीति को नई दिशा देगा। कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। भाजपा का यह प्रदर्शन प्रदेश में सरकार के खिलाफ बढ़ते असंतोष को मुखर रूप देने की कोशिश है। अब देखना होगा कि 10 दिसंबर को यह आयोजन कितनी सफलतापूर्वक जनता की भावनाओं को आवाज दे पाता है। स्थानीय नेताओं की उपस्थिति इस बैठक में नगर परिषद देहरा की अध्यक्ष सुनीता कुमारी, उपाध्यक्ष मलकीत परमार, मंडल देहरा के अध्यक्ष निर्मल ठाकुर, मंडल महामंत्री रंजीत गुलेरिया, जिला भाजपा प्रवक्ता नितिन ठाकुर, प्रदेश किसान मोर्चा के सदस्य सुक्रित सागर, युवा मोर्चा अध्यक्ष रजनीकांत, और वरिष्ठ भाजपा नेता सुरेंद्र ठाकुर एवं वीरेंद्र मनकोटिया समेत कई प्रमुख कार्यकर्ता मौजूद रहे। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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सुजानपुर में राणा, गगरेट में चैतन्य हार रहे:EVM काउंटिंग में कांग्रेस के रणजीत 2174 मतों से आगे, लाहौल-स्पीति में अनुराधा जीत के करीब हिमाचल की सुजानपुर विधानसभा सीट पर दिग्गज नेता एवं BJP उम्मीदवार राजेंद्र राणा उप चुनाव हारने जा रहे हैं। उधर, लाहौल-स्पीति में कांग्रेस के बागी एवं BJP कैंडिडेट रवि ठाकुर और निर्दलीय रामलाल मारकंडा, गगरेट सीट पर बीजेपी के चैतन्य शर्मा भी हार के कगार पर हैं। वहीं बड़सर सीट पर कांग्रेस के बागी व बीजेपी प्रत्याशी इंद्रदत्त लखनपाल चुनाव जीतने जा रहे है। लाहौल-स्पीति में कांग्रेस की अनुराधा राणा 1786 वोटों से आगे हैं। गगरेट में कांग्रेस के राकेश कालिया 7970 वोटों के अंतर से चैतन्य से आगे चल रहे हैं। इन तीनों सीटों पर अब पोस्टल बैलेट की गणना बाकी और फाइनल घोषणा का इंतजार है। सुजानपुर में राजेंद्र राणा को 2174 मतों के अंतर से पीछे चल रहे हैं। कैप्टन रणजीत को ईवीएम में 28577 वोट और राजेंद्र राणा को 26403 मत मिले। राजेंद्र राणा ने हिमाचल की सत्तारूढ़ कांग्रेस के राज्यसभा में प्रत्याशी के खिलाफ वोट करके पार्टी से बगावत की थी और बीते 23 मार्च को उन्होंने दिल्ली में बीजेपी का दामन थामा। 26 मार्च को बीजेपी ने राणा समेत कांग्रेस के छह बागी विधायकों को टिकट दिया। अब राजेंद्र राणा सुजानपुर सीट से विधानसभा उप चुनाव हार गए हैं। राणा को प्रेम कुमार धूमल के हनुमान माने जाने वाले कैप्टन रणजीत सिंह ने हराया है। बता दें कि राजेंद्र राणा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से मुख्यमंत्री चेहरा एवं दो बार के पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल को चुनाव हराया था। इस बार राणा खुद चुनाव हारने जा रहे है। मुख्यमंत्री सुक्खू निरंतर राणा पर हमलावर थे और सुधीर शर्मा व राणा को बिके हुए विधायकों का निरंतर सरगना बोल रहे थे। प्रदेश की चार अन्य विधानसभा सीटों पर भी काउंटिंग जारी है। बड़सर में बीजेपी के इंद्रदत्त लखनपाल, धर्मशाला में भी बीजेपी के सुधीर शर्मा और कुटलैहड़ में भी कांग्रेस के विवेक शर्मा बढ़त बनाए हुए है। इन छह सीटों पर उप चुनाव में कुल 4,54,926 मतदाताओं में से 3,29,240 (76.89%) ने वोट दिया है। इनमें 32,089 पुरुष, 35,337 पुरुष और एक थर्ड जेंडर का मतदाता शामिल है।कुटलैहड़ में सबसे ज्यादा 67427 (76.20%) फीसदी और धर्मशाला में सबसे कम 60981 (71.2%) मतदाताओं ने वोट डाला है। बड़सर विधानसभा में 62695 (71.69%), लाहौल स्पीति में 18977 (75.09%), गगरेट में 63359 (75.14%) और सुजानपुर में 55800 (73.76%) प्रतिशत लोगों ने अपना वोट डाला। लाहौल स्पीति में त्रिकोणीय मुकाबला लाहौल-स्पीति विधानसभा में कांग्रेस की अनुराधा राणा, बीजेपी रवि ठाकुर और भाजपा के बागी निर्दलीय राम लाल मारकंडा में टक्कर है। धर्मशाला में बीजेपी के बागी चौधरी धर्मशाला सीट पर बीजेपी सुधीर शर्मा, कांग्रेस के देवेंद्र जग्गी और निर्दलीय राकेश चौधरी के बीच मुकाबला है। इन तीनों के अलावा यहां सतीश कुमार भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। कुटलैहड़ में 4 दावेदार कुटलैहड़ में कांग्रेस के विवेक शर्मा, भाजपा के देवेंद्र कुमार भुट्टो, निर्दलीय चंचल सिंह और निर्दलीय राजीव शर्मा चुनावी मैदान में है। यहां देवेंद्र भुट्टो और विवेक शर्मा में मुख्य मुकाबला है। गगरेट में पांच दावेदार गगरेट में कांग्रेस के राकेश कालिया, बीजेपी के चैतन्य शर्मा, निर्दलीय मनोहर लाल शर्मा, निर्दलीय अमित वशिष्ट और निर्दलीय अशोक सोंखला चुनाव लड़ रहे हैं। यहां पर राकेश कालिया और चैतन्य शर्मा में सीधी टक्कर है। बड़सर में तीन दावेदार कांग्रेस के सुभाष चंद ढटवालिया, बीजेपी के इंद्र दत्त लखनपाल और निर्दलीय विशाल शर्मा तीन दावेदार है। यहां पर भी सुभाष और लखनपाल के बीच मुख्य मुकाबला है। इनका भाग्य आज ईवीएम में कैद हो गया। 15 महीने में इसलिए आई उप चुनाव की नौबत इन छह सीटों पर 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के ही विधायक चुने गए थे। मगर इन्होंने राज्यसभा चुनाव में पहले बीजेपी प्रत्याशी के लिए वोट दिया। इसके बाद विधानसभा में पार्टी के व्हिप का उलंघन किया। इसके दोषी पाए जाने पर स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इन्हें अयोग्य घोषित किया। इसके बाद बागी विधायक सुप्रीम कोर्ट भी गए। मगर कोर्ट का रुख देखते हुए इन्होंने खुद ही याचिका वापस लेने का निर्णय लिया। इसके बाद बीते 16 मार्च को केंद्रीय चुनाव आयोग ने छह सीटों पर उप चुनाव का ऐलान किया।
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हिमाचल CM 5 दिन शिमला में नहीं मिलेंगे:मुख्यमंत्री सुक्खू और प्रतिभा सिंह आज दिल्ली जाएंगे, कल बेंगलुरु में होने वाली CWC में शामिल होंगे हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अगले 5 दिन तक शिमला में नहीं मिलेंगे। मुख्यमंत्री सुक्खू आज शिमला से दिल्ली रवाना होंगे और रात में दिल्ली में रुकंगे। दिल्ली से वह कल बेंगलुरु के लिए उड़ेंगे और दोपहर बाद बेंगलुरु में होने वाली कांग्रेस वर्किंग कमेटी मीटिंग (CWC) में शामिल होंगे। CM सुक्खू 27 दिसंबर को बेंगलुरु में कांग्रेस पार्टी की रैली में शामिल होंगे। सीएम उसी दिन वापस दिल्ली लौटेंगे। मुख्यमंत्री सुक्खू 28 दिसंबर को दिल्ली में ही रुकेंगे। इस दिन वह केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर सकते हैं। 29 दिसंबर को वह वापस शिमला लौटेंगे। बता दें कि कर्नाटक के बेलगांम गांव में 1924 में एक अधिवेशन हुआ था। इसमें ही महात्मा गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया। इस अधिवेशन की एक शताब्दी के मौके पर कांग्रेस पार्टी कल CWC और परसो कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में बड़ी रैली करने जा रही है। प्रतिभा सिंह भी CWC में शामिल होने बेंगलुरु जाएंगी वहीं हिमाचल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी CWC के लिए आज दिल्ली और कल बेंगलुरु पहुंचेंगी। प्रतिभा सिंह भी CWC मीटिंग में शामिल होंगी। कांग्रेस को मजबूत बनाने पर होगी चर्चा CWC में देशभर में कांग्रेस की मजबूती को लेकर चर्चा होगी। इस दौरान मुख्यमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष हिमाचल में नया संगठन बनाने को लेकर सीनियर नेताओं से चर्चा कर सकते है।
हिमाचल में मंत्री पद को लॉबिंग:पद एक, तलबगार अनेक; अवस्थी, सुंदर और संजय रत्न के नाम चर्चा में, कांगड़ा में सियासी चर्चाएं ज्यादा तेज
हिमाचल में मंत्री पद को लॉबिंग:पद एक, तलबगार अनेक; अवस्थी, सुंदर और संजय रत्न के नाम चर्चा में, कांगड़ा में सियासी चर्चाएं ज्यादा तेज हिमाचल प्रदेश में छह मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति रद्द होते ही कैबिनेट विस्तार की चर्चाएं तेज हो गई है। CPS पद से हटाए गए 6 विधायक मंत्री पद को लॉबिंग में जुट गए हैं। पदों से हटने के बाद गुरुवार को संजय अवस्थी और एमएल ब्राक्टा दोनों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू से शिमला में मुलाकात की। मंत्री पद को लेकर सबसे ज्यादा सियासी हलचल कांगड़ा जिला में है, क्योंकि कांगड़ा के 2 CPS बाहर हुए हैं। सुक्खू सरकार में अभी सबसे बड़े कांगड़ा जिला से दो ही मंत्री है। पूर्व की जयराम, वीरभद्र सिंह और प्रेम कुमार धूमल सरकार में कांगड़ा जिला से तीन-तीन मंत्री बनते रहे है। इसलिए कांगड़ा में तीसरे मंत्री पद को लेकर ज्यादा चर्चाएं है। पदों से हटाए गए CPS में अर्की से विधायक संजय अवस्थी और कुल्लू से सुंदर सिंह ठाकुर का नाम मंत्री की रेस में आगे माना जा रहा है। संजय अवस्थी की दावेदारी से आड़े आएंगे क्षेत्रीय समीकरण संजय अवस्थी इस सरकार में CM सुक्खू के सबसे करीबी माने जाते हैं। मगर उनकी ताजपोशी में क्षेत्रीय समीकरण आड़े आ सकते हैं। सोलन जिला में कुल 5 विधानसभा सीटें है। इस जिले से पहले ही धनीराम शांडिल मंत्री है। इसी तरह अर्की विधानसभा हलका शिमला संसदीय क्षेत्र में आता है। इस संसदीय क्षेत्र से सुक्खू सरकार में 6 मंत्री है, जबकि सीएम को मिलाकर कुल 11 मंत्री है। बीते दिनों बगावत और हिमाचल सरकार पर संकट की भी यही सबसे बड़ी वजह रही, क्योंकि हिमाचल सरकार पर सियासी संकट से पहले तक कांगड़ा जिला से केवल एक ही मंत्री बनाया गया था और तब सुधीर शर्मा ने खुलकर बगावत की। इसके बाद सरकार पर सियासी संकट आया था। क्षेत्रीय संतुलन बिगड़ने के डर से दोबारा विरोध की चिंगारी न सुलगे, इस वजह से संजय अवस्थी की दावेदारी कमजोर पड़ सकती है। सुंदर ठाकुर की दावेदार मजबूत वहीं पूर्व CPS एवं कुल्लू से विधायक सुंदर सिंह ठाकुर मंडी संसदीय हलके से आते हैं। कुल्लू जिला से सुक्खू सरकार में एक भी मंत्री नहीं है। इसी तरह मंडी संसदीय क्षेत्र से जगत सिंह नेगी इकलौते मंत्री है। मगर वह ट्राइबल कोटे से मंत्री बने हैं। इस वजह से सुंदर सिंह ठाकुर की दावेदारी काफी मजबूत मानी जा रही है। यह अब सुक्खू पर निर्भर करेगा कि वह मंडी संसदीय हलके या फिर कांगड़ा को मंत्री पद देते हैं। ज्वालामुखी से संजय रत्न भी दावेदार प्रदेश की सत्ता की चाबी तय करने वाले कांगड़ा जिला की बात करें तो ज्वालामुखी से विधायक संजय रत्न को कैबिनेट मंत्री का अच्छा दावेदार माना जा रहा है, क्योंकि कांगड़ा जिला दो मंत्री चंद्र कुमार और यादवेंद्र गोमा पहले ही मंत्री बनाए जा चुके है। भवानी सिंह पठानिया और केवल सिंह पठनिया को सीएम सुक्खू ने कैबिनेट रैंक दे रखा है। इसलिए संजय रत्न पर सहमति बन सकती है। संजय रत्न पर सहमति नहीं बनती है तो पूर्व सीपीएस आशीष बुटेल को भी मंत्री बनाया जा सकता है। बगावत से बचने के लिए CM को देना होगा राजनीतिक सूझबूझ का परिचय राजनीति के जानकारों की माने तो मुख्यमंत्री सुक्खू को सोच समझकर क्षेत्रीय संतुलन बिठाना होगा, क्योंकि उन पर पहले भी मित्र मंडली को खुश करने के आरोप लगते रहे है। विपक्ष को बार बार मित्रों की सरकार बोलता रहा है। हिमाचल सरकार पर संकट के दौरान इस तरह की आवाजें कांग्रेस संगठन के भीतर से भी गूंजी थी। इसलिए सीएम सुक्खू को राजनीतिक दृष्टि से सूझबूझ वाला निर्णय लेना होगा। ऐसा नहीं किया तो बगावत की चिंगारी फिर से भड़क सकती है। कमलेश ठाकुर और अनुराधा भी चर्चा में सियासी गलियारों में महिला मंत्री को लेकर भी चर्चाएं है। इस सरकार में सीएम सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर और लाहौल स्पीति से अनुराधा राणा विधायक विधायक है। मगर दोनों पहली बार चुनाव जीती हैं। महिला को विधायक बनाए जाने की चर्चाएं जरूर है, लेकिन इनका अनुभव आड़े आ सकता है। यदि कमलेश ठाकुर मंत्री बनती है तो कांगड़ा जिला को तो मंत्री पद मिल जाएगा, लेकिन सीएम सुक्खू पर इससे सवाल खड़े हो सकते हैं।