हरियाणा के पलवल जिले में नाबालिग का रात्रि के समय दो युवकों ने अपहरण कर उसके साथ रेप करने का मामला प्रकाश में आया है। चांदहट थाना पुलिस ने नाबालिग की मां की शिकायत पर दो नामजद आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। अलसुबह हुई वारदात चांदहट थाना प्रभारी सुंदरपाल के अनुसार थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी महिला ने दी शिकायत में कहा कि उसकी नाबालिग 15 वर्षीय बेटी का 21 दिसंबर की रात व 22 दिसंबर की सुबह करीब साढ़े तीन बजे टिंकू व लोकेश नाम के दो युवक घर से बहला-फुसलाकर अपहरण करके ले गए। आरोप है कि उक्त आरोपियों ने उसकी नाबालिग बेटी के साथ रेप किया और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। मां की शिकायत पर केस उसकी बेटी जब आरोपियों के चंगुल से छूट कर घर पहुंची, तो उसने आप बीती अपनी मां को सुनाई। मां ने अन्य परिजनों को बताया और इसकी शिकायत लेकर चांदहट थाने पहुंचे। पुलिस ने नाबालिग की मां की शिकायत पर 22 दिसंबर को देर शाम दोनों नामजद आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि जांच के बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। नाबालिग को जबरन उठा ले गया युवक वहीं गदपुरी थाना प्रभारी मुकेश कुमार के अनुसार थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई है कि उसकी नाबालिग 15 वर्षीय बेटी का 21 दिसंबर को शाम साढ़े नौ बजे कोई अज्ञात युवक गांव से जबरन उठाकर ले गया। जिसका अभी तक कोई सुराग नहीं लग सका है। गदपुरी थाना पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि टीम नाबालिग व आरोपी की तलाश में जुटी हुई है, जल्द ही बरामद कर ली जाएगी। हरियाणा के पलवल जिले में नाबालिग का रात्रि के समय दो युवकों ने अपहरण कर उसके साथ रेप करने का मामला प्रकाश में आया है। चांदहट थाना पुलिस ने नाबालिग की मां की शिकायत पर दो नामजद आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। अलसुबह हुई वारदात चांदहट थाना प्रभारी सुंदरपाल के अनुसार थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी महिला ने दी शिकायत में कहा कि उसकी नाबालिग 15 वर्षीय बेटी का 21 दिसंबर की रात व 22 दिसंबर की सुबह करीब साढ़े तीन बजे टिंकू व लोकेश नाम के दो युवक घर से बहला-फुसलाकर अपहरण करके ले गए। आरोप है कि उक्त आरोपियों ने उसकी नाबालिग बेटी के साथ रेप किया और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। मां की शिकायत पर केस उसकी बेटी जब आरोपियों के चंगुल से छूट कर घर पहुंची, तो उसने आप बीती अपनी मां को सुनाई। मां ने अन्य परिजनों को बताया और इसकी शिकायत लेकर चांदहट थाने पहुंचे। पुलिस ने नाबालिग की मां की शिकायत पर 22 दिसंबर को देर शाम दोनों नामजद आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि जांच के बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। नाबालिग को जबरन उठा ले गया युवक वहीं गदपुरी थाना प्रभारी मुकेश कुमार के अनुसार थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई है कि उसकी नाबालिग 15 वर्षीय बेटी का 21 दिसंबर को शाम साढ़े नौ बजे कोई अज्ञात युवक गांव से जबरन उठाकर ले गया। जिसका अभी तक कोई सुराग नहीं लग सका है। गदपुरी थाना पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि टीम नाबालिग व आरोपी की तलाश में जुटी हुई है, जल्द ही बरामद कर ली जाएगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्य निर्वाचन अधिकारी बदला:चीफ सेक्रेटरी से गृह सचिव का चार्ज वापस; 3 कमिश्नर समेत देर रात 12 IAS ट्रांसफर
हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्य निर्वाचन अधिकारी बदला:चीफ सेक्रेटरी से गृह सचिव का चार्ज वापस; 3 कमिश्नर समेत देर रात 12 IAS ट्रांसफर हरियाणा में देर रात सीनियर अफसरशाही में बड़ा बदलाव कर दिया गया। सीएम नायब सैनी की मंजूरी के बाद 12 आईएएस के ट्रांसफर ऑर्डर जारी किए गए। अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को बदल दिया गया है। अब पंकज अग्रवाल हरियाणा के नए मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) होंगे। वहीं प्रदेश के नए होम सेक्रेटरी का चार्ज सीनियर आईएएस अनुराग रस्तोगी को सौंप दिया गया। अभी तक यह चार्ज मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद देख रहे थे। लोकसभा चुनाव में भी मुख्य सचिव के पास गृह सचिव के अतिरिक्त चार्ज को लेकर काफी कॉन्ट्रोवर्सी रही। केंद्र सरकार तक इस मामले की शिकायत की गई, लेकिन सरकार ने तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए गृह सचिव का चार्ज टीवीएसएन प्रसाद के पास ही रहने दिया। हालांकि अब सरकार ने मुख्य सचिव से अतिरिक्त चार्ज वापस ले लिया है। इसके अलावा आईएएस आनंद मोहन शरण को लेबर एसीएस की जिम्मेदारी दी गई है। अंकुर गुप्ता को सहकारिता और मोहम्मद शाइन को हायर एजुकेशन (कमिश्नर) की जिम्मेदारी दी गई है। पदोन्नति के बाद CEO पद से हटे अनुराग अग्रवाल
हरियाणा सरकार के वरिष्ठ आईएएस अफसर पंकज अग्रवाल अब राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) होंगे। उनकी नियुक्ति के लिए सरकार की ओर से भारत निर्वाचन आयोग को पैनल भेजा गया था। मौजूदा मुख्य चुनाव अधिकारी सीईओ अनुराग अग्रवाल मुख्य सचिव ग्रेड पर हुए पदोन्नत अनुराग अग्रवाल को बीते हफ्ते ही मुख्य सचिव ग्रेड पर पदोन्नत किया गया था । उन्हें पीडब्ल्यूडी, बीएंडआर और सिंचाई व जल संसाधन विभाग का अतिरिक्त मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है। सरकार ने मुख्य चुनाव अधिकारी के लिए 3 आईएएस का पैनल बनाकर भेजा था, जिनमें पंकज अग्रवाल, ए मोना श्रीनिवास और पीसी मीणा का नाम शामिल था। इनमें से आयोग ने पंकज अग्रवाल के नाम पर मुहर लगा दी है। अब उन्हीं के नेतृत्व में हरियाणा विधानसभा के चुनाव होने हैं। यहां देखिए ऑर्डर…
हरियाणा में जल्द होंगे अफसरों के तबादले:चुनाव आयोग का आदेश, लंबे समय से एक ही स्थान पर कार्यरत अधिकारियों को बदला जाए
हरियाणा में जल्द होंगे अफसरों के तबादले:चुनाव आयोग का आदेश, लंबे समय से एक ही स्थान पर कार्यरत अधिकारियों को बदला जाए हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने नए आदेश जारी किए हैं। चुनाव आयोग ने हरियाणा के मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि वह चुनाव के मद्देनजर अधिकारियों के तबादले और पोस्टिंग का ध्यान रखें। गृह जिले में तैनात और लंबे समय से एक ही स्थान पर ड्यूटी कर रहे अधिकारियों को बदला जाए। चुनाव आयोग के पत्र के बाद मुख्य सचिव जल्द ही बड़े पैमाने पर अधिकारियों के तबादले कर सकते हैं। इसमें एचसीएस, आईपीएस और आईएएस अधिकारियों के तबादले शामिल हो सकते हैं। चुनाव आयोग के पत्र के मुताबिक हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र में 3 नवंबर से पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। चुनाव से पहले आयोग जारी करता है आदेश विधानसभा चुनाव से पहले अधिकारियों के तबादलों के संबंध में निर्देश जारी करना चुनाव आयोग के लिए सामान्य बात है। आयोग की नीति है कि चुनाव वाले राज्य में चुनाव संचालन में सीधे तौर पर शामिल अधिकारियों को उनके गृह जिलों या उन स्थानों पर तैनात नहीं किया जाता, जहां वे लंबे समय से तैनात हैं। इसलिए चुनाव में सीधे तौर पर शामिल किसी भी अधिकारी को वर्तमान जिले (राजस्व जिले) में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि वह अपने गृह जिले में तैनात है या पिछले 4 वर्षों के दौरान उक्त जिले में 3 साल पूरे कर चुका है, तो उसका तबादला कर दिया जाएगा। लोकसभा चुनाव के दौरान भी किए गए थे तबादले लोकसभा चुनाव से पहले भी चुनाव आयोग ने हरियाणा के मुख्य सचिव को इसी तरह के आदेश जारी किए थे। इसके बाद पंचकूला के डीसी और सुनीता दुग्गल के आईपीएस पति का तबादला कर दिया गया। हरियाणा में अब भी कई ऐसे अधिकारी हैं, जो मंत्रियों या विधायकों के चहेते हैं और लंबे समय से एक ही स्थान पर तैनात हैं।
हरियाणा में कांग्रेस के 18 टिकट फाइनल:सिंगल नाम पैनल में हुड्डा समेत 12 विधायक, 2019 में हार चुके 4 नेता, एक नया चेहरा शामिल
हरियाणा में कांग्रेस के 18 टिकट फाइनल:सिंगल नाम पैनल में हुड्डा समेत 12 विधायक, 2019 में हार चुके 4 नेता, एक नया चेहरा शामिल कांग्रेस पार्टी ने टिकट दावेदारों की मारामारी के बीच हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 90 सीटों में से 18 पर अपनी टिकटें फाइनल कर ली हैं। इनमें 9 सिटिंग विधायक हैं। पार्टी ने जिन 14 सीटों पर सिंगल नाम का पैनल बनाया है, उनमें से 13 पर पुराने चेहरों पर भरोसा जताया गया है। इन्होंने 2019 का चुनाव भी लड़ा था। एक सीट पर नए चेहरे का नाम रखा गया है। कांग्रेस के सिंगल नाम वाले हलकों में रोहतक की गढ़ी-सांपला-किलोई सीट भी है। यहां से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस के सत्ता में आने की सूरत में वह CM पद के सबसे बड़े दावेदार रहेंगे। कांग्रेस में इस सीट से किसी और ने आवेदन भी नहीं किया था। इन 12 विधायकों के टिकट पक्के
कांग्रेस ने जिन 17 सीटों पर सिंगल नाम के पैनल बनाए हैं, उनमें से 12 पर इस समय पार्टी के ही विधायक हैं। इनमें गढ़ी-सांपला-किलोई से भूपेंद्र हुड्डा, रोहतक सीट से बीबी बत्रा, झज्जर से गीता भुक्कल, बेरी से रघुबीर कादियान, रेवाड़ी से लालू प्रसाद यादव के दामाद चिरंजीव राव, नूंह से आफताब अहमद, पुन्हाना से मोहम्मद इलियास, महेंद्रगढ़ से राव दान सिंह और बरौदा से इंदुराज भालू का नाम पैनल में रखा गया है। अंबाला जिले की नारायणगढ़ सीट से मौजूदा विधायक शैली चौधरी और फरीदाबाद एनआईटी के मौजूदा एमएलए नीरज शर्मा का टिकट भी लगभग फाइनल है। इसके अलावा बादली से कुलदीप वत्स की भी टिकट तय मानी जा रही है। कुलदीप वत्स हुड्डा के करीबी हैं। हालांकि उनके सामने दावेदारी ठोकने वाले सोमबीर घसोला भी प्रियंका गांधी के करीबी माने जाते हैं। मुलाना सीट पर क्या वरुण की चलेगी?, पंचकूला से चंद्रमोहन लगभग तय
अंबाला जिले की मुलाना सीट के पूर्व विधायक और अब सांसद वरुण चौधरी ने भी यहां के उम्मीदवार पर नजर रखी हुई है। यहां वरुण चौधरी की पत्नी पूजा चौधरी या फिर उनकी बहन को टिकट मिलने की भी संभावना है। हालांकि उनके परिवार से किसी ने टिकट के लिए अप्लाई नहीं किया है। यहां वरूण की चलेगी या नहीं, इसको लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। इसी तरह पंचकूला विधानसभा सीट पर पूर्व सीएम भजनलाल के बेटे और राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन बिश्नोई का टिकट भी तकरीबन-तकरीबन फाइनल है। पिछला चुनाव हार चुके चार चेहरों के टिकट भी पक्के
कांग्रेस 2019 का विधानसभा चुनाव हार चुके अपने 4 नेताओं को भी इस बार फिर टिकट देने जा रही है। इनमें थानेसर सीट से अशोक अरोड़ा, पलवल से करण सिंह दलाल, फरीदाबाद से लखन सिंगला और बड़खल से चौधरी विजय प्रताप सिंह के नाम शामिल हैं। 2019 में अशोक अरोड़ा BJP के सुभाष सुधा से महज 819 वोट से हार गए थे। अशोक अरोड़ा 2014 में भी थानेसर सीट पर सुभाष सुधा से हार गए थे। हालांकि तब वह इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के टिकट पर मैदान में उतरे थे। अशोक अरोड़ा INLD के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और 2019 के चुनाव से पहले ही इनेलो छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। वह थानेसर से ही 2009, 2000 और 1996 में विधायक रह चुके हैं।बड़खल सीट पर चौधरी विजय प्रताप भाजपा की सीमा त्रिखा के सामने 2545 वोट से मात खा गए थे। करण सिंह दलाल को भाजपा के दीपक मंगला और लखन सिंगला को भाजपा के ही नरेंद्र गुप्ता ने हराया था। करण सिंह दलाल भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समधी हैं। इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में वह फरीदाबाद सीट से पार्टी टिकट के दावेदार थे लेकिन कांग्रेस ने महेंद्र प्रताप सिंह को मैदान में उतार दिया था। करण सिंह दलाल वर्ष 1991, 1996, 2000, 2005 और 2014 में पलवल से ही विधायक रह चुके हैं। बड़खल से चौधरी विजय प्रताप सिंह का नाम सिंगल पैनल में है। वह पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह के बेटे हैं जो हाल में हुए लोकसभा चुनाव में फरीदाबाद संसदीय सीट पर भाजपा के कृष्णपाल गुर्जर से हार गए थे। 2019 में कांग्रेस ने महेंद्र प्रताप सिंह की जगह उनके बेटे विजय प्रताप सिंह को टिकट दिया था लेकिन वह लगभग ढाई हजार वोटों से भाजपा की सीमा त्रिखा से हार गए। कांग्रेस ने फरीदाबाद सीट से लखन सिंगला का नाम पैनल में रखा है। सिंगला वैश्य बिरादरी का बड़ा नाम है और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी माने जाते हैं। महम से इस बार दांगी के बेटे का नाम
रोहतक जिले की महम सीट से 2019 में आनंद सिंह दांगी ने कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ा था। तब वह निर्दलीय कैंडिडेट बलराज कुंडू से हार गए थे। इस बार कांग्रेस ने आनंद सिंह दांगी की जगह महम सीट से उनके बेटे बलराम दांगी का नाम पैनल में रखा है। दांगी फैमिली हुड्डा की कट्टर समर्थक है। बलराम दांगी ने ही कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में आवेदन किया है। आनंद सिंह दांगी भी अपने बेटे को ही उम्मीदवार बनाना चाहते हैं और इसके बारे में कई बार स्टेज से भी कह चुके हैं। महम से कांग्रेस का सबसे मजबूत उम्मीदवार इन्हें ही माना जा रहा है। हालांकि इलाके की कई पंचायतों के सरपंच दांगी फैमिली को टिकट देने का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने इसे लेकर कांग्रेस नेतृत्व, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा को लेटर भी लिखा है। कांग्रेस में 90 टिकटों के लिए 2556 आवेदन
कांग्रेस ने जुलाई महीने में विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं से टिकट के लिए आवेदन मांगे थे। तकरीबन महीनेभर चली प्रक्रिया में पार्टी को 90 सीटों के लिए 2556 आवेदन मिले। कई सीटों पर तो 40 से ज्यादा दावेदारों ने टिकट के लिए अप्लाई किया। इसी वजह से टिकट के लिए एक या दो नाम शॉर्टलिस्ट करना पार्टी नेताओं के लिए सिरदर्दी बन गया है।