हरियाणा के फौजी ने बेंगलुरु में 2349 मीटर तक बिना हाथ लगाए एक टायर पर बाइक चलाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया। उन्होंने बीते मंगलवार (10 दिसंबर) को बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे पर 3 मिनट 54 सेकेंड तक करीब 40 की स्पीड से बाइक चलाई। उनका नाम वर्ल्ड गिनीज बुक रिकॉर्ड में भी दर्ज हो गया है। फौजी मनीष रोहतक के गांव जींदराण के रहने वाले हैं। 13 साले पहले आर्मी में भर्ती हुए थे। वह आर्मी में हवलदार के पद पर तैनात हैं। उनकी ड्यूटी कर्नाटक के बेंगलुरु में ही है। मनीष के मुताबिक इससे पहले भी कई इवेंट में बाइक से स्टंट कर चुके हैं। आर्मी की टीम के साथ कई जगह 100-150 के करीब इवेंट किए हैं। इस सफलता के लिए उन्होंने 6 महीने लगातार प्रैक्टिस की। इस दौरान कई बार वह गिरे भी, लेकिन हार नहीं मानी। वह आखिरी बार जून महीने में रिश्तेदारी में शादी को लेकर छुट्टी पर घर आए थे। 2011 में की थी आर्मी जॉइन
मनीष राठी ने बताया कि उन्होंने 2011 में आर्मी जॉइन की थी। बचपन से ही उन्हें बाइक चलाने का शौक था। सेना में भर्ती होने के बाद आर्मी की बाइक स्टंट टीम को देखा और उसमें शामिल होने का मन बना। आवेदन करके वे 2014 में आर्मी की बाइक स्टंट टीम में शामिल हो गए। इसके बाद निरंतर अभ्यास करने लगे। शुरू में डर लगता था। पहले हाथ भी नहीं छूटते थे, लेकिन लगातार अभ्यास जारी रखा। इसके बाद थोड़ा-थोड़ा करके चलाना शुरू कर दिया। 6 माह से कर रहे थे लगातार अभ्यास
उन्होंने बताया कि हाथ छोड़कर एक टायर पर बाइक चलाने का रिकॉर्ड शुरू में 125 मीटर का एक भारतीय ने ही बनाया था। इसके बाद 567 मीटर और फिर 580 मीटर का रिकॉर्ड बना। अब रिकॉर्ड को तोड़कर 2349 मीटर तक बाइक चलाई है। इसके लिए वे पिछले करीब 6 माह से लगातार तैयारी कर रहे थे। हर रोज 2-3 घंटे तक प्रैक्टिस करते। राठी ने कहा कि वे हेलमेट समेत सभी सेफ्टी उपकरण पहनकर बाइक चलाते हैं। जिस रोड पर बाइक से स्टंट किया है, उसकी भी अनुमति ली थी। बचपन से था कुछ अलग करने का जुनून
मनीष ने बताया कि वह अपने परिवार में अकेले सेना में हैं। उनके 2 भाई और 2 बहनें हैं, जो शादीशुदा हैं। वह सबसे छोटे हैं। 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद सैना में भर्ती हुए थे। आर्मी में जॉइन होने से पहले कुश्ती भी खेलते थे। 2-3 साल तक पहलवानी भी की है। बचपन से ही उनके मन में कुछ अलग करने का जुनून था। पहले उनका आर्मी में भर्ती होने का सपना था। इसके लिए भी उन्होंने कड़ी मेहनत की थी। हरियाणा के फौजी ने बेंगलुरु में 2349 मीटर तक बिना हाथ लगाए एक टायर पर बाइक चलाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया। उन्होंने बीते मंगलवार (10 दिसंबर) को बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे पर 3 मिनट 54 सेकेंड तक करीब 40 की स्पीड से बाइक चलाई। उनका नाम वर्ल्ड गिनीज बुक रिकॉर्ड में भी दर्ज हो गया है। फौजी मनीष रोहतक के गांव जींदराण के रहने वाले हैं। 13 साले पहले आर्मी में भर्ती हुए थे। वह आर्मी में हवलदार के पद पर तैनात हैं। उनकी ड्यूटी कर्नाटक के बेंगलुरु में ही है। मनीष के मुताबिक इससे पहले भी कई इवेंट में बाइक से स्टंट कर चुके हैं। आर्मी की टीम के साथ कई जगह 100-150 के करीब इवेंट किए हैं। इस सफलता के लिए उन्होंने 6 महीने लगातार प्रैक्टिस की। इस दौरान कई बार वह गिरे भी, लेकिन हार नहीं मानी। वह आखिरी बार जून महीने में रिश्तेदारी में शादी को लेकर छुट्टी पर घर आए थे। 2011 में की थी आर्मी जॉइन
मनीष राठी ने बताया कि उन्होंने 2011 में आर्मी जॉइन की थी। बचपन से ही उन्हें बाइक चलाने का शौक था। सेना में भर्ती होने के बाद आर्मी की बाइक स्टंट टीम को देखा और उसमें शामिल होने का मन बना। आवेदन करके वे 2014 में आर्मी की बाइक स्टंट टीम में शामिल हो गए। इसके बाद निरंतर अभ्यास करने लगे। शुरू में डर लगता था। पहले हाथ भी नहीं छूटते थे, लेकिन लगातार अभ्यास जारी रखा। इसके बाद थोड़ा-थोड़ा करके चलाना शुरू कर दिया। 6 माह से कर रहे थे लगातार अभ्यास
उन्होंने बताया कि हाथ छोड़कर एक टायर पर बाइक चलाने का रिकॉर्ड शुरू में 125 मीटर का एक भारतीय ने ही बनाया था। इसके बाद 567 मीटर और फिर 580 मीटर का रिकॉर्ड बना। अब रिकॉर्ड को तोड़कर 2349 मीटर तक बाइक चलाई है। इसके लिए वे पिछले करीब 6 माह से लगातार तैयारी कर रहे थे। हर रोज 2-3 घंटे तक प्रैक्टिस करते। राठी ने कहा कि वे हेलमेट समेत सभी सेफ्टी उपकरण पहनकर बाइक चलाते हैं। जिस रोड पर बाइक से स्टंट किया है, उसकी भी अनुमति ली थी। बचपन से था कुछ अलग करने का जुनून
मनीष ने बताया कि वह अपने परिवार में अकेले सेना में हैं। उनके 2 भाई और 2 बहनें हैं, जो शादीशुदा हैं। वह सबसे छोटे हैं। 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद सैना में भर्ती हुए थे। आर्मी में जॉइन होने से पहले कुश्ती भी खेलते थे। 2-3 साल तक पहलवानी भी की है। बचपन से ही उनके मन में कुछ अलग करने का जुनून था। पहले उनका आर्मी में भर्ती होने का सपना था। इसके लिए भी उन्होंने कड़ी मेहनत की थी। हरियाणा | दैनिक भास्कर