ऑक्सीजन के अभाव में बिहार में मौत? परिजनों ने लगाया आरोप, डॉक्टर ने कहा- ‘पावर की कमी से…’

ऑक्सीजन के अभाव में बिहार में मौत? परिजनों ने लगाया आरोप, डॉक्टर ने कहा- ‘पावर की कमी से…’

<p style=”text-align: justify;”><strong>Aurangabad News: </strong><span style=”font-weight: 400;”>औरंगाबाद सदर अस्पताल में बुधवार (08 जनवरी, 2025) की रात इलाज के दौरान एक 48 वर्षीय महिला की मौत हो गई. महिला कर्मा रोड निवासी मुन्ना सिंह की पत्नी सुनीता देवी थी. मौत को लेकर परिजनों का कहना है कि ऑक्सीजन नहीं मिलने से ये घटना हुई है. परिजनों ने इसको लेकर खूब हंगामा भी किया. इसकी सूचना नगर थानाध्यक्ष एवं वरीय पुलिस पदाधिकारी को दी गई. पुलिस के काफी समझाने के बाद परिजन माने.&nbsp;</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>बताया गया कि सांस लेने में दिक्कत होने के बाद महिला को इलाज के लिए लाया गया था. इस मामले में अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि रात में जब वे अपनी मां को लेकर इलाज के लिए पहुंचे तो ऑक्सीजन की जरूरत थी. ऑक्सीजन प्लांट से ऑक्सीजन की सप्लाई बेड तक नहीं हो पा रही थी और इसके चलते उनकी मां की मौत हो गई. उन्होंने बताया कि यदि सही समय पर ऑक्सीजन मिल जाता तो उनकी मां की मौत नहीं होती. यह पूर्णतः अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही का मामला है.</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अस्पताल उपाधीक्षक ने दी सफाई</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>इधर इस संबंध में गुरुवार (09 जनवरी) की सुबह जब अस्पताल उपाधीक्षक डॉक्टर सुरेंद्र सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि महिला की मौत की वजह ऑक्सीजन की कमी नहीं है क्योंकि इमरजेंसी वार्ड में दो ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था थी. ऑक्सीजन दे भी रहे थे. इसके अतिरिक्त दो और ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था भी अन्य वार्ड से लाकर की गई थी. उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन प्लांट का कर्मी भी समय से पहुंच चुका था, लेकिन पावर की कमी से प्लांट स्टार्ट नहीं हो पाया और एक घंटे तक यह बाधित रहा. कुछ तकनीकी कमी हो गई थी.</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>उन्होंने बताया कि प्लांट में कोरोना के समय से ही एक कर्मी है. एक और कर्मी की व्यवस्था के लिए सिविल सर्जन को लिखा गया है. उन्होंने बताया कि ऐसा नहीं था कि ऑक्सीजन मिलने से महिला बच जाती क्योंकि मामला हार्ट अटैक का था. उस वक्त ड्यूटी में रहे चिकित्सक के द्वारा कार्डियक अरेस्ट के दौरान दी जाने वाली सारी दवा दी गई थी. महिला को रेफर भी कर दिया गया था लेकिन परिजन नहीं ले जा सके. उन्होंने बताया कि इसे दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है कि जब वह (महिला मरीज) आई तो उस वक्त ऑक्सीजन प्लांट से सप्लाई बंद थी.&nbsp;</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें- <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/ban-on-entry-of-common-people-in-patna-gandhi-maidan-from-10-to-25-january-2025-republic-day-ann-2859162″>Patna News: 10 से 25 जनवरी तक पटना के गांधी मैदान में आम लोगों की एंट्री पर बैन, जानिए क्या है कारण</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Aurangabad News: </strong><span style=”font-weight: 400;”>औरंगाबाद सदर अस्पताल में बुधवार (08 जनवरी, 2025) की रात इलाज के दौरान एक 48 वर्षीय महिला की मौत हो गई. महिला कर्मा रोड निवासी मुन्ना सिंह की पत्नी सुनीता देवी थी. मौत को लेकर परिजनों का कहना है कि ऑक्सीजन नहीं मिलने से ये घटना हुई है. परिजनों ने इसको लेकर खूब हंगामा भी किया. इसकी सूचना नगर थानाध्यक्ष एवं वरीय पुलिस पदाधिकारी को दी गई. पुलिस के काफी समझाने के बाद परिजन माने.&nbsp;</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>बताया गया कि सांस लेने में दिक्कत होने के बाद महिला को इलाज के लिए लाया गया था. इस मामले में अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि रात में जब वे अपनी मां को लेकर इलाज के लिए पहुंचे तो ऑक्सीजन की जरूरत थी. ऑक्सीजन प्लांट से ऑक्सीजन की सप्लाई बेड तक नहीं हो पा रही थी और इसके चलते उनकी मां की मौत हो गई. उन्होंने बताया कि यदि सही समय पर ऑक्सीजन मिल जाता तो उनकी मां की मौत नहीं होती. यह पूर्णतः अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही का मामला है.</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अस्पताल उपाधीक्षक ने दी सफाई</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>इधर इस संबंध में गुरुवार (09 जनवरी) की सुबह जब अस्पताल उपाधीक्षक डॉक्टर सुरेंद्र सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि महिला की मौत की वजह ऑक्सीजन की कमी नहीं है क्योंकि इमरजेंसी वार्ड में दो ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था थी. ऑक्सीजन दे भी रहे थे. इसके अतिरिक्त दो और ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था भी अन्य वार्ड से लाकर की गई थी. उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन प्लांट का कर्मी भी समय से पहुंच चुका था, लेकिन पावर की कमी से प्लांट स्टार्ट नहीं हो पाया और एक घंटे तक यह बाधित रहा. कुछ तकनीकी कमी हो गई थी.</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>उन्होंने बताया कि प्लांट में कोरोना के समय से ही एक कर्मी है. एक और कर्मी की व्यवस्था के लिए सिविल सर्जन को लिखा गया है. उन्होंने बताया कि ऐसा नहीं था कि ऑक्सीजन मिलने से महिला बच जाती क्योंकि मामला हार्ट अटैक का था. उस वक्त ड्यूटी में रहे चिकित्सक के द्वारा कार्डियक अरेस्ट के दौरान दी जाने वाली सारी दवा दी गई थी. महिला को रेफर भी कर दिया गया था लेकिन परिजन नहीं ले जा सके. उन्होंने बताया कि इसे दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है कि जब वह (महिला मरीज) आई तो उस वक्त ऑक्सीजन प्लांट से सप्लाई बंद थी.&nbsp;</span></p>
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