हिमाचल प्रदेश में भाजपा के संगठनात्मक मंडलों की संख्या 74 से बढ़कर 171 हो गई है। इनमें से 90 प्रतिशत मंडलों को अध्यक्ष मिल गए है। शेष 10 प्रतिशत मंडल में भी अगले दो दिन में चुनाव प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश पार्टी नेतृत्व ने दिए है। कांगड़ा जिला में मंडल अध्यक्ष चुनाव में देरी हुई है, क्योंकि अगले कल बीजेपी धर्मशाला में विधानसभा सत्र के दौरान प्रदर्शन करने जा रही है। इस बीच शिमला विधानसभा के दो मंडलो में नियुक्त राजीव पंडित को शिमला और संजीव चौहान पिंकू को संजौली मंडल अध्यक्ष का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। कसुम्प्टी विधानसभा क्षेत्र कसुम्प्टी शहरी का अध्यक्ष भारत भूषण, कसुम्प्टी ग्रामीण का राहुल ठाकुर, शिमला ग्रामीण विधानसभा शिमला ग्रामीण से यशपाल ठाकुर, सुन्नी मंडल का अध्यक्ष शिवानी ठाकुर को चुना गया। जुब्बल मंडल का अध्यक्ष मीनाक्षी मानटा, कोटखाई नावर मंडल में सुंदर सिंह डोगरा, बलसन चौपाल मंडल का कुलदीप मेहता, नेरवा मंडल का वीरेंद्र वर्मा, कुपवी मंडल का श्याम धीरटा, कुमारसेन मंडल का सतीश राठौर, मत्याना मंडल का सतप्रकाश वर्मा, ठियोग मंडल का दुनीचंद कश्यप, रामपुर मंडल का नरेश चौहान, ननखड़ी मंडल का जियालाल तथा सराहन मंडल का महेन्द्र जैन को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया। चुनावी रणनीति के तहत बढ़ाई मंडल अध्यक्षों की संख्या भाजपा ने चुनावी रणनीति के तहत संगठनात्मक मंडलों की संख्या दोगुना से ज्यादा की है। इससे पार्टी नेताओं का कुनबा भी बढ़ा है। मंडल चुनाव के बाद 31 दिसंबर तक जिला अध्यक्ष चुने जाएंगे। इसके बाद नए साल में नए प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होगा। लोकतंत्र और अनुशासन का प्रतीक है भाजपा इस दौरान पूर्व अध्यक्ष सत्तपाल सत्ती ने कहा कि भाजपा का संगठनात्मक ढांचा प्रत्येक कार्यकर्ता को निर्णय प्रक्रिया में भाग लेने का अवसर देता है। जनता की सेवा को सर्वोपरि मानता है। मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति यह दर्शाती है कि भाजपा अनुशासन और लोकतंत्र के प्रति पूरी तरह से समर्पित है। सतपाल सत्ती ने कहा की जिला शिमला में चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी रही। शिमला में ये नेता रहे मौजूद शिमला मंडल की चुनाव प्रक्रिया के दौरान चुनाव प्रभारी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व विधायक सतपाल सत्ती, पूर्व प्रत्याशी संजय सूद, रवि मेहता जिलाध्यक्ष प्रेम ठाकुर, कोषाध्यक्ष कमलजीत सूद, मीडिया सह प्रभारी रमा ठाकुर, सुदीप महाजन इत्यादि उपस्थित रहे। हिमाचल प्रदेश में भाजपा के संगठनात्मक मंडलों की संख्या 74 से बढ़कर 171 हो गई है। इनमें से 90 प्रतिशत मंडलों को अध्यक्ष मिल गए है। शेष 10 प्रतिशत मंडल में भी अगले दो दिन में चुनाव प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश पार्टी नेतृत्व ने दिए है। कांगड़ा जिला में मंडल अध्यक्ष चुनाव में देरी हुई है, क्योंकि अगले कल बीजेपी धर्मशाला में विधानसभा सत्र के दौरान प्रदर्शन करने जा रही है। इस बीच शिमला विधानसभा के दो मंडलो में नियुक्त राजीव पंडित को शिमला और संजीव चौहान पिंकू को संजौली मंडल अध्यक्ष का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। कसुम्प्टी विधानसभा क्षेत्र कसुम्प्टी शहरी का अध्यक्ष भारत भूषण, कसुम्प्टी ग्रामीण का राहुल ठाकुर, शिमला ग्रामीण विधानसभा शिमला ग्रामीण से यशपाल ठाकुर, सुन्नी मंडल का अध्यक्ष शिवानी ठाकुर को चुना गया। जुब्बल मंडल का अध्यक्ष मीनाक्षी मानटा, कोटखाई नावर मंडल में सुंदर सिंह डोगरा, बलसन चौपाल मंडल का कुलदीप मेहता, नेरवा मंडल का वीरेंद्र वर्मा, कुपवी मंडल का श्याम धीरटा, कुमारसेन मंडल का सतीश राठौर, मत्याना मंडल का सतप्रकाश वर्मा, ठियोग मंडल का दुनीचंद कश्यप, रामपुर मंडल का नरेश चौहान, ननखड़ी मंडल का जियालाल तथा सराहन मंडल का महेन्द्र जैन को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया। चुनावी रणनीति के तहत बढ़ाई मंडल अध्यक्षों की संख्या भाजपा ने चुनावी रणनीति के तहत संगठनात्मक मंडलों की संख्या दोगुना से ज्यादा की है। इससे पार्टी नेताओं का कुनबा भी बढ़ा है। मंडल चुनाव के बाद 31 दिसंबर तक जिला अध्यक्ष चुने जाएंगे। इसके बाद नए साल में नए प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होगा। लोकतंत्र और अनुशासन का प्रतीक है भाजपा इस दौरान पूर्व अध्यक्ष सत्तपाल सत्ती ने कहा कि भाजपा का संगठनात्मक ढांचा प्रत्येक कार्यकर्ता को निर्णय प्रक्रिया में भाग लेने का अवसर देता है। जनता की सेवा को सर्वोपरि मानता है। मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति यह दर्शाती है कि भाजपा अनुशासन और लोकतंत्र के प्रति पूरी तरह से समर्पित है। सतपाल सत्ती ने कहा की जिला शिमला में चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी रही। शिमला में ये नेता रहे मौजूद शिमला मंडल की चुनाव प्रक्रिया के दौरान चुनाव प्रभारी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व विधायक सतपाल सत्ती, पूर्व प्रत्याशी संजय सूद, रवि मेहता जिलाध्यक्ष प्रेम ठाकुर, कोषाध्यक्ष कमलजीत सूद, मीडिया सह प्रभारी रमा ठाकुर, सुदीप महाजन इत्यादि उपस्थित रहे। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल राज्य चयन आयोग में चेयरमैन की जॉयनिंग में देरी:दक्षिण भारत में करा रहे इलाज, एग्जाम को लेकर नया पैटर्न बन रहा हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर स्थित राज्य चयन आयोग में अध्यक्ष और सदस्यों के पदभार संभालने को लेकर अभी और समय लग सकता है। कारण यह है कि जिन राजीव कुमार को आयोग का सरकार ने अध्यक्ष नियुक्त करने की अधिसूचना जारी की है, वे स्वास्थ्य कारणों के चलते अभी हिमाचल से बाहर हैं। वें दक्षिण भारत में इलाज करवा रहे हैं, लेकिन उनका कहना है कि जैसे ही वे मुकम्मल तौर पर रिकवर हो जाएंगे, तत्काल आयोग के अध्यक्ष का पदभार संभाल लेंगे। उन्होंने इसके लिए अभी कुछ और दोनों तक इंतजार करने की बात भी कही है। अध्यक्ष के बगैर सदस्यों की जॉयनिंग भी लटकी उधर, जब तक आयोग के अध्यक्ष पदभार नहीं संभालते, सरकार द्वारा नामजद दोनों सदस्य यहां जॉयनिंग नहीं दे सकते, क्योंकि शपथ अध्यक्ष ने ही दिलानी होती है। हालांकि एक सदस्य अभी सरकारी सेवा से इसी महीने के अंत में सेवानिवृत्ति होंगे और दीपावली के बाद उनका सदस्य के रूप में यहां पदभार संभालने की संभावना थी, मगर अध्यक्ष की गैरमौजूदगी में ऐसा हो नहीं सकता। इसलिए अभी आयोग के मुख्यालय में फिलहाल मुकम्मल रौनक महसूस करने के लिए लगभग एक से डेढ़ सप्ताह और लग सकता है। बता दें कि अध्यक्ष और दोनों सदस्यों की अधिसूचना जारी किए हुए पौने दो माह का समय बीत गया है। हालांकि सरकार ने आयोग के सचिव के रूप में वरिष्ठ एचएएस अधिकारी विक्रम महाजन को तैनाती देकर इसकी फंक्शनिंग को प्रभावित तरीके से शुरू करने का बीड़ा तो उठा लिया था, मगर अब देरी अध्यक्ष और सदस्यों के पदभार संभालने की वजह से लटकी हुई है। फिजियोथैरेपी करवा रहे- राजीव आयोग के अध्यक्ष राजीव कुमार ने बताया कि वे अभी हिमाचल से बाहर हैं और डॉक्टर्स ने उन्हें फिजियोथैरेपी के लिए कुछ और समय निकालने की सलाह दी है। इसीलिए वे अभी उसी में व्यस्त हैं। जैसे ही डॉक्टर्स सलाह देंगे, वे हमीरपुर पहुंचकर आयोग के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाल लेंगे। फिलहाल थोड़ा वक्त लगेगा। अब ज्वॉइनिंग- सुखदेव उधर, आयोग के नामित सदस्य और वरिष्ठ एचएएस अधिकारी सुखदेव सिंह राणा का कहना है कि वें दीपावली के बाद वे जॉयनिंग करेंगे। एग्जाम का पैटर्न बदलेगा काबिले गौर यह है कि मुकम्मल तौर पर इस आयोग का निजाम बदलने के लिए वक्त लगेगा। क्योंकि एग्जाम को लेकर यह आयोग नए पैटर्न में सिस्टम बना रहा है। फिलहाल क्लर्कों के पदों को भी भरा जाना है। उस पर अभी काम नहीं हुआ है। पद सृजित हो चुके हैं। आयोग ने कई महत्वपूर्ण कार्यों को आउटसोर्स करने का भी प्लान तैयार किया हुआ है। अब देखना यही है कि अध्यक्ष और सदस्यों की मौजूदगी बनने के बाद कितनी जल्दी यह आयोग युवाओं की उम्मीदों पर खरा उतर पाएंगे? फिलहाल सचिव विक्रम महाजन की मौजूदगी में आधा दर्जन के करीब पोस्ट कोड का रिजल्ट घोषित हो चुका है और अगली प्रक्रिया को शुरू करने के लिए भी अंदर खाते प्रक्रिया जारी है।
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