करनाल में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने रिश्वतखोरी के गंभीर मामले में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के सहायक खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी (AFAO), इंस्पेक्टर और एक सेवादार को गिरफ्तार किया है। तीनों को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां तय होगा कि उन्हें रिमांड पर भेजा जाए या न्यायिक हिरासत में। एसीबी ने गुरुवार रात तीनों आरोपियों का मेडिकल परीक्षण कराया और अब गहन जांच में जुटी है। डिपो होल्डर ने एसीबी को शिकायत दी थी कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी डिपो होल्डरों से अवैध रूप से अतिरिक्त कमीशन वसूल रहे हैं। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि खंड कुंजपुरा के इंस्पेक्टर नीरज वधवा और सहायक खाद्य अधिकारी राजेंद्र सिंह सेवादार रामचंद्र के जरिए रिश्वत की रकम वसूलते थे। कमीशन के साथ मांगी जाती थी अतिरिक्त रिश्वत शिकायतकर्ता ने बताया कि खंड कुंजपुरा में 31 डिपो होल्डरों को सरकार से 200 रुपए प्रति क्विंटल का कमीशन मिलता है। लेकिन निरीक्षक नीरज वधवा 3 से 5 प्रतिशत कमीशन और अतिरिक्त 20 रुपये प्रति क्विंटल रिश्वत की मांग करते थे। यह राशि सेवादार रामचंद्र के माध्यम से वसूली जाती थी, जो इसे अधिकारियों को सौंप देता था। रंगे हाथ पकड़ा गया सेवादार, 67 हजार रुपये बरामद एसीबी की टीम ने गुरुवार को कुंजपुरा कार्यालय में शिकायतकर्ता की पत्नी और भाई से 15,000 रुपए की रिश्वत लेते समय रामचंद्र को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। रामचंद्र के पास से 67 हजार रुपए नकद भी बरामद हुए, जो अन्य डिपो होल्डरों से वसूले गए थे। शिकायतकर्ता ने बताया कि सरकार ने सभी 31 डिपो होल्डरों के लिए 23,29,178 रुपये राशन वितरण कमीशन के रूप में जारी किए थे। निरीक्षक नीरज वधवा ने इस राशि का भी एक हिस्सा बतौर रिश्वत मांगा। रिकॉर्डिंग और गवाहों के आधार पर हुई कार्रवाई शिकायतकर्ता ने अधिकारियों की बातचीत की रिकॉर्डिंग एसीबी को सौंपी, जिसमें रिश्वतखोरी की पुष्टि हुई। गवाहों की मौजूदगी में एसीबी ने कार्रवाई को अंजाम दिया। इस दौरान सभी जरूरी सबूत जब्त कर लिए गए। शिकायत के मुताबिक, निरीक्षक नीरज वधवा ने वसूली गई राशि का हिस्सा अपने उच्च अधिकारियों तक भी पहुंचाया। एसीबी ने मामले में सहायक खाद्य अधिकारी राजेंद्र सिंह और अन्य कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच शुरू कर दी है। करनाल में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने रिश्वतखोरी के गंभीर मामले में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के सहायक खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी (AFAO), इंस्पेक्टर और एक सेवादार को गिरफ्तार किया है। तीनों को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां तय होगा कि उन्हें रिमांड पर भेजा जाए या न्यायिक हिरासत में। एसीबी ने गुरुवार रात तीनों आरोपियों का मेडिकल परीक्षण कराया और अब गहन जांच में जुटी है। डिपो होल्डर ने एसीबी को शिकायत दी थी कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी डिपो होल्डरों से अवैध रूप से अतिरिक्त कमीशन वसूल रहे हैं। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि खंड कुंजपुरा के इंस्पेक्टर नीरज वधवा और सहायक खाद्य अधिकारी राजेंद्र सिंह सेवादार रामचंद्र के जरिए रिश्वत की रकम वसूलते थे। कमीशन के साथ मांगी जाती थी अतिरिक्त रिश्वत शिकायतकर्ता ने बताया कि खंड कुंजपुरा में 31 डिपो होल्डरों को सरकार से 200 रुपए प्रति क्विंटल का कमीशन मिलता है। लेकिन निरीक्षक नीरज वधवा 3 से 5 प्रतिशत कमीशन और अतिरिक्त 20 रुपये प्रति क्विंटल रिश्वत की मांग करते थे। यह राशि सेवादार रामचंद्र के माध्यम से वसूली जाती थी, जो इसे अधिकारियों को सौंप देता था। रंगे हाथ पकड़ा गया सेवादार, 67 हजार रुपये बरामद एसीबी की टीम ने गुरुवार को कुंजपुरा कार्यालय में शिकायतकर्ता की पत्नी और भाई से 15,000 रुपए की रिश्वत लेते समय रामचंद्र को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। रामचंद्र के पास से 67 हजार रुपए नकद भी बरामद हुए, जो अन्य डिपो होल्डरों से वसूले गए थे। शिकायतकर्ता ने बताया कि सरकार ने सभी 31 डिपो होल्डरों के लिए 23,29,178 रुपये राशन वितरण कमीशन के रूप में जारी किए थे। निरीक्षक नीरज वधवा ने इस राशि का भी एक हिस्सा बतौर रिश्वत मांगा। रिकॉर्डिंग और गवाहों के आधार पर हुई कार्रवाई शिकायतकर्ता ने अधिकारियों की बातचीत की रिकॉर्डिंग एसीबी को सौंपी, जिसमें रिश्वतखोरी की पुष्टि हुई। गवाहों की मौजूदगी में एसीबी ने कार्रवाई को अंजाम दिया। इस दौरान सभी जरूरी सबूत जब्त कर लिए गए। शिकायत के मुताबिक, निरीक्षक नीरज वधवा ने वसूली गई राशि का हिस्सा अपने उच्च अधिकारियों तक भी पहुंचाया। एसीबी ने मामले में सहायक खाद्य अधिकारी राजेंद्र सिंह और अन्य कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच शुरू कर दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में 24 फसलों पर MSP की गारंटी:सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया; इसमें गेहूं, धान, सरसों और बाजरा की फसल भी शामिल पंजाब के किसान जहां MSP(न्यूनतम समर्थन मूल्य ) गारंटी कानून के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं और केंद्र सरकार से मांग को लेकर हरियाणा-पंजाब के बॉर्डर पर धरने पर बैठे हैं तो वहीं हरियाणा सरकार ने अपने किसानों को 24 फसलों पर MSP गांटरी देने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। हरियाणा सरकार ने साफ मैसेज पंजाब के किसानों को देने की कोशिश की है कि MSP गारंटी केंद्र से नहीं अपनी पंजाब सरकार सरकार से मांगनी चाहिए। खुद हरियाणा के मुख्यमंत्री पंजाब के किसानों से अपील भी कर चुके हैं कि उनको पंजाब सरकार से बातचीत कर बॉर्डर से हट जाना चाहिए और पंजाब में आंदोलन करना चाहिए। बता दें कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी से विधानसभा चुनाव से पहले 24 फसलों पर MSP देने की घोषणा की थी मगर इसका कोई लिखित में कोई प्रावधान नहीं था ऐसे में हरियाणा सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर हरियाणा के किसानों को भरोसे में लेने की कोशिश की है। इन फसलों को एमएसपी पर खरीदेगी सरकार
रागी, सोयाबीन, नाइजरसीड, कुसुम, जौ, मक्का, ज्वार, जूट, खोपरा, ग्रीष्म मूंग, धान, बाजरा, खरीफ मूंग, उर्द, अरहर, तिल, कपास, मूंगफली, गेहूं, सरसों, चना, मसूर, सूरजमुखी और गन्ना। MSP पर पहले से 14 फसलें खरीद रही एजेंसियां
MSP पर पहले से 14 फसलें खरीद रही सरकारी एजेंसियां 10 और फसलों को खरीदेंगी। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजा शेखर वुंडरू ने 24 फसलों की एमएसपी पर खरीद के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले 5 अगस्त को मुख्यमंत्री नायब सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में MSP पर जिन फसलों को खरीदने का निर्णय लिया गया था, अधिसूचना जारी होने से उसे अब सिरे चढ़ाया जा सकेगा। 10 महीने से बॉर्डर पर डटे हैं किसान
बता दें कि पंजाब के किसान केंद्र सरकार से MSP पर गारंटी देने के लिए कानून बनाने की मांग कर रहे हैं और पिछले 10 महीने से आंदोलन कर रहे हैं। इसके कारण हरियाणा-पंजाब के बॉर्डर बंद पड़े हैं। हरियाणा में पंजाब की सीमा से सटे शंभू बॉर्डर (अंबाला) और खनौरी बॉर्डर (जींद) पर किसानों के धरने-प्रदर्शन जारी हैं। जो फसलें नहीं उगाता हरियाणा उस पर भी एमएसपी
विशेष बात यह कि हरियाणा में रागी, सोयाबीन, नाइजरसीड, कुसुम, जूट और खोपरा जैसी फसलें नहीं बोई जाती है, फिर भी इन्हें प्रदेश सरकार ने सूचीबद्ध फसलों में शामिल किया है। मक्का की कीमत आमतौर पर एमएसपी से अधिक होती है। केंद्र सरकार की ओर से भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ), भारतीय कपास निगम (सीसीआई), भारतीय जूट निगम (जेसीआई), केंद्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी), राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नैफेड), राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एनसीसीएफ) विभिन्न फसलों की खरीद करती हैं।
हरियाणा में खेल बजट पर भाजपा Vs कांग्रेस:जेपी दलाल बोले- देश को बांटने वाले JNU को दिया पूरा बजट; दीपेंद्र ने संसद में घेरा
हरियाणा में खेल बजट पर भाजपा Vs कांग्रेस:जेपी दलाल बोले- देश को बांटने वाले JNU को दिया पूरा बजट; दीपेंद्र ने संसद में घेरा खिलाड़ियों के बजट को लेकर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने हैं। रोहतक के सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने संसद में यह मुद्दा उठाया था। इसके बाद हरियाणा के वित्त मंत्री जेपी दलाल ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि शिक्षा का पूरा बजट जेएनयू को दे दिया गया। जहां देश को बांटने वाले पैदा होते हैं। कांग्रेस के पास कुछ नहीं है, इसलिए वे हर चीज में कुछ न कुछ ढूंढ लेते हैं। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने संसद में कहा था कि हरियाणा को खेलो इंडिया के लिए देश के बजट का सिर्फ 3 प्रतिशत मिलता है और गुजरात और उत्तर प्रदेश को 20 प्रतिशत से ज्यादा बजट मिलता है। जबकि मेडल लाने के मामले में हरियाणा के खिलाड़ी पूरे देश में सबसे आगे हैं। यहां के खिलाड़ियों को बजट न देना भेदभाव जैसा लगता है। इसके बाद भाजपा नेता भी इस मुद्दे पर कांग्रेस पर पलटवार करते नजर आ रहे हैं। हरियाणा में सबसे ज्यादा खिलाड़ियों को देते हैं इनाम व सुविधाएं
वित्त मंत्री जेपी दलाल ने गुजरात को हरियाणा के मुकाबले ज्यादा बजट देने को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ये हर चीज में कुछ ना कुछ ढूंढते रहते हैं। हरियाणा के जितना इनाम कोई नहीं देता खिलाड़ियों को। हरियाणा जितनी सुविधाएं कहीं पर नहीं मिलती। जेपी दलाल ने कहा कि हरियाणा के जितने मेडल कोई नहीं लेकर आते। कहने को तो यह भी हो सकता है कि पूरे भारत का शिक्षा का बजट एक यूनिवर्सिटी जवाहर लाल नेहरू के नाम से है, सारा बजट उसमें दे रखा है। जहां देश के टुकड़े-टुकड़े करने वाले पैदा होते हैं।