यूपी की सियासत में बुआ-भतीजे जब भी एक साथ आए, सुर्खियों में रहे। बुआ यानी मायावती, भतीजा मतलब अखिलेश यादव। मगर इन दिनों सियासतदानों के बीच बुआ-भतीजी का नया रिश्ता खूब चर्चा बटोर रहा है। एक ओर सियासत में जहां नेता एक-दूसरे का नाम लेते हुए भी अदब भूल जाते हैं, लेकिन यहां अंदाज बिल्कुल अलग है। यहां शिकवा-शिकायत भी हो रही है, तो एक खास लहजे में। हम चर्चा कर रहे हैं कानपुर की मेयर प्रमिला पांडेय और सपा विधायक नसीम सोलंकी की। अतिक्रमण अभियान के बीच परेशान लोगों की आवाज बनने के लिए नसीम सोलंकी पहुंची, चीख-पुकार के बीच भी जब वह मेयर प्रमिला पांडेय से बात करती हैं, तो आवाज में खनक और चेहरे पर मीठी मुस्कान होती है। उनकी बातें सुनकर तेज तर्रार प्रमिला पांडेय भी ‘बहू’ कहकर ही जवाब देती हैं। बहुत ही अदब से कहती हैं- बहू तुम घर जाओ…बुलडोजर तो चलेगा…। वहीं जब नगर निगम सदन में सपा विधायक शपथ लेती हैं- तब कार्रवाई के दौरान बड़े सम्मान से कहती हैं, बुआ मेरे एरिया का ध्यान रखना। बुआ भी यानी प्रमिला पांडेय भी उतने ही सहज लहजे में जवाब देती हैं-पूरा शहर मेरा है, सभी का ख्याल रखती हूं। सियासी खींचतान में सत्ता और विपक्ष के दो सदस्यों के बीच ऐसी सहजता कम ही दिखाई देती है। यूपी की सियासत में ऐसा कम ही दिखता है, इसको और करीब से 2 घटनाक्रम से समझिए… 24 दिसंबर, 2024 : नगर निगम सदन।
सदन के पटल पर मेयर प्रमिला पांडेय बैठी थीं। सपा सांसद नसीम सोलंकी माइक संभालती हैं और क्षेत्र के लोगों की समस्या बताती हैं। फिर मुस्कराते हुए कहती हैं, हमने लोगों की बात आप तक पहुंचा दी है। बुआजी…प्लीज हमारा ख्याल रखिए। दूसरी तरफ से प्रमिला पांडेय कहती हैं कि देखिए विधायक जी, मैं पूरे शहर की मेयर हूं। मैं सबका ख्याल रखती हूं। हनुमान नहीं हूं कि सीना चीरकर दिखा दूं। लोग मुझसे पूछते हैं, मैं बता दूं कि तुम मेरी बहू हो। मैं जांच करके आपको देखते हुए संतुष्ट करूंगी। नसीम कहती हैं कि आप ही कर सकती हैं, धन्यवाद। 20 दिसंबर, 2024 : सीसामऊ। नगर निगम का अतिक्रमण अभियान चल रहा था। 120 अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलना था। मेयर प्रमिला पांडेय खुद हेलमेट पहनकर मौके पर थीं। इसी दरम्यान सपा सांसद नसीम सोलंकी वहां पहुंचती हैं। हाथ जोड़ प्रमिला को प्रणाम करती हैं। प्रमिला मौके की नजाकत को पहले ही भांप लेती हैं, कहती हैं– बहू आप यहां से चले जाइए। आपके रहने से माहौल खराब हो सकता है। नसीम सोलंकी नजाकत से मुस्कुराते हुए कहती हैं, एक हफ्ते का समय दे दीजिए। मेयर ने कहा- बहू इसमें मैं तेरी कोई बात नहीं सुन सकूंगी। (इस दौरान प्रमिला पांडेय भी हाथ जोड़े दिखती हैं।) नसीम ने फिर कहा- लोगों के छोटे-छोटे बच्चे हैं। महापौर ने कहा- बच्चा आपका हो या मेरा हो। अगर वो मरता है तो जिम्मेदारी हम सभी की है। अगर मैं किसी का तोड़ दूं और किसी काे छोड़ दूं तो आप मेरे से आकर शिकायत करना। नसीम कहती हैं कि जी, मैं समझती हूं। थोड़ा सा समय दे दीजिए। मेयर कहती हैं कि आप खड़े रहिए, कोई दिक्कत नहीं। नसीम कहती हैं कि जी, जैसा आप कहें। प्रमिला कहती हैं कि कुछ गलत हो जाए तो बेटा मुझसे कहना कि माता जी आपने गलत कर दिया। मैं मान लूंगी। अब ये भी जानिए कि यूपी की सियासत में बुआ और भतीजा पहली बार कब चर्चा में रहे… 2019 के लोकसभा चुनाव में मायावती और अखिलेश एक साथ आए
ये वक्त था लोकसभा चुनाव 2019। जब अखिलेश यादव और मायावती एक साथ आए। इससे पहले मुलायम सिंह यादव और मायावती की सियासी अदावत किसी से छिपी नहीं थी। इस गठजोड़ से मुलायम खुश भी नहीं थे। उन्होंने खुलेआम इसका विरोध किया। मगर अखिलेश मुस्लिम और यादव वोटर्स के साथ दलित मतदाताओं को लाना चाहते थे। फिर क्या था, यूपी के सियासी मंचों पर बुआ यानी मायावती और भतीजे यानी अखिलेश यादव एक साथ दिखने लगे। बुआ-भतीजे की जोड़ी ने एक बारगी BJP नेताओं को परेशानी में डाल दिया। मगर जब लोकसभा चुनाव के नतीजे आए, तब अखिलेश को कोई फायदा नहीं हुआ। वह 5 सीटों तक ही सीमित रहे। जबकि मायावती बसपा को 0 सीट से खींचकर 10 लोकसभा सीटों तक ले आईं। उनके प्रत्याशी 10 सीटों पर जीत गए। इसके बाद बुआ और भतीजे की जोड़ी टूट गई। मगर चर्चा में बनी रही। …… ये पढ़ें :
रामभद्राचार्य बोले-वो 25-25 बच्चे पैदा करें और हिंदुओं पर प्रतिबंध: अंबेडकर ने मनुस्मृति फाड़कर गलत किया था, मैं उनके सामने होता तो सही अर्थ समझाता जगदगुरु रामभद्राचार्य ने समान नागरिक संहिता पर कहा- देश में हर हाल में UCC चाहिए। जो भी नियम बनें, वो सबके लिए हों। ऐसा नहीं होना चाहिए कि वो 25-25 बच्चे पैदा करें और हिंदुओं पर प्रतिबंध लगाए जाएं। एक न्यूज चैनल से खास बातचीत में रामभद्राचार्य ने कहा, मुस्लिम भारत में रहें, लेकिन हमारे अस्तित्व का सम्मान करते हुए रहें। मैंने कभी नहीं कहा कि ये देश मुसलमानों का नहीं है। लेकिन हिंदुओं का अस्तित्व मिटाकर उन्हें रहने की अनुमित नहीं दी जा सकती। पढ़िए पूरी खबर… यूपी की सियासत में बुआ-भतीजे जब भी एक साथ आए, सुर्खियों में रहे। बुआ यानी मायावती, भतीजा मतलब अखिलेश यादव। मगर इन दिनों सियासतदानों के बीच बुआ-भतीजी का नया रिश्ता खूब चर्चा बटोर रहा है। एक ओर सियासत में जहां नेता एक-दूसरे का नाम लेते हुए भी अदब भूल जाते हैं, लेकिन यहां अंदाज बिल्कुल अलग है। यहां शिकवा-शिकायत भी हो रही है, तो एक खास लहजे में। हम चर्चा कर रहे हैं कानपुर की मेयर प्रमिला पांडेय और सपा विधायक नसीम सोलंकी की। अतिक्रमण अभियान के बीच परेशान लोगों की आवाज बनने के लिए नसीम सोलंकी पहुंची, चीख-पुकार के बीच भी जब वह मेयर प्रमिला पांडेय से बात करती हैं, तो आवाज में खनक और चेहरे पर मीठी मुस्कान होती है। उनकी बातें सुनकर तेज तर्रार प्रमिला पांडेय भी ‘बहू’ कहकर ही जवाब देती हैं। बहुत ही अदब से कहती हैं- बहू तुम घर जाओ…बुलडोजर तो चलेगा…। वहीं जब नगर निगम सदन में सपा विधायक शपथ लेती हैं- तब कार्रवाई के दौरान बड़े सम्मान से कहती हैं, बुआ मेरे एरिया का ध्यान रखना। बुआ भी यानी प्रमिला पांडेय भी उतने ही सहज लहजे में जवाब देती हैं-पूरा शहर मेरा है, सभी का ख्याल रखती हूं। सियासी खींचतान में सत्ता और विपक्ष के दो सदस्यों के बीच ऐसी सहजता कम ही दिखाई देती है। यूपी की सियासत में ऐसा कम ही दिखता है, इसको और करीब से 2 घटनाक्रम से समझिए… 24 दिसंबर, 2024 : नगर निगम सदन।
सदन के पटल पर मेयर प्रमिला पांडेय बैठी थीं। सपा सांसद नसीम सोलंकी माइक संभालती हैं और क्षेत्र के लोगों की समस्या बताती हैं। फिर मुस्कराते हुए कहती हैं, हमने लोगों की बात आप तक पहुंचा दी है। बुआजी…प्लीज हमारा ख्याल रखिए। दूसरी तरफ से प्रमिला पांडेय कहती हैं कि देखिए विधायक जी, मैं पूरे शहर की मेयर हूं। मैं सबका ख्याल रखती हूं। हनुमान नहीं हूं कि सीना चीरकर दिखा दूं। लोग मुझसे पूछते हैं, मैं बता दूं कि तुम मेरी बहू हो। मैं जांच करके आपको देखते हुए संतुष्ट करूंगी। नसीम कहती हैं कि आप ही कर सकती हैं, धन्यवाद। 20 दिसंबर, 2024 : सीसामऊ। नगर निगम का अतिक्रमण अभियान चल रहा था। 120 अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलना था। मेयर प्रमिला पांडेय खुद हेलमेट पहनकर मौके पर थीं। इसी दरम्यान सपा सांसद नसीम सोलंकी वहां पहुंचती हैं। हाथ जोड़ प्रमिला को प्रणाम करती हैं। प्रमिला मौके की नजाकत को पहले ही भांप लेती हैं, कहती हैं– बहू आप यहां से चले जाइए। आपके रहने से माहौल खराब हो सकता है। नसीम सोलंकी नजाकत से मुस्कुराते हुए कहती हैं, एक हफ्ते का समय दे दीजिए। मेयर ने कहा- बहू इसमें मैं तेरी कोई बात नहीं सुन सकूंगी। (इस दौरान प्रमिला पांडेय भी हाथ जोड़े दिखती हैं।) नसीम ने फिर कहा- लोगों के छोटे-छोटे बच्चे हैं। महापौर ने कहा- बच्चा आपका हो या मेरा हो। अगर वो मरता है तो जिम्मेदारी हम सभी की है। अगर मैं किसी का तोड़ दूं और किसी काे छोड़ दूं तो आप मेरे से आकर शिकायत करना। नसीम कहती हैं कि जी, मैं समझती हूं। थोड़ा सा समय दे दीजिए। मेयर कहती हैं कि आप खड़े रहिए, कोई दिक्कत नहीं। नसीम कहती हैं कि जी, जैसा आप कहें। प्रमिला कहती हैं कि कुछ गलत हो जाए तो बेटा मुझसे कहना कि माता जी आपने गलत कर दिया। मैं मान लूंगी। अब ये भी जानिए कि यूपी की सियासत में बुआ और भतीजा पहली बार कब चर्चा में रहे… 2019 के लोकसभा चुनाव में मायावती और अखिलेश एक साथ आए
ये वक्त था लोकसभा चुनाव 2019। जब अखिलेश यादव और मायावती एक साथ आए। इससे पहले मुलायम सिंह यादव और मायावती की सियासी अदावत किसी से छिपी नहीं थी। इस गठजोड़ से मुलायम खुश भी नहीं थे। उन्होंने खुलेआम इसका विरोध किया। मगर अखिलेश मुस्लिम और यादव वोटर्स के साथ दलित मतदाताओं को लाना चाहते थे। फिर क्या था, यूपी के सियासी मंचों पर बुआ यानी मायावती और भतीजे यानी अखिलेश यादव एक साथ दिखने लगे। बुआ-भतीजे की जोड़ी ने एक बारगी BJP नेताओं को परेशानी में डाल दिया। मगर जब लोकसभा चुनाव के नतीजे आए, तब अखिलेश को कोई फायदा नहीं हुआ। वह 5 सीटों तक ही सीमित रहे। जबकि मायावती बसपा को 0 सीट से खींचकर 10 लोकसभा सीटों तक ले आईं। उनके प्रत्याशी 10 सीटों पर जीत गए। इसके बाद बुआ और भतीजे की जोड़ी टूट गई। मगर चर्चा में बनी रही। …… ये पढ़ें :
रामभद्राचार्य बोले-वो 25-25 बच्चे पैदा करें और हिंदुओं पर प्रतिबंध: अंबेडकर ने मनुस्मृति फाड़कर गलत किया था, मैं उनके सामने होता तो सही अर्थ समझाता जगदगुरु रामभद्राचार्य ने समान नागरिक संहिता पर कहा- देश में हर हाल में UCC चाहिए। जो भी नियम बनें, वो सबके लिए हों। ऐसा नहीं होना चाहिए कि वो 25-25 बच्चे पैदा करें और हिंदुओं पर प्रतिबंध लगाए जाएं। एक न्यूज चैनल से खास बातचीत में रामभद्राचार्य ने कहा, मुस्लिम भारत में रहें, लेकिन हमारे अस्तित्व का सम्मान करते हुए रहें। मैंने कभी नहीं कहा कि ये देश मुसलमानों का नहीं है। लेकिन हिंदुओं का अस्तित्व मिटाकर उन्हें रहने की अनुमित नहीं दी जा सकती। पढ़िए पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर