<p style=”text-align: justify;”><strong>Atul Subhash News: </strong>कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु स्थित अपने आवास में आत्महत्या करने वाले अतुल सुभाष के वकील ने बड़ा दावा किया है. एक ओर जहां उनके मुवक्किल रहे अतुल ने अपने सुसाइड नोट में न्यायिक व्यवस्था को लेकर अपने हिस्से का सच तो बताया है तो वहीं उनके वकील ने कहा है कि कोर्ट या जज की कोई गलती नहीं है. उन्होंने कहा कि अतुल बेंगलुरु में 84,000 रुपये कमाते थे. उनकी पत्नी भी अच्छी कमाई करती हैं. कोर्ट ने सभी बातों को ध्यान में रखते हुए बच्चे के लिए 40 हजार रुपये महीने का मेंटेनेंस का ऑर्डर दिया था. यह ऑर्डर पत्नी के लिए नहीं था. अतुल को शायद यही 40,000 रुपये ज्यादा लगे. अगर उन्हें यह ज्यादा लगा था तो उन्हें हाईकोर्ट का रुख करना चाहिए था. यदि इसको लेकर उन्होंने आत्महत्या जैसा कदम उठाया तो इसमें कोर्ट की कोई गलती नहीं है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जौनपुर में अतुल सुभाष के मामले में परिवार न्यायालय में पक्ष रखने वाले दिनेश मिश्रा ने कहा कि अगर लड़के के परिजन उनके पास आते हैं, तो वह आगे सलाह मशविरा करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर कोई ऑर्डर गलत लगता है तो उसके लिए अपील रास्ता है. ऐसा न कर के सुसाइड करना दुखद है. यह मामला जुलाई में तय हो गया था. उसके बाद से लोग यहां नहीं आये. </p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/atul-subhash-suicide-case-brother-vikas-modi-appealed-for-justice-2840412″><strong>अतुल सुभाष के भाई ने लगाई न्याय की गुहार, कहा- ‘ऐसा कानून बने कि सबको…'</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”>मिश्रा ने कहा कि अगर कोर्ट के बाहर किसी किस्म के समझौते की बात हुई हो या उन्हें प्रताड़ना दी गई हो तो इसके लिए अदालत जिम्मेदार नहीं है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’99% शादियों में, पुरुषों की गलती होती है….'</strong><br />इन सबके बीच अतुल सुभाष आत्महत्या मामले पर भाजपा सांसद कंगना रनौत ने कहा, “इस मामले से मैं शोक में भी हूँ और शॉक में भी हूँ ,मैं स्तब्ध हूं. उनका वीडियो दिल दहला देने वाला है. इस मामले में कम्युनिजम का कीड़ा इसमें ,सोशलिज्म का कीड़ा इसमें ,निंदनीय फेमिनिज़म का कीड़ा इसमें ,करोड़ों रूपए की उगाही उससे की जा रही थी जो की उनकी क्षमता से परे थी, यह निंदनीय है. इस तरह के मामले में एक अलग से बॉडी बननी चाहिए. फिर भी, हम एक गलत महिला का उदाहरण दूसरी महिलाओं को प्रताड़ित करने के लिए इस्तेमाल के लिए नहीं कर सकते. 99% शादियों में, पुरुषों की गलती होती है इसलिए ऐसा हो जाता है. </p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Atul Subhash News: </strong>कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु स्थित अपने आवास में आत्महत्या करने वाले अतुल सुभाष के वकील ने बड़ा दावा किया है. एक ओर जहां उनके मुवक्किल रहे अतुल ने अपने सुसाइड नोट में न्यायिक व्यवस्था को लेकर अपने हिस्से का सच तो बताया है तो वहीं उनके वकील ने कहा है कि कोर्ट या जज की कोई गलती नहीं है. उन्होंने कहा कि अतुल बेंगलुरु में 84,000 रुपये कमाते थे. उनकी पत्नी भी अच्छी कमाई करती हैं. कोर्ट ने सभी बातों को ध्यान में रखते हुए बच्चे के लिए 40 हजार रुपये महीने का मेंटेनेंस का ऑर्डर दिया था. यह ऑर्डर पत्नी के लिए नहीं था. अतुल को शायद यही 40,000 रुपये ज्यादा लगे. अगर उन्हें यह ज्यादा लगा था तो उन्हें हाईकोर्ट का रुख करना चाहिए था. यदि इसको लेकर उन्होंने आत्महत्या जैसा कदम उठाया तो इसमें कोर्ट की कोई गलती नहीं है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जौनपुर में अतुल सुभाष के मामले में परिवार न्यायालय में पक्ष रखने वाले दिनेश मिश्रा ने कहा कि अगर लड़के के परिजन उनके पास आते हैं, तो वह आगे सलाह मशविरा करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर कोई ऑर्डर गलत लगता है तो उसके लिए अपील रास्ता है. ऐसा न कर के सुसाइड करना दुखद है. यह मामला जुलाई में तय हो गया था. उसके बाद से लोग यहां नहीं आये. </p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/atul-subhash-suicide-case-brother-vikas-modi-appealed-for-justice-2840412″><strong>अतुल सुभाष के भाई ने लगाई न्याय की गुहार, कहा- ‘ऐसा कानून बने कि सबको…'</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”>मिश्रा ने कहा कि अगर कोर्ट के बाहर किसी किस्म के समझौते की बात हुई हो या उन्हें प्रताड़ना दी गई हो तो इसके लिए अदालत जिम्मेदार नहीं है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’99% शादियों में, पुरुषों की गलती होती है….'</strong><br />इन सबके बीच अतुल सुभाष आत्महत्या मामले पर भाजपा सांसद कंगना रनौत ने कहा, “इस मामले से मैं शोक में भी हूँ और शॉक में भी हूँ ,मैं स्तब्ध हूं. उनका वीडियो दिल दहला देने वाला है. इस मामले में कम्युनिजम का कीड़ा इसमें ,सोशलिज्म का कीड़ा इसमें ,निंदनीय फेमिनिज़म का कीड़ा इसमें ,करोड़ों रूपए की उगाही उससे की जा रही थी जो की उनकी क्षमता से परे थी, यह निंदनीय है. इस तरह के मामले में एक अलग से बॉडी बननी चाहिए. फिर भी, हम एक गलत महिला का उदाहरण दूसरी महिलाओं को प्रताड़ित करने के लिए इस्तेमाल के लिए नहीं कर सकते. 99% शादियों में, पुरुषों की गलती होती है इसलिए ऐसा हो जाता है. </p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड वन नेशन वन इलेक्शन की शिवराज ने की वकालत, ‘पैसे की बर्बादी, विकास के काम बाधित नहीं होंगे’