हिमाचल में भारतीय जनता पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए लॉबिंग तेज हो गई है। BJP हाईकमान में अध्यक्ष और नेशनल काउंसिल मेंबर्स के इलेक्शन के लिए देर रात चुनाव अधिकारी तैनात कर दिए है। केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह को हिमाचल का चुनाव अधिकारी बनाया गया है। वह अगले तीन-चार दिन के भीतर प्रदेश आएंगे। इन्हें 15 जनवरी तक जिला अध्यक्ष का चुनाव कराना है। यह फैसला बीते 28 दिसंबर को दिल्ली में हुई राष्ट्रीय कार्यशाला में लिया गया। अध्यक्ष के साथ साथ प्रदेश से तीन नेशनल काउंसिल मेंबर्स भी चुने जाने हैं। हाईकमान ने हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को लद्दाख भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। 9 नेता कर रहे लॉबिंग यहां प्रदेश अध्यक्ष के लिए 9 नेता लॉबिंग कर रहे हैं। इसकी रेस में पूर्व अध्यक्ष सत्तपाल सत्ती और विपिन सिंह परमार का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। इन पर सहमति नहीं बनी मौजूदा अध्यक्ष राजीव बिंदल, रणधीर शर्मा, बिक्रम ठाकुर, इंदू गोस्वामी, त्रिलोक जम्वाल, डॉ. सिकंदर और डॉ. राजीव भारद्वाज को भी दावेदार माना जा रहा है। पार्टी सूत्र बताते हैं कि अध्यक्ष के चयन में जातीय व क्षेत्रीय को देखते हुए नया अध्यक्ष चुना जाएगा। क्षेत्रीय समीकरण देखे तो कांगड़ा से होगी ताजपोशी क्षेत्रीय समीकरण के लिहाज से विपिन सिंह परमार, बिक्रम ठाकुर, राजीव भारद्वाज और इंदू गोस्वामी में से किसी एक की ताजपोशी हो सकती है, क्योंकि ये चारों नेता प्रदेश की सत्ता की चाबी तय करने वाले सबसे बड़े कांगड़ा जिला से संबंध रखते हैं। कांगड़ा में विपिन सिंह परमार को अध्यक्ष पद का मजबूत दावेदार माना जा रहा है। परमार संगठन में विभिन्न पदों पर सेवाएं दे चुके हैं। पूर्व सरकार में वह स्वास्थ्य मंत्री के अलावा विधानसभा अध्यक्ष का दायित्व भी संभाल चुके हैं।इंदू गोस्वामी का नाम इसलिए काफी चर्चा में हैं,क्योंकि उन्हें प्रधानमंत्री मोदी का काफी करीबी माना जाता है। सत्ती की दावेदारी इसलिए मजबूत सत्तपाल सत्ती का नाम काफी चर्चा में है। दरअसल, सत्ती 9 साल तक प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। वर्तमान में वह ऊना से तीसरी बार विधायक बने हैं। तेज तर्रार नेता सत्ती 2 बार चुनाव में निर्वाचित होकर अध्यक्ष बने थे, जबकि तीसरी पार उन्हें सेवा विस्तार दिया गया था। उनकी संगठन में मजबूत पकड़ रही है और विपक्षी पार्टी के खिलाफ उनका आक्रामक रवैया रहता है। बिंदल की फिर से दावेदारी मौजूदा अध्यक्ष राजीव बिंदल भी अध्यक्ष पद के लिए फिर से लॉबिंग कर रहे हैं। बिंदल जनवरी 2020 में पार्टी के अध्यक्ष चुने गए थे। मगर तब कोरोना काल में भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से उन्होंने 5 महीने के भीतर ही पद से इस्तीफा दिया। दिसंबर 2022 में वह नाहन से विधानसभा चुनाव हारे। इसके बाद पार्टी ने अप्रैल 2023 में बिंदल को फिर से अध्यक्ष पद की कमान सौंपी। नड्डा के करीबी को मिल सकता है अध्यक्ष पद जेपी नड्डा की भूमिका रही तो उनके करीबी एवं विधायक त्रिलोक जम्वाल को भी पार्टी ये जिम्मेदारी दे सकती है। चर्चा है कि जेपी नड्डा 2027 के चुनाव में बिलासपुर से अपने बेटे को चुनाव में उतार सकते हैं, इसलिए जम्वाल को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी जा सकती है। दलित वोट साधने को सिकंदर को मिल सकता है जिम्मा राजपूत कोटे से भाजपा ने जयराम ठाकुर को नेता प्रतिपक्ष बना रखा है। ऐसे में मिशन 2027 को देखते हुए भाजपा दलित वोट साधने के लिए राज्यसभा सांसद डॉ.सिकंदर कुमार पर भी दांव खेल सकती है। हिमाचल में भारतीय जनता पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए लॉबिंग तेज हो गई है। BJP हाईकमान में अध्यक्ष और नेशनल काउंसिल मेंबर्स के इलेक्शन के लिए देर रात चुनाव अधिकारी तैनात कर दिए है। केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह को हिमाचल का चुनाव अधिकारी बनाया गया है। वह अगले तीन-चार दिन के भीतर प्रदेश आएंगे। इन्हें 15 जनवरी तक जिला अध्यक्ष का चुनाव कराना है। यह फैसला बीते 28 दिसंबर को दिल्ली में हुई राष्ट्रीय कार्यशाला में लिया गया। अध्यक्ष के साथ साथ प्रदेश से तीन नेशनल काउंसिल मेंबर्स भी चुने जाने हैं। हाईकमान ने हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को लद्दाख भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। 9 नेता कर रहे लॉबिंग यहां प्रदेश अध्यक्ष के लिए 9 नेता लॉबिंग कर रहे हैं। इसकी रेस में पूर्व अध्यक्ष सत्तपाल सत्ती और विपिन सिंह परमार का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। इन पर सहमति नहीं बनी मौजूदा अध्यक्ष राजीव बिंदल, रणधीर शर्मा, बिक्रम ठाकुर, इंदू गोस्वामी, त्रिलोक जम्वाल, डॉ. सिकंदर और डॉ. राजीव भारद्वाज को भी दावेदार माना जा रहा है। पार्टी सूत्र बताते हैं कि अध्यक्ष के चयन में जातीय व क्षेत्रीय को देखते हुए नया अध्यक्ष चुना जाएगा। क्षेत्रीय समीकरण देखे तो कांगड़ा से होगी ताजपोशी क्षेत्रीय समीकरण के लिहाज से विपिन सिंह परमार, बिक्रम ठाकुर, राजीव भारद्वाज और इंदू गोस्वामी में से किसी एक की ताजपोशी हो सकती है, क्योंकि ये चारों नेता प्रदेश की सत्ता की चाबी तय करने वाले सबसे बड़े कांगड़ा जिला से संबंध रखते हैं। कांगड़ा में विपिन सिंह परमार को अध्यक्ष पद का मजबूत दावेदार माना जा रहा है। परमार संगठन में विभिन्न पदों पर सेवाएं दे चुके हैं। पूर्व सरकार में वह स्वास्थ्य मंत्री के अलावा विधानसभा अध्यक्ष का दायित्व भी संभाल चुके हैं।इंदू गोस्वामी का नाम इसलिए काफी चर्चा में हैं,क्योंकि उन्हें प्रधानमंत्री मोदी का काफी करीबी माना जाता है। सत्ती की दावेदारी इसलिए मजबूत सत्तपाल सत्ती का नाम काफी चर्चा में है। दरअसल, सत्ती 9 साल तक प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। वर्तमान में वह ऊना से तीसरी बार विधायक बने हैं। तेज तर्रार नेता सत्ती 2 बार चुनाव में निर्वाचित होकर अध्यक्ष बने थे, जबकि तीसरी पार उन्हें सेवा विस्तार दिया गया था। उनकी संगठन में मजबूत पकड़ रही है और विपक्षी पार्टी के खिलाफ उनका आक्रामक रवैया रहता है। बिंदल की फिर से दावेदारी मौजूदा अध्यक्ष राजीव बिंदल भी अध्यक्ष पद के लिए फिर से लॉबिंग कर रहे हैं। बिंदल जनवरी 2020 में पार्टी के अध्यक्ष चुने गए थे। मगर तब कोरोना काल में भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से उन्होंने 5 महीने के भीतर ही पद से इस्तीफा दिया। दिसंबर 2022 में वह नाहन से विधानसभा चुनाव हारे। इसके बाद पार्टी ने अप्रैल 2023 में बिंदल को फिर से अध्यक्ष पद की कमान सौंपी। नड्डा के करीबी को मिल सकता है अध्यक्ष पद जेपी नड्डा की भूमिका रही तो उनके करीबी एवं विधायक त्रिलोक जम्वाल को भी पार्टी ये जिम्मेदारी दे सकती है। चर्चा है कि जेपी नड्डा 2027 के चुनाव में बिलासपुर से अपने बेटे को चुनाव में उतार सकते हैं, इसलिए जम्वाल को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी जा सकती है। दलित वोट साधने को सिकंदर को मिल सकता है जिम्मा राजपूत कोटे से भाजपा ने जयराम ठाकुर को नेता प्रतिपक्ष बना रखा है। ऐसे में मिशन 2027 को देखते हुए भाजपा दलित वोट साधने के लिए राज्यसभा सांसद डॉ.सिकंदर कुमार पर भी दांव खेल सकती है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में इस मानसून सीजन में 103 लोगों की मौत:54 की सड़क हादसों में गई जान; 380 करोड़ की संपत्ति तबाह, मानसून पड़ा कमजोर हिमाचल प्रदेश में मानसून कमजोर पड़ा हुआ है। मगर मानसून सीजन के दौरान 103 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य आपदा प्रबंधन के अनुसार, इनमें 54 लोगों की जान सड़क दुर्घटनाओं में गई है, जबकि 49 लोगों की मौत अन्य कारणों से हुई है। भारी बारिश के बाद फ्लैश फ्लड में सिरमौर जिला में एक व्यक्ति की मौत हुई है। पानी में डूबने से 15 लोगों की मौत, सांप के काटने से 7, करंट लगने से 6, पेड़ व ऊंचाई से गिरने से 18 तथा 2 की मौत अन्य कारणों से हुई है। कांगड़ा जिला में सबसे ज्यादा 19 लोगों की जान गई है। मंडी में 13, सिरमौर व ऊना जिला में 9-9 की मौत हो चुकी है। इस दौरान 177 लोग घायल और तीन लापता हुए है। पूरे मानसून सीजन के दौरान प्रदेश में 14 लोगों के घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए है, जबकि 74 घरों को आंशिक नुकसान हुआ है। प्रदेश में अब तक 389 करोड़ रुपए की सरकारी व गैर सरकारी संपत्ति को भी बरसात में नुकसान पहुंचा है। 6 दिन तक एक-दो स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी वहीं मौसम विभाग की माने तो अगले छह दिन तक प्रदेश के कुछेक स्थानों पर ही भारी बारिश हो सकती है। इसे देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया गया है। ज्यादातर इलाकों में बारिश का पूर्वानुमान नहीं है। आज चंबा, कांगड़ा व सिरमौर जिला में एक-दो स्थानों पर तेज बारिश हो सकती है। अन्य स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। कांगड़ा जिला में छह दिनों के दौरान अच्छी बारिश प्रदेश में फिलहाल मानसून धीमा पड़ा हुआ है। इस सीजन में अब तक नॉर्मल से 38 प्रतिशत कम बारिश हुई है। प्रदेश का एक भी जिला ऐसा नहीं है, जहां नॉर्मल से ज्यादा बारिश हुई हो। कांगड़ा जिला में भी पूरे मानसून सीजन में नॉर्मल से कम बारिश हुई है। मगर कांगड़ा में बीते पांच-छह दिनों के दौरान अच्छी बारिश हुई है। प्रदेश में 47 सड़कें बंद राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक प्रदेश में 47 सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए बंद पड़ी है। इनमें 20 सड़कें हमीरपुर जोन, 14 सड़कें मंडी जोन, 10 सड़कें 10 कांगड़ा जोन और शिमला जोन में 3 सड़कें बंद है।
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