IPS अधिकारी रहते हुए किशोर कुणाल ने राजनीति में मचा दी थी हलचल, जब कब्र से निकलवाया था लड़की का शव

IPS अधिकारी रहते हुए किशोर कुणाल ने राजनीति में मचा दी थी हलचल, जब कब्र से निकलवाया था लड़की का शव

<p style=”text-align: justify;”><strong>Acharya Kishore Kunal Passed Away:</strong> महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव व बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल का रविवार को निधन हो गया है. वे कई वजह से चर्चाओं में रहे थे. 80 के दशक में किशोर कुणाल पटना के एसपी बने थे. उस समय बिहार का सबसे चर्चित बॉबी हत्याकांड हुआ था. जिसके सबूत और सुराग तो थे लेकिन दोषी कोई नहीं. इस हत्याकांड ने बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा की कुर्सी तक को हिला दिया था.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>किशोर कुणाल ने अपनी किताब दमन तक्षकों में भी इस वारदात का जिक्र किया है. बॉबी उर्फ श्वेतानिशा मर्डर केस को लेकर उन्होंने अपनी किताब में एक दोहा भी लिखा है- समरथ को नहीं दोष गोसाईं. बॉबी हत्याकांड में सेक्स, क्राइम और राजनीति तीनों शामिल थे. पटना एसपी की कमान संभालने के कुछ दिन बाद ही बॉबी हत्याकांड केस अखबारों की सुर्खियों बना था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इन्हीं अखबारों की खबरों को आधार बनाकर किशोर कुणाल ने एक यूडी केस दर्ज किया. इसके बाद बॉबी के शव को कब्रिस्तान से निकलवाकर उसका पोस्टमार्टम करवाया गया. जिसकी वजह से किशोर कुनाल का नाम चर्चाओं में आ गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>&lsquo;तत्कालीन मुख्यमंत्री तक को करना पड़ा फोन&rsquo;</strong><br />किशोर कुणाल ने अपनी किताब में यह भी लिखा कि इस केस को ओपन करने के बाद कुछ सीनियर अधिकारियों ने उनके साथ ऐसा बर्ताव किया मानो सच का पता लगाना अधर्म हो बन गया है. किताब में उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया है खुद तत्कालीन मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा ने फोन कर बॉबी हत्याकांड के बारे में बात की. इसपर किशोर कुणाल की तरफ से मुख्यमंत्री को जवाब दिया गया कि आप चरित्र के अच्छे हैं सर, इसमें मत पडिएगा, जिसके बाद सीएम ने फोन रख दिया था.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सीबीआई जांच में आरोपियों को मिला अभयदान&nbsp;</strong><br />IPS कुणाल की जांच से ये तो क्लीयर हो गया था कि बॉबी ने आत्महत्या नहीं की बल्कि उसकी हत्या हुई है. उनके इस खुलासे को लेकर तत्कालीन मुख्य सचिव ने उन्हें बधाई भी दी थी. लेकिन कहा जाता है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री पर कई विधायकों और मंत्रियों ने सीबीआई जांच का दबाव बनाया. जिसके बाद जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी. सीबीआई जांच में आरोपियों को अभयदान मिल गया. भले ही इस केस को IPS कुणाल अंजाम तक नहीं पहुंचा सके. लेकिन कब्र से शव निकलवाकर उन्होंने प्रदेश की राजनीति तक में हलचल पैदा कर दी थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”नवादा में बुजुर्ग की पीट-पीट कर हत्या, बेटी बोली- छेड़खानी का विरोध करने पर की पिटाई” href=”https://www.abplive.com/states/bihar/bihar-crime-news-old-man-beaten-to-death-in-nawada-ann-2852081″ target=”_blank” rel=”noopener”>नवादा में बुजुर्ग की पीट-पीट कर हत्या, बेटी बोली- छेड़खानी का विरोध करने पर की पिटाई</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Acharya Kishore Kunal Passed Away:</strong> महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव व बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल का रविवार को निधन हो गया है. वे कई वजह से चर्चाओं में रहे थे. 80 के दशक में किशोर कुणाल पटना के एसपी बने थे. उस समय बिहार का सबसे चर्चित बॉबी हत्याकांड हुआ था. जिसके सबूत और सुराग तो थे लेकिन दोषी कोई नहीं. इस हत्याकांड ने बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा की कुर्सी तक को हिला दिया था.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>किशोर कुणाल ने अपनी किताब दमन तक्षकों में भी इस वारदात का जिक्र किया है. बॉबी उर्फ श्वेतानिशा मर्डर केस को लेकर उन्होंने अपनी किताब में एक दोहा भी लिखा है- समरथ को नहीं दोष गोसाईं. बॉबी हत्याकांड में सेक्स, क्राइम और राजनीति तीनों शामिल थे. पटना एसपी की कमान संभालने के कुछ दिन बाद ही बॉबी हत्याकांड केस अखबारों की सुर्खियों बना था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इन्हीं अखबारों की खबरों को आधार बनाकर किशोर कुणाल ने एक यूडी केस दर्ज किया. इसके बाद बॉबी के शव को कब्रिस्तान से निकलवाकर उसका पोस्टमार्टम करवाया गया. जिसकी वजह से किशोर कुनाल का नाम चर्चाओं में आ गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>&lsquo;तत्कालीन मुख्यमंत्री तक को करना पड़ा फोन&rsquo;</strong><br />किशोर कुणाल ने अपनी किताब में यह भी लिखा कि इस केस को ओपन करने के बाद कुछ सीनियर अधिकारियों ने उनके साथ ऐसा बर्ताव किया मानो सच का पता लगाना अधर्म हो बन गया है. किताब में उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया है खुद तत्कालीन मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा ने फोन कर बॉबी हत्याकांड के बारे में बात की. इसपर किशोर कुणाल की तरफ से मुख्यमंत्री को जवाब दिया गया कि आप चरित्र के अच्छे हैं सर, इसमें मत पडिएगा, जिसके बाद सीएम ने फोन रख दिया था.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सीबीआई जांच में आरोपियों को मिला अभयदान&nbsp;</strong><br />IPS कुणाल की जांच से ये तो क्लीयर हो गया था कि बॉबी ने आत्महत्या नहीं की बल्कि उसकी हत्या हुई है. उनके इस खुलासे को लेकर तत्कालीन मुख्य सचिव ने उन्हें बधाई भी दी थी. लेकिन कहा जाता है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री पर कई विधायकों और मंत्रियों ने सीबीआई जांच का दबाव बनाया. जिसके बाद जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी. सीबीआई जांच में आरोपियों को अभयदान मिल गया. भले ही इस केस को IPS कुणाल अंजाम तक नहीं पहुंचा सके. लेकिन कब्र से शव निकलवाकर उन्होंने प्रदेश की राजनीति तक में हलचल पैदा कर दी थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”नवादा में बुजुर्ग की पीट-पीट कर हत्या, बेटी बोली- छेड़खानी का विरोध करने पर की पिटाई” href=”https://www.abplive.com/states/bihar/bihar-crime-news-old-man-beaten-to-death-in-nawada-ann-2852081″ target=”_blank” rel=”noopener”>नवादा में बुजुर्ग की पीट-पीट कर हत्या, बेटी बोली- छेड़खानी का विरोध करने पर की पिटाई</a></strong></p>  बिहार मनमोहन सिंह के निधन पर हो रही राजनीति पर भड़के अयोध्या सांसद अवेधश प्रसाद, BJP को लिया आड़े हाथ