बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ चरखी दादरी में निकाला मार्च, साधु-संत भी हुए शामिल

बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ चरखी दादरी में निकाला मार्च, साधु-संत भी हुए शामिल

<p style=”text-align: justify;”><strong>Haryana News:</strong> बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का विरोध बढ़ता जा रहा है. भारत में विभिन्न संगठनों की तरफ से बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. मंगलवार को विभिन्न हिंदूवादी संगठनों ने चरखी दादरी के रोज गार्डन में एकजुटता दिखाई. रोज गार्डन से प्रदर्शनकारियों ने सचिवालय तक मार्च निकालने का फैसला लिया. प्रदर्शनकारी रोष मार्च के तहत नारेबाजी करते हुए सचिवालय पहुंचे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बांग्लादेश की घटना के खिलाफ प्रदर्शन में साधु-संत और महिलाओं समेत विभिन्न संगठन शामिल हुए. कार्यकर्ताओं ने डीडीपीओ रविंद्र दलाल को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और बांग्लादेश दूतावास के नाम ज्ञापन सौंपा. उन्होंने पड़ोसी देश बांग्लादेश में 5 अगस्त 2024 को लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को असामाजिक तत्वों और कट्&zwnj;टरपंथियों ने सत्ता से बेदखल कर दिया. शेख हसीना को बांग्लादेश छोड़ दूसरे देश में शरण लेनी पड़ी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार का मामला</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बांग्लादेश में आरक्षण के नाम पर शुरू हुआ आंदोलन कट्टरपंथियों के हाथों में चला गया. धर्म के नाम पर दंगे भड़काये गए. अल्पसंख्यक बौद्ध, जैन, सिख, ईसाई, हिंदुओं के खिलाफ हिंसात्मक कार्रवाई हुई. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमला धार्मिक स्वतंत्रता और मौलिक अधिकार का उल्लंघन है. हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने कहा कि बांग्लादेश की घटना मानवीय त्रासदी बन गई है. दंगों में खासकर हिंदुओं को निशाना बनाया गया. कार्यवाहक सरकार अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देने में नाकाम साबित हुई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हिंदूवादी संगठनों का सचिवालय तक रोष मार्च</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि उपद्रव को देखकर ऐसा लग रहा है कि बांग्लादेश का प्रशासन कट्टरपंथियों के हाथ में है. अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देने की बजाय सेना और पुलिस कट्टरपंथियों की सहयोगी दिखाई दे रही है. बांग्लादेश में महिलाओं के साथ दुराचार हो रहा है. हिंदुओं के धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया जा रहा है. प्रदर्शनकारियों ने ज्ञापन के माध्यम से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देने की मांग की.&nbsp;<br />&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रदीप साहु की रिपोर्ट</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें-</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”14 दिसंबर को दिल्ली कूच करेगा 101 किसानों का जत्था, आंदोलन के 303 दिन पूरे” href=”https://www.abplive.com/states/haryana/farmers-protest-towards-delhi-on-14-december-from-shambhu-border-2839853″ target=”_self”>14 दिसंबर को दिल्ली कूच करेगा 101 किसानों का जत्था, आंदोलन के 303 दिन पूरे</a></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>&nbsp;</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Haryana News:</strong> बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का विरोध बढ़ता जा रहा है. भारत में विभिन्न संगठनों की तरफ से बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. मंगलवार को विभिन्न हिंदूवादी संगठनों ने चरखी दादरी के रोज गार्डन में एकजुटता दिखाई. रोज गार्डन से प्रदर्शनकारियों ने सचिवालय तक मार्च निकालने का फैसला लिया. प्रदर्शनकारी रोष मार्च के तहत नारेबाजी करते हुए सचिवालय पहुंचे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बांग्लादेश की घटना के खिलाफ प्रदर्शन में साधु-संत और महिलाओं समेत विभिन्न संगठन शामिल हुए. कार्यकर्ताओं ने डीडीपीओ रविंद्र दलाल को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और बांग्लादेश दूतावास के नाम ज्ञापन सौंपा. उन्होंने पड़ोसी देश बांग्लादेश में 5 अगस्त 2024 को लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को असामाजिक तत्वों और कट्&zwnj;टरपंथियों ने सत्ता से बेदखल कर दिया. शेख हसीना को बांग्लादेश छोड़ दूसरे देश में शरण लेनी पड़ी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार का मामला</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बांग्लादेश में आरक्षण के नाम पर शुरू हुआ आंदोलन कट्टरपंथियों के हाथों में चला गया. धर्म के नाम पर दंगे भड़काये गए. अल्पसंख्यक बौद्ध, जैन, सिख, ईसाई, हिंदुओं के खिलाफ हिंसात्मक कार्रवाई हुई. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमला धार्मिक स्वतंत्रता और मौलिक अधिकार का उल्लंघन है. हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने कहा कि बांग्लादेश की घटना मानवीय त्रासदी बन गई है. दंगों में खासकर हिंदुओं को निशाना बनाया गया. कार्यवाहक सरकार अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देने में नाकाम साबित हुई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हिंदूवादी संगठनों का सचिवालय तक रोष मार्च</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि उपद्रव को देखकर ऐसा लग रहा है कि बांग्लादेश का प्रशासन कट्टरपंथियों के हाथ में है. अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देने की बजाय सेना और पुलिस कट्टरपंथियों की सहयोगी दिखाई दे रही है. बांग्लादेश में महिलाओं के साथ दुराचार हो रहा है. हिंदुओं के धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया जा रहा है. प्रदर्शनकारियों ने ज्ञापन के माध्यम से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देने की मांग की.&nbsp;<br />&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रदीप साहु की रिपोर्ट</strong></p>
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