यूपी में 2027 विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने संगठन की सर्जरी शुरू कर दी है। रविवार को दिल्ली में हुई बैठक के बाद यूपी में जिलेवार मंडल अध्यक्षों की नई तैनाती की लिस्ट जारी करनी शुरू कर दी है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने बताया- प्रदेश में 1819 मंडल अध्यक्ष नियुक्त किए जाने हैं। इसमें से 750 की लिस्ट जारी कर दी है। बाकी, मंडल अध्यक्षों की लिस्ट को भी जल्द जारी कर दिया जाएगा। हालांकि, पार्टी सूत्रों ने बताया कि कुछ जिलों में पेंच फंसा हुआ है। यहां सहमति नहीं बन पाई। इस वजह से लिस्ट जारी नहीं की गई। नई लिस्ट के मुताबिक, 50% से अधिक मंडल अध्यक्ष बदले गए हैं। पिछड़ा वर्ग यानी OBC और दलित पर फोकस किया है। कई जिलों में समुदायों के वोटर्स की संख्या के हिसाब से भी मंडल अध्यक्ष चुना गया है। मंडल अध्यक्ष की नियुक्ति में महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने RSS को भी तवज्जो दी है। जिलाध्यक्ष, जिला प्रभारी, विधायक और सांसद की भी सहमति ली गई। मंडल अध्यक्ष के अलावा यूपी में भाजपा में जल्द ही संगठन स्तर पर और बड़े फेरबदल होने वाले हैं। जनवरी के तीसरे सप्ताह तक नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा। साथ ही पार्टी 98 संगठनात्मक जिलों में जिलाध्यक्ष की नियुक्ति भी 15 जनवरी तक कर देगी। मंडल अध्यक्षों को 2027 और पंचायत चुनाव की जिम्मेदारी
नए मंडल अध्यक्ष ही विधानसभा चुनाव 2027 में मंडल स्तर पर चुनाव प्रचार और प्रबंधन की कमान संभालेंगे। इससे पहले उन पर पंचायत चुनाव 2026 में पार्टी का परचम फहराने की भी बड़ी जिम्मेदारी होगी। चुनाव प्रभारी महेंद्रनाथ पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने रविवार देर रात जिलाध्यक्षों को सूची जारी करने की हरी झंडी दी। पश्चिम क्षेत्र के अध्यक्ष सतेंद्र सिसोदिया ने बताया कि पश्चिम के 19 संगठनात्मक जिलों में से 9 जिलों में मंडल अध्यक्ष नियुक्त किए हैं। अवध क्षेत्र में सात जिलों में मंडल अध्यक्ष देर रात घोषित किए गए। लखनऊ सहित अन्य जिलों में मंडल अध्यक्ष आज घोषित किए जाएंगे। महेंद्रनाथ पांडेय ने मंडल अध्यक्ष की नियुक्ति में सर्वसम्मति का प्रयास किया। पार्टी में मंडल अध्यक्ष जिले की सबसे छोटी इकाई होता है। मंडल अध्यक्ष के लिए पार्टी ने नामांकन प्रक्रिया करवाई थी। इसके बाद आपसी सहमति पर निर्णय लिया गया। सूत्रों के मुताबिक, 20 दिसंबर तक मंडल अध्यक्ष चुनाव पूरा होना था। लेकिन, एक-एक मंडल पर मंथन में ज्यादा समय लगने से अभी तक सभी 1819 मंडलों में निर्णय नहीं हुआ है। देखिए लिस्ट- अब पढ़िए यूपी भाजपा अध्यक्ष की रेस में किन नेताओं के नाम चर्चा में- प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी का कार्यकाल पूरा होने में अभी छह महीने बाकी हैं, लेकिन संगठन चुनाव के बाद किसी अन्य को राज्य संगठन की कमान सौंपी जाएगी। चर्चा है कि अखिलेश यादव के PDA फार्मूले (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की काट के लिए भाजपा पिछड़े या दलित समाज के नेता को प्रदेश संगठन की जिम्मेदारी दे सकती है। सूत्रों के मुताबिक इस पर सैद्धांतिक सहमति भी बन चुकी है। हालांकि कुछ ब्राह्मण चेहरे भी प्रदेश अध्यक्ष की रेस में हैं। पूरी खबर पढ़ें… ————————————— ये खबर भी पढ़ें- यूपी भाजपा को जनवरी में मिलेगा नया अध्यक्ष:सभी जिलों के जिलाध्यक्ष भी बदलेंगे, योगी की मौजूदगी में दिल्ली में हुई बड़ी बैठक यूपी भाजपा में जल्द ही संगठन स्तर पर बड़ा फेरबदल होने वाला है। जनवरी के तीसरे सप्ताह तक नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा। साथ ही पार्टी 98 संगठनात्मक जिलों में जिलाध्यक्ष की नियुक्ति भी 15 जनवरी तक कर देगी। लगातार दो बार जिलाध्यक्ष रहे को तीसरी बार जिलाध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा। पढ़ें पूरी खबर यूपी में 2027 विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने संगठन की सर्जरी शुरू कर दी है। रविवार को दिल्ली में हुई बैठक के बाद यूपी में जिलेवार मंडल अध्यक्षों की नई तैनाती की लिस्ट जारी करनी शुरू कर दी है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने बताया- प्रदेश में 1819 मंडल अध्यक्ष नियुक्त किए जाने हैं। इसमें से 750 की लिस्ट जारी कर दी है। बाकी, मंडल अध्यक्षों की लिस्ट को भी जल्द जारी कर दिया जाएगा। हालांकि, पार्टी सूत्रों ने बताया कि कुछ जिलों में पेंच फंसा हुआ है। यहां सहमति नहीं बन पाई। इस वजह से लिस्ट जारी नहीं की गई। नई लिस्ट के मुताबिक, 50% से अधिक मंडल अध्यक्ष बदले गए हैं। पिछड़ा वर्ग यानी OBC और दलित पर फोकस किया है। कई जिलों में समुदायों के वोटर्स की संख्या के हिसाब से भी मंडल अध्यक्ष चुना गया है। मंडल अध्यक्ष की नियुक्ति में महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने RSS को भी तवज्जो दी है। जिलाध्यक्ष, जिला प्रभारी, विधायक और सांसद की भी सहमति ली गई। मंडल अध्यक्ष के अलावा यूपी में भाजपा में जल्द ही संगठन स्तर पर और बड़े फेरबदल होने वाले हैं। जनवरी के तीसरे सप्ताह तक नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा। साथ ही पार्टी 98 संगठनात्मक जिलों में जिलाध्यक्ष की नियुक्ति भी 15 जनवरी तक कर देगी। मंडल अध्यक्षों को 2027 और पंचायत चुनाव की जिम्मेदारी
नए मंडल अध्यक्ष ही विधानसभा चुनाव 2027 में मंडल स्तर पर चुनाव प्रचार और प्रबंधन की कमान संभालेंगे। इससे पहले उन पर पंचायत चुनाव 2026 में पार्टी का परचम फहराने की भी बड़ी जिम्मेदारी होगी। चुनाव प्रभारी महेंद्रनाथ पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने रविवार देर रात जिलाध्यक्षों को सूची जारी करने की हरी झंडी दी। पश्चिम क्षेत्र के अध्यक्ष सतेंद्र सिसोदिया ने बताया कि पश्चिम के 19 संगठनात्मक जिलों में से 9 जिलों में मंडल अध्यक्ष नियुक्त किए हैं। अवध क्षेत्र में सात जिलों में मंडल अध्यक्ष देर रात घोषित किए गए। लखनऊ सहित अन्य जिलों में मंडल अध्यक्ष आज घोषित किए जाएंगे। महेंद्रनाथ पांडेय ने मंडल अध्यक्ष की नियुक्ति में सर्वसम्मति का प्रयास किया। पार्टी में मंडल अध्यक्ष जिले की सबसे छोटी इकाई होता है। मंडल अध्यक्ष के लिए पार्टी ने नामांकन प्रक्रिया करवाई थी। इसके बाद आपसी सहमति पर निर्णय लिया गया। सूत्रों के मुताबिक, 20 दिसंबर तक मंडल अध्यक्ष चुनाव पूरा होना था। लेकिन, एक-एक मंडल पर मंथन में ज्यादा समय लगने से अभी तक सभी 1819 मंडलों में निर्णय नहीं हुआ है। देखिए लिस्ट- अब पढ़िए यूपी भाजपा अध्यक्ष की रेस में किन नेताओं के नाम चर्चा में- प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी का कार्यकाल पूरा होने में अभी छह महीने बाकी हैं, लेकिन संगठन चुनाव के बाद किसी अन्य को राज्य संगठन की कमान सौंपी जाएगी। चर्चा है कि अखिलेश यादव के PDA फार्मूले (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की काट के लिए भाजपा पिछड़े या दलित समाज के नेता को प्रदेश संगठन की जिम्मेदारी दे सकती है। सूत्रों के मुताबिक इस पर सैद्धांतिक सहमति भी बन चुकी है। हालांकि कुछ ब्राह्मण चेहरे भी प्रदेश अध्यक्ष की रेस में हैं। पूरी खबर पढ़ें… ————————————— ये खबर भी पढ़ें- यूपी भाजपा को जनवरी में मिलेगा नया अध्यक्ष:सभी जिलों के जिलाध्यक्ष भी बदलेंगे, योगी की मौजूदगी में दिल्ली में हुई बड़ी बैठक यूपी भाजपा में जल्द ही संगठन स्तर पर बड़ा फेरबदल होने वाला है। जनवरी के तीसरे सप्ताह तक नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा। साथ ही पार्टी 98 संगठनात्मक जिलों में जिलाध्यक्ष की नियुक्ति भी 15 जनवरी तक कर देगी। लगातार दो बार जिलाध्यक्ष रहे को तीसरी बार जिलाध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर