हिमाचल में 2 दिन से सरकारी बसों में कुकर और हीटर का किराया वसूले जाने की खूब चर्चाएं थी। इस पर हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) प्रबंधन ने आज सफाई दी है। निगम प्रबंधन ने दावा किया कि जिन छात्रों से हीटर का टिकट काटा गया है, उनके पास दो बैग के अलावा भी सामान था। बता दें कि 4 दिसंबर को शिमला से धर्मशाला जा रही सरकारी बस में रोहन कौंडल नाम के कंडक्टर ने हीटर का टिकट काटा था। इस बस में शिमला से दो छात्र यात्रा कर रहे थे, जिनके पास 5 बैग, एक हीटर व एक टेबल था। HRTC की लगेज पॉलिसी के हिसाब से प्रत्येक यात्री अपने साथ 30 किलो सामान या फिर किसी भी आकार के दो बैग मुफ्त ले जा सकता है। शिमला से धर्मशाला जा रहे दोनों छात्रों के पास अधिकृत सामान के अतिरिक्त 30 किलो सामान पाया गया। इसलिए कंडक्टर ने टिकट काटा है। निगम की लगेज पॉलिसी के हिसाब से टिकट गलत नहीं है। रिकांगपियो डिप्पो की बस के कंडक्टर ने काटा था टिकट बता दें कि रिकांगपियो डिप्पो के कंडक्टर ने डेढ़ किलो वजन वाले हीटर का 264 रुपए किराया काटा था। इससे कांग्रेस सरकार की सोशल मीडिया में खूब किरकिरी हुई। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी इसे लेकर सरकार पर निशाना साधा। इसके बाद जांच में पता चला कि लगेज पॉलिसी के हिसाब से टिकट सही पाया गया। सरकार की हुई किरकिरी प्रेशर कुकर के टिकट के कारण भी सरकार की खूबस किरकिरी हुई है। इसे देखते हुए HRTC प्रबंधन ने सभी कंडक्टर को लगेज पॉलिसी के बारे में एजुकेट करने के निर्देश दे दिए है, ताकि वे यात्रियों से घरेलू उपयोग की वस्तुओं पर किराया न वसूलें। हिमाचल में 2 दिन से सरकारी बसों में कुकर और हीटर का किराया वसूले जाने की खूब चर्चाएं थी। इस पर हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) प्रबंधन ने आज सफाई दी है। निगम प्रबंधन ने दावा किया कि जिन छात्रों से हीटर का टिकट काटा गया है, उनके पास दो बैग के अलावा भी सामान था। बता दें कि 4 दिसंबर को शिमला से धर्मशाला जा रही सरकारी बस में रोहन कौंडल नाम के कंडक्टर ने हीटर का टिकट काटा था। इस बस में शिमला से दो छात्र यात्रा कर रहे थे, जिनके पास 5 बैग, एक हीटर व एक टेबल था। HRTC की लगेज पॉलिसी के हिसाब से प्रत्येक यात्री अपने साथ 30 किलो सामान या फिर किसी भी आकार के दो बैग मुफ्त ले जा सकता है। शिमला से धर्मशाला जा रहे दोनों छात्रों के पास अधिकृत सामान के अतिरिक्त 30 किलो सामान पाया गया। इसलिए कंडक्टर ने टिकट काटा है। निगम की लगेज पॉलिसी के हिसाब से टिकट गलत नहीं है। रिकांगपियो डिप्पो की बस के कंडक्टर ने काटा था टिकट बता दें कि रिकांगपियो डिप्पो के कंडक्टर ने डेढ़ किलो वजन वाले हीटर का 264 रुपए किराया काटा था। इससे कांग्रेस सरकार की सोशल मीडिया में खूब किरकिरी हुई। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी इसे लेकर सरकार पर निशाना साधा। इसके बाद जांच में पता चला कि लगेज पॉलिसी के हिसाब से टिकट सही पाया गया। सरकार की हुई किरकिरी प्रेशर कुकर के टिकट के कारण भी सरकार की खूबस किरकिरी हुई है। इसे देखते हुए HRTC प्रबंधन ने सभी कंडक्टर को लगेज पॉलिसी के बारे में एजुकेट करने के निर्देश दे दिए है, ताकि वे यात्रियों से घरेलू उपयोग की वस्तुओं पर किराया न वसूलें। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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लुहरी प्रोजेक्ट से 450 मजदूरों की छटनी:इंटक ने कंपनी पर लगाए आरोप, डीसी और विधायकों से की बैठक शिमला जिले के लुहरी में निर्माणाधीन हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट में इंटक (इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस) ने प्रोजेक्ट का निर्माण कर रही कंपनी पर 450 मजदूरों की एक साथ गैर कानूनी तरीके से छटनी के आरोप लगाए है। मजदूर संगठन का कहना है कि SJVNL ने पटेल कंपनी को प्रोजेक्ट का कार्य दिया हुआ है, और पटेल कंपनी के अंतर्गत प्रोजेक्ट 587 मजदूर काम कर रहे थे। लेकिन कंपनी ने 450 से ज्यादा मजदूरों को एक साथ नौकरी से निकाल दिया है। कांग्रेस के मजदूर संगठन इंटक ने प्रदेश सरकार से मामले में हस्तक्षेप करके इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाने की मांग की है। इसी कड़ी में मजदूरों ने आज डीसी शिमला अनुपम कश्यप के साथ बैठक की है। जिसमें कांग्रेस के 2 विधायक भी शामिल हुए। कंपनी ने की 450 मजदूरों की छटनी इंटक प्रदेश उपाध्यक्ष विहारी सेवगी ने शिमला में पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि शिमला के निकट में रामपुर के पास निर्माणाधीन 210 मेगावाट के इस प्रोजेक्ट में गैर कानूनी तरीके से करीब 450 लोगो की छटनी की गई है। प्रोजेक्ट का निर्माण कर रही कंपनी ने 16 अगस्त को प्रोजेक्ट में कार्यरत 500 कर्मचारियों में से एक साथ 450 मजदूरों को निकाल दिया है। उन्होंने कहा कि निकाले गए कर्मचारियों को अंतिम 2 महीनों के वेतन तक नहीं दिया गया है। बिना नोटिस पीरियड दिए निकाल दिए मजदूर सेवगी ने कहा कि कंपनी ने मजदूरों का बिना नोटिस पीरियड दिए नौकरी से निकाल दिया है, ना ही मजदूरों को कोई मुआवजा दिया है। इंटक का मानना है कि इस प्रकार की छटनी गैर कानूनी है, और कंपनी द्वारा मजदूरों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। DC शिमला के समक्ष रखा मजदूरों का पक्ष उन्होंने कहा कि लुहरी प्रोजेक्ट से निकाले गए मजदूरों को लेकर आज बैठक बुलाई थी। इस बैठक में प्रभावित विधानसभा क्षेत्रों के विधायकों जिसमें रामपुर और ठियोग के विधायक भी शामिल रहे। उन्होंने कहा कि डीसी शिमला और दोनों विधायकों के सामने उन्होंने मजदूरों का पक्ष रखा है उन्हें उम्मीद है कि सरकार इस मामले का जल्द से जल्द समाधान निकालेगी । उन्होंने कहा कि डीसी शिमला के समक्ष प्रभावित मजदूरों को उनकी वितीय देनदारियां कंपनी से दिलवाने के निर्देश देने की मांग की है। ।
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हिमाचल में सरकारी बस में वसूला प्रेशर-कुकर का किराया:विपक्ष ने सरकार को घेरा, HRTC ने कहा-घरेलू सामान का किराया नहीं लेने का नियम हिमाचल सरकार एक बार फिर से सरकारी बसों में प्रेशर-कूकर पर किराए की वजह से सुर्खियों में आई है। देशभर में इसे लेकर कांग्रेस सरकार की किरकिरी हो रही है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने इसे लेकर सुक्खू सरकार को निशाने पर लिया है। इससे पहले भी हिमाचल की अफसरशाही कई बार सरकार की इसी तरह फजीहत करवा चुकी है। प्रेशर-कूकर पर किरकिरी झेलने के बाद मंगलवार देर शाम सरकार को क्लैरिफिकेशन देनी पड़ी, जिसमें हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) ने स्पष्ट कहा कि 30 किलो तक के घर में इस्तेमाल होने वाले सामान पर किराया लेने का कोई नियम नहीं है। लिहाजा यह गलती कंडक्टर के स्तर पर हुई है। हीटर का 264 रुपए टिकट काटने की खबर इस बीच ताजा खबर आ रही है कि मंडी जिले के सराज के गाड़ागुसैणी के एक व्यक्ति से डेढ़ किलो वजन वाले हीटर का 264 रुपए किराया काटा गया है। बताया जा रहा है कि एक व्यक्ति मंडी से धर्मशाला जा रहा था। इस दौरान कंडक्टर ने उससे हीटर का टिकट काट कर उसका किराया वसूल किया है। हालांकि इसका टिकट अभी मौजूद नहीं है। केलांग डिपो की बस के कंडक्टर ने काटा टिकट वहीं प्रेशर कूकर का 23 रुपए का टिकट केलांग डिपो की मंडी से ओट जा रही सरकारी बस के कंडक्टर ने बीते 8 दिसंबर को काट था। अब यह टिकट सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। इससे सुक्खू सरकार सोशल मीडिया में बुरी तरह घिर गई है। नेता प्रतिपक्ष जयराम का तंज इस पर पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि शादी की एलबम, बुजुर्गों की दवाई, बच्चों के बस्ते, खिलौने के बाद खाना बनाने के प्रेशर कूकर पर हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) बस में किराया देना शर्मनाक कृत्य है। विपक्षी भाजपा को कांग्रेस सरकार बार बार इस तरह के मुद्दे बैठे बिठाए दे रही है। इससे पहले सुक्खू सरकार टॉयलेट टैक्स, HRTC की लगेज पॉलिसी और समेसा कांड की वजह से देशभर में बदनामी झेल चुकी है। इससे कांग्रेस सरकार हंसी का पात्र बन गई है। इससे सरकार की पूरे देश में छवि खराब हुई है। टॉयलेट टैक्स ने पूरे देश में सरकार की छवि को खराब किया पहली नोटिफिकेशन बीते 21 सितंबर को जल शक्ति विभाग ने की। इसमें टॉयलेट शीट पर टैक्स का जिक्र किया गया। हालांकि यह नया टैक्स नहीं था। पूर्व की जयराम सरकार के कार्यकाल में भी 2018 में लगाया था। मगर, हिमाचल की अफसरशाही ने हरियाणा विधानसभा चुनाव की बेला में जिस तरह यह नोटिफिकेशन कर दी, उससे हिमाचल सरकार का यह नोटिफिकेशन पूरे प्रदेश में चर्चा का कारण बना। इसके बाद CM सुक्खू को मीडिया के सामने आकर सफाई देनी पड़ी। हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी नेताओं ने हिमाचल के टॉयलेट टैक्स को बड़ा मुद्दा बनाया। HRTC की नोटिफिकेशन से भी किरकिरी इसके बाद HRTC ने अक्टूबर में लगेज पॉलिसी को लेकर नोटिफिकेशन की। इस अधिसूचना के कारण पूरे देश में हिमाचल फिर से चर्चा में आया। इसमें यात्रियों के सामान घरेलू इस्तेमाल के सामान पर किराया लेने की बात कही गई। नोटिफिकेशन मीडिया में आने से पहले विपक्ष के हाथ में लग गई और भाजपा नेताओं ने प्रेस कान्फ्रेंस करके तीखी प्रतिक्रिया दी। फिर 16 अक्टूबर को रात 9 बजे HRTC प्रबंधन ने एक स्पष्टीकरण जारी किया, जिसमें कहा गया कि यह किराया घरेलू इस्तेमाल की वस्तुओं पर नहीं लिया जाएगा। यात्री अपने साथ 30 किलो तक के बैग को मुफ्त में ले जा सकेंगे। प्रबंधन ने जो चीज स्पष्टीकरण में स्पष्ट की, यदि यही उल्लेख पहले नोटिफिकेशन में होता तो सरकार की किरकिरी न होती। अब पद समाप्त पर पलटी सरकार इसके बाद 23 अक्टूबर को फाइनेंस डिपार्टमेंट ने पद समाप्त करने को लेकर नोटिफिकेशन जारी की। इससे भी सरकार कि किरकिरी हुई। इस अधिसूचना के 12 घंटे के भीतर ही सीएम सुक्खू को मीडिया के सामने आकर सफाई देनी पड़ी। हालांकि उन्होंने एक दूसरी चिट्टी का जिक्र करते हुए सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार का ठीकरा फोड़ा। मगर, दूसरी नोटिफिकेशन यदि सरकार ने 23 अक्टूबर को की थी तो उसे भी फजीहत कराने वाली नोटिफिकेशन के साथ मीडिया के साथ साझा क्यों नहीं किया गया? जिस तरह सीएम सुक्खू ने कहा कि, पद समाप्त नहीं किए जा रहे बल्कि कन्वर्ट किए जा रहे हैं। यदि ऐसा है तो इसका जिक्र उस नोटिफिकेशन में नहीं किया गया, जो मीडिया से शेयर की गई। इससे पहले भी कांग्रेस सरकार फैसले से पलटी है। सरकार ने अप्रैल माह में टैम्परेरी टीचर भर्ती का फैसला लिया तो प्रदेशभर में विरोध के बाद ने टैम्परेरी टीचर रखने का फैसला पलटा। समोसा कांड से भी छवि खराब हुई इसके बाद प्रदेश में नवंबर माह में समोसा कांड हुआ। दरअसल, सीएम सुक्खू एक कार्यक्रम में शामिल होने सीआईडी मुख्यालय गए। पुलिस अधिकारियों ने सीएम के लिए समोसे और दूसरी खाद्य सामग्री ऑर्डर की। मगर जब सीएम आए तो पुलिस अधिकारियों द्वारा मंगवाई गई रिफ्रेशमेंट उनके मेन्यू में शामिल ही नहीं थी। इससे यह रिफ्रेशमेंट सीएम की सिक्योरिटी के जवानों को बांट दी गई। पुलिस अधिकारियों को जब इसका पता चला तो उन्होंने इसकी जांच बैठा दी। जांच में इसे सीआईडी और सरकार विरोधी कृत्य बताया गया।
बिलासपुर में सीढ़ियों से गिरने से बच्चे की मौत:स्कूल परिसर में भाई के साथ खेल रहा था, माता-पिता भी कर रहे थे काम
बिलासपुर में सीढ़ियों से गिरने से बच्चे की मौत:स्कूल परिसर में भाई के साथ खेल रहा था, माता-पिता भी कर रहे थे काम बिलासपुर जिले में सीढ़ियों से गिरने पर चार साल के बच्चे की मौत हो गई। जिससे परिवार में मातम परस गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। घटना बरमाणा थाने क्षेत्र के पंजगाईं गांव की है। जहां रिशु अपने बड़े भाई के साथ खेल रहा था। इसी दौरान वह फिसलकर सीढ़ियों से गिर गया। जिससे गंभीर रूप से घायल रिशु के सिर पर गहरी चोट लग गई। एम्स में इलाज के दौरान मौत हादसे के तुरंत बाद उसके माता-पिता उसे नजदीकी सीएचसी पंजगाईं ले गए, जहां उसकी हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर रेफर कर दिया वहां भी उसकी स्थिति बिगड़ती चली गई और उसे एम्स रेफर कर दिया गया। जहां उपचार के दौरान रिशु ने दम तोड़ दिया। बिहार का रहने वाला है पीड़ित परिवार मिली जानकारी के अनुसार, मिथुन चौहान अपनी पत्नी के साथ राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पंजगाईं में चल रहे निर्माण कार्य में मजदूरी कर रहे थे। वहीं उनका चार साल का बेटा रिशु और बड़ा बेटा भी उनके साथ थे। जो स्कूल परिसर में खेल रहे थे। इसी दौरान रिशु खेलते-खेलते स्कूल की सीढ़ियों से गिर गया। पीड़ित परिवार बिहार के गोपालगंज जिले के उचका गांव का रहने वाला है।