सिरमौर जिला के पांवटा साहिब में गुरुवार को वन विभाग की टीम ने पांवटा साहिब की नदियों से अवैध तरीके से रेत, बजरी और पत्थर उठान करने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। वन विभाग की टीम ने छापेमारी कर 8 वाहनों के चालान किए और 3 लाख 18 हजार 440 रुपए का जुर्माना वसूल किया। वन विभाग की इस कार्रवाई से खनन माफिया में हड़कंप मच गया है। वन विभाग को सूचना मिली कि पांवटा साहिब की नदियों से अवैध खनन की गतिविधियां लंबे समय से चली हुई हैं। सूचना मिलने के बाद वन खंड अधिकारी इंद्र ठाकुर की नेतृत्व में वन रक्षक अनवर, दर्शन चन्द, संदीप व विजय टीम गठित की और नदियों से आने वाले रास्ते में नाका लगाया गया। नाके के दौरान वन विभाग की टीम ने रेत-बजरी ले जा रहे 6 ट्रक व 2 ट्रैक्टरों को रोका। जब वाहन चालकों से रेत-बजरी से संबंधित कागजात मांगे तो वे नहीं दिखा पाए। इसके बाद वन विभाग की टीम ने वाहनों के चालान किए। पांवटा साहिब के अलावा पांवटा साहिब क्षेत्र से उत्तराखंड व हरियाणा के लिए अवैध खनन की सप्लाई की जाती है, जिस कारण राज्य सरकार को लाखों के राजस्व नुकसान हो रहा है। वन विभाग पांवटा साहिब के डीएफओ एश्वर्य राज ने इस कार्रवाई की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि अवैध खनन के खिलाफ वन विभाग का यह अभियान जारी रहेगा। सिरमौर जिला के पांवटा साहिब में गुरुवार को वन विभाग की टीम ने पांवटा साहिब की नदियों से अवैध तरीके से रेत, बजरी और पत्थर उठान करने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। वन विभाग की टीम ने छापेमारी कर 8 वाहनों के चालान किए और 3 लाख 18 हजार 440 रुपए का जुर्माना वसूल किया। वन विभाग की इस कार्रवाई से खनन माफिया में हड़कंप मच गया है। वन विभाग को सूचना मिली कि पांवटा साहिब की नदियों से अवैध खनन की गतिविधियां लंबे समय से चली हुई हैं। सूचना मिलने के बाद वन खंड अधिकारी इंद्र ठाकुर की नेतृत्व में वन रक्षक अनवर, दर्शन चन्द, संदीप व विजय टीम गठित की और नदियों से आने वाले रास्ते में नाका लगाया गया। नाके के दौरान वन विभाग की टीम ने रेत-बजरी ले जा रहे 6 ट्रक व 2 ट्रैक्टरों को रोका। जब वाहन चालकों से रेत-बजरी से संबंधित कागजात मांगे तो वे नहीं दिखा पाए। इसके बाद वन विभाग की टीम ने वाहनों के चालान किए। पांवटा साहिब के अलावा पांवटा साहिब क्षेत्र से उत्तराखंड व हरियाणा के लिए अवैध खनन की सप्लाई की जाती है, जिस कारण राज्य सरकार को लाखों के राजस्व नुकसान हो रहा है। वन विभाग पांवटा साहिब के डीएफओ एश्वर्य राज ने इस कार्रवाई की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि अवैध खनन के खिलाफ वन विभाग का यह अभियान जारी रहेगा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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शिमला में मस्जिद पर बंटी कांग्रेस:मंत्री-विधायक की अलग-अलग राय; अनिरुद्ध बोले- फल बेचने के नाम पर रोहिंग्या तो नहीं पहुंच रहे हिमाचल की राजधानी शिमला के उप नगर संजौली में मस्जिद विवाद गहराता जा रहा है। इस मसले पर स्थानीय कांग्रेस विधायक हरीश जनारथा और पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह की अलग अलग राय है। मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा, फल बेचने के नाम पर कहीं रोहिंग्या या अपराधी तो शिमला नहीं पहुंच रहे। उन्होंने दो टूक चेतावनी देते हुए कहा- बहू-बेटियों पर फब्तियां कसने व छेड़छाड़ करने वाले शिमला में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। उन्होंने कहा, शिमला में अवैध मस्जिद निर्माण बर्दाश्त नहीं होगा। बाहर से आने वाले प्रवासियों की पृष्ठभूमि की जांच होनी चाहिए, इसको लेकर उनकी मुख्यमंत्री से भी बात हुई है। बाहर के लोगों ने शिमला शहर में पहुंचाया झगड़ा वहीं शिमला शहरी से कांग्रेस विधायक हरीश जनारथा ने बीते कल ही कहा कि कुछ पार्षदों व एक विशेष राजनीतिक दलों के कार्यकताओं ने बाहर के झगड़े को शिमला शहर में पहुंचा दिया है। विधायक ने कहा कि मस्जिद 1950 से पहले की, अवैध है या नहीं इसका फैसला कोर्ट करेगा, कोई पार्षद या अन्य व्यक्ति नहीं। बाहर के झगड़े में शिमला शहर की शांति भंग न करें। शिमला एक शांतिप्रिय जगह है। विधायक ने कहा कि दो गुटों में हुए आपसी झगड़े को हिन्दू मुस्लिम समुदाय का रूप दे दिया। भाजपा बोली मस्जिद अगर अवैध तो इसे हटा देना चाहिए वहीं शिमला के संजौली में विवादित मस्जिद निर्माण को लेकर विपक्ष के नेता एवम पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दो टूक शब्दों में कहा कि मस्जिद अगर अवैध है तो इसे हटा देना चाहिए। हिमाचल में ऐसी स्थिति बर्दाश्त करने योग्य नहीं हैं। अवैध निर्माण कर झगड़ा करने पर सरकार को संज्ञान लेकर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। जयराम ठाकुर ने कहा कि सदन में भाजपा विधायक बलबीर वर्मा ने भी आज इस मामले को उठाना चाहा, लेकिन पॉइंट ऑफ ऑर्डर के तहत इसे उठाने की इजाजत नहीं मिली। वे दोबारा नोटिस देकर इस मामले को उठाएंगे। ये है पूरा मामला…. दरअसल राजधानी शिमला के उपनगर संजौली में एक मस्जिद के निर्माण को लेकर बीते रविवार से बवाल खड़ा हुआ है। हिंदूवादी संगठनो व कुछ नगर निगम के पार्षदों ने स्थानीय लोगों के साथ रविवार को मस्जिद के बाहर विशाल प्रदर्शन करते हुए मस्जिद के अवैध होने का दावा करते हुए उसे ध्वस्त करने की मांग की। बता दें कि यह विवाद शिमला के मल्याणा में विशेष समुदाय के लोगों द्वारा एक युवक के साथ मारपीट के बाद शुरू हुआ है। प्रदर्शनकारियों के अनुसार, समुदाय विशेष के लोग बाहर से आकर शिमला की शांति भंग कर रहे हैं।
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