लुधियाना के खन्ना में बदमाशों ने पहले युवक पर तेजधार हथियारों से हमला किया। फिर उसे किडनैप करके ले गए। जहां उन्होंने दोबारा से मारपीट की। बाद में उसे अधमरा करके एक निजी अस्पताल के पास फेंककर फरार हो गए। इसका वीडियो भी सामने आया है। घटना जीटीबी मार्केट की है। घायल की पहचान ललित जोशी निवासी नई आबादी खन्ना के तौर पर हुई। जिसे सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जानकारी अनुसार ललित जोशी अपने दोस्तों के साथ जीटीबी मार्केट में खड़ा था। वहां एक लड़की आकर उनसे बातचीत करती है। तभी कार में 4-5 युवक आते हैं और आते ही तलवारों से ललित जोशी पर हमला कर देते हैं। अधमरा करके अस्पताल के पास फेंका घायल हालत में ललित को कार में किडनैप करके ले जाते हैं। इसके बाद मलेरकोटला रोड पर गांव माजरी के पास रोड के ऊपर ही उससे मारपीट करते हैं। फिर उसे बसंत नगर खन्ना में सहारा अस्पताल के पास फेंक फरार हो जाते हैं। एक अन्य वीडियो सामने आई है। जिसमें खून से लथपथ ललित खुद अस्पताल में जाने की कोशिश करता है। लेकिन अस्पताल के बाहर ही बेहोश होकर गिर जाता है। फिर राहगीर उसे संभालते हैं। मामले की जांच कर रही पुलिस डीएसपी अमृतपाल सिंह भाटी ने कहा कि घायल के बयान दर्ज करके केस रजिस्टर किया जा रहा है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। लुधियाना के खन्ना में बदमाशों ने पहले युवक पर तेजधार हथियारों से हमला किया। फिर उसे किडनैप करके ले गए। जहां उन्होंने दोबारा से मारपीट की। बाद में उसे अधमरा करके एक निजी अस्पताल के पास फेंककर फरार हो गए। इसका वीडियो भी सामने आया है। घटना जीटीबी मार्केट की है। घायल की पहचान ललित जोशी निवासी नई आबादी खन्ना के तौर पर हुई। जिसे सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जानकारी अनुसार ललित जोशी अपने दोस्तों के साथ जीटीबी मार्केट में खड़ा था। वहां एक लड़की आकर उनसे बातचीत करती है। तभी कार में 4-5 युवक आते हैं और आते ही तलवारों से ललित जोशी पर हमला कर देते हैं। अधमरा करके अस्पताल के पास फेंका घायल हालत में ललित को कार में किडनैप करके ले जाते हैं। इसके बाद मलेरकोटला रोड पर गांव माजरी के पास रोड के ऊपर ही उससे मारपीट करते हैं। फिर उसे बसंत नगर खन्ना में सहारा अस्पताल के पास फेंक फरार हो जाते हैं। एक अन्य वीडियो सामने आई है। जिसमें खून से लथपथ ललित खुद अस्पताल में जाने की कोशिश करता है। लेकिन अस्पताल के बाहर ही बेहोश होकर गिर जाता है। फिर राहगीर उसे संभालते हैं। मामले की जांच कर रही पुलिस डीएसपी अमृतपाल सिंह भाटी ने कहा कि घायल के बयान दर्ज करके केस रजिस्टर किया जा रहा है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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नवांशहर में परिवार के 3 लोगों ने किया सुसाइड:घरेलू कलेश के चलते उठाया कदम, मृतकों में माता-पिता और बेटी शामिल
नवांशहर में परिवार के 3 लोगों ने किया सुसाइड:घरेलू कलेश के चलते उठाया कदम, मृतकों में माता-पिता और बेटी शामिल नवांशहर से करीब पांच किलोमीटर दूर मल्लपुर अड़का गांव में एक ही परिवार के तीन सदस्यों द्वारा जहरीली वस्तु का सेवन कर अपनी जीवन लीला समाप्त करने की खबर है] जबकि उस परिवार की 11-12 वर्षीय लड़की स्कूल गई हुई थी।
थाना सदर नवांशहर की पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार] गांव मालपुर अड़का निवासी 37 वर्षीय अवतार सिंह, अपनी 35 वर्षीय पत्नी सोनिया और 15 वर्षीय बड़ी बेटी और छोटी बेटी के साथ खुशी-खुशी रह रहा था। बुधवार की सुबह किसी कारण अवतार सिंह, उसकी पत्नी सोनिया और बड़ी बेटी घर में खाना खा रहे थे। जिन्होंने गलती से कोई जहरीला पदार्थ खा लिया, जबकि छोटी 11-12 वर्ष की लड़की स्कूल गई हुई थी। हालात बिगड़ते देख कुछ लोगों ने वर्षीय सोनिया और बड़ी बेटी को नवांशहर के एक निजी अस्पताल में उपचार के लिए दाखिल करवा दिया। तीनों ने एक साथ किया था भोजन अस्पताल के मुख्य डॉक्टर ने जानकारी देते हुए बताया कि सोनिया और उसकी लड़की को सुबह करीब 8:30 बजे अस्पताल में दाखिल कराया गया था। उन्होंने कहा कि बताया जा रहा था कि दोनों ने सल्फास की दवा निगल ली थी, लेकिन काफी कोशिश के बाद भी दोनों की जान नहीं बचाई जा सकी। उन्होंने बताया कि लड़की की मौत बुधवार सुबह 10 बजे और सोनिया की मौत 12 बजे हुई थी। इसी बीच सोनिया के पति अवतार सिंह की भी हालत बिगड़ गई और उन्हें नवांशहर के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान करीब डेढ़ बजे उसकी भी मौत हो गई। अब घर में स्कूल जाने वाली 11-12 वर्ष की लड़की ही बची है। रिश्तेदारों के आने पर होगा अंतिम संस्कार थाना सदर नवांशहर के एएसआई मोहिंदर पाल ने बताया कि सोनिया और उसकी बेटी के शवों को पंडोरा मोहल्ला के श्मशान घाट में रखा गया है, जबकि अवतार सिंह के शव को सिविल अस्पताल में रखा गया है। उन्होंने बताया कि अवतार सिंह के रिश्तेदार विदेश गए हुए हैं व उनके विदेश से आने के बाद ही तीनों शवों का पोस्टमार्टम किया जाएगा। पुलिस को सूचना मिलने के बाद तीनों मृतकों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल नवांशहर भेज दिया गया और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। इसकी जानकारी मिलते ही गांव और परिजनों, रिश्तेदारों में शोक की लहर है।
पंजाब में 27 दिसंबर को रहेगी सरकारी छुट्टी:राष्ट्रीय बाल शहीदी दिवस को लेकर PU का फैसला, सभी संस्थान बंद रहेंगे
पंजाब में 27 दिसंबर को रहेगी सरकारी छुट्टी:राष्ट्रीय बाल शहीदी दिवस को लेकर PU का फैसला, सभी संस्थान बंद रहेंगे पंजाब में 27 दिसंबर यानी शुक्रवार को सरकारी छुट्टी रहेगी। पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) द्वारा इसकी घोषणा की गई है। पंजाब यूनिवर्सिटी ने कहा है कि पंजाब में स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी से जुड़े सभी संस्थान, क्षेत्रीय केंद्र और ग्रामीण केंद्र सहित कॉलेज और एफिलिएटेड कॉलेज बंद रहेंगे। साथ ही सभी संस्थानों के दफ्तरों में भी छुट्टी रहेगी। दशमेश पिता श्री गुरु गोबिंद्र सिंह के 4 साहबजादों के शहीदी दिवस को देखते हुए ये फैसला लिया गया है। 27 दिसंबर को राष्ट्रीय बाल शहीदी दिवस घोषित किया गया था। साहबजादों का क्या है इतिहास, पढ़ें… शुरू गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के 4 साहिबजादे और माता गुजरी जी की शहादत को नमन करने के लिए हर साल शहीदी जोड़ मेला श्री फतेहगढ़ साहिब में लगता है। दूर दराज से संगत शहीदी दिवस में शीश नमन करने के लिए पहुंचती है। श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने जब श्री आनंदपुर किला छोड़ा तो उनका परिवार सिरसा नदी पर बिछड़ गया। बड़े दो साहिबजादे गुरु जी के साथ रह गए और छोटे दो साहिबजादे माता गुजरी के साथ रह गए। बड़े साहिबजादे मुगलों के साथ हुए चमकौर साहिब में जंग के दौरान शहीद हो गए थे। छोटे साहिबजादों को दीवार में चिनवा दिया था 1705 में मुगलों ने श्री गुरु गोबिंद सिंह के छोटे साहिबजादे 9 साल के बाबा जोरावर सिंह और 7 साल के बाबा फतेह सिंह के साथ माता गुजरी को गांव सहेड़ी के पास पकड़ कर उन्हें फतेहगढ़ साहिब ले जाया गया और वहां इस्लाम कबूल करने के लिए कहा गया। लेकिन साहिबजादे ने मना कर दिया। इस पर माता गुजरी और दोनों साहिबजादों को मुगलों ने यातना देने के लिए 3 दिन और दो रातें ठंडे बुर्ज में रखा था। साहिबजादों को दीवारों में चिनवा कर शहीद करने के बाद माता गुजरी ने भी प्राण त्याग दिए थे।
SGPC चुनाव वोटर रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख 31 जुलाई:2011 के चुनावों से आधी रह गई वोटरों की संख्या; कारण- पंथक जत्थेबंदियों से नाराजगी
SGPC चुनाव वोटर रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख 31 जुलाई:2011 के चुनावों से आधी रह गई वोटरों की संख्या; कारण- पंथक जत्थेबंदियों से नाराजगी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) के चुनावों के लिए पंजीकरण कराने की अंतिम तारीख 31 जुलाई निर्धारित है। इस बार पंजीकरण कराने वाले सिखों की संख्या 2011 में हुई चुनावों की तुलना में लगभग आधी रह गई है। गुरुद्वारा चुनाव आयोग द्वारा वोटर पंजीकरण की समय सीमा को तीन बार आगे बढ़ाने के बावजूद पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 50% से अधिक नहीं हो पा रही। बीती 25 जुलाई तक पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 27.87 लाख रही, जबकि 2011 में हुए पिछले SGPC चुनाव के दौरान लगभग 52 लाख मतदाता थे। SGPC चुनाव भारत सरकार द्वारा गठित गुरुद्वारा चुनाव आयोग की देखरेख में कराए जाते हैं। मतदाताओं के पंजीकरण की प्रक्रिया 21 अक्टूबर, 2023 को शुरू हुई थी। शुरुआत में, अंतिम तिथि 15 नवंबर 2023 निर्धारित थी। पंजीकरण की प्रक्रिया में वोटरों की दिलचस्पी को ना देखते हुए इसे 29 फरवरी 2024 तक और फिर 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया। अब एक बार फिर इसी अंतिम तारीख 31 जुलाई निर्धारित की गई। सिख विशेषज्ञों का मानना है कि ढीली प्रतिक्रिया SGPC से घटता विश्वास, मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया और विदेशों में पलायन के प्रभाव के कारण है। बीते समय में हुई घटनाओं से उभरे नहीं सिख तख्त श्री दमदमा साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी केवल सिंह ने कहा कि कई अप्रिय घटनाओं के बाद सिख मामलों में विश्वास की कमी हो गई है। जिसमें डेरा सिरसा के राम रहीम को माफी देना, इसके बाद बेअदबी की घटनाएं शामिल हैं। इनमें लोगों को अभी तक न्याय नहीं मिला। जिससे सिख निराश हो रहे हैं। SGPC सदस्य किरनजोत कौर का मानना है कि SGPC के कुछ गलत कदमों और कुछ नीतियों के अलावा सरकार द्वारा तैयार की गई मतदान पंजीकरण प्रक्रिया के चलते पंजीकरण कम हुआ है। सही से जानकारी सांझा नहीं की गई SGPC सदस्य किरनजोत कौर ने बताया कि प्रशासन द्वारा आयोजित किए जा रहे शिविरों के बारे में कोई प्रचार ही नहीं हुआ। वोटरों को यह नहीं पता था कि पंजीकरण कराने के लिए कहां जाएं। यह भी स्पष्ट नहीं था कि वे किस वार्ड से संबंधित हैं। जब वे कैंप में जाएंगे तो वार्डों में गड़बड़ी के कारण उनका आवेदन खारिज कर दिया जाएगा। साथ ही, पंजीकरण प्रक्रिया समय के दौरान वोटर, चाहे वे बुजुर्ग हों या महिला, का खुद पहुंचना जरूरी था। बाद में, प्रशासन ने अपने पटवारियों और ब्लॉक-स्तरीय अधिकारियों को घर-घर जाकर मतदाताओं का पंजीकरण करने के लिए कहा। लेकिन उन पर पहले से ही काफी अधिक काम का बोझ है। दूसरी बात यह है कि पहले सिख युवाओं में उत्साह देखा गया था। अब, उनमें से बड़ी संख्या में लोग विदेश चले गए हैं। अकाली दल सबसे कम दिलचस्पी ले रहा है मौजूदा समय में सिख न तो SGPC से खुश हैं और न ही अकाली दल से। सिखों के लिए यही दो सबसे बड़ी धार्मिक संस्थाएं हैं। लेकिन अकाली दल ने राजनीतिक लाभ के लिए कुछ ऐसे कदम उठाए कि उलटा असर हुआ। 2017 के बाद लोकसभा व विधानसभा चुनावों के परिणामों में जो हालात पैदा हुए, उसके बाद अकाली दल खुद ही इसमें सबसे कम रूचि ले रहा है। जबकि पहले अकाली दल के वर्कर वोट बनाने की प्रक्रिया में पूर्ण सहयोग देते थे। जानें वोट बनवाने के लिए क्या है नियम SGPC चुनावों के लिए पंजीकरण करवाने के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं। पंजाब, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के आवेदकों को ‘साबत सूरत’ (बिना बाल और दाढ़ी कोट) और 21 वर्ष से अधिक (21 अक्टूबर, 2023 तक) होना चाहिए। जो लोग अपने बाल काटते हैं, धूम्रपान करते हैं और तम्बाकू या शराब का सेवन करते हैं (पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए लागू) या सिख पुरुष जो अपनी दाढ़ी काटते या कटवाते हैं, उन्हें चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने से रोक दिया जाता है।