हिमाचल के डिप्टी CM मुकेश अग्निहोत्री ने अफसरशाही के मुखिया मुख्य सचिव और पुलिस प्रमुख DGP को निशाने पर लिया। कांग्रेस सरकार के बिलासपुर में 2 साल के कार्यक्रम के दौरान मंच से अग्निहोत्री ने मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना पर तंज कसते हुए कहा, अफसरों और कर्मचारियों को बता दो सरकार गिरने वाली नहीं है। उन्होंने कहा, रोज-रोज चर्चाएं करते हैं, बंद कमरों में। सभी को पता हो कि सरकार गिरने वाली नहीं है। अग्निहोत्री के इस तीखे बयान के सियासी गलियारों में अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं और कर्मचारियों के लिए चेतावनी मानी जा रही हैं क्योंकि जिस वक्त अग्निहोत्री ने यह बात कही तो वह काफी आक्रामक नजर आ रहे थे। अफसरशाही की वजह से सरकार की हुई किरकिरी दरअसल, कांग्रेस सरकार की बीते दिनों अधिकारियों की लापरवाही की वजह से खूब किरकिरी हुई है। सरकार की कई नोटिफिकेशन सार्वजनिक होने से पहले बीजेपी के हाथ लग गई और बीजेपी ने इन्हें लेकर कांग्रेस सरकार को निशाने पर लिया। अब सिलसिलेवार पढ़े, किन नोटिफिकेशन की वजह से सुक्खू सरकार बैकफुट पर आईं। हिमाचल के डिप्टी CM मुकेश अग्निहोत्री ने अफसरशाही के मुखिया मुख्य सचिव और पुलिस प्रमुख DGP को निशाने पर लिया। कांग्रेस सरकार के बिलासपुर में 2 साल के कार्यक्रम के दौरान मंच से अग्निहोत्री ने मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना पर तंज कसते हुए कहा, अफसरों और कर्मचारियों को बता दो सरकार गिरने वाली नहीं है। उन्होंने कहा, रोज-रोज चर्चाएं करते हैं, बंद कमरों में। सभी को पता हो कि सरकार गिरने वाली नहीं है। अग्निहोत्री के इस तीखे बयान के सियासी गलियारों में अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं और कर्मचारियों के लिए चेतावनी मानी जा रही हैं क्योंकि जिस वक्त अग्निहोत्री ने यह बात कही तो वह काफी आक्रामक नजर आ रहे थे। अफसरशाही की वजह से सरकार की हुई किरकिरी दरअसल, कांग्रेस सरकार की बीते दिनों अधिकारियों की लापरवाही की वजह से खूब किरकिरी हुई है। सरकार की कई नोटिफिकेशन सार्वजनिक होने से पहले बीजेपी के हाथ लग गई और बीजेपी ने इन्हें लेकर कांग्रेस सरकार को निशाने पर लिया। अब सिलसिलेवार पढ़े, किन नोटिफिकेशन की वजह से सुक्खू सरकार बैकफुट पर आईं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में ड्रोन को लेकर गरमाई सियासत:SJPNL करा रही थी GIS मैपिंग, इस मसले पर विधानसभा में कल हुआ था हंगामा
हिमाचल में ड्रोन को लेकर गरमाई सियासत:SJPNL करा रही थी GIS मैपिंग, इस मसले पर विधानसभा में कल हुआ था हंगामा हिमाचल प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को ड्रोन उड़ने को लेकर खूब हंगामा बरपा। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सदन में सरकार व एसपी शिमला पर उनके घर पर ड्रोन के जरिए नजर रखने का बड़ा आरोप लगाया, जिस पर पूरा विपक्ष जयराम ठाकुर के साथ खड़ा होकर सरकार पर खूब बरसा । लेकिन अब उस रहस्यमयी ड्रोन पर बड़ा खुलासा हुआ है कि उनके घर पर उड़ा ड्रोन किसका था। इस बात का खुलासा होने के साथ ही सरकार नेता प्रतिपक्ष पर हमला वर हो गई है। दरअसल, शिमला शहर में 24 घंटे पानी देने वाली योजना के लिए ड्रोन से हर घर का सर्वे चल रहा है । उसी कड़ी में यह ड्रोन नेता प्रतिपक्ष के घर के ऊपर भी उड़ा था। शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान जयराम ठाकुर में अपने घर पर ड्रोन से नजर रखने का मुद्दा विधानसभा में उठाया। जिस पर सदन में बड़ा बवाल हो गया। बवाल को बढ़ता देख सर्वे करा रही कंपनी ने मामले में स्थिति स्पष्ट कर दी है । विवाद को बड़ा देख कंपनी प्रबन्धन आया सामने शिमला जल प्रबंधन के जूनियर इंजीनियर पुष्प राज ने कहा कि कंपनी ने स्वेज इंडिया को शिमला शहर के लिए 24 घंटे पानी की योजना का टेंडर दिया है और उसी के लिए कंपनी शिमला शहर के हर घर सर्वे कर रही है और इसके लिए बाकायदा जिला प्रशासन से पांच सितंबर तक इसके बारे मंजूरी ली है। कंपनी प्रबंधन का कहना है कि शहर में 24 घंटे पेयजल योजना लागू करने से पहले हर भवन की ड्रोन मैपिंग जरूरी है।उन्होंने कहा कि ड्रोन मैपिंग के अलावा घर-घर जाकर हर उपभोक्ता से पेयजल खपत का रिकॉर्ड भी लिया जा रहा है। शहर में कही वार्ड का सर्वे पूरा हो चुका है और बचे वार्डो का सर्वेक्षण भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा । उन्होंने कहा कि अक्टूबर में इसकी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। मामले में गरमाई सियासत मुख्यमंत्री के मीडिया एडवाइजर नरेश चौहान ने जयराम ठाकुर पर पलट वार किया है उन्होंने नेताप्रतिपक्ष के आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है। चौहान ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जो आरोप लगा रहे हैं वह सत्य नहीं है। सरकार द्वारा किसी भी तरह से उन पर नजर नहीं रखी जा रही है । नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के आरोप गलत साबित हुए हैं। जिस ड्रोन की बात वे कर रहे हैं, वह जल प्रबंधन निगम का है । जल प्रबंधन निगम शिमला शहर का ड्रोन के जरिए सर्वे का रहा है और बड़ी हैरानी की बात है कि नेता प्रतिपक्ष को इतनी हल्की बात करने की क्या जरूरत पड़ी। सरकार किसी की भी निगरानी नहीं कर रही है। 872 करोड़ की लागत से बननी है पेयजल परियोजना आपको बता दें कि शिमला शहर के लिए 24 घंटे पानी देने के लिए 872 करोड़ की लागत से बनने वाले पेयजल प्रोजेक्ट के दूसरे चरण का निर्माण करना है जिसका जिम्मा शिमला जल प्रबंधन ने स्वेज इंडिया कंपनी को दे रखा है। मामले में खास बात यह है कि साल 2022 में तत्कालीन भाजपा सरकार में पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने ही शिमला के रिज मैदान पर इस योजना के पहले चरण कि आधारशिला रखी थी।
लुहरी प्रोजेक्ट से 450 मजदूरों की छटनी:इंटक ने कंपनी पर लगाए आरोप, डीसी और विधायकों से की बैठक
लुहरी प्रोजेक्ट से 450 मजदूरों की छटनी:इंटक ने कंपनी पर लगाए आरोप, डीसी और विधायकों से की बैठक शिमला जिले के लुहरी में निर्माणाधीन हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट में इंटक (इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस) ने प्रोजेक्ट का निर्माण कर रही कंपनी पर 450 मजदूरों की एक साथ गैर कानूनी तरीके से छटनी के आरोप लगाए है। मजदूर संगठन का कहना है कि SJVNL ने पटेल कंपनी को प्रोजेक्ट का कार्य दिया हुआ है, और पटेल कंपनी के अंतर्गत प्रोजेक्ट 587 मजदूर काम कर रहे थे। लेकिन कंपनी ने 450 से ज्यादा मजदूरों को एक साथ नौकरी से निकाल दिया है। कांग्रेस के मजदूर संगठन इंटक ने प्रदेश सरकार से मामले में हस्तक्षेप करके इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाने की मांग की है। इसी कड़ी में मजदूरों ने आज डीसी शिमला अनुपम कश्यप के साथ बैठक की है। जिसमें कांग्रेस के 2 विधायक भी शामिल हुए। कंपनी ने की 450 मजदूरों की छटनी इंटक प्रदेश उपाध्यक्ष विहारी सेवगी ने शिमला में पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि शिमला के निकट में रामपुर के पास निर्माणाधीन 210 मेगावाट के इस प्रोजेक्ट में गैर कानूनी तरीके से करीब 450 लोगो की छटनी की गई है। प्रोजेक्ट का निर्माण कर रही कंपनी ने 16 अगस्त को प्रोजेक्ट में कार्यरत 500 कर्मचारियों में से एक साथ 450 मजदूरों को निकाल दिया है। उन्होंने कहा कि निकाले गए कर्मचारियों को अंतिम 2 महीनों के वेतन तक नहीं दिया गया है। बिना नोटिस पीरियड दिए निकाल दिए मजदूर सेवगी ने कहा कि कंपनी ने मजदूरों का बिना नोटिस पीरियड दिए नौकरी से निकाल दिया है, ना ही मजदूरों को कोई मुआवजा दिया है। इंटक का मानना है कि इस प्रकार की छटनी गैर कानूनी है, और कंपनी द्वारा मजदूरों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। DC शिमला के समक्ष रखा मजदूरों का पक्ष उन्होंने कहा कि लुहरी प्रोजेक्ट से निकाले गए मजदूरों को लेकर आज बैठक बुलाई थी। इस बैठक में प्रभावित विधानसभा क्षेत्रों के विधायकों जिसमें रामपुर और ठियोग के विधायक भी शामिल रहे। उन्होंने कहा कि डीसी शिमला और दोनों विधायकों के सामने उन्होंने मजदूरों का पक्ष रखा है उन्हें उम्मीद है कि सरकार इस मामले का जल्द से जल्द समाधान निकालेगी । उन्होंने कहा कि डीसी शिमला के समक्ष प्रभावित मजदूरों को उनकी वितीय देनदारियां कंपनी से दिलवाने के निर्देश देने की मांग की है। ।
ऊना में लोहारली-चुरूडू सड़क पर एक महीने तक बंद:पुल निर्माण के चलते वाहनों की आवाजाही पर रोक, वैकल्पिक मार्गों पर किया गया डायवर्ट
ऊना में लोहारली-चुरूडू सड़क पर एक महीने तक बंद:पुल निर्माण के चलते वाहनों की आवाजाही पर रोक, वैकल्पिक मार्गों पर किया गया डायवर्ट ऊना जिला में लोहारली-चुरुडू मार्ग पर वाहनों की आवाजाही 10 दिसंबर 2024 से 9 जनवरी 2025 तक बंद रहेगी। उपायुक्त एवं जिला दंडाधिकारी जतिन लाल ने मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 115 व 116 के तहत आदेश जारी करते हुए बताया कि लोहारली-चुरुडू मार्ग पर स्वां नदी पर बनने वाले पुल के वेल फाउंडेशन अबटमेंट दो का कार्य शुरू हो गया है। निर्माण कार्य को बिना किसी बाधा के शीघ्र व सुचारू रूप से चलाने के लिए यह आदेश जारी किए गए हैं। उपायुक्त ने बताया कि इस दौरान यातायात को वैकल्पिक मार्गों पर डायवर्ट किया गया है। उन्होंने बताया कि यातायात को वैकल्पिक मार्ग नंदपुर से कुठेड़ा व कुठियारी से टटेहरा मार्ग पर डायवर्ट किया गया है। उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को सड़क बंद होने की सूचना देने व मार्ग परिवर्तन की जानकारी देने के लिए अग्रिम बोर्ड लगाने के निर्देश दिए हैं।