हरियाणा के सोनीपत में एक मां अपने दो बेटों के साथ आग में झुलस गई। इन तीनों में से एक बेटे की जलने से मौत हो गई है जबकि मां और उसके छोटे बेटे का पीजीआई में इलाज जारी है। आग लगने के कारणों का अभी खुलासा नहीं हुआ है। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस हादसे को लेकर छानबीन कर रही है। मृतक के पिता ने बताया है कि आग अलसुबह लगी थी लेकिन किसी को पता नहीं लगा। उन्हें भी घटना का पता तब लगा जब सुबह वह नींद से उठे। साथ ही उन्होंने बताया कि जब तक उन्हें आग का पता लगा तब तक बड़े बेटे की जलकर मौत हो चुकी थी। चाचा के घर पर था परिवार
जानकारी देते हुए मृतक के चाचा धर्मवीर ने बताया कि वह गोहाना क्षेत्र के गांव धनाना के रहने वाले हैं। इसी गांव में उनके भाई साधुराम अपना नया मकान बनवा रहे थे इसलिए साधुराम का पूरा परिवार उनके ही घर में रह रहा था। धर्मवीर ने बताया कि घर में साधुराम अपनी पत्नी मुन्नी और अपने दो बेटों मुकेश (28) और राहुल (24) के साथ शिफ्ट हुए थे। चूंकी नीचे वाली मंजिल पर दो ही कमरे थे इसलिए एक कमरे में साधुराम और दूसरे कमरे में उनकी पत्नी और दोनों बच्चे सो रखे थे। तभी अलसुबह किसी कारण से कमरे में आग लग गई। आग की चपेट में आने से महिला और उसके दोनों बेटे बुरी तरह से झुलस गए। आंख खुली तो बड़े बेटे की मौत हो चुकी थी
शनिवार सुबह करीब पांच बजे उस कमरे में आग लग गई थी जिस कमरे में महिला अपने दोनों बेचों के साथ सोई हुई थी। इसी दौरान साधुराम की भी आंख भी खुल गई। कमरे में आग लगी देख उसने शोर मचाना शुरू कर दिया। शोर सुनकर आसपास के लोग वहां एकत्रित हो गए और आग बुझाने में जुट गए। ग्रामीणों ने दरवाजा तोड़कर निकाला बाहर
घर में आग लगने की घटना सुबह करीब पांच बजे हुई थी। इस समय मुन्नी देवी और दोनों भाई कमरें में सो रहे थे। इसके चलते कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। ग्रामीण जब आग बुझाने के लिए आए तो उनके सामने अंदर बंद मां-बेटों को बाहर निकालने की चुनौती थी। ग्रामीणों ने कमरे का दरवाजे तोड़कर आग बुझाई और मां-बेटों को बाहर निकाला। आग के कारण मुकेश जल चुका था, जिससे उसकी मौत हो गई थी। जबकि मुन्नी देवी व राहुल बुरी तरह झुलस चुके थे। दोनों का उपचार रोहतक स्थित पीजीआई में चल रहा है। हलवाई का काम करता था मुकेश
साधुराम ने बताया कि वह खेती का काम करता है। वहीं उसका बेटा मुकेश हलवाई का काम करता था। मुकेश शादी और अन्य कार्यक्रमों में हलवाई का काम करता था। जबकि राहुल घर पर ही रहता था। पिता साधुराम के अनुसार मुकेश व राहुल दोनों ही भाईयों की अभी शादी नहीं हुई थी। पीजीआई खानपुर में हुआ पोस्टमॉर्टम
धनाना गांव में आग की सूचना के बाद बरोदा थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची और छानबीन की। मुकेश के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए पीजीआई खानपुर ले जाया गया। पुलिस के जांच अधिकारी राजपाल हुड्डा ने बताया कि शव को पोस्टमॉर्टम के बाद उसके परिजनों के हवाले कर दिया गया है। पुलिस को सुबह गांव धनाना में घर में आग लगने की सूचना मिली थी। आग लगने का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। हरियाणा के सोनीपत में एक मां अपने दो बेटों के साथ आग में झुलस गई। इन तीनों में से एक बेटे की जलने से मौत हो गई है जबकि मां और उसके छोटे बेटे का पीजीआई में इलाज जारी है। आग लगने के कारणों का अभी खुलासा नहीं हुआ है। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस हादसे को लेकर छानबीन कर रही है। मृतक के पिता ने बताया है कि आग अलसुबह लगी थी लेकिन किसी को पता नहीं लगा। उन्हें भी घटना का पता तब लगा जब सुबह वह नींद से उठे। साथ ही उन्होंने बताया कि जब तक उन्हें आग का पता लगा तब तक बड़े बेटे की जलकर मौत हो चुकी थी। चाचा के घर पर था परिवार
जानकारी देते हुए मृतक के चाचा धर्मवीर ने बताया कि वह गोहाना क्षेत्र के गांव धनाना के रहने वाले हैं। इसी गांव में उनके भाई साधुराम अपना नया मकान बनवा रहे थे इसलिए साधुराम का पूरा परिवार उनके ही घर में रह रहा था। धर्मवीर ने बताया कि घर में साधुराम अपनी पत्नी मुन्नी और अपने दो बेटों मुकेश (28) और राहुल (24) के साथ शिफ्ट हुए थे। चूंकी नीचे वाली मंजिल पर दो ही कमरे थे इसलिए एक कमरे में साधुराम और दूसरे कमरे में उनकी पत्नी और दोनों बच्चे सो रखे थे। तभी अलसुबह किसी कारण से कमरे में आग लग गई। आग की चपेट में आने से महिला और उसके दोनों बेटे बुरी तरह से झुलस गए। आंख खुली तो बड़े बेटे की मौत हो चुकी थी
शनिवार सुबह करीब पांच बजे उस कमरे में आग लग गई थी जिस कमरे में महिला अपने दोनों बेचों के साथ सोई हुई थी। इसी दौरान साधुराम की भी आंख भी खुल गई। कमरे में आग लगी देख उसने शोर मचाना शुरू कर दिया। शोर सुनकर आसपास के लोग वहां एकत्रित हो गए और आग बुझाने में जुट गए। ग्रामीणों ने दरवाजा तोड़कर निकाला बाहर
घर में आग लगने की घटना सुबह करीब पांच बजे हुई थी। इस समय मुन्नी देवी और दोनों भाई कमरें में सो रहे थे। इसके चलते कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। ग्रामीण जब आग बुझाने के लिए आए तो उनके सामने अंदर बंद मां-बेटों को बाहर निकालने की चुनौती थी। ग्रामीणों ने कमरे का दरवाजे तोड़कर आग बुझाई और मां-बेटों को बाहर निकाला। आग के कारण मुकेश जल चुका था, जिससे उसकी मौत हो गई थी। जबकि मुन्नी देवी व राहुल बुरी तरह झुलस चुके थे। दोनों का उपचार रोहतक स्थित पीजीआई में चल रहा है। हलवाई का काम करता था मुकेश
साधुराम ने बताया कि वह खेती का काम करता है। वहीं उसका बेटा मुकेश हलवाई का काम करता था। मुकेश शादी और अन्य कार्यक्रमों में हलवाई का काम करता था। जबकि राहुल घर पर ही रहता था। पिता साधुराम के अनुसार मुकेश व राहुल दोनों ही भाईयों की अभी शादी नहीं हुई थी। पीजीआई खानपुर में हुआ पोस्टमॉर्टम
धनाना गांव में आग की सूचना के बाद बरोदा थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची और छानबीन की। मुकेश के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए पीजीआई खानपुर ले जाया गया। पुलिस के जांच अधिकारी राजपाल हुड्डा ने बताया कि शव को पोस्टमॉर्टम के बाद उसके परिजनों के हवाले कर दिया गया है। पुलिस को सुबह गांव धनाना में घर में आग लगने की सूचना मिली थी। आग लगने का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर