<p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra PMFBY Latest News:</strong> महाराष्ट्र में आठ जिलों के करीब 1.75 लाख किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत योग्यता से अधिक लाभ पाने के लिए कथित रूप से गलत आंकड़े प्रस्तुत किए. सोलापुर, पुणे, सातारा, अहिल्यानगर, धुले, नासिक, छत्रपति संभाजीनगर और बीड जिलों में किसानों की ओर से कथित रूप से गलत आंकड़े दिए जाने का पता चलने के बाद राज्य कृषि विभाग ने उन्हें फसल बीमा योजना के लिए अयोग्य घोषित करने की मांग की है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>अधिकारियों ने बताया कि इन आठ जिलों में सोलापुर सबसे ऊपर है और वहां 36,438 किसानों की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों में विसंगतियां पाई गईं. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) 2016 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य फसलों के लिए किफायती व्यापक जोखिम कवर प्रदान करके किसानों को सहायता प्रदान करना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इतने किसानों ने नहीं की थी प्याज की खेती</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>राज्य कृषि विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि आठ जिलों में निरीक्षण के दौरान पाया गया कि कुल 83,911 किसानों ने प्याज की फसल के बीमे का अनुरोध किया था, लेकिन उन्होंने अपने खेतों में प्याज नहीं उगाया था, जबकि 60,258 अन्य ने अपने आवेदन में अपनी वास्तविक भूमि से अधिक भूमि का उल्लेख किया था. रिपोर्ट के मुताबिक, गलत आंकड़े देने वाले आठ जिलों के किसानों की कुल संख्या 1,74,972 है और इस अनियमितता में शामिल भूमि 95,765.64 हेक्टेयर है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत यदि किसी किसान की फसल बारिश, सूखा या अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण खराब होती है, तो सरकार उसकी भरपाई करती है. यह योजना किसानों को उनके नुकसान की भरपाई करने में मदद करती है, ताकि वे आर्थिक संकट से उबर सकें.</p>
<p><strong>क्या है पात्रता की शर्तें?</strong></p>
<ul>
<li>भारतीय किसानों को योजना का लाभ केवल दिया जाता है.</li>
<li>जो किसान अनुसूचित क्षेत्रों में भूमि के मालिक हैं या किराए पर खेती करते हैं, वे पात्र हैं.</li>
<li>योजना में मध्यम वर्गीय किसानों को भी शामिल किया गया है, जिससे ज्यादा से ज्यादा किसान लाभ उठा सकें.</li>
</ul> <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra PMFBY Latest News:</strong> महाराष्ट्र में आठ जिलों के करीब 1.75 लाख किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत योग्यता से अधिक लाभ पाने के लिए कथित रूप से गलत आंकड़े प्रस्तुत किए. सोलापुर, पुणे, सातारा, अहिल्यानगर, धुले, नासिक, छत्रपति संभाजीनगर और बीड जिलों में किसानों की ओर से कथित रूप से गलत आंकड़े दिए जाने का पता चलने के बाद राज्य कृषि विभाग ने उन्हें फसल बीमा योजना के लिए अयोग्य घोषित करने की मांग की है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>अधिकारियों ने बताया कि इन आठ जिलों में सोलापुर सबसे ऊपर है और वहां 36,438 किसानों की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों में विसंगतियां पाई गईं. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) 2016 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य फसलों के लिए किफायती व्यापक जोखिम कवर प्रदान करके किसानों को सहायता प्रदान करना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इतने किसानों ने नहीं की थी प्याज की खेती</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>राज्य कृषि विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि आठ जिलों में निरीक्षण के दौरान पाया गया कि कुल 83,911 किसानों ने प्याज की फसल के बीमे का अनुरोध किया था, लेकिन उन्होंने अपने खेतों में प्याज नहीं उगाया था, जबकि 60,258 अन्य ने अपने आवेदन में अपनी वास्तविक भूमि से अधिक भूमि का उल्लेख किया था. रिपोर्ट के मुताबिक, गलत आंकड़े देने वाले आठ जिलों के किसानों की कुल संख्या 1,74,972 है और इस अनियमितता में शामिल भूमि 95,765.64 हेक्टेयर है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत यदि किसी किसान की फसल बारिश, सूखा या अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण खराब होती है, तो सरकार उसकी भरपाई करती है. यह योजना किसानों को उनके नुकसान की भरपाई करने में मदद करती है, ताकि वे आर्थिक संकट से उबर सकें.</p>
<p><strong>क्या है पात्रता की शर्तें?</strong></p>
<ul>
<li>भारतीय किसानों को योजना का लाभ केवल दिया जाता है.</li>
<li>जो किसान अनुसूचित क्षेत्रों में भूमि के मालिक हैं या किराए पर खेती करते हैं, वे पात्र हैं.</li>
<li>योजना में मध्यम वर्गीय किसानों को भी शामिल किया गया है, जिससे ज्यादा से ज्यादा किसान लाभ उठा सकें.</li>
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