हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के डिनर मेन्यू ने सोशल मीडिया पर बवाल मचा दिया है। दरअसल, सीएम सुक्खू शुक्रवार को सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम के तहत कुपवी के दूरदराज क्षेत्र टिकरी गांव पहुंचे थे। सीएम यहीं रात को रुके। मुख्यमंत्री ने यहां स्थानीय लोगों के घर पर डिनर भी किया। मुख्यमंत्री के साथ स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल, अधिकारी और अन्य अतिथि भी मौजूद थे। इन सभी के खाने का प्रबंध स्थानीय लोगों ने किया था। हैरानी की बात यह है कि मुख्यमंत्री सुक्खू के साथ पूरा सरकारी अमला मौजूद था। फिर उनके मेन्यू में जंगली चिकन शामिल था, जबकि सीएम सुक्खू खुद नॉनवेज नहीं खाते हैं। CM ने नहीं खाया जंगली मुर्गा, पर मेन्यू में शामिल सीएम के डिनर में 14 और ब्रेकफ़ास्ट में 10 डिश शामिल की गई। इसमें जंगली मुर्गा भी रखा गया। हालांकि सीएम सुक्खू ने जंगली मुर्गा तो नहीं खाया। मगर, वह डिनर करते वक्त कह रहे हैं कि जंगली मुर्गा है तो इनको दो। वह साथ में मौजूद हेल्थ मिनिस्टर कर्नल धनीराम को भी पूछते हैं कि कर्नल साहब खाते हैं। अब इससे जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। इस पर लोग तीखी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। वाइल्ड लाइफ़ प्रॉटेक्शन एक्ट में जंगली मुर्गे का शिकार निषेध वाइल्ड लाइफ़ प्रॉटेक्शन एक्ट 1972 में जंगली मुर्गे का शिकार करना निषेध है। इस वजह से सोशल मीडिया में हल्ला मच गया है। जंगली मुर्गा हिमाचल प्रदेश के 3000 फीट से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पाया जाता है। दुर्गम क्षेत्र कुपवी पहुंचे थे सीएम सीएम सुक्खू शुक्रवार दोपहर के वक्त दुर्गम क्षेत्र कुपवी पहुंचे थे। यहां पर सीएम ने क्षेत्र की 2178 महिलाओं को 1500-1500 रुपए देने का ऐलान किया। इस दौरान उन्होंने क्षेत्र में करोड़ों रुपए के उद्घाटन व शिलान्यास भी किए। लोगों की समस्याएं सुनी सीएम सुक्खू ने देर रात तक स्थानीय लोगों की समस्याएं सुनी और मौके पर उनका निपटारा किया। रात में वह स्थानीय लोगों के घर पर रुके और यहां डिनर के साथ साथ रात में खुले आसमान के नीचे आग का अलाव भी सेका। इस दौरान स्थानीय महिलाओं ने पारंपरिक गीत गाकर सीएम सुक्खू का स्वागत भी किया। डोडराक्वार से की थी सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम की शुरुआत बता दें कि सीएम सुक्खू ने शिमला जिला के दुर्गम क्षेत्र डोडराक्वार से बीते माह सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम की शुरुआत की थी। अति दुर्गम क्षेत्र डोडराक्वार में भी सीएम सुक्खू एक लोकल व्यक्ति के घर पर रात बिता चुके हैं। इसी कड़ी में सीएम शुक्रवार को दिन में कुपवी पहुंचे और रात में हरि सिंह पचनइक के घर पर यही पर रुके। सीएम सुक्खू नहीं खाते नानवेज: चौहान मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहाकार नरेश चौहान ने बताया कि सीएम सुक्खू नॉनवेज नहीं खाते। फिर भी इनके मेन्यू में इसे शामिल करना गलत है। इसे लेकर अधिकारियों से जवाबदेही ली जाएगी। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के डिनर मेन्यू ने सोशल मीडिया पर बवाल मचा दिया है। दरअसल, सीएम सुक्खू शुक्रवार को सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम के तहत कुपवी के दूरदराज क्षेत्र टिकरी गांव पहुंचे थे। सीएम यहीं रात को रुके। मुख्यमंत्री ने यहां स्थानीय लोगों के घर पर डिनर भी किया। मुख्यमंत्री के साथ स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल, अधिकारी और अन्य अतिथि भी मौजूद थे। इन सभी के खाने का प्रबंध स्थानीय लोगों ने किया था। हैरानी की बात यह है कि मुख्यमंत्री सुक्खू के साथ पूरा सरकारी अमला मौजूद था। फिर उनके मेन्यू में जंगली चिकन शामिल था, जबकि सीएम सुक्खू खुद नॉनवेज नहीं खाते हैं। CM ने नहीं खाया जंगली मुर्गा, पर मेन्यू में शामिल सीएम के डिनर में 14 और ब्रेकफ़ास्ट में 10 डिश शामिल की गई। इसमें जंगली मुर्गा भी रखा गया। हालांकि सीएम सुक्खू ने जंगली मुर्गा तो नहीं खाया। मगर, वह डिनर करते वक्त कह रहे हैं कि जंगली मुर्गा है तो इनको दो। वह साथ में मौजूद हेल्थ मिनिस्टर कर्नल धनीराम को भी पूछते हैं कि कर्नल साहब खाते हैं। अब इससे जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। इस पर लोग तीखी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। वाइल्ड लाइफ़ प्रॉटेक्शन एक्ट में जंगली मुर्गे का शिकार निषेध वाइल्ड लाइफ़ प्रॉटेक्शन एक्ट 1972 में जंगली मुर्गे का शिकार करना निषेध है। इस वजह से सोशल मीडिया में हल्ला मच गया है। जंगली मुर्गा हिमाचल प्रदेश के 3000 फीट से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पाया जाता है। दुर्गम क्षेत्र कुपवी पहुंचे थे सीएम सीएम सुक्खू शुक्रवार दोपहर के वक्त दुर्गम क्षेत्र कुपवी पहुंचे थे। यहां पर सीएम ने क्षेत्र की 2178 महिलाओं को 1500-1500 रुपए देने का ऐलान किया। इस दौरान उन्होंने क्षेत्र में करोड़ों रुपए के उद्घाटन व शिलान्यास भी किए। लोगों की समस्याएं सुनी सीएम सुक्खू ने देर रात तक स्थानीय लोगों की समस्याएं सुनी और मौके पर उनका निपटारा किया। रात में वह स्थानीय लोगों के घर पर रुके और यहां डिनर के साथ साथ रात में खुले आसमान के नीचे आग का अलाव भी सेका। इस दौरान स्थानीय महिलाओं ने पारंपरिक गीत गाकर सीएम सुक्खू का स्वागत भी किया। डोडराक्वार से की थी सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम की शुरुआत बता दें कि सीएम सुक्खू ने शिमला जिला के दुर्गम क्षेत्र डोडराक्वार से बीते माह सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम की शुरुआत की थी। अति दुर्गम क्षेत्र डोडराक्वार में भी सीएम सुक्खू एक लोकल व्यक्ति के घर पर रात बिता चुके हैं। इसी कड़ी में सीएम शुक्रवार को दिन में कुपवी पहुंचे और रात में हरि सिंह पचनइक के घर पर यही पर रुके। सीएम सुक्खू नहीं खाते नानवेज: चौहान मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहाकार नरेश चौहान ने बताया कि सीएम सुक्खू नॉनवेज नहीं खाते। फिर भी इनके मेन्यू में इसे शामिल करना गलत है। इसे लेकर अधिकारियों से जवाबदेही ली जाएगी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल के डिप्टी-CM अग्निहोत्री के निशाने पर मुख्य सचिव-DGP:बोले-अफसरशाही को समझा दो, सरकार गिरने वाली नहीं; समोसा संभालकर रखने की नसीहत हिमाचल के डिप्टी CM मुकेश अग्निहोत्री ने अफसरशाही के मुखिया मुख्य सचिव और पुलिस प्रमुख DGP को निशाने पर लिया। कांग्रेस सरकार के बिलासपुर में 2 साल के कार्यक्रम के दौरान मंच से अग्निहोत्री ने मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना पर तंज कसते हुए कहा, अफसरों और कर्मचारियों को बता दो सरकार गिरने वाली नहीं है। उन्होंने कहा, रोज-रोज चर्चाएं करते हैं, बंद कमरों में। सभी को पता हो कि सरकार गिरने वाली नहीं है। अग्निहोत्री के इस तीखे बयान के सियासी गलियारों में अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं और कर्मचारियों के लिए चेतावनी मानी जा रही हैं क्योंकि जिस वक्त अग्निहोत्री ने यह बात कही तो वह काफी आक्रामक नजर आ रहे थे। अफसरशाही की वजह से सरकार की हुई किरकिरी दरअसल, कांग्रेस सरकार की बीते दिनों अधिकारियों की लापरवाही की वजह से खूब किरकिरी हुई है। सरकार की कई नोटिफिकेशन सार्वजनिक होने से पहले बीजेपी के हाथ लग गई और बीजेपी ने इन्हें लेकर कांग्रेस सरकार को निशाने पर लिया। अब सिलसिलेवार पढ़े, किन नोटिफिकेशन की वजह से सुक्खू सरकार बैकफुट पर आईं।
केंद्रीय बजट से हिमाचल को उम्मीदें:ऊना-हमीरपुर और बिलासपुर-मनाली-लेह रेल को मिल सकता है बजट; पहाड़ी राज्यों के नाते विशेष ग्रांट, आपदा राहत की आस
केंद्रीय बजट से हिमाचल को उम्मीदें:ऊना-हमीरपुर और बिलासपुर-मनाली-लेह रेल को मिल सकता है बजट; पहाड़ी राज्यों के नाते विशेष ग्रांट, आपदा राहत की आस हिमाचल सरकार केंद्रीय बजट से बड़ी उम्मीदें लगाए बैठी है। खासकर पर्यटन, रेल, सड़क और हवाई कनेक्टिविटी के लिए सरकार ने केंद्र से विशेष मदद मांगी है। बीते सप्ताह मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने खुद प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात कर पहाड़ी राज्यों की वजह से विशेष ग्रांट देने का आग्रह किया है। मोदी गवर्नमेंट के तीसरे कार्यकाल के पहले आम बजट से प्रदेश में चल रही रेल योजनाओं को काफी उम्मीदें हैं। उम्मीद की जा रही है कि ऊना-हमीरपुर रेल लाइन के लिए आज के बजट में बड़े ऐलान हो। ऊना से हमीरपुर तक नई रेल लाइन की लंबाई 41 किलोमीटर होगी। इस रेल लाइन की 3,361 करोड़ रुपए की डीपीआर तैयार कर ली गई है और यह सरकार के पास विचाराधीन है। इसके लिए आज बजट मिलने की उम्मीद है। इस रेल लाइन के अलावा सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बिलासपुर-मनाली-लेह रेल लाइन योजना को भी बजट मिल सकता है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के गृह जिला को जोड़ने वाली इस रेल लाइन को भी तवज्जो मिल सकती है। इस परियोजना की भी डीपीआर तैयार है। इस पर लगभग एक लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस रेल लाइन का निर्माण चार फेज में किया जाना है। पहले फेज में बैरी से मंडी, दूसरे फेज में मंडी से मनाली, तीसरे में मनाली से ऊपशी और चौथे फेज में ऊपशी से लेह तक का होगा। हरियाणा के जगाधरी से पांवटा साहिब रेल लाइन के सर्वे को भी बजट मिल सकता है। इसके बनने से हरियाणा और हिमाचल के दो बड़े औद्योगिक शहर आपस में जुड़ जाएंगे। साल 2021 में तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल ने पांवटा साहिब-जगाधरी रेल लाइन के लिए सर्वेक्षण करवाने के निर्देश जरूर दिए थे। मगर यह योजना सीरे नहीं चढ़ पाई थी। आपदा राहत राशि बजट के साथ मिलने के आस हिमाचल में बीते साल बरसात में 12 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति तबाह हुई थी। केंद्र से आई टीमों ने भी 3000 करोड़ रुपए के नुकसान का आकलन किया था। मगर अब तक राहत राशि नहीं मिल पाई। लिहाजा सीएम सुक्खू ने इस राशि को बजट में जारी करने का आग्रह किया है। पर्यटन क्षेत्र को भी बड़ी उम्मीदें मोदी सरकार के बजट से हिमाचल के पर्यटन को भी बड़ी उम्मीदे हैं। मुख्यमंत्री सुक्खू ने बीते सप्ताह ही कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का मसला पीएम मोदी से उठाया है। हिमाचल सरकार ने कैपिटल इन्वेस्टमेंट के तहत कांगड़ा एयरपोर्ट के लिए 3500 करोड़ रुपए जारी करने की मांग की है। राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि यह एयरपोर्ट न सिर्फ टूरिज्म के लिए, बल्कि देश की सुरक्षा के लिए भी महत्त्वपूर्ण रहेगा। वर्तमान सरकार ने कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल का दर्जा दे रखा है। ऐसे में कांगड़ा एयरपोर्ट के लिए भूमि अधिग्रहण करवाना बड़ी चुनौती है। इसके लिए अब सिर्फ पैसे की जरूरत है। राज्य की कांग्रेस सरकार ने टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए रोप-वे प्रोजेक्ट ज्यादा बनाने का निर्णय किया है। इसी तरह सड़क कनेक्टिविटी बेहतर बनाने के लिए छह सड़कों को नेशनल हाइवे बनाने तथा राज्य में चल रही फोरलेने परियोजनाओं का निर्माण के लिए भी केंद्र से बजट की आस है।
हिमाचल स्पीकर की विपक्ष के नेता को चेतावनी:बोले-भाषा पर नियंत्रण रखें जयराम, नहीं तो नियमों के तहत हो सकती है कार्रवाई
हिमाचल स्पीकर की विपक्ष के नेता को चेतावनी:बोले-भाषा पर नियंत्रण रखें जयराम, नहीं तो नियमों के तहत हो सकती है कार्रवाई हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष पर पलटवार करते हुए उन्हें सदन की अवमानना का कंटेम्पट करने की चेतावनी दी। शिमला में स्पीकर ने प्रेस कॉफ्रेंस बुलाकर कहा, नेता प्रतिपक्ष अपनी मर्यादा भूल रहे हैं। सदन में नियमों के तहत लिए गए उन फैसले को लेकर पब्लिक डोमेन में गलत बयानाजी कर रहे हैं, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट और हिमाचल हाईकोर्ट भी सही ठहरा चुका है। जयराम ठाकुर ने ऐसी बयानबाजी बंद नहीं की तो उनके खिलाफ भी नियमों के तहत कार्रवाई हो सकती है। दरअसल, जयराम ठाकुर ने स्पीकर पर सरकार की कठपुतली बनकर काम करने का आरोप लगाया था। इस पर स्पीकर ने जयराम ठाकुर को अपनी भाषा पर नियंत्रण रखने की सलाह दी। स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि उन्होंने संविधान के तहत छह विधायकों को निष्कासित किया। इसके बाद तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे भी कानून के तहत स्वीकार किए गए। इन फैसलों को कोर्ट भी सही ठहरा चुका है। उन्होंने कहा, यदि नेता प्रतिपक्ष को इन फैसलों पर बात करनी है तो वह सदन में हो सकती है। इस तरह बाहर बात करना उचित नहीं है। निर्दलीय विधायकों ने 22 मार्च को इस्तीफा दे दिया था पठानिया ने कहा, कानून के अनुसार निर्दलीय विधायक किसी भी राजनीतिक पार्टी में शामिल नहीं हो सकते। हिमाचल के तीन निर्दलीय विधायकों ने 22 मार्च को इस्तीफा दे दिया और 23 मार्च को भाजपा में शामिल हो गए थे। इस मामले में भी दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला लिया गया। उन्होंने कहा, हिमाचल के मुख्य न्यायाधीश ने भी अपने फैसले में कहा कि कोर्ट स्पीकर के संवैधानिक अधिकारों में दखल नहीं दे सकता। कुलदीप पठानिया ने कहा कि कोर्ट ने स्पीकर के अधिकारों को सही करार दिया है। ऐसे में नेता प्रतिपक्ष द्वारा उन पर लगाए जा रहे आरोप सही नहीं हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसा न हो कि उन्हें दोबारा नियमों के तहत कार्रवाई करनी पड़े। आखिर में स्पीकर ने कहा, उन्हें जयराम ठाकुर से किसी तरह के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। बीजेपी के 9 विधायकों की सदस्यता पर बोले स्पीकर भारतीय जनता पार्टी के नौ विधायकों के खिलाफ याचिका से जुड़े सवाल के जवाब में स्पीकर ने कहा, विधानसभा सचिवालय प्रशासन के पास याचिका अभी लंबित है। इस पर विचार हो रहा है। भाजपा के विधायक अपना जवाब दे चुके हैं। उपयुक्त समय आने पर इस पर फैसला होगा। क्या इन 9 विधायकों की सदस्यता जाएगी? इस सवाल पर स्पीकर ने कहा, प्रेस कॉफ्रेस में इस स्टेज पर कुछ कहना गलत है। याचिका पर नियमों के तहत ही कार्रवाई की जाएगी।