<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल आज (24 दिसंबर) बड़ी घोषणा करने वाले हैं. उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ‘आज 12.30 बजे एक बड़ी घोषणा करूंगा. दिल्ली के लोग बहुत खुश होंगे.'</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”hi” style=”text-align: justify;”>आज 12.30 बजे एक बड़ी घोषणा करूँगा। दिल्ली के लोग बहुत खुश होंगे।</p>
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) <a href=”https://twitter.com/ArvindKejriwal/status/1871398569686827265?ref_src=twsrc%5Etfw”>December 24, 2024</a>
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</blockquote> <p style=”text-align: justify;”>दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल आज (24 दिसंबर) बड़ी घोषणा करने वाले हैं. उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ‘आज 12.30 बजे एक बड़ी घोषणा करूंगा. दिल्ली के लोग बहुत खुश होंगे.'</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”hi” style=”text-align: justify;”>आज 12.30 बजे एक बड़ी घोषणा करूँगा। दिल्ली के लोग बहुत खुश होंगे।</p>
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) <a href=”https://twitter.com/ArvindKejriwal/status/1871398569686827265?ref_src=twsrc%5Etfw”>December 24, 2024</a>
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</blockquote> दिल्ली NCR पहले तेजस्वी… अब पप्पू यादव भी BPSC अभ्यर्थियों के साथ, रात में दे दिया धरना, देखिए तस्वीरें
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पराली जलाने को लेकर SC में आज सुनवाई:पंजाब-हरियाणा को सौंपने हैं 10 दिनों के आंकड़े; 7 हजार के पार पहुंचे मामले दिल्ली में प्रदूषण और पराली जलाने के मामले में आज (गुरुवार) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है। जिसमें पंजाब और हरियाणा सरकार को 10 दिनों का आंकड़ा शपथ पत्र के साथ देना है। बीती सुनवाई के बाद पंजाब सरकार के साथ-साथ एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (CAQM) भी एक्टिव हो चुका है। CAQM ने पंजाब के दो सीनियर अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। बीती सनुवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ओका ने भारत सरकार से पंजाब की तरफ से मांगे गए फंड पर निर्णय लेने की बात कही थी। जिसे केंद्र ने ठुकरा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दोनों राज्यों को आदेश दिया था कि 10 दिनों के दौरान पराली जलाने की घटनाओं का विवरण शपथ पत्र के साथ दाखिल करना होगा। इसके साथ ही आज दिवाली 2024 में बढ़े प्रदूषण पर भी सुप्रीम कोर्ट टिप्पणी कर सकती है। 4 नवंबर को हुई सुनवाई के बाद पंजाब में CAQM भी एक्टिव हुआ है। 13 नवंबर से CAQM की टीम पंजाब में है। बीते दिन ही CAQM ने खेतों में आग लगने की घटनाओं में वृद्धि पर मंगलवार को संगरूर और फिरोजपुर जिलों के डीसी और एसएसपी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। CAQM उन कारणों को जानने की कोशिश कर रहा है, जिनसे पंजाब में प्रयासों के बाद भी पराली जलाने की घटनाएं कम नहीं हो रहीं। 7 हजार के पार हुए पराली जलाने के मामले पंजाब में पराली जलाने के मामले बढ़ते जा रहे हैं। बुधवार पंजाब में 509 पराली जलाने के मामले दर्ज किए गए। जिनमें सबसे अधिक मामले फरीदकोट व फिरोजपुर में रहे, जो 91-91 थे। सइके अलावा मोगा में 88, मुक्तसर में 79 और बठिंडा में 50 मामले सामने आए हैं। संगरूर में सख्ती के बाद पराली जलाने के मामलों में कमी देखने को मिली। यहां मात्र 7 मामले पराली जलाने के रिपोर्ट हुए। इन घटनों के बाद पंजाब में पराली जलाने के मामले 7621 हो गए हैं। जिनमें सबसे अधिक संगरूर में हैं। यहां 1388 मामले रिपोर्ट हुए हैं। इसके अलावा फिरोजपुर में 954, तरनतारन में 700, अमृतसर में 651 और मानसा में 486 मामले रिपोर्ट हुए। प्रदूषण पर सीएम मान का पाकिस्तान सीएम को तंज पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को पंजाब यूनिवर्सिटी में ‘पंजाब विजन 2047’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदूषण के मुद्दे पर राज्यों के बीच दोषारोपण नहीं होना चाहिए, बल्कि इसका समाधान आपसी सहयोग से खोजना चाहिए। पाकिस्तानी पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि मरियम का दावा है कि पंजाब से प्रदूषित धुआं लाहौर पहुंच रहा है। मान ने मजाक में कहा कि पहले एक पाकिस्तानी महिला (संकेत में) उन्हें परेशान कर चुकी हैं, और अब मरियम भी यही कोशिश कर रही हैं। डबल हो चुका पराली जलाने पर जुर्माना सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद केंद्र सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माना दोगुना हो चुका है। पर्यावरण मंत्रालय ने गुरुवार को एक नोटिफिकेशन जारी करके इसकी जानकारी दी थी। अब 2 एकड़ से कम जमीन पर 5000 रुपए का जुर्माना लग रहा है। दो से पांच एकड़ तक 10,000 रुपए और पांच एकड़ से ज्यादा जमीन वालों से 30,000 रुपए जुर्माना वसूला जा रहा है। उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली सरकार इन नियमों को लागू करने के लिए बाध्य होंगे। जाने क्या हुआ था पिछली सुनवाइयों में बीती सुनवाइयों में पंजाब और हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी भी कोर्ट में पेश हुए थे। सुप्रीम कोर्ट ने गलत जानकारी देने पर पंजाब सरकार को फटकार लग चुकी है। जस्टिस अभय एस ओका, जस्टिस ए अमानुल्लाह और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने पंजाब और हरियाणा सरकार की खेतों में पराली जलाने से रोकने की कोशिशों को महज दिखावा बताया था। कोर्ट ने कहा कि अगर ये सरकारें वास्तव में कानून लागू करने में रुचि रखती हैं तो कम से कम एक मुकदमा तो चलना ही चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कहा कि अब समय आ गया है कि केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकारों को याद दिलाया जाए कि प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहना नागरिकों का मौलिक अधिकार है। प्रदूषण में रहना अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकारों का घोर उल्लंघन है।
यूपी में बिजली का स्मार्ट मीटर लगवाने से पहले हो जाएं सावधान! ये गलती पड़ सकती है भारी
यूपी में बिजली का स्मार्ट मीटर लगवाने से पहले हो जाएं सावधान! ये गलती पड़ सकती है भारी <p style=”text-align: justify;”><strong>UP Electricity Bill:</strong> उत्तर प्रदेश में बिजली के स्मार्ट मीटर लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है. अगर आप अपने घर या दुकान में नया कनेक्शन लेने जा रहे हैं या बिजली का स्मार्ट मीटर लगवा रहे हैं तो सावधान हो जाएं. नया मीटर लगवाने से पहले उसे अच्छी तरह से जांच परख लें, नहीं तो थोड़ी सी लापरवाही आपकी जेब पर बहुत भारी पड़ सकती है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि बिजली विभाग द्वारा लगाए जा रहे स्मार्ट मीटरों तकनीकी खामी की बात सामने आई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल यूपी के कई जिलों में इन दिनों स्मार्ट मीटर लगाने का काम किया जा रहा है. ये मीटर इंटेली स्मार्ट और पोलारिस कंपनी के लगाए जा रहे हैं. लेकिन, इनमें से कुछ मीटरों में तकनीकी खामी का पता चला है. यूपी पॉवर कॉरपोरेशन की जाँच में पता चला है कि इन मीटरों की रियल टाइम क्लॉक यानी RTC में तकनीकी खामी पाई गई है. हालांकि ये गड़बड़ी सारे स्मार्ट मीटर में नहीं है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लखनऊ समेत 19 जिलों में लग रहे हैं स्मार्ट मीटर</strong><br />मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के द्वारा इन दिनों लखनऊ समेत 19 जिलों में स्मार्ट मीटर लगाए जाने का काम किया जा रहा है. ये मीटर इंटेली स्मार्ट और पोलारिस कंपनी के लगाए जा रहे हैं. ये स्मार्ट मीटर बिजली की खपत की रीडिंग सीधा ऑटोमैटिक तरीके से कॉर्पोरेशन के सिस्टम तक भेजते हैं, जिसके आधार पर बिल तैयार होता है. लेकिन जांच में पता चला है कि कुछ मीटरों में ज्यादा रीडिंग आ रही है जिसकी वजह से उपभोक्ताओं को तीन गुना ज्यादा तक भुगतान करना पड़ सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कॉर्पोरेशन ने मीटर में तकनीकी खामी मिलने पर हर 21वें उपभोक्ता मीटर के साथ चेक मीटर लगाने के निर्देश दिए हैं ताकि गड़बड़ी पकड़ी जा सके. ऐसे में उपभोक्ताओं से भी डायरी बनाने को कहा गया है ताकि उनके पास भी पूरी जानकारी रह सके. इस बार में मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लखनऊ के निदेशक योगेश कुमार ने कहा कि इंटेली कंपनी लखनऊ में स्मार्ट मीटर लगा रही है, अगर उपभोक्ताओं को इनमें कोई तकनीकी खामी महसूस होती है तो वो शिकायत कर मीटर चेक भी करवा सकते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ऐसे पकड़े मीटर में गड़बड़ी</strong><br />आपका स्मार्ट में ठीक है या नहीं इसे जानने के लिए उपभोक्ता कम से कम सात दिन तक रोजाना सुबह रीडिंग और लोड को चेक कर डायरी में नोट कर लें. मीटर में KWH के सामने खपत की रीडिंग और KW के सामने लोड के बारे में पता चलेगा. गड़बड़ी होने पर दोनों की रीडिंग अलग-अलग दिखेगी. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/yogi-adityanath-orders-to-put-teachers-photo-frame-in-school-otherwise-have-to-face-consequences-2819506″>यूपी में सरकारी स्कूलों के टीचर्स के लिए अब ये काम जरूरी, वरना होगी कार्रवाई, सरकार ने भेजे 150 रुपये</a></strong><br /><br /></p>
एकनाथ शिंदे का CM पद से इस्तीफा, चेहरा अभी तय नहीं, अजित पवार गुट से मांगा समर्थन, 10 बड़ी बातें
एकनाथ शिंदे का CM पद से इस्तीफा, चेहरा अभी तय नहीं, अजित पवार गुट से मांगा समर्थन, 10 बड़ी बातें <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra New CM:</strong> महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद एक ही सवाल राज्य की सियासी गलियों में घूम रहा है और वह है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा. सूबे की सियासत फिलहाल इस सवाल के इर्द-गिर्द ही घूमती नजर आ रही है. महायुति में शामिल एकनाथ शिंदे गुट अपने नेता को सीएम के रूप में देखना चाहता है तो चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर आई बीजेपी के नेताओं का कहना है कि सीएम तो हमारी ही पार्टी का होना चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस बीच विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से और अभी तक मुख्यमंत्री के पद को लेकर क्या-क्या हुआ ये जानना बेहद जरूरी है. तो इस सबसे बड़े सवाल के पीछे क्या क्या घटा आइए 10 प्वाइंट्स में जानते हैं.</p>
<ol>
<li style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति को 230 सीटों के साथ ऐतिहासिक जीत मिली. इसमें बीजेपी ने सर्वाधिक 132, शिवसेना शिंदे गुट ने 57 और एनसीपी शरद पवार ने 41 सीटें हासिल की.</li>
<li style=”text-align: justify;”>शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने मंगलवार (26 नवंबर) को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. हालांकि राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण तक शिंदे से कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने को कहा.</li>
<li style=”text-align: justify;”>वहीं <a title=”महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/maharashtra-assembly-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव</a> के नतीजे घोषित होने के तीन बाद भी मुख्यमंत्री पद के लिए स्थिति साफ नहीं हो पाई है. बीजेपी और शिवसेना के बीच अपने-अपने नेताओं के सीएम बनने को लेकर सियासी बयानबाजी जारी है.</li>
<li style=”text-align: justify;”>इस बीच दिल्ली में केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने सीएम फेस को लेकर कहा कि बीजेपी नेतृत्व ने देवेंद्र फडणवीस को तीसरी बार मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया है, लेकिन पार्टी की ओर से अब तक इस बात की पुष्टि नहीं की गई है. उन्होंने ये भी कहा कि एकनाथ शिंदे को केंद्र में भेजा जाना चाहिए.</li>
<li style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री को लेकर शिवसेना नेताओं का कहना है कि विधानसभा चुनाव शिंदे के नेतृत्व में ही लड़ा और जीता गया इसलिए एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए. </li>
<li style=”text-align: justify;”>उधर, बीजेपी के नेताओं का दावा है कि हमारी पार्टी को जनता ने सबसे ज्यादा सीटें दी हैं ऐसे में उनकी पार्टी का ही सीएम बनना चाहिए.</li>
<li style=”text-align: justify;”>इस बीच, बीजेपी सूत्रों से ये भी पता चला कि बीजेपी राज्य की नई सरकार में विभागों के बंटवारे को अंतिम रूप दिए जाने तक मुख्यमंत्री पद के अपने उम्मीदवार की घोषणा में जल्दबाजी नहीं करेगी.</li>
<li style=”text-align: justify;”>इन सबके बीच सूत्रों के मुताबिक सोमवार (25 नंवबर) को एकनाथ शिंदे गुट ने मुख्यमंत्री पद के लिए एनसीपी अजित पवार गुट से समर्थन की मांग की. </li>
<li style=”text-align: justify;”>हालांकि एनसीपी के वरिष्ठ नेता पार्टी की तरफ से ये साफ कर चुके हैं कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद के लिए देवेंद्र फडणवीस उनकी पहली पसंद होंगे.</li>
<li style=”text-align: justify;”>अगले मुख्यमंत्री के नाम पर सहमति बनने में महायुति में देरी हो सकती है. इस बात के संकेत उस समय मिले, जब राज्यपाल ने मंगलवार सुबह <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> को कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में सेवा देने के लिए कहा.</li>
</ol>
<p><strong>ये भी पढ़ें</strong></p>
<p><strong><a title=”महाराष्ट्र में CM फेस को लेकर शिंदे गुट के नेता का बड़ा बयान, कहा- ‘हर पार्टी को…'” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/maharashtra-cm-face-name-eknath-shinde-devendra-fadnavis-shiv-sena-shambhuraj-desai-statement-mahayuti-2831143″ target=”_blank” rel=”noopener”>महाराष्ट्र में CM फेस को लेकर शिंदे गुट के नेता का बड़ा बयान, कहा- ‘हर पार्टी को…'</a></strong></p>