हिमाचल प्रदेश विधानसभा का विंटर सेशन आज धर्मशाला के तपोवन में शुरू हो रहा है। सत्र के पहले ही दिन 4 विधेयक सदन में पेश किए जाएंगे। इनमें सरकारी कर्मचारियों की भर्ती और सेवा शर्तें विधेयक-2024, पुलिस संशोधन विधेयक-2024, पंचायती राज संशोधन विधेयक-2024 और प्रदेश भू-जोत अधिकतम सीमा संशोधन विधेयक-2024 को सदन में रखा जाएगा। भू-जोत अधिकतम सीमा संशोधन विधेयक यानी लैंड सीलिंग विधेयक सबसे महत्वपूर्ण बिल है। कांग्रेस सरकार राधा स्वामी सत्संग ब्यास को राहत देने के लिए लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन करने जा रही है। इससे जुड़ा विधेयक राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी सदन में पेश करेंगे। राधा स्वामी सत्संग ब्यास को राहत देना चाह रही सरकार प्रदेश के लिए काफी अहम बिल है, डेरा ब्यास चाहता है कि हमीरपुर के भोटा अस्पताल की जमीन का मालिकाना हक उनकी ही सहयोगी संस्था महाराज जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसायटी के नाम की जाए। इसके लिए लैंड सीलिंग एक्ट 1972 में संशोधन जरूरी है। मौजूदा लैंड सीलिंग एक्ट इसकी इजाजत नहीं देता, क्योंकि राधा स्वामी सत्संग ब्यास के साथ साथ प्रदेश में दूसरी धार्मिक संस्थाओं को लोगों ने हजारों बीघा जमीन दान कर रखी है। दान की हुई जमीन न तो किसी को ट्रांसफर की जा सकती है, न मोर्ट-गेज और न ही लीज या गिफ्ट-डीड कर सकती है। इस शर्त की वजह से 1972 में जब एक्ट बना तो सत्संग ब्यास की 6000 बीघा से अधिक जमीन सरकार में वेस्ट होने से बच गई थी। कानून बनने पर सरकार में वेस्ट हो गई थी हजारों बीघा जमीन बता दें कि जब यह कानून बना तो राजा-रजवाड़ा, देवी-देवताओं और बड़े किसानों जिनके पास सीलिंग एक्ट की लिमिट से ज्यादा जमीन थी, वह सरकार में वेस्ट हो गई थी। मगर धार्मिक संस्थाओं को इस शर्त के साथ छूट दी गई कि ये जमीन नहीं बेच पाएंगे। अब राधा स्वामी सत्संग ब्यास सरकार पर इसे सहयोगी संस्था के नाम ट्रांसफर करने की अनुमति मांग रहा है। इसके लिए सरकार एक्ट में संशोधन करने जा रही है। ऐसा हुआ तो प्रदेश में दूसरी धार्मिक संस्थाएं, पावर प्रोजेक्ट, इंडस्ट्री और चाय के बागान को भी बेचने की अनुमति के लिए सरकार पर दबाव बड़ेगा। 6000 बीघा जमीन का मालिक सत्संग ब्यास धार्मिक संस्था डेरा ब्यास के पास प्रदेश में 6000 बीघा जमीन है। डेरा ब्यास को लैंड सीलिंग एक्ट में छूट शर्तों के साथ मिली है। यदि विधानसभा से ये बिल पास हो जाता है तो भी इसे राष्ट्रपति भवन की मंजूरी जरूरी है। राधा स्वामी सत्संग ब्यास ने दी अस्पताल बंद करने की चेतावनी बता दें कि बीते दिनों डेरा ब्यास भोटा अस्पताल को बंद करने की बात कह चुका है। इसके पीछे तर्क दिया गया कि उनके नाम जमीन नहीं होने की वजह से करोड़ों रुपए GST के देने पड़ रहे हैं, जबकि यह संस्था निशुल्क में लोगों का उपचार कर रही है। इसके बाद हमीरपुर में स्थानीय लोगों ने सड़कों पर उतर कर आंदोलन किया। इसके बाद मुख्यमंत्री सुक्खू ने आश्वासन दिया कि शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन बिल लाकर लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन किया जाएगा। उसके बाद भोटा अस्पताल सुचारू रूप से चल रहा है। सूत्र बताते हैं कि विधि विभाग भी इस संशोधन को लेकर कुछ बिंदुओं पर सरकार को आगाह कर चुका है कि ऐसा करना ठीक नहीं होगा। अब देखना होगा कि सरकार बिल में किस प्रकार संशोधन करती है। इससे पहले सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू होगी। इसके बाद शून्यकाल में भी महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए जा सकते हैं। हिमाचल प्रदेश विधानसभा का विंटर सेशन आज धर्मशाला के तपोवन में शुरू हो रहा है। सत्र के पहले ही दिन 4 विधेयक सदन में पेश किए जाएंगे। इनमें सरकारी कर्मचारियों की भर्ती और सेवा शर्तें विधेयक-2024, पुलिस संशोधन विधेयक-2024, पंचायती राज संशोधन विधेयक-2024 और प्रदेश भू-जोत अधिकतम सीमा संशोधन विधेयक-2024 को सदन में रखा जाएगा। भू-जोत अधिकतम सीमा संशोधन विधेयक यानी लैंड सीलिंग विधेयक सबसे महत्वपूर्ण बिल है। कांग्रेस सरकार राधा स्वामी सत्संग ब्यास को राहत देने के लिए लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन करने जा रही है। इससे जुड़ा विधेयक राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी सदन में पेश करेंगे। राधा स्वामी सत्संग ब्यास को राहत देना चाह रही सरकार प्रदेश के लिए काफी अहम बिल है, डेरा ब्यास चाहता है कि हमीरपुर के भोटा अस्पताल की जमीन का मालिकाना हक उनकी ही सहयोगी संस्था महाराज जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसायटी के नाम की जाए। इसके लिए लैंड सीलिंग एक्ट 1972 में संशोधन जरूरी है। मौजूदा लैंड सीलिंग एक्ट इसकी इजाजत नहीं देता, क्योंकि राधा स्वामी सत्संग ब्यास के साथ साथ प्रदेश में दूसरी धार्मिक संस्थाओं को लोगों ने हजारों बीघा जमीन दान कर रखी है। दान की हुई जमीन न तो किसी को ट्रांसफर की जा सकती है, न मोर्ट-गेज और न ही लीज या गिफ्ट-डीड कर सकती है। इस शर्त की वजह से 1972 में जब एक्ट बना तो सत्संग ब्यास की 6000 बीघा से अधिक जमीन सरकार में वेस्ट होने से बच गई थी। कानून बनने पर सरकार में वेस्ट हो गई थी हजारों बीघा जमीन बता दें कि जब यह कानून बना तो राजा-रजवाड़ा, देवी-देवताओं और बड़े किसानों जिनके पास सीलिंग एक्ट की लिमिट से ज्यादा जमीन थी, वह सरकार में वेस्ट हो गई थी। मगर धार्मिक संस्थाओं को इस शर्त के साथ छूट दी गई कि ये जमीन नहीं बेच पाएंगे। अब राधा स्वामी सत्संग ब्यास सरकार पर इसे सहयोगी संस्था के नाम ट्रांसफर करने की अनुमति मांग रहा है। इसके लिए सरकार एक्ट में संशोधन करने जा रही है। ऐसा हुआ तो प्रदेश में दूसरी धार्मिक संस्थाएं, पावर प्रोजेक्ट, इंडस्ट्री और चाय के बागान को भी बेचने की अनुमति के लिए सरकार पर दबाव बड़ेगा। 6000 बीघा जमीन का मालिक सत्संग ब्यास धार्मिक संस्था डेरा ब्यास के पास प्रदेश में 6000 बीघा जमीन है। डेरा ब्यास को लैंड सीलिंग एक्ट में छूट शर्तों के साथ मिली है। यदि विधानसभा से ये बिल पास हो जाता है तो भी इसे राष्ट्रपति भवन की मंजूरी जरूरी है। राधा स्वामी सत्संग ब्यास ने दी अस्पताल बंद करने की चेतावनी बता दें कि बीते दिनों डेरा ब्यास भोटा अस्पताल को बंद करने की बात कह चुका है। इसके पीछे तर्क दिया गया कि उनके नाम जमीन नहीं होने की वजह से करोड़ों रुपए GST के देने पड़ रहे हैं, जबकि यह संस्था निशुल्क में लोगों का उपचार कर रही है। इसके बाद हमीरपुर में स्थानीय लोगों ने सड़कों पर उतर कर आंदोलन किया। इसके बाद मुख्यमंत्री सुक्खू ने आश्वासन दिया कि शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन बिल लाकर लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन किया जाएगा। उसके बाद भोटा अस्पताल सुचारू रूप से चल रहा है। सूत्र बताते हैं कि विधि विभाग भी इस संशोधन को लेकर कुछ बिंदुओं पर सरकार को आगाह कर चुका है कि ऐसा करना ठीक नहीं होगा। अब देखना होगा कि सरकार बिल में किस प्रकार संशोधन करती है। इससे पहले सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू होगी। इसके बाद शून्यकाल में भी महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए जा सकते हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
अनुराग ठाकुर IPU की स्टेंडिंग कमेटी के सदस्य निर्वाचित:जेनेवा में इंटर पॉर्लियामेंटरी यूनियन मीटिंग में चयन; दुनियाभर के सांसदों का वैश्विक संगठन है IPU
अनुराग ठाकुर IPU की स्टेंडिंग कमेटी के सदस्य निर्वाचित:जेनेवा में इंटर पॉर्लियामेंटरी यूनियन मीटिंग में चयन; दुनियाभर के सांसदों का वैश्विक संगठन है IPU देश के पूर्व केंद्रीय मंत्री और हमीरपुर से लोकसभा सांसद अनुराग ठाकुर इंटर पॉर्लियामेंटरी यूनियन (IPU) के सदस्य चुने गए। स्विटजरलैंड के जेनेवा में बीते रविवार को IPU की मीटिंग में सभापति ने अनुराग ठाकुर के नाम का प्रस्ताव रखा। जिस पर सभी सदस्यों ने सहमति जताई और अनुराग निर्विरोध IPU के सदस्य चुने गए। बता दें कि अनुराग ठाकुर, 12 अक्तूबर से 18 अक्तूबर तक IPU की विभिन्न बैठकों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए स्विटजरलैंड के जेनेवा दौरे पर हैं। बीते रविवार को IPU के एशिया पैसेफिक ग्रुप की बैठक जेनेवा में हुई जिसमें IPU की स्टेंडिंग कमेटी ऑन UN अफेयर की खाली पड़ी सीट को भरने के लिए सदस्य के नाम पर चर्चा हुई और अनुराग ठाकुर IPU की स्टेंडिंग कमेटी ऑन UN अफेयर के सदस्य चुने गए। दुनियाभर के देशों के सांसदों का वैश्विक संगठन है IPU IPU दुनिया भर के विभिन्न देशों के सांसदों का वैश्विक संगठन है, जिसका प्राथमिक उद्देश्य अपने सदस्यों के बीच लोकतांत्रिक शासन, अंतरराष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर सांसदों के बीच मित्रता, समझ और सहयोग स्थापित करके मंत्रियों, राजदूतों और अन्य राज्य अधिकारियों द्वारा अंतर-सरकारी स्तर पर संचालित अंतरराष्ट्रीय संबंधों को पूरक बनाना है। IPU संगठन की स्थापना 130 साल पहले दुनिया के पहले बहुपक्षीय राजनीतिक संगठन के रूप में की गई थी, जो सभी देशों के बीच सहयोग और संवाद को प्रोत्साहित करता है। आज, IPU में 179 सदस्य संसद और 13 एसोसिएट सदस्य शामिल हैं। यह लोकतंत्र को बढ़ावा देता है और सांसदों को अधिक मजबूत, युवा, लिंग-संतुलित और अधिक विविधतापूर्ण बनाने में मदद करता है। APG ने भी अपनी सिफारिश IPU को भेजी APG ( एशिया पैसेफिक ग्रुप) ने भी अनुराग ठाकुर के इस चयन की अपनी सिफ़ारिश IPU को भेज दी है, जिस पर 17 अक्तूबर को IPU की जनरल असेम्बली की बैठक में IPU इसे अपनी अनुमति प्रदान करेगा।
हिमाचल में मानसून में भी सूखे जैसे हालात:नॉर्मल से 78% कम बादल बरसे; आज-कल भी बारिश के आसार कम, परसो से दो दिन बारिश
हिमाचल में मानसून में भी सूखे जैसे हालात:नॉर्मल से 78% कम बादल बरसे; आज-कल भी बारिश के आसार कम, परसो से दो दिन बारिश हिमाचल प्रदेश में मानसून कमजोर पड़ गया है। मौजूदा मानसून सीजन में नॉर्मल से 35 प्रतिशत और बीते एक सप्ताह के दौरान 78 प्रतिशत कम बादल बरसे है। कई क्षेत्रों में मानसून सीजन में भी सूखे जैसे हालात बनने लगे हैं। आज और कल भी कुछेक क्षेत्रों में ही हल्की बारिश का पूर्वानुमान है। ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम साफ रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार, सात से 14 जुलाई के बीच लाहौल स्पीति जिला में पानी की एक बूंद भी नहीं बरसी। बिलासपुर जिला में भी नॉर्मल से 80 प्रतिशत कम, चंबा में 81 प्रतिशत, हमीरपुर में 69 प्रतिशत, कांगड़ा में 79 प्रतिशत, किन्नौर में 35 प्रतिशत, कुल्लू में 72 प्रतिशत, मंडी में 58 प्रतिशत, सिरमौर में 71 प्रतिशत, सोलन में 70 प्रतिशत और ऊना जिला में भी 97 प्रतिशत कम बारिश हुई है। यहां देखे बीते एक सप्ताह के दौरान किस जिला में किस कम बारिश हुई… इस अवधि में प्रदेश में मात्र 12.6 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि नॉर्मल बारिश 58.5 मिलीमीटर होती है। मानसून सीजन के दौरान एक जून से 14 जुलाई तक प्रदेश औसत 203 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है, लेकिन इस बार 131.9 मिलीमीटर बारिश ही हुई है। 24 घंटे के दौरान डलहौजी में 3 MM बारिश बीते 24 घंटे के दौरान भी चंबा के डलहौजी में मात्र 3 मिलीमीटर (MM), चंबा में 1 मिलीमीटर, नाहन में 0.5 मिलीमीटर और कल्पा में 0.8 मिलीमीटर बारिश हुई है। 17-18 को येलो अलर्ट मौसम विभाग की माने तो परसो यानी 17 और 18 जुलाई को मानसून थोड़ा एक्टिव हो सकता है। इस दौरान कुछेक स्थानों पर अच्छी बारिश का पूर्वानुमान है। इसे देखते हुए मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। यहां देखे 1 जून से 14 जुलाई के बीच पूरे मानसून सीजन में कितनी कम बारिश हुई…. तापमान में आया भारी उछाल प्रदेश में बारिश नहीं होने के बाद तापमान में उछाल आया है। कई शहरों का पारा नॉर्मल से 5 डिग्री तक ज्यादा हो गया है। भुंतगर के तापमान में सबसे ज्यादा 4.4 डिग्री की वृद्धि दर्ज की गई है। इसके बाद भुंतर का पारा 36.2 डिग्री पहुंच गया है। वहीं शिमला का तापमान नॉर्मल से 3.1 डिग्री अधिक के उछाल के साथ 26.1 डिग्री, सुंदरनगर का 3.5 डिग्री के उछाल के साथ 34.2 डिग्री, ऊना का 3 डिग्री ज्यादा के साथ 36.8 डिग्री, बिलासपुर का 3.5 डिग्री अधिक के साथ 36.3 डिग्री सेल्सियस हो गया है।
हिमाचल में रात से जारी है बारिश:आज 10 जिलों में चेतावनी, 200 से ज्यादा सड़कें बंद, अगले पांच दिन एक्टिव रहेगा मानसून
हिमाचल में रात से जारी है बारिश:आज 10 जिलों में चेतावनी, 200 से ज्यादा सड़कें बंद, अगले पांच दिन एक्टिव रहेगा मानसून हिमाचल प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में बीती रात से तेज बारिश हो रही है। इससे जगह जगह लैंडस्लाइड से 200 से ज्यादा सड़कें यातायात के लिए बंद हो गई है। मौसम विभाग (IMD) ने लाहौल स्पीति और किन्नौर को छोड़कर सभी 10 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दे रखी है। IMD के अलर्ट के बाद राज्य सरकार ने प्रदेशवासियों को सतर्क रहने और नदी नालों के आसपास नहीं जाने की सलाह दी है। बारिश के बाद कई क्षेत्रों में नदी-नालों में जल स्तर बढ़ना शुरू हो गया है। प्रदेश में अगले चार-पांच दिन तक मानसून एक्टिव रहेगा। 8 और 9 अगस्त के लिए येलो अलर्ट दिया गया है, जबकि 10 अगस्त के लिए फिर से भारी बारिश की ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। जाने कब जारी होता ऑरेंज अलर्ट जब 0 से 74 मिलीमीटर बारिश होने का पूर्वानुमान हो, उस सूरत में येलो अलर्ट दिया जाता है। 75 मिलीमीटर से ज्यादा और 125 मिलीमीटर से कम बारिश होने के पूर्वानुमान पर ऑरेंज अलर्ट दिया और 125 मिलीमीटर से अधिक बारिश की स्थिति में रेड अलर्ट दिया जाता है। 200 सड़कें पड़ी हैं बंद प्रदेश में हो रही बारिश से 200 से ज्यादा सड़कें, 215 बिजली के ट्रांसफॉर्मर और 70 पानी की स्कीमें बंद पड़ी है। इससे कई क्षेत्रों में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अब तक बरसात से 748 करोड़ रुपए की सरकारी व निजी संपत्ति तबाह हो चुकी है। पूरे मानसून सीजन में 170 सड़कों की सड़क हादसों, गिरने, पानी में डूबने, सांप के काटने इत्यादि से जान चली गई है। 39 मकान पूरी तरह टूटे प्रदेश में 39 मकान पूरी तरह से धवस्त और 177 मकान आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त हो चुकी है। 24 दुकानें, 3 लेबर शेड, 173 गौशालाएं और 3 घ्राट भी बरसात से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।