हरियाणा सरकार के एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) में अब कर्मचारियों और अधिकारियों की सिफारिशी नियुक्ति नहीं होगी। इस बारे में 23 दिसंबर को ही नियुक्त हुए ACB के नए चीफ ADGP आलोक कुमार मित्तल ने DGP शत्रुजीत कपूर को चिट्ठी भेजी है। जिसमें यह भी कहा गया कि एसीबी में नियुक्ति के लिए अधिकारियों–मंत्रियों के सिफारिश का एडहॉक फैशन के बजाय पारदर्शिता से काम होगा। इसके लिए इच्छुक अधिकारियों–कर्मचारियों को ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आवेदन करने को कहा गया है। यह नियुक्ति डेपुटेशन के आधार पर होगी। ADGP की DGP को लिखी चिट्ठी में क्या…
एंटी करप्शन ब्यूरो में डेप्यूटेशन के इच्छुक अधिकारियों के लिए ACB ने एक पोर्टल बनाया है। ट्रांसफर पॉलिसी के अधीन जो अधिकारी एसीबी के लिए योग्य हैं, वह इस पर ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं। अफसरों और मिनिस्ट्रियल कैडर की तरफ से नाम प्रस्तावित करने के अनौपचारिक फैशन के बजाय यह काम ऑनलाइन पारदर्शिता से होगा। इस पोर्टल का लिंक ACB की ऑफिशियल वेबसाइट www.acb.haryana.gov.in पर दिया गया है। DGP ने सभी अधिकारियों को भेजी सूचना
ACB चीफ ADGP मित्तल ने डीजीपी से अनुरोध किया कि इसके बारे में सभी पुलिस यूनिट को सूचित कर दें ताकि इव्छुक अधिकारी इस पोर्टल के जरिए आवेदन कर सके। इसके बाद DGP ऑफिस से सभी पुलिस कमिश्नर, SP और पुलिस हेडक्वार्टर की ब्रांचों में इसके बारे में सूचना भेज दी गई है। एंटी करप्शन ब्यूरो से जुड़े 3 पॉइंट्स… 1. हरियाणा गठन के बाद 3 बार बदला गया नाम
1 नवंबर 1966 को हरियाणा का गठन हुआ था। इसके एक साल बाद जून 1967 में रिश्वतखोरी पर कार्रवाई के लिए स्टेट विजिलेंस ब्यूरो (SVB) बनाया गया था। इसकी शुरुआत एक विशेष जांच एजेंसी (SIA) के तौर पर हुई थी, बाद में साल 1978 में इसका नाम बदलकर स्टेट विजिलेंस ब्यूरो कर दिया गया। फिर फरवरी, 2023 में इसका नाम बदलकर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो यानी ACB कर दिया गया। यह फैसला तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में डिविजनल विजिलेंस ब्यूरो के पुलिस उप महानिरीक्षकों (डीआईजी) और पुलिस अधीक्षकों के साथ हुई अहम बैठक में लिया गया था। 3. राज्य से जिला स्तर पर एक्टिव किया गया
शुरुआत में ACB राज्य स्तर पर काम करती थी। इसके बाद तत्कालीन सीएम मनोहर लाल ने ही रिश्वत के मामलों पर प्रभावी कार्रवाई के लिए इसे जिला स्तर पर भी एक्टिव किया। अब एसीबी राज्य, मंडल और जिला स्तर पर काम करती है। इसके लिए अलग से नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं। 3. पिछले साल 104 जगह रेड, 155 केस दर्ज किए
ACB ने साल 2024 में 104 जगहों पर रेड की। इसमें 86 सरकारी कर्मचारियों– अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया। जिनमें 6 गजटेड ऑफिसर, 80 अराजपत्रित अधिकारी और 31 निजी व्यक्ति शामिल थे। इन 86 गिरफ्तार आरोपियों से रिश्वत के बदले लिए 88 लाख से ज्यादा रुपए बरामद किए गए। ACB ने इस मामले में 155 केस दर्ज किए। जिनमें 104 केस रंगेहाथों पकड़ने और 51 मामले शिकायत व जांच के बाद दर्ज किए गए। हरियाणा सरकार के एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) में अब कर्मचारियों और अधिकारियों की सिफारिशी नियुक्ति नहीं होगी। इस बारे में 23 दिसंबर को ही नियुक्त हुए ACB के नए चीफ ADGP आलोक कुमार मित्तल ने DGP शत्रुजीत कपूर को चिट्ठी भेजी है। जिसमें यह भी कहा गया कि एसीबी में नियुक्ति के लिए अधिकारियों–मंत्रियों के सिफारिश का एडहॉक फैशन के बजाय पारदर्शिता से काम होगा। इसके लिए इच्छुक अधिकारियों–कर्मचारियों को ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आवेदन करने को कहा गया है। यह नियुक्ति डेपुटेशन के आधार पर होगी। ADGP की DGP को लिखी चिट्ठी में क्या…
एंटी करप्शन ब्यूरो में डेप्यूटेशन के इच्छुक अधिकारियों के लिए ACB ने एक पोर्टल बनाया है। ट्रांसफर पॉलिसी के अधीन जो अधिकारी एसीबी के लिए योग्य हैं, वह इस पर ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं। अफसरों और मिनिस्ट्रियल कैडर की तरफ से नाम प्रस्तावित करने के अनौपचारिक फैशन के बजाय यह काम ऑनलाइन पारदर्शिता से होगा। इस पोर्टल का लिंक ACB की ऑफिशियल वेबसाइट www.acb.haryana.gov.in पर दिया गया है। DGP ने सभी अधिकारियों को भेजी सूचना
ACB चीफ ADGP मित्तल ने डीजीपी से अनुरोध किया कि इसके बारे में सभी पुलिस यूनिट को सूचित कर दें ताकि इव्छुक अधिकारी इस पोर्टल के जरिए आवेदन कर सके। इसके बाद DGP ऑफिस से सभी पुलिस कमिश्नर, SP और पुलिस हेडक्वार्टर की ब्रांचों में इसके बारे में सूचना भेज दी गई है। एंटी करप्शन ब्यूरो से जुड़े 3 पॉइंट्स… 1. हरियाणा गठन के बाद 3 बार बदला गया नाम
1 नवंबर 1966 को हरियाणा का गठन हुआ था। इसके एक साल बाद जून 1967 में रिश्वतखोरी पर कार्रवाई के लिए स्टेट विजिलेंस ब्यूरो (SVB) बनाया गया था। इसकी शुरुआत एक विशेष जांच एजेंसी (SIA) के तौर पर हुई थी, बाद में साल 1978 में इसका नाम बदलकर स्टेट विजिलेंस ब्यूरो कर दिया गया। फिर फरवरी, 2023 में इसका नाम बदलकर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो यानी ACB कर दिया गया। यह फैसला तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में डिविजनल विजिलेंस ब्यूरो के पुलिस उप महानिरीक्षकों (डीआईजी) और पुलिस अधीक्षकों के साथ हुई अहम बैठक में लिया गया था। 3. राज्य से जिला स्तर पर एक्टिव किया गया
शुरुआत में ACB राज्य स्तर पर काम करती थी। इसके बाद तत्कालीन सीएम मनोहर लाल ने ही रिश्वत के मामलों पर प्रभावी कार्रवाई के लिए इसे जिला स्तर पर भी एक्टिव किया। अब एसीबी राज्य, मंडल और जिला स्तर पर काम करती है। इसके लिए अलग से नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं। 3. पिछले साल 104 जगह रेड, 155 केस दर्ज किए
ACB ने साल 2024 में 104 जगहों पर रेड की। इसमें 86 सरकारी कर्मचारियों– अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया। जिनमें 6 गजटेड ऑफिसर, 80 अराजपत्रित अधिकारी और 31 निजी व्यक्ति शामिल थे। इन 86 गिरफ्तार आरोपियों से रिश्वत के बदले लिए 88 लाख से ज्यादा रुपए बरामद किए गए। ACB ने इस मामले में 155 केस दर्ज किए। जिनमें 104 केस रंगेहाथों पकड़ने और 51 मामले शिकायत व जांच के बाद दर्ज किए गए। हरियाणा | दैनिक भास्कर