दो बीवियों के चक्कर में लेखपाल का मर्डर:बरेली में आरोपी बोला- खर्च नहीं चल पा रहा था, 4 लाख फिरौती मांगनी थी

दो बीवियों के चक्कर में लेखपाल का मर्डर:बरेली में आरोपी बोला- खर्च नहीं चल पा रहा था, 4 लाख फिरौती मांगनी थी

‘मैंने लेखपाल को शराब पिलाने के बहाने बुलाया। फिर चार पाव शराब ली। लेखपाल ने 100 रुपए की नमकीन खरीदी। जब वो नशे में हो गया तो सूरज ने उसका फोन स्विच ऑफ कर दिया। हम उसे खाली फार्म हाउस पर ले गए। वहां लेखपाल को बंधक बना लिया। फिर मैंने लगा दबाकर उसे मार डाला। मैंने अर्टिगा कार खरीदी, मेरी दो बीवियां थीं। उनका खर्च नहीं चल पा रहा था। इसलिए उसे मार डाला। इसके बाद उसके परिवार से 4 लाख फिरौती मांगने का प्लान था। लेकिन, पुलिस ने पहले ही पकड़ लिया।’ यह कबूलनामा है बरेली में लेखपाल मनीष कश्यप के हत्यारे ओमवीर का। पुलिस ने ओमवीर उर्फ अवधेश और नन्हे को गिरफ्तार किया है, सूरज और नेत्रपाल फरार हैं। 27 नवंबर को लेखपाल की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी। 15 दिसंबर को नाले में खोपड़ी का कंकाल मिला था। अब पढ़िए आरोपी ने जो कुछ बताया कर्ज की वजह से किया था किडनैप
आरोपी ओमवीर ने बताया- मेरे ऊपर काफी कर्ज था। मेरी दो पत्नियां हैं। एक नोएडा, दूसरी बरेली में रहती है। दोनों का खर्च चलाना पड़ता है। साथ ही तीन मुकदमे चल रहे हैं। कुछ दिन पहले ही मैं जेल से जमानत पर बाहर आया था। इसमें भी काफी रुपए खर्च हुए थे। मैंने एक कार भी फाइनेंस कराई थी, जिसकी ईएमआई भी देनी पड़ती थी। इस वजह से हमने लेखपाल मनीष कश्यप का अपहरण कर लिया। 4 लाख रुपए की फिरौती मांगनी थी। लेकिन, फिरौती मांगने से पहले पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। ओमवीर की निशानदेही पर पुलिस ने लेखपाल के कंकाल को बरामद किया था। रिश्तेदारों संग मिलकर बनाया प्लान
ओमवीर ने बताया- लेखपाल मनीष कश्यप से मेरी पहले से जान-पहचान थी। लेखपाल की तैनाती तहसील फरीदपुर में होने के कारण मैं उनका छोटा-मोटा काम कर देता था। इसके बदले मुझे कुछ कमीशन मिल जाता था। ग्राम नगरिया कला में रहने वाले मेरे मामा के साढ़ू नन्हे, बाकरगंज फतेहगंज पूर्वी हाल निवासी एक अन्य रिश्तेदार सूरज और मामा के ससुर नेत्रपाल निवासी ग्राम चुरानवदिया के साथ मिलकर मैंने योजना बनाई। लेखपाल को शराब पिलाने के बहाने बुलाया
27 नवंबर को मैंने लेखपाल मनीष कश्यप को फोन पर शराब पिलाने के बहाने बुलाया। इसके बाद हमने अर्टिगा कार में बैठकर फरीदपुर रोड रेलवे क्रॉसिंग पर शराब पी। लेखपाल के नशे में हो जाने पर सूरज ने उनका फोन स्विच ऑफ कर दिया। फिर हम लोग एक सरदारजी के खाली पड़े फार्म-हाउस पर गए, जहां नेत्रपाल नौकरी करता था। वहां लेखपाल को बंधक बनाकर रखा। लेकिन, थोड़ी देर में नेत्रपाल घबरा गया। उसने लेखपाल को फार्म-हाउस में रखने से मना कर दिया। इसके बाद मैंने लेखपाल को मफलर से गला दबाकर मार डाला। फिर बुखारा रोड पर मिर्जापुर गांव के पास कच्चे रास्ते पर बहने वाले नाले में उनके शव को फेंक दिया। लेखपाल की गुमशुदगी के पर्चे से लिया फोन नंबर
कुछ दिन हम लोगों ने पुलिस की छानबीन पर नजर रखी। इन्हीं दिनों सूरज ने खंबे पर चिपके मनीष कश्यप की गुमशुदगी के पोस्टर से उनके परिवार वालों का नंबर ले लिया। हम उनके परिवार वालों से फिरौती मांगने का प्लान बना रहे थे। उससे पहले ही पुलिस ने हमें पकड़ लिया। पुलिस को मिले बातचीत की ऑडियो
SSP अनुराग आर्य ने बताया- इन लोगों की बातचीत के दो ऑडियो भी पुलिस को मिले हैं। उनसे साफ हो गया कि लेखपाल हत्याकांड को इन 4 लोगों ने मिलकर अंजाम दिया है। ऑडियो में ये लोग आपस में बातचीत कर रहे हैं कि अभी फिरौती मांगने का समय नहीं। अभी ग्राम प्रधानों पर आरोप लगा है, जिससे शांत रहो। अगर फोन किया तो फंस जाओगे। इससे इन लोगों ने फोन नहीं किया और शांत रहे। फोन पर ओमवीर का मामा कह रहा है कि लेखपाल का जो सामान हो, वह भी ठिकाने लगा दो। वरना कहीं पुलिस तुम्हें पकड़ ना ले। दो आरोपियों के लिए दबिश जारी
SSP ने बताया- पकड़े गए दोनों आरोपियों से पूछताछ की गई। इनके दो साथियों को गिरफ्तार करने का प्रयास किया जा रहा है। थाना फरीदपुर इंस्पेक्टर की भूमिका पर परिजनों ने सवाल उठाए थे। इसको लेकर मैंने पहले ही जांच बैठा दी है। परिजनों के कहने पर मैंने फरीदपुर की जगह फतेहगंज पश्चिमी थाने से मामले की विवेचना ट्रांसफर कर दी थी। अखिलेश यादव बोले- भूमाफिया ही यूपी सरकार चला रहे
लेखपाल हत्याकांड को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने X पर लिखा- बरेली में कई दिन से लापता लेखपाल का सिर नाले में मिलने के बाद परिजनों ने यूपी में चल रही उस साठगांठ पर शक जताया है। जिसके एक छोर पर सरकारी भ्रष्टाचार और दूसरे छोर पर भूमाफिया हैं। भूमाफिया ही यूपी की सरकार चला रहे हैं, बाकी सब तो सिर्फ चेहरे हैं। परिजन बोले- डीएनए जांच हो
वहीं, लेखपाल मनीष कश्यप के परिजन डीएम ऑफिस पहुंचे। वहां धरने पर बैठ गए। उन्होंने खुलासे पर सवाल उठाते हुए डीएनए जांच की मांग की। लेखपाल के भाई विष्णु कश्यप ने बताया- हमने डीएम से मुलाकात की। डीएम रविंद्र कुमार ने आश्वासन दिया है कि 24 घंटे के अंदर पूरी बॉडी बरामद कराई जाएगी। उन्होंने यह भी कहा है कि इंस्पेक्टर फरीदपुर राहुल, सीओ आशुतोष, और एसडीएम गुलाब सिंह के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अभी मेरे भाई की हत्या का खुलासा हुआ ही नहीं है, सिर्फ गुमराह किया जा रहा। अगर फिरौती का मामला होता, तो कोई फोन जरूर आता। कपड़े साबूत बचे हैं, लेकिन बॉडी गायब है। जब तक पूरी बॉडी नहीं मिलेगी, हम संतुष्ट नहीं होंगे। अगर सही खुलासा नहीं हुआ, तो हम पेट्रोल डालकर आग लगा लेंगे। DM बोले-जांच होगी
DM रविंद्र कुमार ने कहा- यह बहुत ही दुखद घटना है। पीड़ित परिवार की हर संभव मदद की जाएगी। पुलिस जांच कर रही है। लेखपाल संघ से मैंने कहा है कि आप लोग खुद प्रतिनिधि चुनें और जांच करें। रिपोर्ट आने पर उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। लेखपालों ने कार्य बहिष्कार की धमकी दी
सोमवार को लेखपाल संघ पीड़ित परिवार के साथ डीएम रविंद्र कुमार से मिला। संघ ने आरोप लगाया कि फरीदपुर के उपजिलाधिकारी, तहसीलदार, इंस्पेक्टर और सीओ ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया, जिसके कारण यह घटना हुई। लेखपाल संघ ने कहा कि अगर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, तो वे शासकीय कार्य से विरत हो जाएंगे। लेखपाल संघ की मांग 1. नर कंकाल की फोरेंसिक जांच रिपोर्ट 24 घंटे के अंदर उपलब्ध कराई जाए।
2. अगर फोरेंसिक जांच में अवशेष लेखपाल मनीष कश्यप के साबित होते हैं, तो हत्या के दोषियों के खिलाफ उचित धाराओं में एफआईआर दर्ज हो।
3. मृतक के परिवार को 50 लाख मुआवजा और एक आश्रित को शासकीय नौकरी दी जाए। ———————– ये खबर भी पढ़ें :- बरेली में मिला 18 दिन से लापता लेखपाल का कंकाल, 250 बीघा जमीन घोटाले का पर्दाफाश किया, शासन को भेजने वाले थे रिपोर्ट बरेली में 18 दिन से लापता लेखपाल के सिर का कंकाल नाले में मिला। पास में ही शरीर की कुछ हड्डियां और कपड़े पड़े थे। पुलिस ने कपड़े से लेखपाल की शिनाख्त की। सूचना मिलते ही फोर्स के साथ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। कंकाल को थैले में भरकर जांच के लिए फॉरेंसिंक टीम ले गई। कैंट थाना क्षेत्र के अमरनाथ कॉलोनी के रहने वाले लेखपाल मनीष चंद कश्यप 27 नवंबर से लापता थे। घर से करीब 4 किलोमीटर दूर मिर्जापुर नाले में उनका कंकाल मिला है।पढ़ें पूरी खबर ‘मैंने लेखपाल को शराब पिलाने के बहाने बुलाया। फिर चार पाव शराब ली। लेखपाल ने 100 रुपए की नमकीन खरीदी। जब वो नशे में हो गया तो सूरज ने उसका फोन स्विच ऑफ कर दिया। हम उसे खाली फार्म हाउस पर ले गए। वहां लेखपाल को बंधक बना लिया। फिर मैंने लगा दबाकर उसे मार डाला। मैंने अर्टिगा कार खरीदी, मेरी दो बीवियां थीं। उनका खर्च नहीं चल पा रहा था। इसलिए उसे मार डाला। इसके बाद उसके परिवार से 4 लाख फिरौती मांगने का प्लान था। लेकिन, पुलिस ने पहले ही पकड़ लिया।’ यह कबूलनामा है बरेली में लेखपाल मनीष कश्यप के हत्यारे ओमवीर का। पुलिस ने ओमवीर उर्फ अवधेश और नन्हे को गिरफ्तार किया है, सूरज और नेत्रपाल फरार हैं। 27 नवंबर को लेखपाल की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी। 15 दिसंबर को नाले में खोपड़ी का कंकाल मिला था। अब पढ़िए आरोपी ने जो कुछ बताया कर्ज की वजह से किया था किडनैप
आरोपी ओमवीर ने बताया- मेरे ऊपर काफी कर्ज था। मेरी दो पत्नियां हैं। एक नोएडा, दूसरी बरेली में रहती है। दोनों का खर्च चलाना पड़ता है। साथ ही तीन मुकदमे चल रहे हैं। कुछ दिन पहले ही मैं जेल से जमानत पर बाहर आया था। इसमें भी काफी रुपए खर्च हुए थे। मैंने एक कार भी फाइनेंस कराई थी, जिसकी ईएमआई भी देनी पड़ती थी। इस वजह से हमने लेखपाल मनीष कश्यप का अपहरण कर लिया। 4 लाख रुपए की फिरौती मांगनी थी। लेकिन, फिरौती मांगने से पहले पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। ओमवीर की निशानदेही पर पुलिस ने लेखपाल के कंकाल को बरामद किया था। रिश्तेदारों संग मिलकर बनाया प्लान
ओमवीर ने बताया- लेखपाल मनीष कश्यप से मेरी पहले से जान-पहचान थी। लेखपाल की तैनाती तहसील फरीदपुर में होने के कारण मैं उनका छोटा-मोटा काम कर देता था। इसके बदले मुझे कुछ कमीशन मिल जाता था। ग्राम नगरिया कला में रहने वाले मेरे मामा के साढ़ू नन्हे, बाकरगंज फतेहगंज पूर्वी हाल निवासी एक अन्य रिश्तेदार सूरज और मामा के ससुर नेत्रपाल निवासी ग्राम चुरानवदिया के साथ मिलकर मैंने योजना बनाई। लेखपाल को शराब पिलाने के बहाने बुलाया
27 नवंबर को मैंने लेखपाल मनीष कश्यप को फोन पर शराब पिलाने के बहाने बुलाया। इसके बाद हमने अर्टिगा कार में बैठकर फरीदपुर रोड रेलवे क्रॉसिंग पर शराब पी। लेखपाल के नशे में हो जाने पर सूरज ने उनका फोन स्विच ऑफ कर दिया। फिर हम लोग एक सरदारजी के खाली पड़े फार्म-हाउस पर गए, जहां नेत्रपाल नौकरी करता था। वहां लेखपाल को बंधक बनाकर रखा। लेकिन, थोड़ी देर में नेत्रपाल घबरा गया। उसने लेखपाल को फार्म-हाउस में रखने से मना कर दिया। इसके बाद मैंने लेखपाल को मफलर से गला दबाकर मार डाला। फिर बुखारा रोड पर मिर्जापुर गांव के पास कच्चे रास्ते पर बहने वाले नाले में उनके शव को फेंक दिया। लेखपाल की गुमशुदगी के पर्चे से लिया फोन नंबर
कुछ दिन हम लोगों ने पुलिस की छानबीन पर नजर रखी। इन्हीं दिनों सूरज ने खंबे पर चिपके मनीष कश्यप की गुमशुदगी के पोस्टर से उनके परिवार वालों का नंबर ले लिया। हम उनके परिवार वालों से फिरौती मांगने का प्लान बना रहे थे। उससे पहले ही पुलिस ने हमें पकड़ लिया। पुलिस को मिले बातचीत की ऑडियो
SSP अनुराग आर्य ने बताया- इन लोगों की बातचीत के दो ऑडियो भी पुलिस को मिले हैं। उनसे साफ हो गया कि लेखपाल हत्याकांड को इन 4 लोगों ने मिलकर अंजाम दिया है। ऑडियो में ये लोग आपस में बातचीत कर रहे हैं कि अभी फिरौती मांगने का समय नहीं। अभी ग्राम प्रधानों पर आरोप लगा है, जिससे शांत रहो। अगर फोन किया तो फंस जाओगे। इससे इन लोगों ने फोन नहीं किया और शांत रहे। फोन पर ओमवीर का मामा कह रहा है कि लेखपाल का जो सामान हो, वह भी ठिकाने लगा दो। वरना कहीं पुलिस तुम्हें पकड़ ना ले। दो आरोपियों के लिए दबिश जारी
SSP ने बताया- पकड़े गए दोनों आरोपियों से पूछताछ की गई। इनके दो साथियों को गिरफ्तार करने का प्रयास किया जा रहा है। थाना फरीदपुर इंस्पेक्टर की भूमिका पर परिजनों ने सवाल उठाए थे। इसको लेकर मैंने पहले ही जांच बैठा दी है। परिजनों के कहने पर मैंने फरीदपुर की जगह फतेहगंज पश्चिमी थाने से मामले की विवेचना ट्रांसफर कर दी थी। अखिलेश यादव बोले- भूमाफिया ही यूपी सरकार चला रहे
लेखपाल हत्याकांड को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने X पर लिखा- बरेली में कई दिन से लापता लेखपाल का सिर नाले में मिलने के बाद परिजनों ने यूपी में चल रही उस साठगांठ पर शक जताया है। जिसके एक छोर पर सरकारी भ्रष्टाचार और दूसरे छोर पर भूमाफिया हैं। भूमाफिया ही यूपी की सरकार चला रहे हैं, बाकी सब तो सिर्फ चेहरे हैं। परिजन बोले- डीएनए जांच हो
वहीं, लेखपाल मनीष कश्यप के परिजन डीएम ऑफिस पहुंचे। वहां धरने पर बैठ गए। उन्होंने खुलासे पर सवाल उठाते हुए डीएनए जांच की मांग की। लेखपाल के भाई विष्णु कश्यप ने बताया- हमने डीएम से मुलाकात की। डीएम रविंद्र कुमार ने आश्वासन दिया है कि 24 घंटे के अंदर पूरी बॉडी बरामद कराई जाएगी। उन्होंने यह भी कहा है कि इंस्पेक्टर फरीदपुर राहुल, सीओ आशुतोष, और एसडीएम गुलाब सिंह के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अभी मेरे भाई की हत्या का खुलासा हुआ ही नहीं है, सिर्फ गुमराह किया जा रहा। अगर फिरौती का मामला होता, तो कोई फोन जरूर आता। कपड़े साबूत बचे हैं, लेकिन बॉडी गायब है। जब तक पूरी बॉडी नहीं मिलेगी, हम संतुष्ट नहीं होंगे। अगर सही खुलासा नहीं हुआ, तो हम पेट्रोल डालकर आग लगा लेंगे। DM बोले-जांच होगी
DM रविंद्र कुमार ने कहा- यह बहुत ही दुखद घटना है। पीड़ित परिवार की हर संभव मदद की जाएगी। पुलिस जांच कर रही है। लेखपाल संघ से मैंने कहा है कि आप लोग खुद प्रतिनिधि चुनें और जांच करें। रिपोर्ट आने पर उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। लेखपालों ने कार्य बहिष्कार की धमकी दी
सोमवार को लेखपाल संघ पीड़ित परिवार के साथ डीएम रविंद्र कुमार से मिला। संघ ने आरोप लगाया कि फरीदपुर के उपजिलाधिकारी, तहसीलदार, इंस्पेक्टर और सीओ ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया, जिसके कारण यह घटना हुई। लेखपाल संघ ने कहा कि अगर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, तो वे शासकीय कार्य से विरत हो जाएंगे। लेखपाल संघ की मांग 1. नर कंकाल की फोरेंसिक जांच रिपोर्ट 24 घंटे के अंदर उपलब्ध कराई जाए।
2. अगर फोरेंसिक जांच में अवशेष लेखपाल मनीष कश्यप के साबित होते हैं, तो हत्या के दोषियों के खिलाफ उचित धाराओं में एफआईआर दर्ज हो।
3. मृतक के परिवार को 50 लाख मुआवजा और एक आश्रित को शासकीय नौकरी दी जाए। ———————– ये खबर भी पढ़ें :- बरेली में मिला 18 दिन से लापता लेखपाल का कंकाल, 250 बीघा जमीन घोटाले का पर्दाफाश किया, शासन को भेजने वाले थे रिपोर्ट बरेली में 18 दिन से लापता लेखपाल के सिर का कंकाल नाले में मिला। पास में ही शरीर की कुछ हड्डियां और कपड़े पड़े थे। पुलिस ने कपड़े से लेखपाल की शिनाख्त की। सूचना मिलते ही फोर्स के साथ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। कंकाल को थैले में भरकर जांच के लिए फॉरेंसिंक टीम ले गई। कैंट थाना क्षेत्र के अमरनाथ कॉलोनी के रहने वाले लेखपाल मनीष चंद कश्यप 27 नवंबर से लापता थे। घर से करीब 4 किलोमीटर दूर मिर्जापुर नाले में उनका कंकाल मिला है।पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर