भास्कर न्यूज | जालंधर/फाजिल्का कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट यूजी यूजी 2025 परीक्षा में कई बदलाव किए गए हैं। अब छात्र अधिकतम पांच विषयों की परीक्षा दे सकेंगे। सभी विषयों के लिए परीक्षाओं की अवधि 60 मिनट होगी। इसके साथ ही वैकल्पिक प्रश्नों को भी समाप्त कर दिया गया है। सीयूईटी-यूजी 63 के बजाय 37 विषयों में आयोजित की जाएगी। मालूम हो कि यूजीसी ने सीयूईटी-यूजी और पीजी के संचालन की समीक्षा के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित की थी। समिति के सुझाव पर कई फैसले लिए गए हैं। प्रो. कुमार ने कहा कि इस बार स्टूडेंट्स के कई परेशानियों को समाप्त कर दिया गया है। सीयूईटी देने वाले स्टूडेंट्स के लिए बेहतर, अधिक कुशल और अनुकूल वातावरण प्रदान करने के लिए परीक्षा प्रक्रिया में निरंतर सुधार किया जा रहा है। पिछले साल सीयूईटी यूजी और पीजी परीक्षा का आयोजन हाइब्रिड बोर्ड में किया गया था। मतलब सीबीटी और ऑनलाइन दोनों मोड में एग्जाम आयोजित किए गए थे। कई तकनीकी समस्याएं भी देखने को मिली थी। लेकिन इस बार हाइब्रिड मोड को हटाने का फैसला यूजीसी ने लिया है। अब केवल कंप्यूटर आधारित टेस्ट फॉर्मेट में परीक्षा आयोजित की जाएगी। पिछले साल की तरह ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में नहीं होगी। इस बार परीक्षा के आयोजन के लिए पिछले तीन वर्षों के अनुभवों का भी विश्लेषण किया गया। इसके आधार पर स्टूडेंट्स जिन पेपरों को सबसे कम अटेंप्ट करते हैं उन्हें हटाया गया है। इससे छात्रों को काफी फायदा मिलेगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भी कहती है कि छात्रों को किसी एक डिसिप्लिन की बाउंड्री में नहीं बांधा जाना चाहिए। यूनिवर्सिटीज को अपने नियमों में बदलाव करना होगा। परीक्षार्थियों ने अपने बोर्ड में जो पढ़ा है, उसके अनुसार उन्हें प्रश्नों का चयन करने की सुविधा हटा लेने से वे कुछ प्रश्नों का उत्तर नहीं दे सकेंगे जो उनके ओवरऑल अंकों पर असर डालेंगे। इसमें नॉर्मलाइजेशन की क्या भूमिका होगी यह जानना अहम होगा। सीयूईटी यूजी के क्वेश्चन पेपर में मिलने वाली चॉइस खत्म कर दी गई है, अब सभी स्टूडेंट्स के लिए एक जैसा प्रश्नपत्र ही होगा। सभी सवाल अनिवार्य होंगे। पेपरों की टाइमिंग एक जैसी होगी। 2024 में 283 यूनिवर्सिटीज ने सीयूईटी यूजी को अपनाया, इस बार 300 से ज्यादा 2024 में 283 यूनिवर्सिटीज ने सीयूईटी यूजी को अपनाया था। इस बार यह संख्या 300 से ज्यादा होगी। इस बार जो 23 सब्जेक्ट रखे गए हैं, उनमें- अकाउंट बुक कीपिंग, बिजनेस स्टडीज, एग्रीकल्चर, फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स अप्लाइड मैथमेटिक्स, बायोलोजी-बायोलोजिकल साइंस-बायोकेमिस्ट्री -बायोटेक्नॉलजी, परफॉर्मिंग आर्ट्स (डांस, ड्रामा, म्यूजिक), फाइन आर्ट-विजुअल आर्ट- कॉमर्शियल आर्ट, ज्योग्राफी- जियोलोजी, हिस्ट्री, होम साइंस, मास मीडिया- मास कम्यूनिकेशन, पॉलिटिकल साइंस, साइकॉलजी, सोशियॉलजी, संस्कृत, एन्वायरमेंटल साइंस, नॉलेज ट्रेडिशन- प्रैक्टिस इन इंडिया, फिजिकल एजुकेशन (योगा- स्पोर्ट्स), एंथ्रोपोलोजी, इकनॉमिक्स- बिजनेस इकनॉमिक्स, कंप्यूटर साइंस-इंफर्मेटिक्स प्रैक्टिस शामिल हैं। 13 लैंग्वेज में असमिया, बांग्ला, इंग्लिश, गुजराती, हिंदी, कन्नड, मलयालम, मराठी, पंजाबी, ओडिया, तमिल, तेलुगु और उर्दू में लैंग्वेज के पेपर होंगे। बाकी जो 20 लैंग्वेज के पेपर (विदेशी भाषाओं सहित) हटाए गए हैं। भास्कर न्यूज | जालंधर/फाजिल्का कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट यूजी यूजी 2025 परीक्षा में कई बदलाव किए गए हैं। अब छात्र अधिकतम पांच विषयों की परीक्षा दे सकेंगे। सभी विषयों के लिए परीक्षाओं की अवधि 60 मिनट होगी। इसके साथ ही वैकल्पिक प्रश्नों को भी समाप्त कर दिया गया है। सीयूईटी-यूजी 63 के बजाय 37 विषयों में आयोजित की जाएगी। मालूम हो कि यूजीसी ने सीयूईटी-यूजी और पीजी के संचालन की समीक्षा के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित की थी। समिति के सुझाव पर कई फैसले लिए गए हैं। प्रो. कुमार ने कहा कि इस बार स्टूडेंट्स के कई परेशानियों को समाप्त कर दिया गया है। सीयूईटी देने वाले स्टूडेंट्स के लिए बेहतर, अधिक कुशल और अनुकूल वातावरण प्रदान करने के लिए परीक्षा प्रक्रिया में निरंतर सुधार किया जा रहा है। पिछले साल सीयूईटी यूजी और पीजी परीक्षा का आयोजन हाइब्रिड बोर्ड में किया गया था। मतलब सीबीटी और ऑनलाइन दोनों मोड में एग्जाम आयोजित किए गए थे। कई तकनीकी समस्याएं भी देखने को मिली थी। लेकिन इस बार हाइब्रिड मोड को हटाने का फैसला यूजीसी ने लिया है। अब केवल कंप्यूटर आधारित टेस्ट फॉर्मेट में परीक्षा आयोजित की जाएगी। पिछले साल की तरह ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में नहीं होगी। इस बार परीक्षा के आयोजन के लिए पिछले तीन वर्षों के अनुभवों का भी विश्लेषण किया गया। इसके आधार पर स्टूडेंट्स जिन पेपरों को सबसे कम अटेंप्ट करते हैं उन्हें हटाया गया है। इससे छात्रों को काफी फायदा मिलेगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भी कहती है कि छात्रों को किसी एक डिसिप्लिन की बाउंड्री में नहीं बांधा जाना चाहिए। यूनिवर्सिटीज को अपने नियमों में बदलाव करना होगा। परीक्षार्थियों ने अपने बोर्ड में जो पढ़ा है, उसके अनुसार उन्हें प्रश्नों का चयन करने की सुविधा हटा लेने से वे कुछ प्रश्नों का उत्तर नहीं दे सकेंगे जो उनके ओवरऑल अंकों पर असर डालेंगे। इसमें नॉर्मलाइजेशन की क्या भूमिका होगी यह जानना अहम होगा। सीयूईटी यूजी के क्वेश्चन पेपर में मिलने वाली चॉइस खत्म कर दी गई है, अब सभी स्टूडेंट्स के लिए एक जैसा प्रश्नपत्र ही होगा। सभी सवाल अनिवार्य होंगे। पेपरों की टाइमिंग एक जैसी होगी। 2024 में 283 यूनिवर्सिटीज ने सीयूईटी यूजी को अपनाया, इस बार 300 से ज्यादा 2024 में 283 यूनिवर्सिटीज ने सीयूईटी यूजी को अपनाया था। इस बार यह संख्या 300 से ज्यादा होगी। इस बार जो 23 सब्जेक्ट रखे गए हैं, उनमें- अकाउंट बुक कीपिंग, बिजनेस स्टडीज, एग्रीकल्चर, फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स अप्लाइड मैथमेटिक्स, बायोलोजी-बायोलोजिकल साइंस-बायोकेमिस्ट्री -बायोटेक्नॉलजी, परफॉर्मिंग आर्ट्स (डांस, ड्रामा, म्यूजिक), फाइन आर्ट-विजुअल आर्ट- कॉमर्शियल आर्ट, ज्योग्राफी- जियोलोजी, हिस्ट्री, होम साइंस, मास मीडिया- मास कम्यूनिकेशन, पॉलिटिकल साइंस, साइकॉलजी, सोशियॉलजी, संस्कृत, एन्वायरमेंटल साइंस, नॉलेज ट्रेडिशन- प्रैक्टिस इन इंडिया, फिजिकल एजुकेशन (योगा- स्पोर्ट्स), एंथ्रोपोलोजी, इकनॉमिक्स- बिजनेस इकनॉमिक्स, कंप्यूटर साइंस-इंफर्मेटिक्स प्रैक्टिस शामिल हैं। 13 लैंग्वेज में असमिया, बांग्ला, इंग्लिश, गुजराती, हिंदी, कन्नड, मलयालम, मराठी, पंजाबी, ओडिया, तमिल, तेलुगु और उर्दू में लैंग्वेज के पेपर होंगे। बाकी जो 20 लैंग्वेज के पेपर (विदेशी भाषाओं सहित) हटाए गए हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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इस मामले में ग्रामीणों का कहना है कि प्रवासी लोगों के रहने के कारण इलाके में आपराधिक और असामाजिक गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं। इससे आने वाली पीढ़ी पर गलत प्रभाव पड़ रहा है। इसके चलते हुए यह फैसला लिया गया है। गांव में किसको रहना है और किसको नहीं, इसका फैसला करना पंचायत का अधिकार क्षेत्र है। इसी कारण ग्रामीणों ने मिलकर इस तरह का फैसला लिया है। जब पुलिस ने इस मामले में पंचायत से पूछा तो ग्रामीणों के पक्ष में लक्खा सिधाना गांव में पहुंच गए और उन्होंने ग्रामीणों के इस फैसले की सराहना की है। उन्होंने कहा कि पूरे पंजाब में यह लोग आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं। पंजाब की सभी पंचायतों को इस तरह का फैसला लेना चाहिए। मामले की चल रही है जांच
मामले में डीएसपी धर्मवीर सिंह ने कहा कि गांव के मौजूदा सरपंच से बात हुई है। उनका कहना है कि गांव में कोई भी व्यक्ति आकर रह सकता है। इसमें किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है। हालांकि पूरा मामला उच्च अधिकारियों के ध्यान में है। अधिकारियों की तरफ से इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले में जांच की रिपोर्ट आने के बाद जो भी उचित कार्रवाई होगी, वह की जाएगी। अभी गांव में शांति का माहौल है। किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है।