हरियाणा में भाजपा की राज्यसभा सांसद किरण चौधरी ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर एक वीडियो पोस्ट की। जिसके माध्यम से उन्होंने कांग्रेस पर तीखा हमला बोल। किरण चौधरी ने पोस्ट में लिखा कि “कांग्रेस सिर्फ विरोध की राजनीति करती है।” राज्यसभा सांसद किरण चौधरी ने कहा कि चुनाव में कांग्रेस की हार हो चुकी है। पहले हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ा गया, यहां तक कि कमेटी बना दी। लेकिन यह नहीं देखते कि पार्टी के अंदर फूट क्या थी। अंदर खाते किसने-किसको मारा। कैसे टिकट बंटवारा किया। जो असलियत पर तो नजर डालते नहीं। खाली खानापूर्ति करने के लिए कमेटी बना देते हैं और वह कमेटी कहती है कि वहां ईवीएम के इतने नंबर आए। सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया है कि ईवीएम पूरी तरह से सुरक्षित है। जहां इनकी खुद की सरकार बन जाती है तो वहां पर ईवीएम पर निशाना नहीं होता। जब खोखलापन आ जाता है तो यह शुरू हो जाता है। कांग्रेस ने 87 बार संविधान से छेड़छाड़ की किरण चौधरी ने कहा कि जिस पार्टी के दिशा-निर्देश ना हो तो वह इस तरह करती है। लोगों को यह बताएं कि काम क्या करना है, तो ही लोग विश्वास करेंगे। खाली विरोध की राजनीति जब करते हैं, और वह भी बाबा साहेब अंबेडकर के ऊपर तो यह भ्रमित करने वाली है। किरण चौधरी ने कहा कि कांग्रेस ने बाबा साहेब अंबेडकर के लिए कभी कुछ नहीं किया। वह सामने आ चुका है। आज तक संविधान को कुछ नहीं हुआ। सच्चाई यह है कि संविधान के साथ छेड़छाड़ की गई है, तो आर्टिकल 356 से कांग्रेस ने 87 बार छेड़छाड़ की है। हरियाणा में भाजपा की राज्यसभा सांसद किरण चौधरी ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर एक वीडियो पोस्ट की। जिसके माध्यम से उन्होंने कांग्रेस पर तीखा हमला बोल। किरण चौधरी ने पोस्ट में लिखा कि “कांग्रेस सिर्फ विरोध की राजनीति करती है।” राज्यसभा सांसद किरण चौधरी ने कहा कि चुनाव में कांग्रेस की हार हो चुकी है। पहले हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ा गया, यहां तक कि कमेटी बना दी। लेकिन यह नहीं देखते कि पार्टी के अंदर फूट क्या थी। अंदर खाते किसने-किसको मारा। कैसे टिकट बंटवारा किया। जो असलियत पर तो नजर डालते नहीं। खाली खानापूर्ति करने के लिए कमेटी बना देते हैं और वह कमेटी कहती है कि वहां ईवीएम के इतने नंबर आए। सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया है कि ईवीएम पूरी तरह से सुरक्षित है। जहां इनकी खुद की सरकार बन जाती है तो वहां पर ईवीएम पर निशाना नहीं होता। जब खोखलापन आ जाता है तो यह शुरू हो जाता है। कांग्रेस ने 87 बार संविधान से छेड़छाड़ की किरण चौधरी ने कहा कि जिस पार्टी के दिशा-निर्देश ना हो तो वह इस तरह करती है। लोगों को यह बताएं कि काम क्या करना है, तो ही लोग विश्वास करेंगे। खाली विरोध की राजनीति जब करते हैं, और वह भी बाबा साहेब अंबेडकर के ऊपर तो यह भ्रमित करने वाली है। किरण चौधरी ने कहा कि कांग्रेस ने बाबा साहेब अंबेडकर के लिए कभी कुछ नहीं किया। वह सामने आ चुका है। आज तक संविधान को कुछ नहीं हुआ। सच्चाई यह है कि संविधान के साथ छेड़छाड़ की गई है, तो आर्टिकल 356 से कांग्रेस ने 87 बार छेड़छाड़ की है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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अंबाला में पिता कांग्रेस प्रत्याशी और बेटी बागी:निर्मल सिंह ने चित्रा के नामांकन से झाड़ा पल्ला, बोल- वो शादीशुदा-उसका खुद का फैसला हरियाणा के अंबाला में कांग्रेस नेत्री चित्रा सरवारा के आजाद नॉमिनेशन करने पर पिता निर्मल सिंह ने पल्ला झाड़ लिया है। चित्रा के पिता निर्मल सिंह को कांग्रेस ने अंबाला सिटी से टिकट दिया है, जबकि चित्रा भी टिकट के इंतजार में थी, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। जिसके बाद चित्रा सरवारा बगावती तेवर दिखाते हुए इंडिपेंडेंट कैंडिडेट के तौर पर मैदान में उतर गई, और अंबाला कैंट सीट से अपना नामांकन दाखिल कर दिया। बता दें कि बीते जनवरी माह में दोनों ने आम आदमी पार्टी को अलविदा कहकर कांग्रेस में वापसी कर ली थी। वहीं चित्रा के आजाद प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल करने पर पिता ने अपना पक्ष रखा और अपना बचाव करते हुए कहा कि उनकी बेटी शादीशुदा है और ये उसका खुद का फैसला है। ऐसे में जहां कांग्रेस ने बेटी के पिता को टिकट दिया, वहीं बेटी ने टिकट न मिलने पर तेवर तल्ख कर लिए। पिता-पुत्री की राजनीति ने अंबाला के गलियारों में हलचल मचा दी है और हर तरफ इसी की चर्चा है। 5 जनवरी को छोड़ दी थी AAP कांग्रेस से अपनी राजनीति की शुरुआत करने वाले निर्मल सिंह ने अपनी बेटी चित्रा के साथ कांग्रेस छोड़ने के बाद करीब 2 साल तक आम आदमी पार्टी में अपनी सेवाएं दी। लेकिन बीती 5 जनवरी को उन्होंने AAP को अलविदा कह दिया और भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष उदय भान के नेतृत्व में कांग्रेस जॉइन कर ली थी। AAP छोड़ने का दोनों ने निजी कारण बताया था। सूत्रों के हवाले से कारण सामने आए थे कि निर्मल सिंह ने AAP की सीनियर लीडरशिप से इसी साल होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव में 2 सीटों की डिमांड की थी। वह खुद अंबाला सिटी से चुनाव लड़ना चाहते थे और बेटी चित्रा सरवारा के लिए अंबाला कैंट सीट से टिकट चाहते थे। पार्टी इसके हक में नहीं थी। AAP की सीनियर लीडरशिप चाहती थी कि निर्मल सिंह विधानसभा चुनाव की जगह लोकसभा चुनाव लड़ें। पार्टी ने उन्हें इसके लिए तैयारी करने को भी कह दिया था। नंगल की सीट से 4 बार के विधायक रहे चुके है निर्मल निर्मल सिंह कांग्रेस के टिकट पर अंबाला की नंगल सीट से 4 बार विधायक रह चुके हैं। निर्मल सिंह को अंबाला जिले में ‘प्रधानजी’ के नाम से बुलाया जाता है। निर्मल सिंह लंबे समय तक कांग्रेस में रहे हैं, इसलिए उनके दिल्ली में बैठे कांग्रेस के आला नेताओं के साथ-साथ हरियाणा के पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा से भी अच्छे संबंध हैं। इन्हीं संबंधों का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने कांग्रेस जॉइन कर ली थी। 2019 में हारे पिता-पुत्री वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने पर निर्मल सिंह ने बेटी चित्रा सरवारा के साथ कांग्रेस छोड़कर अपनी पार्टी बना ली और निर्दलीय चुनाव लड़ा, लेकिन दोनों ही हार गए। वर्ष 2022 में नई दिल्ली में खुद अरविंद केजरीवाल ने दोनों को आम आदमी पार्टी जॉइन करवाई। चित्रा को AAP ने अपनी हरियाणा इकाई का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया। निर्मल सिंह की गिनती भी हरियाणा में AAP के सीनियर नेताओं में होती थी, लेकिन दोनों ने अचानक पार्टी छोड़कर सबको चौंका दिया था। इस बार कांग्रेस ने निर्मल सिंह को तो टिकट दे दिया। लेकिन चित्रा का टिकट काट दिया और चित्रा ने नाराज होकर आजाद उम्मीदवार के तौर पर ही अंबाला कैंट सीट से नामांकन भर दिया।
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दुष्यंत बोले-मैं BJP के साथ नहीं जाऊंगा:INDIA गठबंधन में जाने को तैयार, केंद्रीय मंत्री खट्टर बोले- किसने बुलाया उनको “मैं अब भाजपा के साथ नहीं जाऊंगा, जिनकी वजह से उनकी पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा। मैं एनडीए में रहा हूं। हमने साढ़े 4 साल तक उनका साथ दिया। शायद ही देश की कोई और पार्टी इतने लंबे समय तक उनका साथ दिया हो, लेकिन हमें सम्मान नहीं मिला। हमारा उनसे कोई झगड़ा नहीं था। हमने उनसे कहा था कि हमें कोई लोकसभा सीट नहीं चाहिए, बस पेंशन बढ़ाकर 5100 रुपए कर दीजिए। लेकिन न तो उन्होंने पेंशन बढ़ाकर 5100 रुपए करने की बात की और न ही सीट बंटवारे पर कोई सहमति बनी। उन्होंने अपना रास्ता चुना और हम भी अलग हो गए।” हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम और जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने एक मीडिया एजेंसी को दिए इंटरव्यू में यह बात कही। उन्होंने INDIA गठबंधन के साथ गठजोड़ पर कहा कि देखते हैं अगर हमारे पास संख्या होती है और हां अगर हमारी पार्टी को प्राथमिकता दी जाती है तो क्यों नहीं। दुष्यंत के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि किसने बुलाया उनको। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से भाजपा तीसरी बार हरियाणा में सरकार बनाएगी, एक नया रिकॉर्ड बनेगा। हम हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में जीत हासिल करेंगे। अब पढ़िए दुष्यंत चौटाला के इंटरव्यू की 5 अहम बातें… 1. मेरी कोई गलती है तो मैं माफी मांग रहा हूं
लोकसभा चुनाव में मिली हार पर दुष्यंत ने कहा-हम आज भी कॉन्फिडेंस में है। जो होना था हो गया, जो गुस्सा था वो निकल गया। हरियाणा में एक कहावत है, आपने को मारे तो छाया में गैरों, मतलब अगर कोई अपना मारता है तो उसे धूप से बचाने के लिए छाया में डालता है। मेरी कोई गलती है तो मैं माफी मांग रहा हूं। क्योंकि हरियाणा के 2 करोड़ लोग मेरे अपने हैं। ये कोई तमिलनाडु से थोड़े आए हैं। मुझे लगता है कि मुझे गले लगाएंगे। 2. जातिगत जनगणना होनी चाहिए
दुष्यंत चौटाला ने इंटरव्यू के दौरान जातिगत जनगणना पर भी बात की। उन्होंने कहा- जातिगत जनगणना होनी चाहिए। ताकि देश के लोगों को सब कुछ पता चल सके। कई देशों में जातिगत जनगणना भी होती है। मुझे हैरानी है कि 2020 में देश में जातिगत जनगणना के अलावा जनसंख्या भी होनी थी। प्रधानमंत्री देश में 140 करोड़ लोगों की बात करते हैं, कोई 141 करोड़ की बात करता है। सबसे पहले जनसंख्या गणना भी होनी चाहिए, ताकि असली आंकड़ा पता चल सकें। क्योंकि प्रधानमंत्री अपने भाषणों में कहते हैं कि हमने इतने लाख लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला है। उदाहरण के तौर पर बता दूं कि जब मेरे पास हरियाणा में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्रालय था। 12 लाख नए बीपीएल कार्ड बनाए गए थे। अब देखिए जनसंख्या का सही आंकड़ा न होने के कारण दोनों में कितना अंतर है। 3. विधानसभा चुनाव में मुद्दे अलग हैं
दुष्यंत ने कहा कि हर विधानसभा में हमारा संगठन और कार्यकर्ता है। पिछली बार जब लोकसभा में उतरे तो हमें कोई सीट नहीं मिली, लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में हमारी पार्टी ने 10 सीटें जीती थी। 2024 के लोकसभा चुनाव में भी हमने बहुत अच्छा किया। छोटी-पर्ची (विधानसभा चुनाव) और बड़ी पर्ची (लोकसभा चुनाव) का जिक्र करते हुए दुष्यंत ने कहा-लोकसभा में मुद्दे और एजेंडा अलग थे, लेकिन छोटी पर्ची यानी विधानसभा चुनाव में मुद्दे अलग हैं। नायब सैनी के कार्यकाल में बढ़े क्राइम से लेकर अन्य तमाम मुद्दे हैं। 4. छोटे स्वार्थ में वर्षों के याराने गए
पिछले कुछ दिनों में दुष्यंत चौटाला की पार्टी के 6 विधायक उनका साथ छोड़ चुके हैं। इस पर दुष्यंत चौटाला ने अपने दादा का एक शेयर सुनाते हुए तंज कसा। उन्होंने कहा-‘छोटे से स्वार्थ के लिए वर्षों के याराने गए, अच्छा हुआ ऐ दोस्त कुछ नकली चेहरे पहचाने गए। ताकत होगी तो लोग साथ आएंगे और कमजोरी होगी तो छोड़ भी जाएंगे, लेकिन मुझे उम्मीद है कि जनता हमें ताकत देगी और फिर से नए चेहरे आएंगे। उन्होंने कहा- मैंने कहा था कि जिस दिन केंद्र सरकार एमएसपी को नुकसान पहुंचाएगी, मैं अलग हो जाऊंगा। मैं प्रधानमंत्री से भी दो बार मिला था। मैंने उनसे भी कहा था कि हम एमएसपी पर समझौता नहीं करेंगे। इसके बावजूद एक आंदोलन खड़ा किया गया। जिसमें दुष्यंत को निशाना बनाया गया। 5. नायब सैनी ने मनोहर के कामों पर यू-टर्न लिए
दुष्यंत चौटाला ने कहा- जब मैंने हरियाणा में सिविल एविएशन डिपार्टमेंट का जिम्मा संभाला तो ताजुब की बात है सिर्फ 38 करोड़ रुपए का बजट था। जब मैंने अधिकारियों से पूछा तो बताया गया कि 48 लोगों का स्टाफ है। ये सिर्फ मुख्यमंत्री के हेलिकॉप्टर और जहाज तक ही सीमित थे, लेकिन हिसार एयरपोर्ट मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट था। हमने सिविल एविएशन डिपार्टमेंट के जरिए बड़े स्तर पर काम किया और जब मैंने डिपार्टमेंट छोड़ा तो इसका बजट 3 हजार 982 करोड़ रुपए था। जब नायब सैनी मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने पहली कैबिनेट बैठक में 94 दिन का विजन पेश किया, लेकिन 2-3 दिन बाद ही लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई। नायब सैनी मनोहर के कामों पर यू-टर्न लेने में लगे हैं। अगर नायब सैनी को सिर्फ इतना ही टर्न लेने के लिए लाया गया था तो बेहतर होता कि मनोहर लाल खुद उनसे यू-टर्न ले लेते।
भिवानी में नहर में डूबने से युवक की मौत:गर्मी में नहाने गए 3 दोस्तों को बचाया गया; दो बच्चों का पिता था
भिवानी में नहर में डूबने से युवक की मौत:गर्मी में नहाने गए 3 दोस्तों को बचाया गया; दो बच्चों का पिता था हरियाणा के भिवानी में भीषण गर्मी के दौरान नहाने गए चार दोस्त नहर में डूब गए। 3 युवकों को तो लोगों ने सकुशल नहर से निकाल लिया गया, जबकि एक युवक की डूबने से मौत हो गई। उसके शव को गोताखोरों ने बड़ी मुश्किल से ढूंढ कर नहर से निकाला। उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए नागरिक अस्पताल में पहुंचाया गया है। सदर थाना पुलिस द्वारा कार्रवाई की जा रही है। भिवानी की रायसिंह ढाणी निवासी राजा ने बताया कि वह तीन भाई हैं। तीनों भाई शादीशुदा हैं। उसने बताया कि उसका छोटा भाई 27 वर्षीय राहुल सोमवार शाम को घर वालों को बिना बताए अपने दोस्तों करण, सुमित व दिनेश के साथ नहाने के लिए तोशाम बाइपास स्थित डाबर वाली नहर पर गया था। देर शाम तक वह वापस घर नहीं आया तो खोजबीन शुरू की। इसी दौरान सूचना मिली कि राहुल डाबर नहर में डूब गया है। परिवार के लोग आस-पड़ोस के लोगों के साथ मौके पर पहुंचे। छलांग लगाने के बाद बाहर नहीं आया राहुल उसके साथ नहाने गए दोस्तों ने बताया कि राहुल ने नहर में छलांग लगाई तो वह बाहर नहीं आया। उसे ढूंढने के लिए करण, सुमित व दिनेश ने गहरे पानी में छलांग लगा दी तो वह भी डूबने लगे। इन तीनों को तो वहां नहा रहे अन्य लोगों ने बचा लिया। आज निकाला गया शव नहर से गौताखोरों ने आज राहुल के शव को मुश्किल से ढूंढा। शव को स्थानीय लोगों की मदद से बाहर निकाल कर नागरिक अस्पताल पहुंचाया। सदर थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घटना की छानबीन कर शव का पोस्टमार्टम करवाया। पुलिस ने इत्फ़ाकिया मौत की कार्रवाई की है। दो बच्चों का पिता है मृतक मृतक के भाई राजा ने बताया कि उसका भाई राहुल दो बच्चों का पिता है। वह फुटपाथ पर कपड़े बेचने का काम करता था।