पूर्व रणजी खिलाड़ी और MLC मोहसिन रजा उत्तर प्रदेश क्रिकेट को बचाने की मुहिम चला रहे हैं। उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (UPCA) के पदाधिकारियों पर उन्होंने कई तरह के भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसके बाद UPCA ने प्रेस वार्ता कर सभी आरोपों को गलत बताया। लेकिन भ्रष्टाचार के आरोप का मामला फिर से तूल पकड़ रहा है। अब मोहसिन रजा कोर्ट जाने की तैयारी में हैं। इसको लेकर उन्होंने दैनिक भास्कर से बातचीत की। उन्होंने कहा कि UPCA में फैले भ्रष्टाचार के बारे मुख्यमंत्री को पूरी जानकारी दे दी है। इसके बाद आगे की कार्रवाई कर रहे। उन्होंने कहा- गलत ढंग से एक सोसाइटी को कंपनी बना दिया गया। बच्चों को मौके नहीं दिए जा रहे, सिलेक्शन के नाम पर सीधे लाखों रुपए लिए जा रहे हैं। सवाल: UPCA में सुधार की मांग लगातार उठा रहे हैं, क्या विषय है?
जवाब: प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की कमी नहीं है। हमने इसके लिए मांग की है। मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से UPCA में सुधार की मांग को लेकर मिले हैं। यहां पर माैके कम हैं। एक से अधिक क्रिकेट संघ यूपी जैसे राज्य में होने चाहिए। हमारी एक से अधिक टीम होनी चाहिए। UPCA में भ्रष्टाचार की कई शिकायत आई हैं। हमने उनकी आवाज उठाई है। क्रिकेट एसोसिएशन कंपनी एक्ट में चली गई है। 2005 में एक नेता के प्रभाव में इसे सोसायटी की जगह कंपनी एक्ट में बदल दिया गया। हमने जिस समय रणजी खेला था उस समय यह एक सोसायटी थी। ज्योति वाजपेई उस समय सचिव थे और बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष थे। लोकतांत्रिक प्रक्रिया में कंपनी काम नहीं करती है। इसमें अपने लोगों को डायरेक्टर बना कर यूपी क्रिकेट एसोसिएशन में काले कारनामे किए गए। सवाल: काले कारनामे क्या हैं, उसके बारे में बताएं?
जवाब: खिलाड़ियों से पैसे के लेन-देन के मामले सामने आ रहे हैं। मेरे पास कई ऑडियो हैं। अंडर-16 में रेट खोल दिए 15 लाख, अंडर-23 में 25 लाख है। रणजी ट्राफी में किसी अन्य राज्य से लाकर लोगों को कप्तान बना दिया गया। लगातार करोड़ों रुपए की उगाही की जा रही है। UPCA में 8 ऐसे पदाधिकारी हैं जिन पर आपराधिक मामले हैं। खिलाड़ियों को आवाज उठानी चाहिए। सवाल: आप ने मुख्यमंत्री से क्या बात की है, उनका क्या कहना है?
जवाब: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी है। यूपी में यह बड़ी घटना है, मैं हैरान हूं कि लोगों ने आवाज क्यों नहीं उठाई। मेरी सरकार ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई करती है। डायरेक्टर, सिलेक्टर और ऑफिशियल के खिलाफ अलग-अलग जिलों में मुकदमा दर्ज है। हम लोगों को न्याय दिलाने के लिए लड़ रहे हैं। इसको लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे। सवाल: कंपनी एक्ट का क्या मामला है, इसमें क्या दिक्कत है?
जवाब: उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन 1955-56 की पंजीकृत संस्था है। इसे गलत तरीके से सोसायटी से कन्वर्ट कर दिया गया। इसमें लोढ़ा कमेटी को नहीं माना गया है। BCCI से लेकर सभी जगह इसकी शिकायत की है। हम मामले का अध्ययन कर रहे हैं। 36 ऐसे जिले हैं, जिनको यह संज्ञान में भी नहीं लेते। यह यूपी की आधी आबादी है। जो बच्चे पीयूष चावला, सुरेश रैना, आरपी सिंह बनना चाहते हैं, लेकिन नहीं बन सकते हैं। सवाल: चयन प्रक्रिया पर आप कह रहे पारदर्शिता नहीं है?
जवाब: चयन प्रक्रिया खराब है, मेरा मानना है कि जनपद स्तर पर प्रतियोगिता होनी चाहिए। जो बच्चे मैच खेल रहे हैं उनका रिकॉर्ड ऑनलाइन होना चाहिए। उसके परफॉर्मेस पर ध्यान देना चाहिए। 800-1000 बच्चों का ट्रायल होता है। इसमें पारदर्शिता नहीं बरती जाती है। ये लोग कह रहे हमारी यूपी सरकार से बनती है। सवाल: लोढ़ा कमेटी क्या है, इससे क्या चीजें होती हैं?
जवाब: सर्वोच्च न्यायालय ने लोढ़ा कमेटी का गठन किया था। इसी नियमावली के तहत BCCI चलती है, लेकिन UPCA ने इसे दरकिनार कर दिया है। कांग्रेस के एक नेता हैं, मैं, उनकी इज्जत करता हूं, लेकिन उन लोगों ने बच्चों के साथ खिलवाड़ किया है। हम कोर्ट जाएंगे, वहीं से बच्चों के भविष्य का फैसला होगा। उन्नाव में क्रिकेट की एकेडमी बनाई गई। गाजियाबाद में में भी यही प्रक्रिया हुई। क्रिकेट का प्रमोशन नहीं हो रहा है। यहां पर बच्चों का दोहन हो रहा अभिभावकों को परेशान किया जा रहा है। ग्रीन पार्क स्टेडियम में प्राइवेट कंपनी ने एक प्राइवेट कंपनी को कैंटीन खोलने का काम दे दिया। यह कंपनी गैर कानूनी तौर पर बनाई गई है। हम बच्चों के लिए कमेटी बनाने की मांग करेंगे, जिसमें जज भी रहे। पूर्व रणजी खिलाड़ी और MLC मोहसिन रजा उत्तर प्रदेश क्रिकेट को बचाने की मुहिम चला रहे हैं। उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (UPCA) के पदाधिकारियों पर उन्होंने कई तरह के भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसके बाद UPCA ने प्रेस वार्ता कर सभी आरोपों को गलत बताया। लेकिन भ्रष्टाचार के आरोप का मामला फिर से तूल पकड़ रहा है। अब मोहसिन रजा कोर्ट जाने की तैयारी में हैं। इसको लेकर उन्होंने दैनिक भास्कर से बातचीत की। उन्होंने कहा कि UPCA में फैले भ्रष्टाचार के बारे मुख्यमंत्री को पूरी जानकारी दे दी है। इसके बाद आगे की कार्रवाई कर रहे। उन्होंने कहा- गलत ढंग से एक सोसाइटी को कंपनी बना दिया गया। बच्चों को मौके नहीं दिए जा रहे, सिलेक्शन के नाम पर सीधे लाखों रुपए लिए जा रहे हैं। सवाल: UPCA में सुधार की मांग लगातार उठा रहे हैं, क्या विषय है?
जवाब: प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की कमी नहीं है। हमने इसके लिए मांग की है। मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से UPCA में सुधार की मांग को लेकर मिले हैं। यहां पर माैके कम हैं। एक से अधिक क्रिकेट संघ यूपी जैसे राज्य में होने चाहिए। हमारी एक से अधिक टीम होनी चाहिए। UPCA में भ्रष्टाचार की कई शिकायत आई हैं। हमने उनकी आवाज उठाई है। क्रिकेट एसोसिएशन कंपनी एक्ट में चली गई है। 2005 में एक नेता के प्रभाव में इसे सोसायटी की जगह कंपनी एक्ट में बदल दिया गया। हमने जिस समय रणजी खेला था उस समय यह एक सोसायटी थी। ज्योति वाजपेई उस समय सचिव थे और बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष थे। लोकतांत्रिक प्रक्रिया में कंपनी काम नहीं करती है। इसमें अपने लोगों को डायरेक्टर बना कर यूपी क्रिकेट एसोसिएशन में काले कारनामे किए गए। सवाल: काले कारनामे क्या हैं, उसके बारे में बताएं?
जवाब: खिलाड़ियों से पैसे के लेन-देन के मामले सामने आ रहे हैं। मेरे पास कई ऑडियो हैं। अंडर-16 में रेट खोल दिए 15 लाख, अंडर-23 में 25 लाख है। रणजी ट्राफी में किसी अन्य राज्य से लाकर लोगों को कप्तान बना दिया गया। लगातार करोड़ों रुपए की उगाही की जा रही है। UPCA में 8 ऐसे पदाधिकारी हैं जिन पर आपराधिक मामले हैं। खिलाड़ियों को आवाज उठानी चाहिए। सवाल: आप ने मुख्यमंत्री से क्या बात की है, उनका क्या कहना है?
जवाब: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी है। यूपी में यह बड़ी घटना है, मैं हैरान हूं कि लोगों ने आवाज क्यों नहीं उठाई। मेरी सरकार ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई करती है। डायरेक्टर, सिलेक्टर और ऑफिशियल के खिलाफ अलग-अलग जिलों में मुकदमा दर्ज है। हम लोगों को न्याय दिलाने के लिए लड़ रहे हैं। इसको लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे। सवाल: कंपनी एक्ट का क्या मामला है, इसमें क्या दिक्कत है?
जवाब: उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन 1955-56 की पंजीकृत संस्था है। इसे गलत तरीके से सोसायटी से कन्वर्ट कर दिया गया। इसमें लोढ़ा कमेटी को नहीं माना गया है। BCCI से लेकर सभी जगह इसकी शिकायत की है। हम मामले का अध्ययन कर रहे हैं। 36 ऐसे जिले हैं, जिनको यह संज्ञान में भी नहीं लेते। यह यूपी की आधी आबादी है। जो बच्चे पीयूष चावला, सुरेश रैना, आरपी सिंह बनना चाहते हैं, लेकिन नहीं बन सकते हैं। सवाल: चयन प्रक्रिया पर आप कह रहे पारदर्शिता नहीं है?
जवाब: चयन प्रक्रिया खराब है, मेरा मानना है कि जनपद स्तर पर प्रतियोगिता होनी चाहिए। जो बच्चे मैच खेल रहे हैं उनका रिकॉर्ड ऑनलाइन होना चाहिए। उसके परफॉर्मेस पर ध्यान देना चाहिए। 800-1000 बच्चों का ट्रायल होता है। इसमें पारदर्शिता नहीं बरती जाती है। ये लोग कह रहे हमारी यूपी सरकार से बनती है। सवाल: लोढ़ा कमेटी क्या है, इससे क्या चीजें होती हैं?
जवाब: सर्वोच्च न्यायालय ने लोढ़ा कमेटी का गठन किया था। इसी नियमावली के तहत BCCI चलती है, लेकिन UPCA ने इसे दरकिनार कर दिया है। कांग्रेस के एक नेता हैं, मैं, उनकी इज्जत करता हूं, लेकिन उन लोगों ने बच्चों के साथ खिलवाड़ किया है। हम कोर्ट जाएंगे, वहीं से बच्चों के भविष्य का फैसला होगा। उन्नाव में क्रिकेट की एकेडमी बनाई गई। गाजियाबाद में में भी यही प्रक्रिया हुई। क्रिकेट का प्रमोशन नहीं हो रहा है। यहां पर बच्चों का दोहन हो रहा अभिभावकों को परेशान किया जा रहा है। ग्रीन पार्क स्टेडियम में प्राइवेट कंपनी ने एक प्राइवेट कंपनी को कैंटीन खोलने का काम दे दिया। यह कंपनी गैर कानूनी तौर पर बनाई गई है। हम बच्चों के लिए कमेटी बनाने की मांग करेंगे, जिसमें जज भी रहे। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर