‘महाकाल की भस्म आरती में स्थानीय लोगों को…’, श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए बोले उज्जैन मेयर

‘महाकाल की भस्म आरती में स्थानीय लोगों को…’, श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए बोले उज्जैन मेयर

<p style=”text-align: justify;”><strong>Ujjain Mahakal Mandir News:</strong> उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन होने वाली भस्म आरती को लेकर शिव भक्तों का काफी आकर्षक रहता है. मंदिर में विशेष पर्व पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ती है. इसके अलावा भस्म आरती में तो हमेशा वेटिंग चलती है. ऐसी स्थिति में उज्जैन के महापौर मुकेश टटवाल नई मांग उठाई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध प्रबंध समिति द्वारा फैसला लिया गया था कि हफ्ते में मंगलवार को स्थानीय लोगों को प्राथमिकता के साथ निशुल्क भस्म आरती की व्यवस्था की जाएगी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस फैसले पर मंदिर समिति का ध्यान आकर्षित करवाना चाहते हैं. उज्जैन के स्थानीय लोगों को भस्म आरती में फ्री शामिल होने की प्राथमिकता मिलनी चाहिए, ताकि वे पर्यटन को बढ़ाने के लिए और भी अधिक लोगों के बीच उज्जैन की व्यवस्थाओं का प्रचार-प्रसार कर सके. उन्होंने यह भी माना कि अभी थोड़ी जटिल प्रक्रिया होने की वजह से उज्जैन के स्थानीय लोग भी भस्म आरती से वंचित हो जाते हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मंदिर समिति ने क्या कहा?</strong><br />महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासन गणेश धाकड़ का कहना है कि अभी इस प्रकार का कोई लिखित प्रस्ताव सामने नहीं आया है, यदि कोई प्रस्ताव सामने आता है तो उस पर विचार किया जाएगा. भगवान महाकालेश्वर के दर्शन को लेकर महापौर मुकेश टटवाल की पहल पर अवंतिका द्वार शुरू किया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस अवंतिका द्वार से उज्जैन शहर के लोग आधार कार्ड दिखाकर जल्द दर्शन व्यवस्था का लाभ ले सकते हैं. हालांकि, अभी भस्म आरती को लेकर किसी के लिए भी कोई अलग नियम नहीं है. महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा तय किए गए नियमों के अनुसार श्रद्धालु भस्म आरती में शामिल हो सकते हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है भस्म आरती में भाग लेने की प्रक्रिया?</strong><br />उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन 2,000 श्रद्धालुओं को भस्म आरती में शामिल होने की अनुमति दी जाती है. इसके लिए अलग-अलग प्रक्रिया है. पहली प्रक्रिया तो ऑनलाइन आवेदन के जरिए अनुमति मिलती है. इसके अलावा प्रोटोकॉल के जरिए भी अनुमति दी जाती है, जिसमें प्रति श्रद्धालु &nbsp;200 रुपये की रसीद काटी जाती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा ऑफलाइन भी अनुमति दी जाती है. इसके अतिरिक्त पंडित पुरोहित और अन्य कोटे से भी भस्म आरती में शामिल होने की अनुमति दी जाती है.</p>
<div id=”article-hstick-inner” class=”abp-story-detail “>
<p><strong>यह भी पढ़ें:&nbsp;</strong><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/mp-mohan-yadav-government-complete-one-year-announced-achievements-prahlad-singh-patel-ann-2842457″>कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल ने एमपी सरकार की गिनाईं उपलब्धियां, परमार दंपत्ति सुसाइड पर भी दिया बयान</a></strong></p>
</div> <p style=”text-align: justify;”><strong>Ujjain Mahakal Mandir News:</strong> उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन होने वाली भस्म आरती को लेकर शिव भक्तों का काफी आकर्षक रहता है. मंदिर में विशेष पर्व पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ती है. इसके अलावा भस्म आरती में तो हमेशा वेटिंग चलती है. ऐसी स्थिति में उज्जैन के महापौर मुकेश टटवाल नई मांग उठाई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध प्रबंध समिति द्वारा फैसला लिया गया था कि हफ्ते में मंगलवार को स्थानीय लोगों को प्राथमिकता के साथ निशुल्क भस्म आरती की व्यवस्था की जाएगी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस फैसले पर मंदिर समिति का ध्यान आकर्षित करवाना चाहते हैं. उज्जैन के स्थानीय लोगों को भस्म आरती में फ्री शामिल होने की प्राथमिकता मिलनी चाहिए, ताकि वे पर्यटन को बढ़ाने के लिए और भी अधिक लोगों के बीच उज्जैन की व्यवस्थाओं का प्रचार-प्रसार कर सके. उन्होंने यह भी माना कि अभी थोड़ी जटिल प्रक्रिया होने की वजह से उज्जैन के स्थानीय लोग भी भस्म आरती से वंचित हो जाते हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मंदिर समिति ने क्या कहा?</strong><br />महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासन गणेश धाकड़ का कहना है कि अभी इस प्रकार का कोई लिखित प्रस्ताव सामने नहीं आया है, यदि कोई प्रस्ताव सामने आता है तो उस पर विचार किया जाएगा. भगवान महाकालेश्वर के दर्शन को लेकर महापौर मुकेश टटवाल की पहल पर अवंतिका द्वार शुरू किया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस अवंतिका द्वार से उज्जैन शहर के लोग आधार कार्ड दिखाकर जल्द दर्शन व्यवस्था का लाभ ले सकते हैं. हालांकि, अभी भस्म आरती को लेकर किसी के लिए भी कोई अलग नियम नहीं है. महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा तय किए गए नियमों के अनुसार श्रद्धालु भस्म आरती में शामिल हो सकते हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है भस्म आरती में भाग लेने की प्रक्रिया?</strong><br />उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन 2,000 श्रद्धालुओं को भस्म आरती में शामिल होने की अनुमति दी जाती है. इसके लिए अलग-अलग प्रक्रिया है. पहली प्रक्रिया तो ऑनलाइन आवेदन के जरिए अनुमति मिलती है. इसके अलावा प्रोटोकॉल के जरिए भी अनुमति दी जाती है, जिसमें प्रति श्रद्धालु &nbsp;200 रुपये की रसीद काटी जाती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा ऑफलाइन भी अनुमति दी जाती है. इसके अतिरिक्त पंडित पुरोहित और अन्य कोटे से भी भस्म आरती में शामिल होने की अनुमति दी जाती है.</p>
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