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हरियाणा की पहलवान छोरी विनेश फोगाट ओलिंपिक फाइनल में:ससुराल और मायके में जश्न, ससुर बोले- बहू गोल्ड मेडल जरूर जीतेगी
हरियाणा की पहलवान छोरी विनेश फोगाट ओलिंपिक फाइनल में:ससुराल और मायके में जश्न, ससुर बोले- बहू गोल्ड मेडल जरूर जीतेगी हरियाणा की पहलवान विनेश फोगाट ने पेरिस ओलिंपिक में इतिहास रच दिया। मंगलवार को उन्होंने 50 kg वेट कैटेगरी के सेमीफाइनल में क्यूबा की पहलवान गुजमान लोपेजी को हराया। विनेश फोगाट ओलिंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गई हैं। आज रात 10 बजे के बाद विनेश फाइनल मुकाबला खेलेंगी। इससे पहले, विनेश ने प्री क्वार्टर फाइनल में वर्ल्ड चैंपियन युई सुसाकी को अंतिम 10 सेकेंड में हराया। सुसाकी की इंटरनेशनल मैच में यह पहली हार थी। क्वार्टर फाइनल में विनेश ने यूक्रेन की ओकसाना को 7-5 से हराया। विनेश फोगाट की जीत के बाद ससुराल और मायके में जश्न का माहौल है। विनेश के ससुर राजपाल राठी ने कहा कि बहू गोल्ड मेडल जरूर जीतेगी। वहीं नेता और खिलाड़ी भी विनेश को बधाई दे रहे हैं।
यूपी में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति के परिजानों की जमीन शत्रु संपत्ति घोषित, हो गया था फर्जीवाड़ा
यूपी में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति के परिजानों की जमीन शत्रु संपत्ति घोषित, हो गया था फर्जीवाड़ा <p><strong>UP News:</strong> पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के परिजन नुरू की शत्रु संपत्ति नीलाम होने के बाद कोताना गांव में ही लगभग 66 बीघा कृषि भूमि को और शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया है. यह संपत्ति अब्दुल रहमान की थी, जो वर्ष 1970 में गांव छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे. वर्ष 2010 से ही इस भूमि को शत्रु संपत्ति को घोषित करने की प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन कुछ लोग फर्जीवाड़ा कर अदालत चले गए थे. </p>
<p>प्रशासन का दावा है कि अदालत ने वाद का समाधान कर दिया है, जिसके बाद अब पूर्ण रूप से 66 बीघा भूमि को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया है. जल्द ही नीलामी की प्रक्रिया अमल में लायी जाएगी. पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के परिजन नुरू के बाद कोताना गांव के ही रहने वाले अब्दुल रहमान पुत्र मजीद भी अपने परिवार के लोगों के साथ गांव छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे. </p>
<p><strong>कई साल बाद सुलझा मामला</strong><br />लेकिन उनके नाम गांव में लगभग 66 बीघा कृषि भूमि रह गई थी. बाद में इसमें से कुछ भूमि को फर्जीवाड़ा कर कई लोगों ने अपना नाम दर्ज करवा लिया था और बैनामा कर बेच भी दिया था. इसी के आधार पर लोग अदालत भी चले गए थे, लेकिन अदालत ने कई साल पहले वाद का निस्तारण कर दिया था. </p>
<p>सरकार की ओर से इस भूमि को शत्रु संपत्ति घोषित करने की प्रक्रिया वर्ष 2010 से चल रही थी, लेकिन तहसील में यह फाइल दबी रही. कुछ दिन पहले कोताना गांव में जब पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के परिजन नुरू की 13 बीघा शत्रु संपत्ति नीलाम हुई तो सरकार की निगाह अब्दुल रहमान की 66 बीघा भूमि पर भी पड़ी, जिसके बाद डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने दबी फाइल को निकलवाकर इस भूमि को शुत्र संपत्ति घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कराई. अब इस भूमि को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया है. </p>
<p><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/meerut-crime-news-father-troubled-by-his-son-alcohol-addiction-murder-him-ann-2790598″>Crime News: बेटे की शराब की लत से परेशान पिता ने पीट-पीट कर की हत्या, जाने कैसे हुआ खुलासा</a><br /></strong></p>
<p><strong>क्या है मांग</strong><br />पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के परिजन नुरू की शत्रु संपत्ति के 1.38 करोड़ रुपये में नीलाम हुई और अब अब्दुल रहमान की शत्रु संपत्ति के रूप में 66 बीघा भूमि नीलाम होगी. जिसकी कीमत कई करोड़ रुपये होगी. इन रुपयों को राष्ट्रहित के निर्माण में लगाया जाना चाहिए. ऐसी मांग बागपत के लोग मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> और प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> से कर रहे हैं. </p>
<p>छह सितंबर को पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के परिजन नुरू की 13 बीघा भूमि यानी शत्रु संपत्ति को 1.38 करोड़ रुपये में नीलाम कर दिया था. शत्रु संपत्ति बिकने के बाद परवेज मुशर्रफ और उसके परिजन नुरू का नाम कोताना से हमेशा के लिए खत्म हो गया है. कोताना गांव के रहने वाले नुरू वर्ष 1965 में पाकिस्तान चले गए थे. नुरू के नाम से गांव में लगभग 13 बीघा भूमि थी. सरकार ने वर्ष 2010 में शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया था. <br />(बागपत से गौरव की रिपोर्ट)</p>
हिमाचल में आज बारिश और फ्लैश फ्लड का अलर्ट:मानसून सीजन में सामान्य से 42% कम बारिश, संकट में सेब की फसल
हिमाचल में आज बारिश और फ्लैश फ्लड का अलर्ट:मानसून सीजन में सामान्य से 42% कम बारिश, संकट में सेब की फसल हिमाचल प्रदेश में आज भारी बारिश और अचानक बाढ़ (फ्लैश फ्लड) का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग की ओर से जारी चेतावनी के बीच बीती रात कांगड़ा जिले में भारी बारिश हुई। मंडी और ऊना के कुछ इलाकों में भी बारिश हुई है। कांगड़ा में 151.8 मिमी और धर्मशाला में 136.6 मिमी बारिश हुई है। पालमपुर में 112.4 मिमी, नगरोटा सूरियां में 99.6 मिमी, धौलाकुंआ में 82.5 मिमी, जोगिंद्रनगर में 52.0 मिमी, गुलेड़ में 46.4 मिमी और सुंदरनगर में 44.7 मिमी बारिश हुई है। वहीं चेतावनी के बावजूद कुछ अन्य इलाकों में बारिश नहीं हुई है। इस बार मानसून की गति प्रदेश में प्रवेश के बाद से धीमी पड़ गई है। बार-बार अचानक बाढ़ और भारी बारिश की चेतावनी के बावजूद अच्छी बारिश नहीं हो रही है। प्रदेश में पूरे मानसून सीजन के दौरान सामान्य से 42 फीसदी कम बारिश हुई है। इसका असर सेब के साथ-साथ किसानों की नगदी फसलों पर भी पड़ रहा है। आज इन जिलों में चेतावनी मौसम विभाग ने आज मंडी, कांगड़ा और चंबा में भी अचानक बाढ़ की चेतावनी जारी की है। इस तरह मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया था। लेकिन पिछले 24 घंटों के दौरान कुछ जगहों पर ही हल्की बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार 28 मई तक राज्य में बारिश की संभावना है। 26 से 28 जुलाई तक भारी बारिश का पूर्वानुमान है। सभी जिलों में नॉर्मल से कम बरसात हिमाचल में एक भी जिला ऐसा नहीं है जहां नॉर्मल से ज्यादा बादल बरसे हों। चंबा, किन्नौर, लाहौल स्पीति, सिरमौर और ऊना जिला में तो 50 प्रतिशत से भी कम बारिश इस मानसून सीजन में हुई है। प्रदेश में एक जून से 23 जुलाई के बीच 275.4 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है। मगर इस बार 159.5 मिलीमीटर ही बादल बरसे है। लाहौल स्पीति जिला में तो नॉर्मल से 75 प्रतिशत, सिरमौर जिला में 58 प्रतिशत और चंबा में भी सामान्य से 54 प्रतिशत कम बादल बरसे हैं। 5500 करोड़ के सेब उद्योग पर संकट राज्य में बारिश की कमी के कारण 5500 करोड़ रुपये का सेब उद्योग खतरे में है। सेब के बगीचे विभिन्न बीमारियों की चपेट में आ गए हैं। सूखे के कारण सेब का आकार ठीक नहीं हो पा रहा है। इससे उत्पादन में गिरावट आएगी। मिट्टी में पर्याप्त नमी न होने के कारण सेब के दाने फटने लगे हैं। इसी तरह किसानों की टमाटर, फूलगोभी, पत्तागोभी, शिमला मिर्च जैसी नगदी फसलें सूखे से प्रभावित हो रही हैं।