गुरदासपुर में 2 महीने की बच्ची की मौत:दादा बोले- डॉक्टर ने बीमार को ठीक बताया, इंजेक्शन लगाया, सूजन आई

गुरदासपुर में 2 महीने की बच्ची की मौत:दादा बोले- डॉक्टर ने बीमार को ठीक बताया, इंजेक्शन लगाया, सूजन आई

गुरदासपुर में एक परिवार ने निजी अस्पताल के डॉक्टर पर दो माह की बच्ची का गलत इलाज करने के आरोप लगाए है। बच्ची की इलाज के दौरान मौत होने के बाद परिवार ने अस्पताल के बाहर हंगामा करते हुए अस्पताल के मुख्य गेट के बाहर धरना लगा दिया। मृतक बच्ची के दादा जीवन कुमार निवासी गांव तलवंडी ने बताया कि उन्होंने अपनी पोती को 20 दिसंबर को गुरदासपुर के एक निजी बच्चों के अस्पताल में दाखिल करवाया था। वह दूध नहीं पीती थी। अस्पताल के डॉक्टर चेतन नंदा ने कुछ दिन की दवाइयां देकर कहा कि बच्ची बिल्कुल ठीक ठाक है, मगर 6 दिन दवा खाने के बाद वह ठीक नहीं हुई तो फिर से उसे इसी डॉक्टर के पास लाया गया। डॉक्टर ने फिर से उसे कुछ दिन दवा दे दी, मगर बच्ची को कोई फर्क नहीं पड़ा तो डॉक्टर ने 1 जनवरी को उसे अस्पताल में एडमिट कर लिया गया और सभी टेस्ट, स्केनिंग करवाने के बाद कहा कि यह बिल्कुल ठीक ठाक है, मगर इसका कुछ दिन अस्पताल में इलाज चलेगा। इंजेक्शन से हुआ रिएक्शन
बच्ची के दादा ने आरोप लगाया कि इस दौरान बच्ची को एक ऐसा इंजेक्शन लगा दिया गया, जो शायद उसे रिएक्शन कर गया और उसके शरीर पर सूजन शुरू हो गई और सख्त हो गया। इसके बाद 6 जनवरी को डॉक्टर ने उन्हें बकाया पेमेंट जमा करवाने के लिए कहा और कहा कि लड़की का ऑपरेशन होगा। इसे पीजीआई में ले जाए और साथ ही सभी प्राइवेट डॉक्टर अपने अस्पताल में बुला लिए। बाद में बच्ची को अमृतसर के एक अस्पताल में रेफर कर दिया गया, जहां पर साढ़े 11 बजे पहुंचे। बच्ची के दादा का कहना है कि इलाज के दौरान अमृतसर के डॉक्टर ने स्वीकार किया कि बच्ची को पहली गलत इलाज दिया गया है। जिसके चलते उसकी हालत बिगड़ी है। परिवार के पास सबूत भी है। उन्होंने मांग की कि अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उधर बच्ची का इलाज करने वाले डॉक्टर चेतन नंदा का कहना है कि बच्चा जन्म के समय ही कई बीमारियों से ग्रस्त था और उसका दिल भी कमजोर था। परिवार उसे उनके पास लेकर आया था, मगर वह कई दिनों से दूध नहीं पी रहा था। इसके बारे में परिवार को पहले ही बता दिया जा चुका था कि उसकी हालत गंभीर है, मगर परिवार ने बच्चे का उपचार करने की मिन्नतें की तो उन्होंने इलाज शुरू किया था। इसमें उनकी किसी भी तरह की लापरवाही नहीं है। उसकी मौत का कारण भी कई दिनों से दूध न पीने पर इन्फेक्शन है। गुरदासपुर में एक परिवार ने निजी अस्पताल के डॉक्टर पर दो माह की बच्ची का गलत इलाज करने के आरोप लगाए है। बच्ची की इलाज के दौरान मौत होने के बाद परिवार ने अस्पताल के बाहर हंगामा करते हुए अस्पताल के मुख्य गेट के बाहर धरना लगा दिया। मृतक बच्ची के दादा जीवन कुमार निवासी गांव तलवंडी ने बताया कि उन्होंने अपनी पोती को 20 दिसंबर को गुरदासपुर के एक निजी बच्चों के अस्पताल में दाखिल करवाया था। वह दूध नहीं पीती थी। अस्पताल के डॉक्टर चेतन नंदा ने कुछ दिन की दवाइयां देकर कहा कि बच्ची बिल्कुल ठीक ठाक है, मगर 6 दिन दवा खाने के बाद वह ठीक नहीं हुई तो फिर से उसे इसी डॉक्टर के पास लाया गया। डॉक्टर ने फिर से उसे कुछ दिन दवा दे दी, मगर बच्ची को कोई फर्क नहीं पड़ा तो डॉक्टर ने 1 जनवरी को उसे अस्पताल में एडमिट कर लिया गया और सभी टेस्ट, स्केनिंग करवाने के बाद कहा कि यह बिल्कुल ठीक ठाक है, मगर इसका कुछ दिन अस्पताल में इलाज चलेगा। इंजेक्शन से हुआ रिएक्शन
बच्ची के दादा ने आरोप लगाया कि इस दौरान बच्ची को एक ऐसा इंजेक्शन लगा दिया गया, जो शायद उसे रिएक्शन कर गया और उसके शरीर पर सूजन शुरू हो गई और सख्त हो गया। इसके बाद 6 जनवरी को डॉक्टर ने उन्हें बकाया पेमेंट जमा करवाने के लिए कहा और कहा कि लड़की का ऑपरेशन होगा। इसे पीजीआई में ले जाए और साथ ही सभी प्राइवेट डॉक्टर अपने अस्पताल में बुला लिए। बाद में बच्ची को अमृतसर के एक अस्पताल में रेफर कर दिया गया, जहां पर साढ़े 11 बजे पहुंचे। बच्ची के दादा का कहना है कि इलाज के दौरान अमृतसर के डॉक्टर ने स्वीकार किया कि बच्ची को पहली गलत इलाज दिया गया है। जिसके चलते उसकी हालत बिगड़ी है। परिवार के पास सबूत भी है। उन्होंने मांग की कि अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उधर बच्ची का इलाज करने वाले डॉक्टर चेतन नंदा का कहना है कि बच्चा जन्म के समय ही कई बीमारियों से ग्रस्त था और उसका दिल भी कमजोर था। परिवार उसे उनके पास लेकर आया था, मगर वह कई दिनों से दूध नहीं पी रहा था। इसके बारे में परिवार को पहले ही बता दिया जा चुका था कि उसकी हालत गंभीर है, मगर परिवार ने बच्चे का उपचार करने की मिन्नतें की तो उन्होंने इलाज शुरू किया था। इसमें उनकी किसी भी तरह की लापरवाही नहीं है। उसकी मौत का कारण भी कई दिनों से दूध न पीने पर इन्फेक्शन है।   पंजाब | दैनिक भास्कर