रांची में JSSC कार्यालय का घेराव कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज, भर्ती परीक्षा रद्द करने की मांग

रांची में JSSC कार्यालय का घेराव कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज, भर्ती परीक्षा रद्द करने की मांग

<p style=”text-align: justify;”><strong>Jharkhand News:</strong> रांची में अभ्यर्थियों ने सोमवार को एसएससी कार्यालय का घेराव करने पहुंचे. प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने लाठियां भांजी. मामला सितंबर की भर्ती परीक्षा में कथित अनियमितता का था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन कर भर्ती परीक्षा को रद्द करने की मांग की. आंदोलन को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की थी. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग कार्यालय के बाहर बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती रही. सभी गेट पर अवरोधक भी लगाए गए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रदर्शन की अगुवाई झारखंड राज्य छात्र संघ के नेता देवेंद्र नाथ महतो ने की. उन्होंने कहा कि भारी सुरक्षा इंतजाम और निषेधाज्ञा के बावजूद छात्र जेएसएससी कार्यालय के पास इकट्ठा हुए. उन्होंने कहा कि आंदोलन का मकसद भर्ती परीक्षा को रुकवाना है. बता दें कि जेएसएससी की तरफ से दस्तावेज सत्यापन का काम शुरू हो गया है. 16 से 22 दिसंबर के बीच चयनित 2,231 अभ्यर्थियों को बुलाया गया है. उन्होंने झारखंड सामान्य योग्यताधारी स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (जेजीजीएलसीसीई) उत्तीर्ण की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अभ्यर्थियों के प्रदर्शन की वजह से अफरा तफरी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>परीक्षा में 3.04 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे. छात्रों के प्रदर्शन की वजह से मौके पर अफरा तफरी का माहौल रहा. छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो ने दावा किया कि एसएससी कार्यालय का घेराव करने 24 जिलों से हजारों अभ्यर्थी पहुंचे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पहले प्रशासन ने शनिवार सुबह 5.30 बजे से 20 दिसंबर रात 8 बजे तक एसएससी कार्यालय के 500 मीटर के दायरे में बीएनएस की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है. रविवार को आधिकारिक बयान में कहा गया था कि प्रशासन आंदोलन से निपटने के लिए तैयार है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए आंदोलनकारी छात्रों को आक्रामक प्रदर्शन से दूर रहने की हिदायत दी गयी थी. जेजीजीएलसीसी परीक्षा सरकार में ज्यादातर जूनियर स्तर के पदों पर भर्ती का माध्यम है. अभ्यर्थियों का आरोप है कि परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है. 30 सितंबर को भी जेएसएससी कार्यालय के बाहर छात्रों ने प्रदर्शन कर परीक्षा रद्द करने की मांग की थी. जेएसएससी ने अभ्यर्थियों की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए अनियमितताओं की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था. आरोपों को खारिज करते हुए जेएसएससी सचिव सुधीर गुप्ता ने कहा कि परीक्षा स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से आयोजित की गई थी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें-</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”साहिबगंज-पाकुड़ को 350 करोड़ की योजनाओं का गिफ्ट, CM बोले, ‘सभी वर्गों को मजबूत कर आगे बढ़ेंगे'” href=”https://www.abplive.com/states/jharkhand/schemes-of-350-crore-for-sahibganj-and-pakur-cm-hemant-soren-says-to-move-forward-2843088″ target=”_self”>साहिबगंज-पाकुड़ को 350 करोड़ की योजनाओं का गिफ्ट, CM बोले, ‘सभी वर्गों को मजबूत कर आगे बढ़ेंगे'</a></strong></p>
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<p style=”text-align: justify;”>अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन कर भर्ती परीक्षा को रद्द करने की मांग की. आंदोलन को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की थी. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग कार्यालय के बाहर बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती रही. सभी गेट पर अवरोधक भी लगाए गए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रदर्शन की अगुवाई झारखंड राज्य छात्र संघ के नेता देवेंद्र नाथ महतो ने की. उन्होंने कहा कि भारी सुरक्षा इंतजाम और निषेधाज्ञा के बावजूद छात्र जेएसएससी कार्यालय के पास इकट्ठा हुए. उन्होंने कहा कि आंदोलन का मकसद भर्ती परीक्षा को रुकवाना है. बता दें कि जेएसएससी की तरफ से दस्तावेज सत्यापन का काम शुरू हो गया है. 16 से 22 दिसंबर के बीच चयनित 2,231 अभ्यर्थियों को बुलाया गया है. उन्होंने झारखंड सामान्य योग्यताधारी स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (जेजीजीएलसीसीई) उत्तीर्ण की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अभ्यर्थियों के प्रदर्शन की वजह से अफरा तफरी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>परीक्षा में 3.04 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे. छात्रों के प्रदर्शन की वजह से मौके पर अफरा तफरी का माहौल रहा. छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो ने दावा किया कि एसएससी कार्यालय का घेराव करने 24 जिलों से हजारों अभ्यर्थी पहुंचे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पहले प्रशासन ने शनिवार सुबह 5.30 बजे से 20 दिसंबर रात 8 बजे तक एसएससी कार्यालय के 500 मीटर के दायरे में बीएनएस की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है. रविवार को आधिकारिक बयान में कहा गया था कि प्रशासन आंदोलन से निपटने के लिए तैयार है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए आंदोलनकारी छात्रों को आक्रामक प्रदर्शन से दूर रहने की हिदायत दी गयी थी. जेजीजीएलसीसी परीक्षा सरकार में ज्यादातर जूनियर स्तर के पदों पर भर्ती का माध्यम है. अभ्यर्थियों का आरोप है कि परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है. 30 सितंबर को भी जेएसएससी कार्यालय के बाहर छात्रों ने प्रदर्शन कर परीक्षा रद्द करने की मांग की थी. जेएसएससी ने अभ्यर्थियों की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए अनियमितताओं की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था. आरोपों को खारिज करते हुए जेएसएससी सचिव सुधीर गुप्ता ने कहा कि परीक्षा स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से आयोजित की गई थी.&nbsp;</p>
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