अधिकारी को थप्पड़ मारना BJP पूर्व विधायक को पड़ा महंगा, भवानी सिंह राजावत को हुई 3 साल की सजा, मंदिर से जुड़ा है मामला

अधिकारी को थप्पड़ मारना BJP पूर्व विधायक को पड़ा महंगा, भवानी सिंह राजावत को हुई 3 साल की सजा, मंदिर से जुड़ा है मामला

<p style=”text-align: justify;”><strong>Bhavani Singh Rajawat Latest News:</strong> राजस्थान में वन विभाग के अधिकारी को 2022 में ऑफिस में घुसकर थप्पड़ मारने के मामले में एक विशेष अदालत ने गुरुवार (19 दिसंबर) को बीजेपी के पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत और उनके सहयोगी महावीर सुमन को तीन साल कैद की सजा सुनाई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>लोक अभियोजक ने बताया कि एससी/एसटी अदालत ने उन्हें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) सहित संबंधित धाराओं के तहत दोषी ठहराया. साथ ही उनपर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भवानी सिंह राजावत ने क्या कहा?<br /></strong>अदालत की ओर से सजा सुनाए जाने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए भवानी सिंह राजावत ने कहा, “वह सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करेंगे.” कोटा के लाडपुरा से पूर्व विधायक ने यह भी कहा कि उन्हें एससी/एसटी कानून की धारा तीन के तहत आरोपों से बरी कर दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>तत्कालीन उप वन संरक्षक (डीसीएफ) रवि कुमार मीणा की शिकायत पर राजावत और सुमन के खिलाफ 31 मार्च 2022 को नयापुरा थाने में आईपीसी की धारा 332, 353, 34 और एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(2) के तहत मामला दर्ज किया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मंदिर के मरम्मत कार्य को रोकने का किया विरोध</strong><br />आरोप लगाया गया था कि राजावत अपने समर्थकों के साथ डीसीएफ के कार्यालय में घुसे, जहां उन्होंने एक मंदिर के मरम्मत कार्य को रोकने का विरोध किया और डीसीएफ को थप्पड़ मार दिया था. इस मामले में 1 अप्रैल 2022 को भवानी सिंह राजावत को गिरफ्तार किया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके बाद करीब 10 दिन जेल में रहने के बाद उन्हें हाई कोर्ट से जमानत मिली थी. तब से यह मामला कोर्ट में विचाराधीन था. अब एससी-एसटी कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए आरोपी भवानी सिंह राजावत और महावीर सुमन को सजा सुनाई है.</p>
<div id=”article-hstick-inner” class=”abp-story-detail “>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें:&nbsp;<a href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/ajmer-sharif-dargah-hearing-on-20-december-three-parties-including-asi-will-present-know-details-ann-2845809″>अजमेर शरीफ दरगाह मामले में सुनवाई कल, तीनों पक्षकार पेश करेंगे अपना-अपना पक्ष, क्या हैं सुरक्षा के इंतजाम</a></strong></p>
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<p style=”text-align: justify;”><strong>भवानी सिंह राजावत ने क्या कहा?<br /></strong>अदालत की ओर से सजा सुनाए जाने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए भवानी सिंह राजावत ने कहा, “वह सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करेंगे.” कोटा के लाडपुरा से पूर्व विधायक ने यह भी कहा कि उन्हें एससी/एसटी कानून की धारा तीन के तहत आरोपों से बरी कर दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>तत्कालीन उप वन संरक्षक (डीसीएफ) रवि कुमार मीणा की शिकायत पर राजावत और सुमन के खिलाफ 31 मार्च 2022 को नयापुरा थाने में आईपीसी की धारा 332, 353, 34 और एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(2) के तहत मामला दर्ज किया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मंदिर के मरम्मत कार्य को रोकने का किया विरोध</strong><br />आरोप लगाया गया था कि राजावत अपने समर्थकों के साथ डीसीएफ के कार्यालय में घुसे, जहां उन्होंने एक मंदिर के मरम्मत कार्य को रोकने का विरोध किया और डीसीएफ को थप्पड़ मार दिया था. इस मामले में 1 अप्रैल 2022 को भवानी सिंह राजावत को गिरफ्तार किया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके बाद करीब 10 दिन जेल में रहने के बाद उन्हें हाई कोर्ट से जमानत मिली थी. तब से यह मामला कोर्ट में विचाराधीन था. अब एससी-एसटी कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए आरोपी भवानी सिंह राजावत और महावीर सुमन को सजा सुनाई है.</p>
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