<p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi High Court News:</strong> दिल्ली हाई कोर्ट ने एक महिला को यह पूछने और सच जानने के लिए कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है कि उसकी शादी सहमति से हुई थी या नहीं. दरअसल, कोर्ट में सुनवाई के दौरान महिला वीडियो कॉनफ्रेंस के जरिए पेश हुई थी. हालांकि जब जस्टिस प्रतिभा एम सिंह और अमित शर्मा की पीठ के सामने पेश हुई तो उसका वीडियो चालू नहीं था और अदालत ने पाया कि उसने यह कहने की कोशिश की थी कि उसकी शादी जबरन कराई गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अदालत ने कहा, ‘स्पष्ट रूप से, लड़की ने पुलिस थाने में जो कुछ कहा और आज जो कहा, उससे पता चलता है कि वह विरोधाभासी बयान दे रही है. उसे अगली सुनवाई की तारीख पर उसके परिवार के सदस्यों के साथ अदालत में हाजिर किया जाए.’ पीठ ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि युवती और उसके परिवार के सदस्यों को 16 दिसंबर को पुलिस सुरक्षा में अदालत लाया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दोनों ने मंदिर में की थी शादी! कोर्ट में दिया विरोधाभासी बयान</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अदालत का यह आदेश युवती के पति के अदालत का रुख करने पर आया है. व्यक्ति ने अपनी पत्नी को अदालत में पेश करने का अनुरोध किया और दावा किया कि उसे उसके माता-पिता अपने साथ ले गए थे तथा 24 अक्टूबर से उसका कोई अता-पता नहीं है. व्यक्ति ने दावा किया कि उन दोनों ने सितंबर में एक मंदिर में युवती के परिवार की इच्छा के विरुद्ध विवाह किया था और यहां तक कि युवती ने पुलिस को बताया था कि उसने विवाह के लिए सहमति दी थी, हालांकि उसने बाद में अदालत में विरोधाभासी रुख अपनाया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अदालत संबंधित व्यक्ति द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण (लापता या अवैध रूप से हिरासत में लिए गए व्यक्ति को पेश करने का निर्देश देने का अनुरोध) याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें उसने अपनी पत्नी को अदालत में पेश करने की मांग की थी. व्यक्ति ने अदालत से कहा कि चूंकि युवती के माता-पिता इस शादी के खिलाफ थे, इसलिए उन्होंने पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई और आरोप लगाया था कि उनकी बेटी का पता नहीं चल रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नौ सितंबर को, दंपति पुलिस के समक्ष पेश हुआ और पुष्टि की कि उनकी शादी सहमति से हुई थी. याचिकाकर्ता ने कहा कि युवती के पिता भी पुलिस थाने में मौजूद थे. पुलिस की वस्तु स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, युवती ने 9 सितंबर को थाने में हस्तलिखित बयान दिया था, जिसमें उसने कहा था कि उसने अपनी मर्जी से उस व्यक्ति से शादी की है. इसने बताया कि बाद में युवती की ओर से शिकायत मिली थी कि व्यक्ति ने उसके साथ जबरन शादी की.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले प्रशासनिक फेरबदल, इन 5 IPS अधिकारियों का ट्रांसफर” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-ips-officers-transfer-check-list-police-commissioner-osd-manishi-chandra-posted-to-mizoram-2841879″ target=”_blank” rel=”noopener”>दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले प्रशासनिक फेरबदल, इन 5 IPS अधिकारियों का ट्रांसफर</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi High Court News:</strong> दिल्ली हाई कोर्ट ने एक महिला को यह पूछने और सच जानने के लिए कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है कि उसकी शादी सहमति से हुई थी या नहीं. दरअसल, कोर्ट में सुनवाई के दौरान महिला वीडियो कॉनफ्रेंस के जरिए पेश हुई थी. हालांकि जब जस्टिस प्रतिभा एम सिंह और अमित शर्मा की पीठ के सामने पेश हुई तो उसका वीडियो चालू नहीं था और अदालत ने पाया कि उसने यह कहने की कोशिश की थी कि उसकी शादी जबरन कराई गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अदालत ने कहा, ‘स्पष्ट रूप से, लड़की ने पुलिस थाने में जो कुछ कहा और आज जो कहा, उससे पता चलता है कि वह विरोधाभासी बयान दे रही है. उसे अगली सुनवाई की तारीख पर उसके परिवार के सदस्यों के साथ अदालत में हाजिर किया जाए.’ पीठ ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि युवती और उसके परिवार के सदस्यों को 16 दिसंबर को पुलिस सुरक्षा में अदालत लाया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दोनों ने मंदिर में की थी शादी! कोर्ट में दिया विरोधाभासी बयान</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अदालत का यह आदेश युवती के पति के अदालत का रुख करने पर आया है. व्यक्ति ने अपनी पत्नी को अदालत में पेश करने का अनुरोध किया और दावा किया कि उसे उसके माता-पिता अपने साथ ले गए थे तथा 24 अक्टूबर से उसका कोई अता-पता नहीं है. व्यक्ति ने दावा किया कि उन दोनों ने सितंबर में एक मंदिर में युवती के परिवार की इच्छा के विरुद्ध विवाह किया था और यहां तक कि युवती ने पुलिस को बताया था कि उसने विवाह के लिए सहमति दी थी, हालांकि उसने बाद में अदालत में विरोधाभासी रुख अपनाया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अदालत संबंधित व्यक्ति द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण (लापता या अवैध रूप से हिरासत में लिए गए व्यक्ति को पेश करने का निर्देश देने का अनुरोध) याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें उसने अपनी पत्नी को अदालत में पेश करने की मांग की थी. व्यक्ति ने अदालत से कहा कि चूंकि युवती के माता-पिता इस शादी के खिलाफ थे, इसलिए उन्होंने पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई और आरोप लगाया था कि उनकी बेटी का पता नहीं चल रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नौ सितंबर को, दंपति पुलिस के समक्ष पेश हुआ और पुष्टि की कि उनकी शादी सहमति से हुई थी. याचिकाकर्ता ने कहा कि युवती के पिता भी पुलिस थाने में मौजूद थे. पुलिस की वस्तु स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, युवती ने 9 सितंबर को थाने में हस्तलिखित बयान दिया था, जिसमें उसने कहा था कि उसने अपनी मर्जी से उस व्यक्ति से शादी की है. इसने बताया कि बाद में युवती की ओर से शिकायत मिली थी कि व्यक्ति ने उसके साथ जबरन शादी की.</p>
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