‘सुनो…तुम्हारा आधार कार्ड का इस्तेमाल करके नरेश गोयल ने मुंबई में 500 करोड़ का घोटाला किया। फोन मत काटना, तुम्हारे घर के पास CBI पहुंच गई है। तुम हमारी नजर में हो। किसी से बात मत करना। बस जो डायरेक्शन दिए जा रहे हैं। उन्हें फॉलो करो।’ इस कॉल के बाद बरेली के फिजिशियन डॉ. नजबुल हसन इतनी दहशत में आ गए कि चुपचाप अपना घर छोड़कर 3 दिन के लिए होटल में शिफ्ट हो गए। उन्होंने 4 घंटे में अपने 3 बैंक अकाउंट की डिटेल कॉल पर बात करने वाले शख्स को नोट कराई। इन खातों में 50 लाख रुपए की धनराशि थी। खुद को मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच का अफसर बताने वाला शख्स IFSC और पिन कोड पूछ रहा था। इस दरम्यान बरेली पुलिस होटल तक पहुंच गई। दरवाजा खुलवाकर 7 घंटे डिजिटल अरेस्ट में रहे डॉक्टर को छुड़वाया। बैंक में स्टाप पेमेंट लगवाकर बड़ी रकम ट्रांसफर होने से बचा ली गई। अब सिलसिलेवार पूरी कहानी पढ़िए… क्लीनिक जा रहे थे डॉक्टर, जब पहला फोन आया
बरेली के बारादरी इलाके की कॉलोनी फाइक इन्क्लेव कॉलोनी में डॉ. नजबुल हसन रहते हैं। वह पुराने शहर के सूफीटोला में क्लीनिक चलाते हैं। शनिवार सुबह करीब 11 बजे वह अपने क्लीनिक में जाने की तैयारी कर रहे थे। तभी उनके मोबाइल पर वॉट्सऐप कॉल आई। DP पर पुलिस अफसर की तस्वीर थी। उन्होंने कॉल उठाई। कॉल उठाते हुए भारी आवाज में एक शख्स ने कहा – डॉक्टर तुम्हारा नाम 500 करोड़ के घोटाले में आया है। डॉक्टर ने कहा – ऐसा कैसे हो सकता है। मैं कभी वहां नहीं आया। पुलिस अफसर ने बताया कि हवाला के जरिए रकम ट्रांसफर करते वक्त तुम्हारे आधार कार्ड का इस्तेमाल हुआ है। अपने बैंक अकाउंट, कार, मकान समेत पूरी डिटेल हमें भेजो। जांच होगी। एक टीम तुम्हारे घर के पास मौजूद है। तुम्हारे ऊपर नजर रखी जा रही है। तुम्हें गिरफ्तार किया जाएगा। डॉक्टर ने कहा- मैं बर्बाद हो जाऊंगा। मैंने कुछ नहीं किया। इसके बाद पुलिस अफसर बोला – ठीक है, तुम सही आदमी लगते हो। एक काम करो। अपने सारे दस्तावेज लेकर घर के पास होटल में शिफ्ट हो जाओ। 3 दिन के लिए कमरा बुक करवाना। अपने साथ सारे डॉक्यूमेंट ले लो। उनका वैरिफिकेशन होगा। इस बारे में परिवार में किसी से बात नहीं करना। वरना अरेस्टिंग रोक नहीं पाएंगे। भतीजे के कॉल पर पुलिस एक्टिव हुई, होटल के बाहर मिली स्कूटी
इसके बाद घबराए डॉक्टर जल्दबाजी में घर से निकल गए। परिवार के अन्य सदस्य पूछते रहे, मगर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। डॉक्टर के भतीजे को शक हुआ कि उनके चाचा किसी मुसीबत में हैं। भतीजे इमरान खान ने एसपी सिटी मानुष पारीक को सूचना दी। जिसके बाद एसपी सिटी ने फौरन बारादरी पुलिस को सूचना दी और डॉक्टर को फोन किया। लेकिन डॉक्टर ने पुलिस का भी फोन नहीं उठाया। जिसके बाद उनका नंबर सर्विलांस पर लगाकर पुलिस उस होटल पहुंच गई। बारादरी थाने के इंस्पेक्टर धनंजय पांडेय ने किडनैपिंग और फिरौती के एंगल पर काम शुरू करती है। CCTV की मदद से सामने आता है कि डॉक्टर की स्कूटी पीलीभीत बाईपास पर कंट्री इन होटल के बाहर खड़ी है। पुलिस टीम होटल में पहुंचती है। रिसेप्शन पर सामने आता है कि डॉक्टर ने 3 दिन के लिए कमरा बुक करवाया गया है। जब स्टाफ ने कमरा नंबर 105 खुलवाने का प्रयास किया, तो डॉक्टर ने कहा- मुझे लंच, ब्रेकफास्ट कुछ नहीं चाहिए। डॉन्ट डिस्टर्ब…। डॉक्टर असली पुलिस को ही नकली समझ रहे पुलिस अफसर बनकर बात करने वाला शख्स फोन पर हड़का रहा था कि गेट नहीं खोलना। साइबर ठगो की बातों में डॉक्टर इतना विश्वास कर बैठे थे कि उन्हें असली पुलिस पर विश्वास नहीं हो रहा था। स्टाफ ने मास्टर की से दरवाजा खोलने का प्रयास किया, मगर अंदर से लॉक होने से दरवाजा नहीं खोल सके। जब डॉक्टर ने रूम नहीं खोला तो होटल में आग की फर्जी सूचना देकर अलार्म बजाया गया। तब जानकर डॉक्टर ने होटल के रूम का गेट खोला। मौके पर पहुंचे एसपी सिटी ने डॉक्टर को समझाया। उन्हें बताया कि डिजिटल अरेस्ट नहीं होता है ये आपको ठगा जा रहा था। बाद डॉक्टर के 50 लाख रुपए लूटने से बच गया। …. ये भी पढ़ें :
कानपुर में LPG टैंकर और लोडर की भिड़ंत: 6 घंटे बाद गैस लीक को इंजीनियरों ने किया ठीक; हाईवे पर लगा 10 Km लंबा जाम खुला कानपुर में रविवार सुबह 7 बजे LPG गैस से भरे टैंकर और पिकअप की भिड़ंत हो गई। हादसे के बाद टैंकर से गैस लीक होने लगी। इससे अफरा-तफरी मच गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने हाईवे पर दोनों तरफ ट्रैफिक रोक दिया। इससे 10 किमी लंबा जाम लग गया। इंडियन ऑयल के इंजीनियरों की टीम मौके पर पहुंच गई है। करीब 6 घंटे से गैस रिसाव को रोकने की कोशिश के बाद उसे बंद करा दिया गया। इसके बाद करीब दोपहर एक बजे पुलिस ने हाईवे खोल दिया। हादसा सुबह 6 बजे सचेंडी थाने के चकरपुर मंडी के पास ओरिएंट रिसॉर्ट के सामने हुआ। पढ़िए पूरी खबर… ‘सुनो…तुम्हारा आधार कार्ड का इस्तेमाल करके नरेश गोयल ने मुंबई में 500 करोड़ का घोटाला किया। फोन मत काटना, तुम्हारे घर के पास CBI पहुंच गई है। तुम हमारी नजर में हो। किसी से बात मत करना। बस जो डायरेक्शन दिए जा रहे हैं। उन्हें फॉलो करो।’ इस कॉल के बाद बरेली के फिजिशियन डॉ. नजबुल हसन इतनी दहशत में आ गए कि चुपचाप अपना घर छोड़कर 3 दिन के लिए होटल में शिफ्ट हो गए। उन्होंने 4 घंटे में अपने 3 बैंक अकाउंट की डिटेल कॉल पर बात करने वाले शख्स को नोट कराई। इन खातों में 50 लाख रुपए की धनराशि थी। खुद को मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच का अफसर बताने वाला शख्स IFSC और पिन कोड पूछ रहा था। इस दरम्यान बरेली पुलिस होटल तक पहुंच गई। दरवाजा खुलवाकर 7 घंटे डिजिटल अरेस्ट में रहे डॉक्टर को छुड़वाया। बैंक में स्टाप पेमेंट लगवाकर बड़ी रकम ट्रांसफर होने से बचा ली गई। अब सिलसिलेवार पूरी कहानी पढ़िए… क्लीनिक जा रहे थे डॉक्टर, जब पहला फोन आया
बरेली के बारादरी इलाके की कॉलोनी फाइक इन्क्लेव कॉलोनी में डॉ. नजबुल हसन रहते हैं। वह पुराने शहर के सूफीटोला में क्लीनिक चलाते हैं। शनिवार सुबह करीब 11 बजे वह अपने क्लीनिक में जाने की तैयारी कर रहे थे। तभी उनके मोबाइल पर वॉट्सऐप कॉल आई। DP पर पुलिस अफसर की तस्वीर थी। उन्होंने कॉल उठाई। कॉल उठाते हुए भारी आवाज में एक शख्स ने कहा – डॉक्टर तुम्हारा नाम 500 करोड़ के घोटाले में आया है। डॉक्टर ने कहा – ऐसा कैसे हो सकता है। मैं कभी वहां नहीं आया। पुलिस अफसर ने बताया कि हवाला के जरिए रकम ट्रांसफर करते वक्त तुम्हारे आधार कार्ड का इस्तेमाल हुआ है। अपने बैंक अकाउंट, कार, मकान समेत पूरी डिटेल हमें भेजो। जांच होगी। एक टीम तुम्हारे घर के पास मौजूद है। तुम्हारे ऊपर नजर रखी जा रही है। तुम्हें गिरफ्तार किया जाएगा। डॉक्टर ने कहा- मैं बर्बाद हो जाऊंगा। मैंने कुछ नहीं किया। इसके बाद पुलिस अफसर बोला – ठीक है, तुम सही आदमी लगते हो। एक काम करो। अपने सारे दस्तावेज लेकर घर के पास होटल में शिफ्ट हो जाओ। 3 दिन के लिए कमरा बुक करवाना। अपने साथ सारे डॉक्यूमेंट ले लो। उनका वैरिफिकेशन होगा। इस बारे में परिवार में किसी से बात नहीं करना। वरना अरेस्टिंग रोक नहीं पाएंगे। भतीजे के कॉल पर पुलिस एक्टिव हुई, होटल के बाहर मिली स्कूटी
इसके बाद घबराए डॉक्टर जल्दबाजी में घर से निकल गए। परिवार के अन्य सदस्य पूछते रहे, मगर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। डॉक्टर के भतीजे को शक हुआ कि उनके चाचा किसी मुसीबत में हैं। भतीजे इमरान खान ने एसपी सिटी मानुष पारीक को सूचना दी। जिसके बाद एसपी सिटी ने फौरन बारादरी पुलिस को सूचना दी और डॉक्टर को फोन किया। लेकिन डॉक्टर ने पुलिस का भी फोन नहीं उठाया। जिसके बाद उनका नंबर सर्विलांस पर लगाकर पुलिस उस होटल पहुंच गई। बारादरी थाने के इंस्पेक्टर धनंजय पांडेय ने किडनैपिंग और फिरौती के एंगल पर काम शुरू करती है। CCTV की मदद से सामने आता है कि डॉक्टर की स्कूटी पीलीभीत बाईपास पर कंट्री इन होटल के बाहर खड़ी है। पुलिस टीम होटल में पहुंचती है। रिसेप्शन पर सामने आता है कि डॉक्टर ने 3 दिन के लिए कमरा बुक करवाया गया है। जब स्टाफ ने कमरा नंबर 105 खुलवाने का प्रयास किया, तो डॉक्टर ने कहा- मुझे लंच, ब्रेकफास्ट कुछ नहीं चाहिए। डॉन्ट डिस्टर्ब…। डॉक्टर असली पुलिस को ही नकली समझ रहे पुलिस अफसर बनकर बात करने वाला शख्स फोन पर हड़का रहा था कि गेट नहीं खोलना। साइबर ठगो की बातों में डॉक्टर इतना विश्वास कर बैठे थे कि उन्हें असली पुलिस पर विश्वास नहीं हो रहा था। स्टाफ ने मास्टर की से दरवाजा खोलने का प्रयास किया, मगर अंदर से लॉक होने से दरवाजा नहीं खोल सके। जब डॉक्टर ने रूम नहीं खोला तो होटल में आग की फर्जी सूचना देकर अलार्म बजाया गया। तब जानकर डॉक्टर ने होटल के रूम का गेट खोला। मौके पर पहुंचे एसपी सिटी ने डॉक्टर को समझाया। उन्हें बताया कि डिजिटल अरेस्ट नहीं होता है ये आपको ठगा जा रहा था। बाद डॉक्टर के 50 लाख रुपए लूटने से बच गया। …. ये भी पढ़ें :
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