‘चकबंदी अधिकारी कर रहा सेक्शुअल हैरेसमेंट’:महिला लेखपाल बोली- घूरते रहते हैं, बिना किसी काम पास आते हैं; आयुक्त ने जांच के आदेश दिए

‘चकबंदी अधिकारी कर रहा सेक्शुअल हैरेसमेंट’:महिला लेखपाल बोली- घूरते रहते हैं, बिना किसी काम पास आते हैं; आयुक्त ने जांच के आदेश दिए

चकबंदी विभाग में एक सीओ पर साथ काम करने वाली महिला ने सेक्शुअल हैरसमेंट का आरोप लगाया है। पीड़ित महिला ने उत्तर प्रदेश चकबंदी आयुक्त को लिखित रूप में शिकायत भी की है। पीड़िता ने इस मामले की जानकारी अपने संघ के पदाधिकारियों को भी दी है। बाराबंकी जिले के भदरास में तैनात चकबंदी लेखपाल श्वेता मिश्रा ने सहायक चकबंदी अधिकारी प्रदीप कुमार चौधरी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने चकबंदी और राहत आयुक्त से मिलकर प्रदीप कुमार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। मामले में आयुक्त ने बाराबंकी डीएम को जांच के आदेश दिए हैं। श्वेता मिश्रा ने ने बताया कि प्रदीप कुमार चौधरी लगातार शोषण कर रहे हैं। बिना किसी काम के बार-बार उनके पास आते हैं। वाशरूम जाने पर अन्य कर्मचारियों से उनके बारे में पूछताछ करते हैं। अनर्गल बातें करते हैं और कार्यस्थल पर उन्हें हमेशा घूरते रहते हैं। पहले भी की थी शिकायत
पीड़िता ने पहले भी मौखिक रूप से शिकायत तत्कालीन अपर निदेशक चकबंदी तरुण कुमार मिश्र से की थी। इसके बाद उनका ट्रांसफर चकबंदी निदेशालय में कर दिया गया। हालांकि ट्रांसफर कैंसिल होने के बाद उन्हें उसी सर्किल में तैनात कर दिया गया, जहां आरोपी प्रदीप चौधरी कार्यरत हैं। श्वेता ने आयुक्त से अनुरोध किया है कि उनकी रक्षा करते हुए प्रदीप कुमार चौधरी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्हें उनके प्रभाव क्षेत्र से दूर किया जाए। श्वेता ने अपनी नारी अस्मिता और सम्मान की रक्षा की अपील की है। धमकी देने का भी लगाया आरोप
श्वेता मिश्रा ने कहा कि प्रदीप चौधरी धमकाते रहते हैं। प्रदीप कहते हैं कि तुम चाहे जहां शिकायत कर लो मैं किसी डीएम या कमिश्नर से नहीं डरता। इन धमकियों और उत्पीड़न के कारण मैं मानसिक रूप से परेशान हूं। इससे उनके कार्य पर भी गलत प्रभाव पड़ रहा है। चकबंदी कर्मचारी संघ को दी जानकारी
श्वेता मिश्रा ने इस मामले की जानकारी चकबंदी निदेशालय मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संघ के महामंत्री अरशद अब्बासी और अध्यक्ष राजकुमार सिंह को भी दी। उन्होंने चकबंदी निदेशालय ने सहायक चकबंदी अधिकारी (ACO) प्रदीप कुमार चौधरी के खिलाफ गंभीर आरोपों को लेकर सख्त कदम उठाने की मांग की है। संघ ने आयुक्त से सख्त कार्रवाई की मांग की मामले को गंभीरता से लेते हुए चकबंदी निदेशालय मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजकुमार सिंह और महामंत्री अरशद अब्बासी ने गुरुवार को आयुक्त भानु गोस्वामी से मुलाकात की। राजकुमार सिंह ने कहा कि श्वेता मिश्रा की शिकायत उनके साहस को दर्शाती है। यह घटना कुत्सित मानसिकता का परिचायक है और अधीनस्थ महिला कर्मचारियों के प्रति ऐसा रवैया अक्षम्य अपराध की श्रेणी में आता है। श्वेता के साहस की हम सराहना करते हैं कि उन्होंने बिना डरे आगे आकर लिखित शिकायत दी। पूरा संगठन उनके साथ खड़ा रहेगा। आयुक्त ने डीएम बाराबंकी को जांच का निर्देश दिया महिला की शिकायत के बाद राहत आयुक्त भानु गोस्वामी ने बाराबंकी के जिलाधिकारी से तुरन्त बात की। उन्होंने इस मामले में जांच के बाद सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है। आयुक्त ने कहा कि इस तरह के लोगों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। निष्पक्ष जांच कर संबंधित आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आरोप को निराधार बताया आरोपी प्रदीप कुमार चौधरी ने आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि श्वेता की लापरवाही की वजह से उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। अपनी जवाबदेही से बचने के लिए वो गलत आरोप लगा रही हैं। उन्होंने कहा आयुक्त ने डीएम से बात कर जांच कमेटी बनाई है। जो जांच के बाद सामने आ जाएगा। चकबंदी विभाग में एक सीओ पर साथ काम करने वाली महिला ने सेक्शुअल हैरसमेंट का आरोप लगाया है। पीड़ित महिला ने उत्तर प्रदेश चकबंदी आयुक्त को लिखित रूप में शिकायत भी की है। पीड़िता ने इस मामले की जानकारी अपने संघ के पदाधिकारियों को भी दी है। बाराबंकी जिले के भदरास में तैनात चकबंदी लेखपाल श्वेता मिश्रा ने सहायक चकबंदी अधिकारी प्रदीप कुमार चौधरी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने चकबंदी और राहत आयुक्त से मिलकर प्रदीप कुमार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। मामले में आयुक्त ने बाराबंकी डीएम को जांच के आदेश दिए हैं। श्वेता मिश्रा ने ने बताया कि प्रदीप कुमार चौधरी लगातार शोषण कर रहे हैं। बिना किसी काम के बार-बार उनके पास आते हैं। वाशरूम जाने पर अन्य कर्मचारियों से उनके बारे में पूछताछ करते हैं। अनर्गल बातें करते हैं और कार्यस्थल पर उन्हें हमेशा घूरते रहते हैं। पहले भी की थी शिकायत
पीड़िता ने पहले भी मौखिक रूप से शिकायत तत्कालीन अपर निदेशक चकबंदी तरुण कुमार मिश्र से की थी। इसके बाद उनका ट्रांसफर चकबंदी निदेशालय में कर दिया गया। हालांकि ट्रांसफर कैंसिल होने के बाद उन्हें उसी सर्किल में तैनात कर दिया गया, जहां आरोपी प्रदीप चौधरी कार्यरत हैं। श्वेता ने आयुक्त से अनुरोध किया है कि उनकी रक्षा करते हुए प्रदीप कुमार चौधरी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्हें उनके प्रभाव क्षेत्र से दूर किया जाए। श्वेता ने अपनी नारी अस्मिता और सम्मान की रक्षा की अपील की है। धमकी देने का भी लगाया आरोप
श्वेता मिश्रा ने कहा कि प्रदीप चौधरी धमकाते रहते हैं। प्रदीप कहते हैं कि तुम चाहे जहां शिकायत कर लो मैं किसी डीएम या कमिश्नर से नहीं डरता। इन धमकियों और उत्पीड़न के कारण मैं मानसिक रूप से परेशान हूं। इससे उनके कार्य पर भी गलत प्रभाव पड़ रहा है। चकबंदी कर्मचारी संघ को दी जानकारी
श्वेता मिश्रा ने इस मामले की जानकारी चकबंदी निदेशालय मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संघ के महामंत्री अरशद अब्बासी और अध्यक्ष राजकुमार सिंह को भी दी। उन्होंने चकबंदी निदेशालय ने सहायक चकबंदी अधिकारी (ACO) प्रदीप कुमार चौधरी के खिलाफ गंभीर आरोपों को लेकर सख्त कदम उठाने की मांग की है। संघ ने आयुक्त से सख्त कार्रवाई की मांग की मामले को गंभीरता से लेते हुए चकबंदी निदेशालय मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजकुमार सिंह और महामंत्री अरशद अब्बासी ने गुरुवार को आयुक्त भानु गोस्वामी से मुलाकात की। राजकुमार सिंह ने कहा कि श्वेता मिश्रा की शिकायत उनके साहस को दर्शाती है। यह घटना कुत्सित मानसिकता का परिचायक है और अधीनस्थ महिला कर्मचारियों के प्रति ऐसा रवैया अक्षम्य अपराध की श्रेणी में आता है। श्वेता के साहस की हम सराहना करते हैं कि उन्होंने बिना डरे आगे आकर लिखित शिकायत दी। पूरा संगठन उनके साथ खड़ा रहेगा। आयुक्त ने डीएम बाराबंकी को जांच का निर्देश दिया महिला की शिकायत के बाद राहत आयुक्त भानु गोस्वामी ने बाराबंकी के जिलाधिकारी से तुरन्त बात की। उन्होंने इस मामले में जांच के बाद सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है। आयुक्त ने कहा कि इस तरह के लोगों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। निष्पक्ष जांच कर संबंधित आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आरोप को निराधार बताया आरोपी प्रदीप कुमार चौधरी ने आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि श्वेता की लापरवाही की वजह से उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। अपनी जवाबदेही से बचने के लिए वो गलत आरोप लगा रही हैं। उन्होंने कहा आयुक्त ने डीएम से बात कर जांच कमेटी बनाई है। जो जांच के बाद सामने आ जाएगा।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर