गोरखपुर में फर्जी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाने वाले गिरोह का सरगना पुलिस के निशाने पर है। कोतवाली पुलिस ने गिरोह के नेटवर्क का खुलासा करते हुए जयपुर और मुंबई में छिपे सरगना की तलाश तेज कर दी है। इस गिरोह का जाल 10 राज्यों में फैला हुआ है। पुलिस का मानना है कि सरगना की गिरफ्तारी से पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ हो सकता है। संजय गर्ग से शुरू हुआ मामला
दरअसल, 27 अक्तूबर को जयपुर के शांतिनगर निवासी संजय गर्ग को गिरफ्तार कर पुलिस गोरखपुर लाई थी। पूछताछ में उसने हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, यूपी, बिहार, छत्तीसगढ़, नगालैंड, पंजाब और उत्तराखंड में फैले गिरोह के नेटवर्क का खुलासा किया। हालांकि, सरगना की सही जानकारी छिपाकर संजय पुलिस को गुमराह करता रहा। इसके बाद पुलिस ने संजय के मोबाइल और सर्विलांस के जरिए कई अहम सुराग जुटाए। अब सरगना की लोकेशन का पता लगने पर दो विशेष टीमें जयपुर और मुंबई भेजी जाएंगी। पुलिस को उम्मीद है कि सरगना की गिरफ्तारी से इस धंधे में शामिल अन्य राज्यों के आरोपियों का भी खुलासा होगा। कंपनी ने खोली फर्जीवाड़े की पोल
लखनऊ की रोसमेर्टा सेफ्टी सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को उत्तर प्रदेश में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाने का ठेका मिला है। कंपनी को गोरखपुर से फर्जी नंबर प्लेट तैयार होने की लगातार शिकायतें मिल रही थीं। 31 जुलाई को कंपनी के रीजनल हेड मो. सारिक ने कोतवाली थाने में केस दर्ज कराया। पुलिस ने जांच में अलीनगर की एक दुकान पर छापा मारकर रसूलपुर निवासी एहसान अली को गिरफ्तार किया। एहसान ने बताया कि जयपुर का एक व्यक्ति व्हाट्सएप पर गाड़ी का नंबर भेजने पर कूरियर के जरिए फर्जी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट सप्लाई करता था। इसी जानकारी के आधार पर पुलिस ने संजय गर्ग को गिरफ्तार किया था। SP सिटी अभिनव त्यागी ने बताया की फर्जी नंबर प्लेट गिरोह की जांच में कई अहम जानकारियां सामने आई हैं। सरगना की गिरफ्तारी के लिए दो टीमें जयपुर और मुंबई भेजी जाएंगी। इसके बाद अन्य राज्यों में सक्रिय गिरोह के सदस्यों पर भी कार्रवाई होगी। 10 राज्यों में फैला नेटवर्क
इस गिरोह का नेटवर्क हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, यूपी, बिहार, छत्तीसगढ़, नगालैंड, पंजाब और उत्तराखंड तक फैला है। सरगना जयपुर से इस नेटवर्क को संचालित करता है और फर्जी नंबर प्लेट बनाकर कूरियर के जरिए सप्लाई करता है। पुलिस का कहना है कि सरगना की गिरफ्तारी से न सिर्फ गोरखपुर बल्कि अन्य राज्यों में चल रहे इस फर्जीवाड़े पर भी लगाम लगेगी। गोरखपुर में फर्जी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाने वाले गिरोह का सरगना पुलिस के निशाने पर है। कोतवाली पुलिस ने गिरोह के नेटवर्क का खुलासा करते हुए जयपुर और मुंबई में छिपे सरगना की तलाश तेज कर दी है। इस गिरोह का जाल 10 राज्यों में फैला हुआ है। पुलिस का मानना है कि सरगना की गिरफ्तारी से पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ हो सकता है। संजय गर्ग से शुरू हुआ मामला
दरअसल, 27 अक्तूबर को जयपुर के शांतिनगर निवासी संजय गर्ग को गिरफ्तार कर पुलिस गोरखपुर लाई थी। पूछताछ में उसने हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, यूपी, बिहार, छत्तीसगढ़, नगालैंड, पंजाब और उत्तराखंड में फैले गिरोह के नेटवर्क का खुलासा किया। हालांकि, सरगना की सही जानकारी छिपाकर संजय पुलिस को गुमराह करता रहा। इसके बाद पुलिस ने संजय के मोबाइल और सर्विलांस के जरिए कई अहम सुराग जुटाए। अब सरगना की लोकेशन का पता लगने पर दो विशेष टीमें जयपुर और मुंबई भेजी जाएंगी। पुलिस को उम्मीद है कि सरगना की गिरफ्तारी से इस धंधे में शामिल अन्य राज्यों के आरोपियों का भी खुलासा होगा। कंपनी ने खोली फर्जीवाड़े की पोल
लखनऊ की रोसमेर्टा सेफ्टी सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को उत्तर प्रदेश में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाने का ठेका मिला है। कंपनी को गोरखपुर से फर्जी नंबर प्लेट तैयार होने की लगातार शिकायतें मिल रही थीं। 31 जुलाई को कंपनी के रीजनल हेड मो. सारिक ने कोतवाली थाने में केस दर्ज कराया। पुलिस ने जांच में अलीनगर की एक दुकान पर छापा मारकर रसूलपुर निवासी एहसान अली को गिरफ्तार किया। एहसान ने बताया कि जयपुर का एक व्यक्ति व्हाट्सएप पर गाड़ी का नंबर भेजने पर कूरियर के जरिए फर्जी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट सप्लाई करता था। इसी जानकारी के आधार पर पुलिस ने संजय गर्ग को गिरफ्तार किया था। SP सिटी अभिनव त्यागी ने बताया की फर्जी नंबर प्लेट गिरोह की जांच में कई अहम जानकारियां सामने आई हैं। सरगना की गिरफ्तारी के लिए दो टीमें जयपुर और मुंबई भेजी जाएंगी। इसके बाद अन्य राज्यों में सक्रिय गिरोह के सदस्यों पर भी कार्रवाई होगी। 10 राज्यों में फैला नेटवर्क
इस गिरोह का नेटवर्क हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, यूपी, बिहार, छत्तीसगढ़, नगालैंड, पंजाब और उत्तराखंड तक फैला है। सरगना जयपुर से इस नेटवर्क को संचालित करता है और फर्जी नंबर प्लेट बनाकर कूरियर के जरिए सप्लाई करता है। पुलिस का कहना है कि सरगना की गिरफ्तारी से न सिर्फ गोरखपुर बल्कि अन्य राज्यों में चल रहे इस फर्जीवाड़े पर भी लगाम लगेगी। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर