हिमाचल सरकार की गेस्ट-टीचर पॉलिसी पर भड़के बेरोजगार:20 दिसंबर को विधानसभा का करेंगे घेराव; आर-पार की लड़ाई की चेतावनी; पक्की नौकरी की मांग

हिमाचल सरकार की गेस्ट-टीचर पॉलिसी पर भड़के बेरोजगार:20 दिसंबर को विधानसभा का करेंगे घेराव; आर-पार की लड़ाई की चेतावनी; पक्की नौकरी की मांग

हिमाचल कैबिनेट ने सरकारी स्कूलों में पीरियड आधार पर गेस्ट-टीचर भर्ती करने का फैसला लिया है। इससे राज्य के शिक्षित बेरोजगार भड़क उठे हैं। प्रशिक्षित बेरोजगारों ने देर रात तक वर्चुअल मीटिंग करके सरकार के इस फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतरने का फैसला लिया। हिमाचल के प्रशिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बालकृष्ण ने बताया कि 20 दिसंबर को प्रदेशभर के प्रशिक्षित बेरोजगार धर्मशाला के तपोवन में विधानसभा का घेराव करेंगे। उन्होंने बताया कि केंद्र की BJP सरकार ने सेना में अग्निवीर भर्ती योजना लाकर युवाओं के साथ धोखा किया और अब हिमाचल की कांग्रेस सरकार शिक्षक वीर भर्ती करके उनके साथ धोखा कर रही है। प्राइमरी स्कूलों में गेस्ट-टीचर को 200 रुपए प्रति पीरियड बता दें कि सुक्खू कैबिनेट ने गेस्ट टीचर पॉलिसी को मंजूरी दे दी दी है। इसके तहत प्राइमरी स्कूलों में गेस्ट-टीचर को 200 रुपए प्रति पीरियड, अपर-प्राइमरी में 250 रुपए, सीनियर सेकेंडरी में 400 रुपए और कालेज में 500 रुपए प्रति पीरियड के हिसाब से टीचर को पैसे दिए जाएंगे। दावा किया जा रहा है कि जब रेगुलर टीचर आएगा तो इन्हें हटा दिया जाएगा। लाइब्रेरी में पढ़ते हुए बूढ़ा हो रहा बेरोजगार: बालकृष्ण बालकृष्ण ने बताया कि प्रदेश के 8 लाख से ज्यादा युवा लाइब्रेरी में पढ़ाई करते हुए बूढ़ा हो रहा है, ताकि रेगुलर नौकरी पा सके। मगर कांग्रेस सरकार रेगुलर के बजाय आउटसोर्स माध्यम से नौकरी देकर युवाओं के साथ धोखा कर रही है। उन्होंने बताया कि सरकार के इस निर्णय का विरोध किया जाएगा और इसके खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी जाएगी। कोर्ट ने कई बार कमीशन के माध्यम से रेगुलर टीचर भर्ती करने के आदेश दिए। मगर किसी भी सरकार ने इन आदेशों की परवाह नहीं की। इस तरह की अस्थाई भर्तियां​भाई-भतीजावाद के आधार पर की जाती रही है। बाद में एसएमसी को छोड़कर अन्य सभी कैटेगिरी के लिए सरकार ने पॉलिसी भी बनाई और इन्हें रेगुलर भी किया। अब नई पॉलिसी लाकर युवाओं से ठगने की तैयारी अब इसी तरह की अस्थाई पॉलिसी लाकर गेस्ट-टीचर रखने की तैयारी है। ऐसी पॉलिसी के तहत नियुक्ति पढ़े लिखे उन बेरोजगारों के साथ धोखा है, जो सालों से सरकारी नौकरी के लिए कमिशन की तैयारी कर रहे हैं। हर साल 1 लाख नौकरी का वादा, 2 साल में 4500 को नौकरी दे पाई हिमाचल में हर साल 1 लाख नौकरी देने का वादा करके कांग्रेस सत्ता में आई थी। प्रशिक्षित बेरोजगार यूनियन की माने तो 2 साल में लगभग 4500 लोगों को ही पक्की नौकरी दे पाई है। इनमें लगभग 1560 पद कमीशन के माध्यम से भरे गए हैं। ज्यादातर पदों पर पूर्व सरकार के कार्यकाल में भर्तियां शुरू हो गई थी। कांग्रेस सरकार ने बैच वाइज कोटे से JBT के 2800 पद भरे है। कांग्रेस सरकार का दावा है कि 30 हजार से ज्यादा पदों पर नौकरियां दे दी गई है। मगर इनमें अधिकांश नौकरियां आउटसोर्स व पार्ट टाइम है। विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस आउटसोर्स भर्तियां बंद करने के दावे करती रही। मगर सत्ता मिलने के बाद कांग्रेस भी पूर्व सरकार के रास्ते पर चल पड़ी। अब आउटसोर्स के साथ साथ नाममात्र मानदेय पर टेंपरेरी जॉब, वन मित्र, गेस्ट टीचर, मल्टी टास्क वर्कर या फिर आउटसोर्स जैसी अस्थाई भर्तियां करके उन युवाओं को ठगा जा रहा है, जो सालों से लाइब्रेरी में बैठकर कमीशन की तैयारी कर रहे हैं। कैबिनेट ने 6000 से ज्यादा पद मंजूर कर रखे हिमाचल कैबिनेट ने अकेले शिक्षा विभाग में 6000 से ज्यादा पद भरने को स्वीकृति जरूर दे रखी है। मगर दो साल से भर्ती तो दूर इन पदों को विज्ञापित भी नहीं किया जा रहा। हिमाचल कैबिनेट ने सरकारी स्कूलों में पीरियड आधार पर गेस्ट-टीचर भर्ती करने का फैसला लिया है। इससे राज्य के शिक्षित बेरोजगार भड़क उठे हैं। प्रशिक्षित बेरोजगारों ने देर रात तक वर्चुअल मीटिंग करके सरकार के इस फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतरने का फैसला लिया। हिमाचल के प्रशिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बालकृष्ण ने बताया कि 20 दिसंबर को प्रदेशभर के प्रशिक्षित बेरोजगार धर्मशाला के तपोवन में विधानसभा का घेराव करेंगे। उन्होंने बताया कि केंद्र की BJP सरकार ने सेना में अग्निवीर भर्ती योजना लाकर युवाओं के साथ धोखा किया और अब हिमाचल की कांग्रेस सरकार शिक्षक वीर भर्ती करके उनके साथ धोखा कर रही है। प्राइमरी स्कूलों में गेस्ट-टीचर को 200 रुपए प्रति पीरियड बता दें कि सुक्खू कैबिनेट ने गेस्ट टीचर पॉलिसी को मंजूरी दे दी दी है। इसके तहत प्राइमरी स्कूलों में गेस्ट-टीचर को 200 रुपए प्रति पीरियड, अपर-प्राइमरी में 250 रुपए, सीनियर सेकेंडरी में 400 रुपए और कालेज में 500 रुपए प्रति पीरियड के हिसाब से टीचर को पैसे दिए जाएंगे। दावा किया जा रहा है कि जब रेगुलर टीचर आएगा तो इन्हें हटा दिया जाएगा। लाइब्रेरी में पढ़ते हुए बूढ़ा हो रहा बेरोजगार: बालकृष्ण बालकृष्ण ने बताया कि प्रदेश के 8 लाख से ज्यादा युवा लाइब्रेरी में पढ़ाई करते हुए बूढ़ा हो रहा है, ताकि रेगुलर नौकरी पा सके। मगर कांग्रेस सरकार रेगुलर के बजाय आउटसोर्स माध्यम से नौकरी देकर युवाओं के साथ धोखा कर रही है। उन्होंने बताया कि सरकार के इस निर्णय का विरोध किया जाएगा और इसके खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी जाएगी। कोर्ट ने कई बार कमीशन के माध्यम से रेगुलर टीचर भर्ती करने के आदेश दिए। मगर किसी भी सरकार ने इन आदेशों की परवाह नहीं की। इस तरह की अस्थाई भर्तियां​भाई-भतीजावाद के आधार पर की जाती रही है। बाद में एसएमसी को छोड़कर अन्य सभी कैटेगिरी के लिए सरकार ने पॉलिसी भी बनाई और इन्हें रेगुलर भी किया। अब नई पॉलिसी लाकर युवाओं से ठगने की तैयारी अब इसी तरह की अस्थाई पॉलिसी लाकर गेस्ट-टीचर रखने की तैयारी है। ऐसी पॉलिसी के तहत नियुक्ति पढ़े लिखे उन बेरोजगारों के साथ धोखा है, जो सालों से सरकारी नौकरी के लिए कमिशन की तैयारी कर रहे हैं। हर साल 1 लाख नौकरी का वादा, 2 साल में 4500 को नौकरी दे पाई हिमाचल में हर साल 1 लाख नौकरी देने का वादा करके कांग्रेस सत्ता में आई थी। प्रशिक्षित बेरोजगार यूनियन की माने तो 2 साल में लगभग 4500 लोगों को ही पक्की नौकरी दे पाई है। इनमें लगभग 1560 पद कमीशन के माध्यम से भरे गए हैं। ज्यादातर पदों पर पूर्व सरकार के कार्यकाल में भर्तियां शुरू हो गई थी। कांग्रेस सरकार ने बैच वाइज कोटे से JBT के 2800 पद भरे है। कांग्रेस सरकार का दावा है कि 30 हजार से ज्यादा पदों पर नौकरियां दे दी गई है। मगर इनमें अधिकांश नौकरियां आउटसोर्स व पार्ट टाइम है। विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस आउटसोर्स भर्तियां बंद करने के दावे करती रही। मगर सत्ता मिलने के बाद कांग्रेस भी पूर्व सरकार के रास्ते पर चल पड़ी। अब आउटसोर्स के साथ साथ नाममात्र मानदेय पर टेंपरेरी जॉब, वन मित्र, गेस्ट टीचर, मल्टी टास्क वर्कर या फिर आउटसोर्स जैसी अस्थाई भर्तियां करके उन युवाओं को ठगा जा रहा है, जो सालों से लाइब्रेरी में बैठकर कमीशन की तैयारी कर रहे हैं। कैबिनेट ने 6000 से ज्यादा पद मंजूर कर रखे हिमाचल कैबिनेट ने अकेले शिक्षा विभाग में 6000 से ज्यादा पद भरने को स्वीकृति जरूर दे रखी है। मगर दो साल से भर्ती तो दूर इन पदों को विज्ञापित भी नहीं किया जा रहा।   हिमाचल | दैनिक भास्कर