AI इंजीनियर-पत्नी में एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर पर था झगड़ा:महिला ने 9 केस दर्ज कराए थे; पड़ोसी बोले- कर्ज में है परिवार

AI इंजीनियर-पत्नी में एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर पर था झगड़ा:महिला ने 9 केस दर्ज कराए थे; पड़ोसी बोले- कर्ज में है परिवार

उसका एक लड़की से नाजायज संबंध था। ऑफिस की एक-दो लड़कियों से अफेयर थे। ये बातें मुझे बेंगलुरु जाकर पता चलीं। जब मैंने पूछा तो मेरी मां के सामने मुक्के और लात से पीटा। – कोर्ट में ये आरोप निकिता सिंघानिया ने लगाए थे। मुझे ऐसा लगता है कि निकिता का संबंध किसी लड़के से था। उसकी हरकतों से ऐसा ही लगता है। मेरे और निकिता के बीच (एक लड़के का नाम) विवाद हुआ था। -कोर्ट में ये आरोप AI इंजीनियर अतुल सुभाष मोदी ने लगाए थे। AI इंजीनियर अतुल सुभाष और उनकी पत्नी इंजीनियर निकिता सिंघानिया में सिर्फ दहेज उत्पीड़न जैसे ही विवाद नहीं थे। दोनों में एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर को लेकर भी विवाद था। दोनों को एक-दूसरे पर शक था। 10 दिसंबर को अतुल सुभाष ने बेंगुलरु में अपने फ्लैट में सुसाइड नोट और वीडियो बनाकर जान दे दी थी। दैनिक भास्कर की टीम निकिता के घर पहुंची। आसपास के लोगों से बात की। पुराने घर को छोड़कर यहां शिफ्ट होने की वजह को समझा। 3 करोड़ मांगने की थ्योरी क्या है, इसे भी जाना। आइए इस मामले के उन पहलुओं को समझते हैं, जो अब तक सामने नहीं आए हैं। जौनपुर जिला कोर्ट में AI इंजीनियर अतुल के वकील शैलेश शर्मा बताते हैं- अतुल सुभाष मोदी की 2019 में शादी हुई थी। तब सब कुछ अच्छा था। वह पत्नी निकिता सिंघानिया को लेकर बेंगलुरु गए। निकिता को पहले उसके ऑफिस छोड़ते और फिर अपने ऑफिस जाते। लेकिन, बच्चे के जन्म के बाद धीरे-धीरे रिश्ते बिगड़ने लगे। मामला पुलिस तक पहुंचा और फिर कोर्ट में आ गया। कोर्ट में दोनों ने एक-दूसरे पर एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के भी आरोप लगाए। अतुल न्याय का इंतजार करते रहे, लेकिन वह नहीं मिला। इसी प्रेशर में उन्होंने मौत को चुन लिया। ससुराल में दो दिन रही और दहेज मांगने का आरोप लगा दिया
बिहार के समस्तीपुर जिले के वेनी गांव में रहने वाले अतुल सुभाष मोदी ने मेट्रोमोनियल साइट पर आईडी बनाई। इसी साइट पर जौनपुर के रुहट्टा इलाके की निकिता सिंहानिया से उनकी जान-पहचान हुई। दोनों में बातचीत शुरू हुई। दोनों ने एक-दूसरे को अपने बारे में बताया। उस वक्त अतुल सुभाष बेंगलुरु की एक कंपनी में करीब 25 लाख रुपए सालाना पैकेज पर नौकरी कर रहे थे। निकिता भी करीब 10 लाख सलाना की सैलरी पर नौकरी कर रही थी। परिवार के लोगों ने आपस में बातचीत की। निकिता की तरफ से कहा गया कि पिता की तबीयत खराब रहती है, इसलिए जल्द शादी करनी होगी। 26 जून, 2019 को वाराणसी के हिंदुस्तान इंटरनेशनल होटल में दोनों की धूमधाम से शादी हो गई। निकिता यहां से विदा होकर अपने ससुराल समस्तीपुर पहुंचीं। वहां 2 दिन रहीं। इसके बाद पति अतुल के साथ बेंगलुरु चली गईं। वहीं मराठाहल्ली इलाके के डल्फीनियम रेजीडेंसी में रहने लगीं। 17 अगस्त, 2019 को निकिता के पिता मनोज की हार्ट अटैक से मौत हो गई। अतुल का पूरा परिवार जौनपुर आया। कुछ दिन रहने के बाद निकिता वापस बेंगलुरु आ गईं। 20 फरवरी, 2020 को निकिता ने बेटे को जन्म दिया। कुछ दिन सही रहा, लेकिन उसके बाद झगड़ा शुरू हो गया। 19 जनवरी, 2022 को मामला कोर्ट पहुंच गया। अतुल पर एक के बाद एक 9 केस लगा दिए गए। निकिता ने कोर्ट में अतुल की सैलरी 40 लाख बताई। इसी आधार पर भरण-पोषण मांगा है, जबकि अतुल ने उसकी सैलरी 20 लाख रुपए बताई थी। निकिता के घर के आसपास के लोग बात करने को तैयार नहीं
जौनपुर में निकिता का परिवार पहले रुहट्टा में रहता था। लेकिन, 2 साल पहले खोवा मंडी के पास मकान खरीदकर शिफ्ट हो गया है। परिवार में निकिता की मां निशा और भाई अनुराग सिंघानिया हैं, जो यहीं रहते हैं। निकिता इस वक्त दिल्ली में जॉब कर रही है। साढ़े चार साल का बेटा भी उनके साथ दिल्ली में है। हमने पड़ोस के लोगों से परिवार के बारे में बात की। मोहल्ले के पंकज श्रीवास्तव कहते हैं- यह परिवार कभी मिलनसार नहीं रहा। मोहल्ले में कभी किसी से कोई मतलब नहीं रखता। बाकी लोगों से जो पता चला, वह ये कि परिवार पैसे के लिए ही लोगों से मतलब रखता था। हमने पूछा कि क्या आपसे या मोहल्ले में किसी से कभी पैसे लिए? वह कहते हैं कि हमारे मोहल्ले में पैसे को लेकर ठगी नहीं कर सकते, क्योंकि हम सब निपटने में सक्षम हैं। यही बात पंकज के साथ बैठे अवधेश कैमरे पर बोलने से मना करते हैं, लेकिन ऑफ कैमरा पंकज की ही बातें दोहराते हैं। घर खरीदकर कर्ज में डूब गया था परिवार
हम अतुल के सुसाइड नोट के उस पॉइंट को भी समझना चाहते थे, जिसमें उन्होंने लिखा था कि पत्नी पहले 1 करोड़ में मामला सेटल करने की बात कह रही थी। फिर मांग बढ़ाकर 3 करोड़ कर दी। निकिता के पड़ोसी बताते हैं- 2022 में निकिता के परिवार ने खोवा मंडी में 1000 स्क्वायर फीट के तीन फ्लोर का मकान सफीउर्रहमान से 60 लाख में खरीदा था। पैसे नहीं थे, तो लोन करवाया। उस वक्त निकिता अतुल पर प्रेशर डालकर पैसा दिलवाना चाहती थी, लेकिन उन्होंने पैसा नहीं दिया। 2021 में बिजनेस के लिए अतुल ने निकिता के भाई अनुराग को करीब 5 लाख रुपए दिए थे। इसी पैसे से अनुराग ने मकान वाली बिल्डिंग में होल सेल कपड़े की दुकान खोली। इस मकान को दिलवाने वाले शबे-आलम कहते हैं- ये आदमी ठीक नहीं है। घर में लिफ्ट का मामला फंसा था। हमने पैसे मांगे, लेकिन मिले नहीं। पास की ही चौकी पर शिकायत भी दर्ज करवाई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। हमने बाद में छोड़ दिया। इसके बाद इनसे हमारी कोई बातचीत नहीं होती। जबकि मैं मोहल्ले में ही रहता हूं। अनुराग की दुकान के एक कर्मचारी से हमने निकिता के स्वभाव के बारे में पूछा। वह दबी जुबान कहते हैं कि उसका स्वभाव बहुत ही अजीब था। अक्खड़ थी। लोगों से बहुत मतलब नहीं रखती थी। बीच-बीच में आती तो ऊपर ही रहती थी। हम लोग तो दुकान पर रहते हैं, इसलिए कोर्ट में क्या चल रहा है, इसकी जानकारी नहीं हो पाती। तीसरे को लेकर दोनों के बीच झगड़ा
अतुल और निकिता में एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर को लेकर झगड़ा था। दोनों के एक-दूसरे पर आरोप थे। अतुल ने कोर्ट में बताया था कि निकिता का एक लड़के से अफेयर था। वह अक्सर उससे मिलती थी। बेंगलुरु में भी उसके साथ घूमती और चिकन खाती थी। मैंने मना किया तो मारपीट पर उतारू हो गई। उस लड़के को लेकर एक नहीं, कई बार विवाद हुआ। इसके चलते ही निकिता बेंगलुरु छोड़कर जौनपुर चली गई थी। निकिता इसके जवाब में कोर्ट में कहती हैं, वह मेरे पापा के दोस्त का लड़का है। सिर्फ मेरा दोस्त है। अतुल का खुद ऑफिस की एक लड़की से अफेयर है। इसके अलावा 2 और लड़कियों से अफेयर है। अतुल अपनी कमाई का सारा पैसा इन्हीं लड़कियों पर खर्च करता है। इसके जवाब में अतुल ने कहा था कि ऑफिस की लड़की मेरे सहकर्मी की पत्नी है। निकिता से भी दोस्त और उसकी पत्नी को मिलवाया था। उस वक्त कोई झगड़ा नहीं था। (भास्कर के पास इन सभी के नाम हैं, लेकिन हम उनकी गोपनीयता का ध्यान रख रहे हैं।) निकिता का स्वभाव बेहद अक्खड़ और गुस्सैल
अतुल ने कोर्ट में लिखित दिया था कि निकिता का स्वभाव आक्रामक, गुस्सैल, अक्खड़, तानाशाह जैसा था। निकिता के मोहल्ले के लोग भी इसी तरह की बात करते हैं। निकिता के वकील के साथ बैठने वाले एक जूनियर वकील भी कहते हैं कि निकिता जब भी कोर्ट आती, तो उसके स्वभाव में अलग गुस्सा होता था। वह सबक सिखाने जैसी बात करती थी। ऐसा लगता कि उसे अपने पैसे को लेकर घमंड था। कोर्ट ने करीब 12 लाख रुपए देने का आदेश दिया
19 जनवरी, 2022 को निकिता ने पहला केस दर्ज करवाया। इसके बाद अलग-अलग कुल 9 केस दर्ज किए गए। इनमें दहेज, हत्या का प्रयास, अन-नेचुरल सेक्स जैसे आरोप लगे। 6 केस ट्रायल कोर्ट में थे। 3 हाईकोर्ट में चल रहे थे। निकिता ने अपने पिता की हार्ट अटैक से मौत की वजह भी दहेज बताकर अतुल और उनके परिवार को नामजद करा दिया था। जबकि उस मौत का दहेज से कोई संबंध नहीं था। उस मौत में अतुल पूरे परिवार के साथ जौनपुर गए थे। खुद कंधा भी दिया था। 29 जुलाई, 2024 को बेटे के भरण-पोषण के मामले में जौनपुर फैमिली कोर्ट की जज रीता कौशिक ने फैसला सुनाया। उन्होंने आदेश दिया कि अतुल अपने बच्चे को हर महीने 40 हजार रुपए भत्ते के तौर पर दें। यह भत्ता केस दाखिल होने वाले महीने से जोड़ा जाएगा। यानी अतुल को जनवरी, 2022 से जुलाई, 2024 तक कुल 11 लाख 60 हजार रुपए अगस्त महीने में देना होता। उसके बाद बच्चे के बालिग होने तक हर महीने 40 हजार रुपए देना होता। हालांकि, अतुल ने ये पैसे बेटे के लिए निकिता को नहीं दिए। सुसाइड के दौरान उसने जिक्र भी किया कि मेरा ही पैसा मेरी बर्बादी के लिए इस्तेमाल होता, इसलिए नहीं दिया। निकिता, पति के साथ जाने को तैयार नहीं थी
हम जौनपुर फैमिली कोर्ट में निकिता के वकील विवेक श्रीवास्तव के पास पहुंचे। हमने पूछा कि क्या निकिता अतुल के साथ नहीं जाना चाहती थी? वह कहते हैं- लड़की की जो शर्तें थीं, लड़का पूरा नहीं कर पा रहा था। इसलिए लड़की जाने को तैयार नहीं थी। भरण-पोषण का जो आदेश कोर्ट ने दिया था, अतुल उसके खिलाफ हाईकोर्ट चले जाते। अगर यहां फैसला गलता हुआ, तो वहां ठीक हो सकता था। हमने अतुल के सुसाइड नोट के उस सवाल को पूछा, जिसमें वह कहते हैं कि इस देश में पुरुषों के लिए कोई कानून नहीं है। विवेक कहते हैं- पुरुष प्रधान समाज है। लड़कियां विवाहित होकर पुरुषों के घर आती हैं। इसलिए कानून पुरुषों के प्रति थोड़ा कड़ा है। बेटे से अतुल को मिलने नहीं देती थी निकिता
इसके बाद हम अतुल के वकील दिनेश मिश्रा के पास पहुंचे। शैलेश शर्मा भी दिनेश के साथ इस मामले को देख रहे हैं। दिनेश मिश्रा कहते हैं- अतुल की मौत दुर्भाग्यपूर्ण है। जुलाई में फैसला आने के बाद वह किसी से मिलता नहीं था। न बोलता था। ऐसा लगता है कि वह पत्नी और सास के चलते डिप्रेशन में चला गया था। हमने पूछा कि क्या सारे केस अलग-अलग समय हुए? दिनेश कहते हैं- कोई महिला जब किसी पुरुष पर केस करती है तो वह चाहती है कि कितना प्रेशर पति पर डलवा दिया जाए। यह पूरे देश में है। यहां भी इसी तरह की बात हुई। बाकी महिला संबंधी जितने कानून हैं, उनमें यही होता है कि प्रेशर देने पर लड़का साथ रखने को तैयार हो जाए। या फिर मेंटेनेंस के रूप में अच्छी-खासी रकम देना शुरू कर दे। इस केस में तो मैं मानता हूं कि अतुल की गलती कम थी। अतुल ने अपने सुसाइड नोट में जौनपुर फैमिली कोर्ट की मुख्य जज रीता कौशिक पर 5 लाख रुपए लेने का आरोप लगाया है। हमने यहां के वकीलों से इस मामले पर बात की। कोई कैमरे पर बात करने को तैयार नहीं हुआ। हालांकि कुछ वकील कहते हैं कि जज रीता किसी से डायरेक्ट पैसा मांगे, ऐसा संभव नहीं है। ————– ये खबर भी पढ़ें… AI इंजीनियर सुसाइड केस- ससुराल वाले घर छोड़कर भागे, पुलिस पहुंचने से पहले रात 1.30 बजे बाइक से गए, सास हाथ जोड़ती रही बेंगलुरु पुलिस के जौनपुर पहुंचने से पहले सुसाइड करने वाले AI इंजीनियर अतुल सुभाष की सास और साला घर छोड़कर भाग गए। देर रात तक 12 बजे इंजीनियर की ससुराल के घर के बाहर मीडियाकर्मियों का जमावड़ा रहा। जैसे ही मीडियाकर्मी वहां से हटे, बुधवार रात डेढ़ बजे सास निशा और साला अनुराग सिंघानिया ने घर पर ताला लगाया। गली से भागते हुए सास मेन सड़क पर पहुंची। बेटा बाइक लेकर वहां खड़ा हुआ था। इसके बाद मां-बेटे फरार हो गए। पढ़ें पूरी खबर… उसका एक लड़की से नाजायज संबंध था। ऑफिस की एक-दो लड़कियों से अफेयर थे। ये बातें मुझे बेंगलुरु जाकर पता चलीं। जब मैंने पूछा तो मेरी मां के सामने मुक्के और लात से पीटा। – कोर्ट में ये आरोप निकिता सिंघानिया ने लगाए थे। मुझे ऐसा लगता है कि निकिता का संबंध किसी लड़के से था। उसकी हरकतों से ऐसा ही लगता है। मेरे और निकिता के बीच (एक लड़के का नाम) विवाद हुआ था। -कोर्ट में ये आरोप AI इंजीनियर अतुल सुभाष मोदी ने लगाए थे। AI इंजीनियर अतुल सुभाष और उनकी पत्नी इंजीनियर निकिता सिंघानिया में सिर्फ दहेज उत्पीड़न जैसे ही विवाद नहीं थे। दोनों में एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर को लेकर भी विवाद था। दोनों को एक-दूसरे पर शक था। 10 दिसंबर को अतुल सुभाष ने बेंगुलरु में अपने फ्लैट में सुसाइड नोट और वीडियो बनाकर जान दे दी थी। दैनिक भास्कर की टीम निकिता के घर पहुंची। आसपास के लोगों से बात की। पुराने घर को छोड़कर यहां शिफ्ट होने की वजह को समझा। 3 करोड़ मांगने की थ्योरी क्या है, इसे भी जाना। आइए इस मामले के उन पहलुओं को समझते हैं, जो अब तक सामने नहीं आए हैं। जौनपुर जिला कोर्ट में AI इंजीनियर अतुल के वकील शैलेश शर्मा बताते हैं- अतुल सुभाष मोदी की 2019 में शादी हुई थी। तब सब कुछ अच्छा था। वह पत्नी निकिता सिंघानिया को लेकर बेंगलुरु गए। निकिता को पहले उसके ऑफिस छोड़ते और फिर अपने ऑफिस जाते। लेकिन, बच्चे के जन्म के बाद धीरे-धीरे रिश्ते बिगड़ने लगे। मामला पुलिस तक पहुंचा और फिर कोर्ट में आ गया। कोर्ट में दोनों ने एक-दूसरे पर एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के भी आरोप लगाए। अतुल न्याय का इंतजार करते रहे, लेकिन वह नहीं मिला। इसी प्रेशर में उन्होंने मौत को चुन लिया। ससुराल में दो दिन रही और दहेज मांगने का आरोप लगा दिया
बिहार के समस्तीपुर जिले के वेनी गांव में रहने वाले अतुल सुभाष मोदी ने मेट्रोमोनियल साइट पर आईडी बनाई। इसी साइट पर जौनपुर के रुहट्टा इलाके की निकिता सिंहानिया से उनकी जान-पहचान हुई। दोनों में बातचीत शुरू हुई। दोनों ने एक-दूसरे को अपने बारे में बताया। उस वक्त अतुल सुभाष बेंगलुरु की एक कंपनी में करीब 25 लाख रुपए सालाना पैकेज पर नौकरी कर रहे थे। निकिता भी करीब 10 लाख सलाना की सैलरी पर नौकरी कर रही थी। परिवार के लोगों ने आपस में बातचीत की। निकिता की तरफ से कहा गया कि पिता की तबीयत खराब रहती है, इसलिए जल्द शादी करनी होगी। 26 जून, 2019 को वाराणसी के हिंदुस्तान इंटरनेशनल होटल में दोनों की धूमधाम से शादी हो गई। निकिता यहां से विदा होकर अपने ससुराल समस्तीपुर पहुंचीं। वहां 2 दिन रहीं। इसके बाद पति अतुल के साथ बेंगलुरु चली गईं। वहीं मराठाहल्ली इलाके के डल्फीनियम रेजीडेंसी में रहने लगीं। 17 अगस्त, 2019 को निकिता के पिता मनोज की हार्ट अटैक से मौत हो गई। अतुल का पूरा परिवार जौनपुर आया। कुछ दिन रहने के बाद निकिता वापस बेंगलुरु आ गईं। 20 फरवरी, 2020 को निकिता ने बेटे को जन्म दिया। कुछ दिन सही रहा, लेकिन उसके बाद झगड़ा शुरू हो गया। 19 जनवरी, 2022 को मामला कोर्ट पहुंच गया। अतुल पर एक के बाद एक 9 केस लगा दिए गए। निकिता ने कोर्ट में अतुल की सैलरी 40 लाख बताई। इसी आधार पर भरण-पोषण मांगा है, जबकि अतुल ने उसकी सैलरी 20 लाख रुपए बताई थी। निकिता के घर के आसपास के लोग बात करने को तैयार नहीं
जौनपुर में निकिता का परिवार पहले रुहट्टा में रहता था। लेकिन, 2 साल पहले खोवा मंडी के पास मकान खरीदकर शिफ्ट हो गया है। परिवार में निकिता की मां निशा और भाई अनुराग सिंघानिया हैं, जो यहीं रहते हैं। निकिता इस वक्त दिल्ली में जॉब कर रही है। साढ़े चार साल का बेटा भी उनके साथ दिल्ली में है। हमने पड़ोस के लोगों से परिवार के बारे में बात की। मोहल्ले के पंकज श्रीवास्तव कहते हैं- यह परिवार कभी मिलनसार नहीं रहा। मोहल्ले में कभी किसी से कोई मतलब नहीं रखता। बाकी लोगों से जो पता चला, वह ये कि परिवार पैसे के लिए ही लोगों से मतलब रखता था। हमने पूछा कि क्या आपसे या मोहल्ले में किसी से कभी पैसे लिए? वह कहते हैं कि हमारे मोहल्ले में पैसे को लेकर ठगी नहीं कर सकते, क्योंकि हम सब निपटने में सक्षम हैं। यही बात पंकज के साथ बैठे अवधेश कैमरे पर बोलने से मना करते हैं, लेकिन ऑफ कैमरा पंकज की ही बातें दोहराते हैं। घर खरीदकर कर्ज में डूब गया था परिवार
हम अतुल के सुसाइड नोट के उस पॉइंट को भी समझना चाहते थे, जिसमें उन्होंने लिखा था कि पत्नी पहले 1 करोड़ में मामला सेटल करने की बात कह रही थी। फिर मांग बढ़ाकर 3 करोड़ कर दी। निकिता के पड़ोसी बताते हैं- 2022 में निकिता के परिवार ने खोवा मंडी में 1000 स्क्वायर फीट के तीन फ्लोर का मकान सफीउर्रहमान से 60 लाख में खरीदा था। पैसे नहीं थे, तो लोन करवाया। उस वक्त निकिता अतुल पर प्रेशर डालकर पैसा दिलवाना चाहती थी, लेकिन उन्होंने पैसा नहीं दिया। 2021 में बिजनेस के लिए अतुल ने निकिता के भाई अनुराग को करीब 5 लाख रुपए दिए थे। इसी पैसे से अनुराग ने मकान वाली बिल्डिंग में होल सेल कपड़े की दुकान खोली। इस मकान को दिलवाने वाले शबे-आलम कहते हैं- ये आदमी ठीक नहीं है। घर में लिफ्ट का मामला फंसा था। हमने पैसे मांगे, लेकिन मिले नहीं। पास की ही चौकी पर शिकायत भी दर्ज करवाई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। हमने बाद में छोड़ दिया। इसके बाद इनसे हमारी कोई बातचीत नहीं होती। जबकि मैं मोहल्ले में ही रहता हूं। अनुराग की दुकान के एक कर्मचारी से हमने निकिता के स्वभाव के बारे में पूछा। वह दबी जुबान कहते हैं कि उसका स्वभाव बहुत ही अजीब था। अक्खड़ थी। लोगों से बहुत मतलब नहीं रखती थी। बीच-बीच में आती तो ऊपर ही रहती थी। हम लोग तो दुकान पर रहते हैं, इसलिए कोर्ट में क्या चल रहा है, इसकी जानकारी नहीं हो पाती। तीसरे को लेकर दोनों के बीच झगड़ा
अतुल और निकिता में एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर को लेकर झगड़ा था। दोनों के एक-दूसरे पर आरोप थे। अतुल ने कोर्ट में बताया था कि निकिता का एक लड़के से अफेयर था। वह अक्सर उससे मिलती थी। बेंगलुरु में भी उसके साथ घूमती और चिकन खाती थी। मैंने मना किया तो मारपीट पर उतारू हो गई। उस लड़के को लेकर एक नहीं, कई बार विवाद हुआ। इसके चलते ही निकिता बेंगलुरु छोड़कर जौनपुर चली गई थी। निकिता इसके जवाब में कोर्ट में कहती हैं, वह मेरे पापा के दोस्त का लड़का है। सिर्फ मेरा दोस्त है। अतुल का खुद ऑफिस की एक लड़की से अफेयर है। इसके अलावा 2 और लड़कियों से अफेयर है। अतुल अपनी कमाई का सारा पैसा इन्हीं लड़कियों पर खर्च करता है। इसके जवाब में अतुल ने कहा था कि ऑफिस की लड़की मेरे सहकर्मी की पत्नी है। निकिता से भी दोस्त और उसकी पत्नी को मिलवाया था। उस वक्त कोई झगड़ा नहीं था। (भास्कर के पास इन सभी के नाम हैं, लेकिन हम उनकी गोपनीयता का ध्यान रख रहे हैं।) निकिता का स्वभाव बेहद अक्खड़ और गुस्सैल
अतुल ने कोर्ट में लिखित दिया था कि निकिता का स्वभाव आक्रामक, गुस्सैल, अक्खड़, तानाशाह जैसा था। निकिता के मोहल्ले के लोग भी इसी तरह की बात करते हैं। निकिता के वकील के साथ बैठने वाले एक जूनियर वकील भी कहते हैं कि निकिता जब भी कोर्ट आती, तो उसके स्वभाव में अलग गुस्सा होता था। वह सबक सिखाने जैसी बात करती थी। ऐसा लगता कि उसे अपने पैसे को लेकर घमंड था। कोर्ट ने करीब 12 लाख रुपए देने का आदेश दिया
19 जनवरी, 2022 को निकिता ने पहला केस दर्ज करवाया। इसके बाद अलग-अलग कुल 9 केस दर्ज किए गए। इनमें दहेज, हत्या का प्रयास, अन-नेचुरल सेक्स जैसे आरोप लगे। 6 केस ट्रायल कोर्ट में थे। 3 हाईकोर्ट में चल रहे थे। निकिता ने अपने पिता की हार्ट अटैक से मौत की वजह भी दहेज बताकर अतुल और उनके परिवार को नामजद करा दिया था। जबकि उस मौत का दहेज से कोई संबंध नहीं था। उस मौत में अतुल पूरे परिवार के साथ जौनपुर गए थे। खुद कंधा भी दिया था। 29 जुलाई, 2024 को बेटे के भरण-पोषण के मामले में जौनपुर फैमिली कोर्ट की जज रीता कौशिक ने फैसला सुनाया। उन्होंने आदेश दिया कि अतुल अपने बच्चे को हर महीने 40 हजार रुपए भत्ते के तौर पर दें। यह भत्ता केस दाखिल होने वाले महीने से जोड़ा जाएगा। यानी अतुल को जनवरी, 2022 से जुलाई, 2024 तक कुल 11 लाख 60 हजार रुपए अगस्त महीने में देना होता। उसके बाद बच्चे के बालिग होने तक हर महीने 40 हजार रुपए देना होता। हालांकि, अतुल ने ये पैसे बेटे के लिए निकिता को नहीं दिए। सुसाइड के दौरान उसने जिक्र भी किया कि मेरा ही पैसा मेरी बर्बादी के लिए इस्तेमाल होता, इसलिए नहीं दिया। निकिता, पति के साथ जाने को तैयार नहीं थी
हम जौनपुर फैमिली कोर्ट में निकिता के वकील विवेक श्रीवास्तव के पास पहुंचे। हमने पूछा कि क्या निकिता अतुल के साथ नहीं जाना चाहती थी? वह कहते हैं- लड़की की जो शर्तें थीं, लड़का पूरा नहीं कर पा रहा था। इसलिए लड़की जाने को तैयार नहीं थी। भरण-पोषण का जो आदेश कोर्ट ने दिया था, अतुल उसके खिलाफ हाईकोर्ट चले जाते। अगर यहां फैसला गलता हुआ, तो वहां ठीक हो सकता था। हमने अतुल के सुसाइड नोट के उस सवाल को पूछा, जिसमें वह कहते हैं कि इस देश में पुरुषों के लिए कोई कानून नहीं है। विवेक कहते हैं- पुरुष प्रधान समाज है। लड़कियां विवाहित होकर पुरुषों के घर आती हैं। इसलिए कानून पुरुषों के प्रति थोड़ा कड़ा है। बेटे से अतुल को मिलने नहीं देती थी निकिता
इसके बाद हम अतुल के वकील दिनेश मिश्रा के पास पहुंचे। शैलेश शर्मा भी दिनेश के साथ इस मामले को देख रहे हैं। दिनेश मिश्रा कहते हैं- अतुल की मौत दुर्भाग्यपूर्ण है। जुलाई में फैसला आने के बाद वह किसी से मिलता नहीं था। न बोलता था। ऐसा लगता है कि वह पत्नी और सास के चलते डिप्रेशन में चला गया था। हमने पूछा कि क्या सारे केस अलग-अलग समय हुए? दिनेश कहते हैं- कोई महिला जब किसी पुरुष पर केस करती है तो वह चाहती है कि कितना प्रेशर पति पर डलवा दिया जाए। यह पूरे देश में है। यहां भी इसी तरह की बात हुई। बाकी महिला संबंधी जितने कानून हैं, उनमें यही होता है कि प्रेशर देने पर लड़का साथ रखने को तैयार हो जाए। या फिर मेंटेनेंस के रूप में अच्छी-खासी रकम देना शुरू कर दे। इस केस में तो मैं मानता हूं कि अतुल की गलती कम थी। अतुल ने अपने सुसाइड नोट में जौनपुर फैमिली कोर्ट की मुख्य जज रीता कौशिक पर 5 लाख रुपए लेने का आरोप लगाया है। हमने यहां के वकीलों से इस मामले पर बात की। कोई कैमरे पर बात करने को तैयार नहीं हुआ। हालांकि कुछ वकील कहते हैं कि जज रीता किसी से डायरेक्ट पैसा मांगे, ऐसा संभव नहीं है। ————– ये खबर भी पढ़ें… AI इंजीनियर सुसाइड केस- ससुराल वाले घर छोड़कर भागे, पुलिस पहुंचने से पहले रात 1.30 बजे बाइक से गए, सास हाथ जोड़ती रही बेंगलुरु पुलिस के जौनपुर पहुंचने से पहले सुसाइड करने वाले AI इंजीनियर अतुल सुभाष की सास और साला घर छोड़कर भाग गए। देर रात तक 12 बजे इंजीनियर की ससुराल के घर के बाहर मीडियाकर्मियों का जमावड़ा रहा। जैसे ही मीडियाकर्मी वहां से हटे, बुधवार रात डेढ़ बजे सास निशा और साला अनुराग सिंघानिया ने घर पर ताला लगाया। गली से भागते हुए सास मेन सड़क पर पहुंची। बेटा बाइक लेकर वहां खड़ा हुआ था। इसके बाद मां-बेटे फरार हो गए। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर