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कोटा में खाली प्लॉट से मिले महिला के शव की गुत्थी सुलझी, लिव इन पार्टनर ने उतारा था मौत के घाट
कोटा में खाली प्लॉट से मिले महिला के शव की गुत्थी सुलझी, लिव इन पार्टनर ने उतारा था मौत के घाट <p style=”text-align: justify;”><strong>Kota Crime News:</strong> कोटा में लिव इन पार्टनर की हत्या कर फरार आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. 5 जुलाई को कुन्हाडी थाना क्षेत्र में खाली प्लाट से महिला का शव बरामद हुआ था. शव की पहचान रानी बाई के रूप में हुई. बेटे विकास कुमार ने बताया कि 4 जुलाई को मां कबाड बीनने की बात कहकर घर से निकली थी. शाम को महिला के साथ लिव इन पार्टनर मुकेश देखा गया था. पति की मौत के बाद महिला लिव इन रिलेशनशिप में रह रही थी. रात में घर नहीं लौटने पर बेटे ने मां को तलाश किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>तलाशी के दौरान महिला का शव खाली प्लाट में मिला. बेटे ने बताया कि मां के सिर पर काफी चोट थी. मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतका के शव का पोस्टमार्टम कराया. पुलिस अधीक्षक डॉ. अमृता दुहन ने बताया कि बेटे की रिपोर्ट पर जांच टीम का गठन किया गया. घटनास्थल के आसपास का सीसीटीवी फुटेज खंगाला गया. जांच टीम को पता लगा कि घटना के बाद से आरोपी मुकेश फरार है. आरोपी मुकेश खानाबदोश प्रवृति का था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लिव इन रिलेशनशिप में रह रही महिला की हत्या</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इसलिए उसका एक ठिकाना नहीं होने की वजह से जांच को काफी मशक्कत करनी पड़ी. आरोपी के संभावित ठिकानों पर दबिश देकर शुक्रवार को पुलिस ने आरोपी मुकेश पुत्र मोहन लाल को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मृतका रानी बाई मुकेश वाल्मिकी के साथ लिव इन रिलेशनशीप में रहती थी. काम के बाद दोनों पार्टनर साथ में रोजाना शराब पीते थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी था फरार </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आरोपी ने पूछताछ में बताया कि 4 जुलाई को दोनों ने साथ बैठकर शराब पी. बेटी के घर पर रहने की बात को लेकर दोनों में झगडा हो गया. आरोपी ने सिर पर पत्थर मारकर लिव इन पार्टनर की हत्या कर दी. वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी पुलिस से छिपता फिर रहा था. आखिरकार पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद लिव इन पार्टनर मुकेश को गिरफ्तार कर लिया. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”Rajasthan: ‘न शादी करते हैं, न..’, भरतपुर में घरवालों से परेशान होकर पानी की टंकी पर चढ़ी युवती” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/rajasthan-girl-climbed-water-tank-after-upset-her-family-bharatpur-police-brought-her-down-after-45-minutes-ann-2741590″ target=”_self”>Rajasthan: ‘न शादी करते हैं, न..’, भरतपुर में घरवालों से परेशान होकर पानी की टंकी पर चढ़ी युवती</a></strong></p>
हरियाणा में BJP का जिला परिषद चेयरमैन बना:सर्वसम्मति से चुने गए, JJP के चेयरपर्सन को अविश्वास प्रस्ताव लाकर हटाया था
हरियाणा में BJP का जिला परिषद चेयरमैन बना:सर्वसम्मति से चुने गए, JJP के चेयरपर्सन को अविश्वास प्रस्ताव लाकर हटाया था हरियाणा के कैथल में जिला परिषद में लंबी खींचतान के बाद बुधवार (30 अक्टूबर) को नए चेयरमैन को लेकर फैसला हो गया। कर्मबीर कौल सर्वसम्मति से नए चेयरमैन चुने गए। मीटिंग में 21 में से 19 पार्षद पहुंचे थे। इसके साथ डिप्टी सीईओ रितु लाठर, पुंडरी विधायक सतपाल जांबा, भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष अशोक गुर्जर और जिला अध्यक्ष मुनीष कठवाड़ भी शामिल हुए। इससे पहले JJP समर्थित दीपक मलिक चेयरमैन थे, जिसको अविश्वास प्रस्ताव लाकर पद से हटाया गया था। नए चेयरमैन की दौड़ में कर्मबीर कौल का नाम सबसे आगे था। वे पहले वाइस चेयरमैन थे। दीपक मलिक के खिलाफ हुए पार्षदों का नेतृत्व कर्मबीर कौल ही करते नजर आए हैं। पार्षदों व भाजपा के स्थानीय पदाधिकारियों के साथ अच्छे संबंधों का फायदा उनको मिला। वहीं वाइस चेयरमैन का चुनाव लगभग 20 दिन बाद किया जाएगा। 14 अक्टूबर को गई थी दीपक मलिक की कुर्सी
जनवरी 2023 में जिला परिषद चेयरमैन चुने गए दीपक मलिक की 14 अक्टूबर को कुर्सी छीन गई थी। उनके खिलाफ पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे। विश्वास प्रस्ताव के लिए 12 जुलाई को 15 पार्षदों ने डीसी को शपथ पत्र सौंप थे। जिसके बाद प्रशासन ने 19 जुलाई को मीटिंग बुलाई थी। इस बीच दीपक मलिक मलिक प्रशासन के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंच गए थे। आरोप लगाया था कि मीटिंग बुलाने के लिए नियमों का पालन नहीं किया गया। हाईकोर्ट ने तय दिन पर वोटिंग करवाने के आदेश दिए, लेकिन अंतिम फैसला आने तक रिजल्ट घोषित करने पर स्टे लगा दिया था। 19 जुलाई को 17 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग की। जिसमें चेयरमैन दीपक मलिक नहीं पहुंचे थे। अगस्त में हाईकोर्ट ने फैसला प्रशासन के पक्ष में दिया, लेकिन आचार संहिता की वजह से रिजल्ट जारी नहीं हो सका। 14 अक्टूबर को डीसी की अध्यक्षता में वोटों की गिनती हुई। 17 पार्षदों के वोट अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मिलने पर दीपक मलिक की कुर्सी गई थी। कर्मबीर कौल ने छीनी थी ग्रांट बांटने की पावर
जनवरी 2023 में जिला परिषद चेयरमैन बनाने को लेकर भाजपा व जजपा दोनों ही पार्टियों में खूब खींचतान हुई थी। दोनों ही पार्टी अपना चेयरमैन बनाने के लिए जोर लगा रही थी, लेकिन बाजी जजपा के हाथ लगी। जजपा के सहयोग से दीपक मलिक चेयरमैन तो बने, लेकिन पहली मीटिंग से उनके सामने अड़चनें शुरू हो गई थी। हाउस की पहली ही मीटिंग में चेयरमैन से ग्रांट बांटने की पावर छीन गई। वोटिंग के माध्यम से ग्रांट बांटने का अधिकार भाजपा समर्थित वाइस चेयरमैन कर्मबीर कौल को मिल गया था। हालांकि बाद में ग्रांट वितरण का अधिकार दीपक मलिक को मिल गया था। इसके बाद पार्षद दीपक मलिक से बागी होने लगे। चेयरमैन द्वारा ग्रांट वितरण में भेदभाव के आरोप लगे। पार्षद व पार्षद प्रतिनिधि को भ्रष्टाचार के केस में फंसाने के भी आरोप लगाए गए। जिस कारण दीपक मलिक अपनी कुर्सी नहीं बचा पाए थे।