<p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar Land Survey 2024:</strong> बिहार में जमीन सर्वे (Jamin Survey) के बीच जो-जो समस्याएं आ रही हैं उसे लगातार दूर किया जा रहा है. इस बीच जमीन सर्वे में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने बड़ा बदलाव किया है. विभाग की ओर से मंगलवार (10 दिसंबर) को इस संबंध में नई जानकारी दी गई है. अब समझिए किस आधार पर जमीन आपकी होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि रैयत का रैयती खेसरा पर दखल-कब्जा है लेकिन रैयत के पास भूमि पर स्वामित्व से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं है, कागजात के नाम पर सिर्फ लगान रसीद है, ऐसी स्थिति में सिर्फ उसी रसीद के आधार पर अधिकार अभिलेख या खतियान बन जाएगा. रैयत का किसी भू-खंड पर शांतिपूर्वक दखल-कब्जा है तो खेसरा के चौहद्दीदारों का बयान भी महत्वपूर्ण साक्ष्य होगा. साथ ही उस खेसरा के चौहद्दी में जमीन बिक्री, विनिमय या निबंधित बंटवारा में स्वत्वाधिकारी का नाम भी अहम साक्ष्य माना जाएगा. वह भी स्वामित्व निर्धारण का आधार होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>…तो खाता बिहार सरकार के नाम से खोला जाएगा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी कहा गया है कि अगर किसी भूमि पर रैयत का सिर्फ दखल-कब्जा है, दस्तावेज के साथ न तो जमाबंदी कायम है ना ही लगान रसीद कट रही है तो खाता बिहार सरकार के नाम से खोला जाएगा, लेकिन अवैध दखलकार का नाम अभ्युक्ति कॉलम में दर्ज किया जाएगा. आपसी सहमति पर आधारित सभी पक्षों द्वारा हस्ताक्षरित बंटवारा के आधार पर सभी हिस्सेदारों का खाता अलग-अलग खुलेगा. अगर असहमति है तो संयुक्त खाता खुलेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अगर किसी व्यक्ति ने निबंधित जमीन खरीदी है, लेकिन दाखिल-खारिज नहीं कराया है तो यह अनिवार्य नहीं है. सर्वे कर्मी भी शांतिपूर्ण दखल कब्जा एवं केवाला की सत्यता के बारे में संतुष्ट होने पर क्रेता के नाम से खाता खोल सकते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सर्वे कर्मियों को निर्णय लेने में होगी सुविधा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दीपक कुमार सिंह ने बताया कि इस तरह के स्वामित्व के 16 सवालों पर एक अधिसूचना के जरिए सारी स्थिति को स्पष्ट किया गया है. अब कोई अस्पष्टता या विवाद होने की स्थिति में सर्वे कर्मियों को निर्णय लेने में सुविधा होगी. बंदोबस्त कार्यालयों की ओर से सर्वे निदेशालय से अक्सर इन सवालों को स्पष्ट करने का आग्रह किया जा रहा था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बताया गया कि अगस्त (2024) से बिहार के सभी अंचलों में भूमि सर्वे का काम शुरू हो चुका है. फिलहाल टेरीज लिखने एवं स्वघोषणा जमा करने का काम चल रहा है. ऐसी स्थिति में इस अधिसूचना के आने से आम रैयतों को काफी सुविधा होगी एवं भ्रम एवं संशय की स्थिति समाप्त हो जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें- <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/patna-arrah-chapra-severe-road-jaam-of-sand-loaded-truck-on-nh84-koilwar-bridge-know-reason-ann-2840186″>जाम का झाम! बिहार का कोईलवर है टेंशन वाला रूट, 25-30KM तक लगी ट्रकों की लंबी कतार, क्या है वजह?</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar Land Survey 2024:</strong> बिहार में जमीन सर्वे (Jamin Survey) के बीच जो-जो समस्याएं आ रही हैं उसे लगातार दूर किया जा रहा है. इस बीच जमीन सर्वे में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने बड़ा बदलाव किया है. विभाग की ओर से मंगलवार (10 दिसंबर) को इस संबंध में नई जानकारी दी गई है. अब समझिए किस आधार पर जमीन आपकी होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि रैयत का रैयती खेसरा पर दखल-कब्जा है लेकिन रैयत के पास भूमि पर स्वामित्व से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं है, कागजात के नाम पर सिर्फ लगान रसीद है, ऐसी स्थिति में सिर्फ उसी रसीद के आधार पर अधिकार अभिलेख या खतियान बन जाएगा. रैयत का किसी भू-खंड पर शांतिपूर्वक दखल-कब्जा है तो खेसरा के चौहद्दीदारों का बयान भी महत्वपूर्ण साक्ष्य होगा. साथ ही उस खेसरा के चौहद्दी में जमीन बिक्री, विनिमय या निबंधित बंटवारा में स्वत्वाधिकारी का नाम भी अहम साक्ष्य माना जाएगा. वह भी स्वामित्व निर्धारण का आधार होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>…तो खाता बिहार सरकार के नाम से खोला जाएगा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी कहा गया है कि अगर किसी भूमि पर रैयत का सिर्फ दखल-कब्जा है, दस्तावेज के साथ न तो जमाबंदी कायम है ना ही लगान रसीद कट रही है तो खाता बिहार सरकार के नाम से खोला जाएगा, लेकिन अवैध दखलकार का नाम अभ्युक्ति कॉलम में दर्ज किया जाएगा. आपसी सहमति पर आधारित सभी पक्षों द्वारा हस्ताक्षरित बंटवारा के आधार पर सभी हिस्सेदारों का खाता अलग-अलग खुलेगा. अगर असहमति है तो संयुक्त खाता खुलेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अगर किसी व्यक्ति ने निबंधित जमीन खरीदी है, लेकिन दाखिल-खारिज नहीं कराया है तो यह अनिवार्य नहीं है. सर्वे कर्मी भी शांतिपूर्ण दखल कब्जा एवं केवाला की सत्यता के बारे में संतुष्ट होने पर क्रेता के नाम से खाता खोल सकते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सर्वे कर्मियों को निर्णय लेने में होगी सुविधा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दीपक कुमार सिंह ने बताया कि इस तरह के स्वामित्व के 16 सवालों पर एक अधिसूचना के जरिए सारी स्थिति को स्पष्ट किया गया है. अब कोई अस्पष्टता या विवाद होने की स्थिति में सर्वे कर्मियों को निर्णय लेने में सुविधा होगी. बंदोबस्त कार्यालयों की ओर से सर्वे निदेशालय से अक्सर इन सवालों को स्पष्ट करने का आग्रह किया जा रहा था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बताया गया कि अगस्त (2024) से बिहार के सभी अंचलों में भूमि सर्वे का काम शुरू हो चुका है. फिलहाल टेरीज लिखने एवं स्वघोषणा जमा करने का काम चल रहा है. ऐसी स्थिति में इस अधिसूचना के आने से आम रैयतों को काफी सुविधा होगी एवं भ्रम एवं संशय की स्थिति समाप्त हो जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें- <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/patna-arrah-chapra-severe-road-jaam-of-sand-loaded-truck-on-nh84-koilwar-bridge-know-reason-ann-2840186″>जाम का झाम! बिहार का कोईलवर है टेंशन वाला रूट, 25-30KM तक लगी ट्रकों की लंबी कतार, क्या है वजह?</a></strong></p> बिहार Aligarh News: अब खुले आसमान नहीं गुजरेंगी बेसहारा लोगों की सर्द रातें, प्रशासन की ओर से की गई तैयारी