Himachal: सख्ती की तैयारी में सुक्खू सरकार! गलत तरह से BPL सूची में शामिल परिवार होंगे बाहर

Himachal: सख्ती की तैयारी में सुक्खू सरकार! गलत तरह से BPL सूची में शामिल परिवार होंगे बाहर

<p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Pradesh News:</strong> हिमाचल प्रदेश में गलत तरीके से बीपीएल श्रेणी में शामिल परिवारों पर सख्ती की तैयारी हो चुकी है. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने ऐसे परिवारों को सूची से बाहर करने का मन बना लिया है. राज्य सरकार के इस कदम से बीपीएल परिवारों को मिलने वाला फायदा योग्य परिवारों को ही मिल पाएगा. अप्रैल, 2025 में बीपीएल परिवारों की सूची में संशोधन की प्रक्रिया शुरू होगी. इस संबंध में मुख्यमंत्री की ओर से अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं. साथ ही बीपीएल श्रेणी में शमिल होने का नया क्राइटेरिया तैयार करने के लिए भी कहा गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सोमवार को शिमला स्थित राज्य सचिवालय में ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि इसके लिए क्राइटेरिया 5 जनवरी, 2025 से पहले तैयार किया जाए. इसके बाद इस बारे में मंत्रिमंडल से मंजूरी ली जाएगी. नए दिशा-निर्देशों को जनवरी, 2025 में होने वाली ग्रामसभा में आम जनता के साथ साझा कर दिया जाएगा. राज्य सरकार बीपीएल परिवारों के चयन के लिए सालाना कमाई के क्राइटेरिया में भी बदलाव पर विचार कर रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जिला उपायुक्त करेंगे शिकायत का निपटारा&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बीपीएल श्रेणी में परिवारों को शामिल करने के लिए पारदर्शिता अपनाई जाएगी. ग्राम सभा की ओर से जिन परिवारों को बीपीएल में शामिल करने के लिए कहा जाएगा, उसके लिए सब डिविजन पर दो सदस्यों की कमेटी का गठन होगा. इसका सत्यापन करने के लिए सब डिविजन स्तर उप मंडलाधिकारी (SDM) और खंड विकास अधिकारी (BDO) की दो सदस्यीय समिति गठित होगी. बीपीएल परिवारों की अंतिम सूची से संबंधित कोई भी आपत्ति या शिकायत उपायुक्त और मंडलायुक्त को दी जा सकती है. इनके पास इन शिकायतों की समीक्षा और समाधान करने का अधिकार होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”हिमाचल में गोबर की खरीद, 10 जिलों से हुई शुरुआत, एक किलो के लिए कितने रुपये देगी सरकार?” href=”https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/himachal-cow-dung-procurement-at-rs-3-per-kg-starts-with-100-farmers-from-10-districts-ann-2853091″ target=”_self”>हिमाचल में गोबर की खरीद, 10 जिलों से हुई शुरुआत, एक किलो के लिए कितने रुपये देगी सरकार?</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Pradesh News:</strong> हिमाचल प्रदेश में गलत तरीके से बीपीएल श्रेणी में शामिल परिवारों पर सख्ती की तैयारी हो चुकी है. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने ऐसे परिवारों को सूची से बाहर करने का मन बना लिया है. राज्य सरकार के इस कदम से बीपीएल परिवारों को मिलने वाला फायदा योग्य परिवारों को ही मिल पाएगा. अप्रैल, 2025 में बीपीएल परिवारों की सूची में संशोधन की प्रक्रिया शुरू होगी. इस संबंध में मुख्यमंत्री की ओर से अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं. साथ ही बीपीएल श्रेणी में शमिल होने का नया क्राइटेरिया तैयार करने के लिए भी कहा गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सोमवार को शिमला स्थित राज्य सचिवालय में ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि इसके लिए क्राइटेरिया 5 जनवरी, 2025 से पहले तैयार किया जाए. इसके बाद इस बारे में मंत्रिमंडल से मंजूरी ली जाएगी. नए दिशा-निर्देशों को जनवरी, 2025 में होने वाली ग्रामसभा में आम जनता के साथ साझा कर दिया जाएगा. राज्य सरकार बीपीएल परिवारों के चयन के लिए सालाना कमाई के क्राइटेरिया में भी बदलाव पर विचार कर रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जिला उपायुक्त करेंगे शिकायत का निपटारा&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बीपीएल श्रेणी में परिवारों को शामिल करने के लिए पारदर्शिता अपनाई जाएगी. ग्राम सभा की ओर से जिन परिवारों को बीपीएल में शामिल करने के लिए कहा जाएगा, उसके लिए सब डिविजन पर दो सदस्यों की कमेटी का गठन होगा. इसका सत्यापन करने के लिए सब डिविजन स्तर उप मंडलाधिकारी (SDM) और खंड विकास अधिकारी (BDO) की दो सदस्यीय समिति गठित होगी. बीपीएल परिवारों की अंतिम सूची से संबंधित कोई भी आपत्ति या शिकायत उपायुक्त और मंडलायुक्त को दी जा सकती है. इनके पास इन शिकायतों की समीक्षा और समाधान करने का अधिकार होगा.</p>
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